What is GMP in IPO in Hindi-शेयर मार्केट में गहराई से समझने के लिए यहाँ है एक बहुत ही महत्वपूर्ण शब्द: ग्रे मार्केट प्रीमियम! जानिए इस शब्द का मतलब और कैसे बड़े निवेशक इसे समझकर ट्रेडिंग करते हैं। इस लेख में हम इस टर्म की सम्पूर्ण जानकारी देंगे ताकि आपको IPO ग्रे मार्केट प्रीमियम की व्यापक समझ हो। पढ़ें और आपको यहाँ सभी जानकारी मिलेगी, कोई और ब्लॉग नहीं जरूरत पड़ेगी
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आईपीओ में ग्रे मार्केट प्रीमियम क्या है
जिसे कि Short फॉर्म में GMP कहा जाता है, यह एक प्रीमियम राशि है जिस पर ग्रे मार्केट IPO शेयरों को स्टॉक एक्सचेंज में लिस्ट होने से पहले ट्रेड किया जाता है.
कोई भी कंपनी स्टॉक मार्केट में लिस्ट होने के लिए सबसे पहले IPO जारी करती है उसके बाद ही वह स्टॉक मार्केट में लिस्ट होती है. IPO जारी करने के बाद ही निवेशक कंपनी के शेयरों को प्राइमरी या सेकेंडरी मार्केट में खरीदते और बेचते हैं.
लेकिन जब IPO लाने वाली कंपनी का शेयर स्टॉक मार्केट के बाहर ख़रीदा और बेचा जाता है उसे ग्रे मार्केट कहते हैं तथा जो राशि निवेशक को शेयर के इशू प्राइस के उपर चुकानी पड़ती है उसे ग्रे मार्केट प्रीमियम कहते हैं.
उदाहरण के लिए माना किसी कंपनी का IPO 100 रूपये प्रति शेयर पर जारी हुआ है और इस शेयर का GMP (ग्रे मार्केट प्रीमियम) 20 रूपये चल रहा है तो निवेशक को ग्रे मार्केट से एक शेयर खरीदने के लिए 120 रूपये चुकाने पड़ेंगें. GMP दर्शाता है कि लिस्टिंग के दिन IPO कैसे प्रतिक्रिया देता है.
हालाँकि GMP विश्वशनीय नहीं है लेकिन अधिकांश मामलों में GMP ठीक प्रकार से काम करता है और आईपीओ दी गयी कीमत के आसपास लिस्ट होता है.
ग्रे मार्केट क्या होता है
यह तो आप जानते ही होंगें कि ऑफिसियल तरीके से किसी भी कंपनी के शेयर प्राइमरी और सेकेंडरी मार्केट में ट्रेड होते हैं. IPO में जारी किये गए शेयर प्राइमरी मार्केट में ट्रेड होते हैं तथा स्टॉक एक्सचेंज में शेयर सेकेंडरी मार्केट में ट्रेड होते हैं.
लेकिन शेयर प्राइमरी मार्केट और सेकेंडरी मार्केट में ट्रेड होने से पहले Grey Market में ट्रेड होते हैं, यहाँ पर ग्रे शब्द अनाधिकारिक को इंगित करता है. जिस प्रकार से प्राइमरी और सेकेंडरी मार्केट का रेगुलेटर SEBI होता है लेकिन ग्रे मार्केट का रेगुलेटर कोई भी नहीं होता है. यह अवैध मार्केट है, इसलिए इसमें विश्वशनीयता भी कम होती है.
GMP काम कैसे करता है
जैसा कि लेख को यहाँ तक पढने पर आप समझ गए होंगें कि ग्रे मार्केट अनाधिकारिक होता है जहाँ शेयर स्टॉक मार्केट में लिस्ट होने से पहले ख़रीदे और बेचे जाते हैं.
चलिए अब जानते हैं आखिर ग्रे मार्केट काम कैसे करता है.
What is GMP in IPO in Hindi-सबसे पहले निवेशक IPO के द्वारा किसी कंपनी के शेयरों के लिए आवेदन करते हैं. यहाँ पर निवेशक एक वित्तीय जोखिम उठाते हैं. पहला यह कि या तो उन्हें कोई शेयर आवंटित नहीं किया जा सकता है या वे शेयर प्राप्त कर सकते हैं लेकिन शेयर जारी कीमत से नीचे लिस्ट हो सकते हैं. ऐसे निवेशकों को Sellers कहा जाता है.
इनके अलावा कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो यह सोचते हैं कि शेयर का मूल्य उसके जारी कीमत से अधिक है और शेयर अच्छी कीमत पर लिस्ट होंगें. इसलिए वे IPO Allotment होने से पहले ही डीलर से इन शेयरों को खरीदते हैं. ऐसे निवेशकों को Buyers कहा जाता है.
Buyers ग्रे मार्केट डीलर से संपर्क करके एक निश्चित प्रीमियम पर IPO शेयर खरीदने का आर्डर देते हैं.
इसके बाद डीलर Sellers से संपर्क करता है और उनसे पूछता है कि क्या वे इस समय एक निश्चित प्रीमियम पर शेयर बेचना चाहते हैं. डीलर वह प्रीमियम ऑफर करता है जो Buyers ने उसे दिया था.
