Thursday, May 16, 2024
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महाभारत रामायण कहानी | Mahabharat Ramayan in Hindi

महाभारत रामायण कहानी –हेलो दोस्तों मेरा नाम मोहित है आज में आपको महाभारत रामायण के बारे में बताने जा रहा हु। महाभारत द्वापरयुग में भाइयों के मध्य सम्पत्ति के लिए लड़ा गया युद्ध था। एक ओर धृतराष्ट्र और गांधारी के सौ पुत्र कौरव थे वहीं दूसरी ओर पांडु और कुंती तथा माद्री से उत्पन्न पाँच पुत्र पांडव थे। कौरवों का पक्ष अधर्म का था एवं पांडवों का पक्ष धर्म का कहा गया है महाभारत और रामायण भारत के दो सर्वाधिक प्रिय महाकाव्य हैं। दोनों आख्यान प्राचीन भारतीय सभ्यता के मूल्यों, सिद्धांतों और मान्यताओं के बारे में जानकारी प्रदान करते हैं। जबकि महाभारत नैतिक अस्पष्टताओं के साथ अधिक जटिल कथा प्रस्तुत करता है, रामायण अच्छाई बनाम बुराई का अधिक प्रत्यक्ष चित्रण प्रस्तुत करता है।

महाभारत  कथा

महाभारत रामायण कहानी –महाभारत एक ऐसा पुराण हैं जिसमे भारत के इतिहास के बारे में विस्तार से लिखा गया हैं जो यह सिद्ध करता हैं कि भारत एक देश नहीं अपितु एक राष्ट्र हैं . एक राष्ट्र जो जन्म नहीं लेता न बनाया जाता हैं वो तो युगों- युगों से यथावत हैं जिसमे संस्कृति बनती हैं, धर्म बनता हैं जिसे हम सनातन धर्म के नाम से सुनते हैं .महाभारत कथा में भारत की सीमाओं का वर्णन हैं जो उसकी भव्यता और विशालता को प्रमाणित करता हैं . सोने की चिड़ियाँ कहलाने वाला हमारा भारत अपने अंदर कई युगों को समाये हुये हैं और उसी भव्य इतिहास का वर्णन हैं इस महाकाव्य में.

इसी प्रकार भारतीय संस्कृति में महाभारत पुराण का भी महत्व बहुत अधिक हैं जिसकी रचना महर्षि वेदव्यास ने की हैं उन्होंने इसे अपनी वाणी से प्रकट किया था जिसे स्वयं भगवान गणेश ने लिखा . यह महा पुराण ही हमें कलयुग की पहचान करवाता हैं सत्य, असत्य एवम मर्यादा का पाठ सिखाता हैं .

महाभारत रामायण कहानी –महाभारत संस्कृत में लिखा एक महा ग्रन्थ हैं जिसमे कलयुग के प्रारंभ का विस्तार से वर्णन किया गया हैं. यह ग्रन्थ वास्तव में एक पारिवारिक युद्ध हैं जिसमे भाई-भाई से राज गद्दी और अहम् के लिये लड़ रहा हैं जिसमे वो अपनों पर प्राणघात कर रहा हैं एक स्वहित के लिये अधर्म कर रहा हैं और दूसरा पक्ष धर्म की स्थापना के लिये अधर्म कर रहा हैं . यहाँ व्यक्ति का अवलोकन धर्म या अधर्म के आधार पर नही किया जा सकता क्यूंकि यहाँ हर कोई अधर्मी हैं . यह आज के भारत देश को चरितार्थ करता हैं जहाँ हमारा नेता कम भ्रष्टाचारी हो तो हम उसे सही उम्मीदवार समझते हैं वैसे ही महाभारत युद्ध में कम और अधिक अधर्मी के आधार पर ही उपयुक्त का चयन किया जा सकता था

महाभारत रामायण कहानी –इस महा युद्ध के सूत्रधार स्वयम भगवान श्री कृष्ण थे . कलयुग में मनुष्य कैसा होगा ? उसे किस तरह से अपने हक़ के लिए लड़ना होगा ? सच के लिये झूठ भी बोलना होगा . यह सभी बाते इस महा ग्रन्थ का हिस्सा हैं

महाभारत रामायण कहानी –महाभारत का यह एक बड़ा ग्रन्थ कई तरह की कथाओं से बना हुआ हैं . यह कथायें हमें आज के जीवन में कठिन से कठिन समस्याओं से बाहर निकलने की प्रेरणा देती हैं .यह कथायें हमें हिन्दू संस्कृति का इतिहास बताती हैं . महाभारत पुराण में हिन्दू मान्यता का आधार छिपा हुआ हैं जो आज के समय में छोटी-छोटी कथाओं के जरिये ही दिखाया जाता हैं . हमने भी कई कथाओं का समावेश किया हैं जिसके जरिये हम आपको महाभारत काल और कलयूग के मध्य के संबंध को बताने जा रहे हैं

रामायण कहानी

महाभारत रामायण कहानी –हिन्दू धर्म में रामायण का भी विशिष्ठ स्थान हैं . यह कहानी हैं मर्यादा पुरुषोत्तम राम की जिन्होंने में मानव जीवन के धर्म का उदाहरण प्रस्तुत किया हैं . रामायण के रचियता महर्षि वाल्मीकि थे जो कि वास्तविक रूप में एक डाकू थे लेकिन अपनी गलती का अहसास होने के बाद नारद मुनि के परामर्श पर उन्होंने तपस्या की जिसके बाद ब्रह्माजी के आदेश पर उन्होंने रामायण पुराण लिखा . माना जाता हैं वाल्मीकि जी ने ही सबसे पहला श्लोक लिखा था .

