उर्स का छोटा कुल आज जन्नती दरवाजा होगा बंद- उर्स का छोटा कुल जन्नती दरवाजा होगा बंद। यह 18 जनवरी, 2024 को होगा। इस दिन, दरगाह दीवान सैयद जैनुअल आबेदीन अली खां जन्नती दरवाजे से आस्ताना शरीफ में दाखिल होंगे। जैसे ही वे जन्नती दरवाजे में दाखिल होंगे, जन्नती दरवाजा बंद कर दिया जाएगा।
जन्नती दरवाजा वर्ष में चार बार खोला जाता है
- उर्स के दौरान
- शब-ए-बरात के दौरान
- ईद-उल-फित्र के दौरान
- ईद-उल-अजहा के दौरान
उर्स के दौरान, जन्नती दरवाजा रजब के चांद के दिखने पर खोला जाता है और छठी रजब को छोटे कुल के बाद बंद कर दिया जाता है।
छोटा कुल उर्स का एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम है। इस दिन, दरगाह में कुल की रस्म अदा की जाती है। इस रस्म में देशभर के विभिन्न खानकाहों और दरगाहों के मशायख और सज्जादगान शामिल होते हैं। छोटे कुल के बाद, जन्नती दरवाजा बंद कर दिया जाता है और फिर इसे अगले उर्स तक नहीं खोला जाता है।
ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के 812वें उर्स का कुल गुरुवार को होगा
उर्स का छोटा कुल आज जन्नती दरवाजा होगा बंद- ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के 812वें उर्स का कुल गुरुवार, 18 जनवरी, 2024 को होगा। यह उर्स रजब माह के तीसरे दिन शुरू हुआ और छठे दिन तक चलेगा।
छठे दिन, यानी गुरुवार को, उर्स का कुल होगा। यह कुल दरगाह आस्ताना शरीफ में आयोजित किया जाएगा। इसमें देशभर के विभिन्न खानकाहों और दरगाहों के मशायख और सज्जादगान शामिल होंगे।
कुल के बाद, जन्नती दरवाजा बंद कर दिया जाएगा और फिर इसे अगले उर्स तक नहीं खोला जाएगा।
उर्स के दौरान, दरगाह पर विशेष समारोह आयोजित किए जाते हैं। इन समारोहों में कव्वाली, नातिया, सूफी नृत्य और अन्य कार्यक्रम शामिल होते हैं।
उर्स एक महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम है। यह भारत में सूफी धर्म का एक महत्वपूर्ण आयोजन है।
दरगाह क्षेत्र और कायड़ विश्रामस्थली पर खासी रौनक बनी हुई है
दरगाह क्षेत्र और कायड़ विश्रामस्थली पर खासी रौनक बनी हुई है। ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के 812वें उर्स के कारण देशभर से लाखों श्रद्धालु अजमेर आए हैं। इन श्रद्धालुओं ने दरगाह क्षेत्र और कायड़ विश्रामस्थली को खासी रौनक प्रदान की है।
दरगाह क्षेत्र में 24 घंटे जायरीनों का तांता लगा हुआ है। जायरीन दरगाह में चादर चढ़ा रहे हैं, दुआएं कर रहे हैं और ख्वाजा साहब से आशीर्वाद मांग रहे हैं।
उर्स का छोटा कुल आज जन्नती दरवाजा होगा बंद- कायड़ विश्रामस्थली में भी जायरीनों का तांता लगा हुआ है। जायरीन कायड़ में ख्वाजा साहब के चरणों में बैठकर उनके आशीर्वाद की कामना कर रहे हैं।
उर्स के दौरान, दरगाह पर विशेष समारोह आयोजित किए जा रहे हैं। इन समारोहों में कव्वाली, नातिया, सूफी नृत्य और अन्य कार्यक्रम शामिल हैं। ये कार्यक्रम जायरीनों को बहुत पसंद आ रहे हैं।
इसके साथ ही छह दिवसीय उर्स का विधिवत समापन हो जाएगा। जन्नती दरवाजा मामूल कर दिया जाएगा। उर्स के दौरान जुमे की नमाज शुक्रवार को अदा की जाएगी। बड़े कुल की रस्म 21 को होगी