यदि Sellers स्टॉक एक्सचेंज लिस्टिंग का रिस्क लेने के लिए तैयार नहीं है और वे प्रीमियम पसंद करते हैं तो वे Sellers मार्केट डीलर को IPO बेच देते हैं.
अब ग्रे मार्केट डीलर Sellers से एप्लीकेशन डिटेल प्राप्त करता है और Buyer को Notification भेजता है कि उसने ग्रे मार्केट में Sellers से एक निश्चित संख्या में शेयर ख़रीदे हैं.
Allotment कम्पलीट हो जाने के बाद सेलर शेयर Allotment प्राप्त कर सकते हैं या नहीं भी. यदि शेयर Allotment नहीं होते हैं तो Buyer और Seller के बीच सौदा वही रद्द हो जाता है.
यदि निवेशक को शेयर Allotment हो जाते हैं तो Buyer डीलर के माध्यम से Seller को एक निश्चित कीमत पर शेयर बेचने को कहता है, या डीलर शेयरों को किसी Demat Account में भी ट्रान्सफर भी कर सकता है.
अंत में शेयर बिक जाने के बाद ग्रे मार्केट डीलर दोनों पक्षों को सेटेलमेंट कर देता है.
तो कुछ इस प्रकार से ग्रे मार्केट प्रीमियम काम करता हैं. यहाँ पर शेयर Seller डीलर के भरोसे करवाए जाते हैं, यदि कोईभी पक्ष अपने वादे से मुकर जाता है तो उस पर कोई भी लीगल एक्शन नहीं लिया जाता है.
GMP की गणना कैसे की जाती है?
What is GMP in IPO in Hindi-किसी भी IPO की GMP कभी स्थिर नहीं रहती है, यह लिस्टिंग होने तक निरंतर बदलती रहती है. GMP की गणना मार्केट में शेयर के डिमांड के आधार पर होती है. यदि शेयर की मांग मार्केट में अधिक है और उसकी सप्लाई कम है तो GMP हमेशा अधिक होती है और यदि शेयर की मार्केट में डिमांड कम है और उसकी सप्लाई अधिक है तो उसकी GMP भी कम होती है.
कोष्टक रेट क्या होता है?
What is GMP in IPO in Hindi-कोष्टक रेट वह राशि है जो निवेशक IPO लिस्टिंग से पहले IPO आवेदन के लिए भुगतान करता है. यदि कोई निवेशक IPO के लिए आवेदन करता है लेकिन वह IPO में शेयर खरीदकर जोखिम नहीं उठाना चाहता है तो वह अपने आवेदन को ग्रे मार्केट में कोष्टक रेट पर बेचकर लाभ कमा सकता है.
IPO ग्रे मार्केट का मतलब होता है एक कंपनी के आगामी IPO के पहले ही शेयरों की खरीददारी और बिक्री की अनुमति होना। इस विशेष बाजार में निवेश करने के कई फायदे होते हैं जो आम निवेशकों के लिए बहुत ही आकर्षक हो सकते हैं।
- पहले आने वाले मौके का लाभ:
IPO ग्रे मार्केट में शेयरों की खरीददारी का अवसर पहले ही बाजार में होता है, जिससे निवेशक आगामी IPO के लिए पहले आने वाले मौके का लाभ उठा सकते हैं।
- ग्रे मार्केट प्रीमियम का अधिकतम उपयोग:
निवेशक ग्रे मार्केट प्रीमियम का अधिकतम उपयोग करके शेयरों को सस्ते में खरीद सकते हैं, जिससे उन्हें IPO की शेयर कीमत के मुकाबले अधिक मुनाफा हो सकता है।
- सुरक्षित निवेश:
ग्रे मार्केट में निवेश करने से पहले निवेशक आगामी IPO के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं, जिससे उन्हें अपने निवेश को सुरक्षित बनाने में मदद मिलती है।
- शेयर की लिक्विडिटी:
ग्रे मार्केट में निवेश करके निवेशक शेयरों की लिक्विडिटी का अधिकतम उपयोग कर सकते हैं और बाजार में पहले ही शेयरों की खरीददारी और बिक्री करके मुनाफा कमा सकते हैं।
- निवेशक की विवेकपूर्णता:
ग्रे मार्केट में निवेश करने से पहले निवेशक आगामी IPO की कमीशनरी रिपोर्ट, कंपनी के वित्तीय स्वास्थ्य, और अन्य महत्वपूर्ण तथ्यों की जाँच करके विवेकपूर्ण निवेश कर सकते हैं।
- आर्थिक स्वतंत्रता:
What is GMP in IPO in Hindiग्रे मार्केट में निवेश करने से पहले निवेशक आर्थिक स्वतंत्रता का अधिकतम उपयोग कर सकते हैं, जिससे उन्हें निवेश के लिए बेहतरीन रणनीतियों का चयन करने का मौका मिलता है।
समाप्ति:
IPO ग्रे मार्केट निवेशकों के लिए एक रोचक और लाभकारी विकल्प हो सकता है, जो उच्च लाभ और निवेशकीनी के साथ साथ निवेशकों को बाजार में पहले ही एक बेहतर समझ में शामिल होने का अवसर प्रदान करता है
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