महाभारत रामायण कहानी –रामायण में मनुष्य जाति के जीवन एवम उनके कर्मों का विशेष विवरण हैं . इसमें विवाह जैसे पवित्र बंधन को दो परिवारों की आधारशिला कहा हैं . पति पत्नी के कर्तव्यों का भलीभांति रूप से विवरण किया हैं . कसी तरह पति पत्नी एक दुसरे के जीवन में सुख दुःख के साथी होते हैं ? कैसे एक दुसरे के कर्तव्यों का निर्वाह करते हैं . कैसे एक पत्नी पति की अर्धाग्नि होती हैं ? इन सभी का विशिष्ट एवं मार्मिक विवरण रामायण की कथा में मिलता हैं .

राम और लक्ष्मण सीता की खोज करते हैं। वे वानर-राजा सुग्रीव और उनके सेनापति हनुमान के साथ गठबंधन बनाते हैं। हनुमान ने समुद्र पार किया, सीता को लंका में पाया और उन्हें आश्वासन दिया कि राम उन्हें बचाएंगे राम की सेना और रावण की सेना के बीच एक महान युद्ध होता है। राम द्वारा रावण पराजित और मारा गया, और सीता को बचाया गया।

प्रभु राम और सीता वास्तव में एक भगवान का अवतार थे लेकिन उन्होंने धरती पर मनुष्य जाति के रूप में जन्म लेकर मनुष्य जाति को जीवन की आधारशिला से अवगत कराया . उन्होंने अपने कर्मो से कर्म की परिभाषा को रचा . इसीलिए जीवन के हर क्षेत्र के उदहारण रामायण में मिलते हैं . साथ ही हर दुविधा का हल भी रामायण महाकाव्य में मिलता हैं . अपने वनवास के बाद, वे अयोध्या लौटते हैं, जहाँ राम का राजा के रूप में राज्याभिषेक किया जाता है। हालाँकि, कैद के दौरान सीता की शुद्धता के बारे में संदेह ने राम को उन्हें फिर से वनवास भेजने के लिए मजबूर किया, जहाँ उन्होंने अपने बेटों, लव और कुश को जन्म दिया।

रामायण कई तरह के भागों में बटा हुआ हैं जिसमे

  • बाल काण्ड
  • अयोध्याकाण्ड
  • अरण्यकाण्ड
  • किष्किन्धा कांड
  • सुंदर काण्ड
  • लंका काण्ड
  • उत्तरकाण्ड

निष्कर्ष

जबकि रामायण और महाभारत दोनों की अपनी अलग-अलग कथाएँ हैं, वे धर्म (कर्तव्य), धार्मिकता और अच्छे और बुरे के बीच शाश्वत संघर्ष के विषयों पर केंद्रित हैं। रामायण राम और सीता में वीरता, भक्ति और प्रेम के आदर्श प्रस्तुत करता है, जबकि महाभारत पाठकों को नैतिकता, नैतिकता और मानवीय स्थिति की जटिलताओं से परिचित कराता है। साथ में, इन महाकाव्यों ने भारत के सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और नैतिक परिदृश्य को आकार दिया है और विश्व स्तर पर लाखों लोगों को प्रेरित करना जारी रखा है।

महाभारत रामायण कहानी Frequently Ask Questions


Q1. महाभारत और रामायण क्या हैं?

महाभारत और रामायण प्राचीन भारतीय महाकाव्य हैं जो कर्तव्य, धार्मिकता, प्रेम और युद्ध के इर्द-गिर्द घूमती पौराणिक कहानियाँ सुनाते हैं। वे भारतीय साहित्य और संस्कृति के मूलभूत ग्रंथ हैं, जो हिंदू दर्शन और धर्मशास्त्र में गहराई से निहित हैं।

Q2. ये महाकाव्य किसने लिखे?

रामायण ऋषि वाल्मिकी द्वारा लिखी गई थी, जबकि महाभारत का श्रेय ऋषि व्यास को दिया जाता है।

Q3. दोनों महाकाव्य किस प्रकार भिन्न हैं?

रामायण मुख्य रूप से राजकुमार राम की जीवन यात्रा का वर्णन करती है, जो धर्म के प्रति उनके अटूट पालन और अच्छे और बुरे के बीच संघर्ष पर केंद्रित है। दूसरी ओर, महाभारत रिश्तों की पेचीदगियों, नैतिक दुविधाओं और धर्म की जटिलताओं पर प्रकाश डालता है, जिसकी परिणति भव्य कुरुक्षेत्र युद्ध में होती है।

Q4. महाभारत में भगवद गीता का क्या महत्व है?

भगवद गीता महाभारत के भीतर राजकुमार अर्जुन और भगवान कृष्ण, जो उनके सारथी के रूप में कार्य करते हैं, के बीच 700 श्लोकों का संवाद है। यह कर्तव्य, धार्मिकता और जीवन और मृत्यु की प्रकृति के बारे में गहन दार्शनिक प्रश्नों को संबोधित करता है। यह हिंदू धर्म में सबसे प्रतिष्ठित ग्रंथों में से एक है।

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