Sunday, April 28, 2024
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Aditya L1 लॉन्च

Aditya L1 लॉन्च

Aditya L1 लॉन्च-हेलो दोस्तों मेरा नाम पारुल है।  और अज्ज में आप लोगो को Aditya L1 राकेट लांच के बारे में बताने जारी हूँ। वैसे तोह आप लोगो मेसे काफी लोगो को इसके बारे में पता ही होगा, हालही में Aditya L1 रोइकेट लांच हुयी है।  और ये काफी चर्चा में भी रही है। परन्तु आप लोगो मेसे कुछ ऐसे लोग भी होंगे जो इसके बारे में ज़्यादा कुछ नहीं जानते है और इसके बारे में अधिक जाना चाहते है। तोह आज में आप लोगो को Aditya L1 के बारे में बताने जारी हूँ। में आशा करती हूँ आप लोगो को यह जानकारी पसंद आएगी।

Aditya L1

Aditya L1 लॉन्च-सितम्बर 2, इस दिन को देश का पहला सूर्य मिशन आदित्‍य L1 (Aditya L1) लॉन्‍च किया है। इस मिशन को हरिकोटा के सतीश धवन स्‍पेस सेंटर से 11 बजकर 50 मिनट पर लॉन्‍च किया गया। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इंडियन स्पेस राकेट आर्गेनाईजेशन (ISRO)) Aditya यान को पीएसएलवी-सी 57 रॉकेट के जरिए लॉन्‍च किया गया था। उसके बाद यह अपने 4 महीने का सफर पूरा करते हुए L1 पॉइंट तक पहुंचेगा। भारत का Aditya L1 पूरी तरह से स्‍वदेशी है। इस राकेट को बेंगलुरु के इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एस्ट्रोफिजिक्स (IIA) ने तैयार किया था। (ISRO) का कहना है, Aditya L1 अपने साथ सूरज की सबसे बाहरी परतों (कोरोना) का निरीक्षण करने के लिए सात पेलोड ले जाएगा. इनमें से 4 पेलोड सूरज पर नज़र रखेंगे, बाकी 3 एल-1 पॉइंट के आसपास का अध्ययन करेंग। L1 का मतलब ‘लाग्रेंज बिंदु 1’ है. यह लाग्रेंज बिंदु अंतरिक्ष में वो स्थान हैं, जहां दो बड़े पिंडों (सूर्य-पृथ्वी) का गुरुत्वाकर्षण आपस में बैलेंस हो जाता है. एक प्रकार से लाग्रेंज बिंदु किसी अंतरिक्ष यान के लिए पार्किंग स्थल का काम करते हैं. यहां किसी यान को वर्षों तक रखकर तमाम परीक्षण किए जा सकते हैं और कई जानकारियां जुटाई जा सकती हैं. चूंकि सूर्य का दूसरा नाम आदित्‍य है, इसका लक्ष्‍य L1 तक पहुंचना है, इसलिए इस मिशन को आदित्‍य एल-1 का नाम दिया गया है। आदित्‍य-एल 1 सूर्य का अध्ययन करने वाली पहली स्पेस बेस्ड इंडियन लेबोरेट्री होगी। आदित्य-एल1 मिशन, जिसका उद्देश्य L1 के चारों ओर की कक्षा से सूर्य का अध्ययन करना है।

सूरज के आसपास के वायुमंडल का अध्ययन :

हवा की उत्पत्ति सूरज के आसपास, संरचना और गतिशीलता को जांचना।

क्रोमोस्फेरिक और कोरोनल हीटिंग की स्टडी करना, फ्लेयर्स पर रिसर्च करना।

सौर कोरोना की भौतिकी और इसका तापमान को मापना।

कोरोनल और कोरोनल लूप प्लाज्मा का निदान करना, इसमें तापमान, वेग और घनत्व की जानकारी निकालना।

L1 पॉइंट

Aditya L1 लॉन्च-आपको बतादे की दरअसल पृथ्वी के सूरज की दुरी लगभग १५ करोड़ किलोमीटर है। इस १५ करोड़ किलोमीटर की दुरी के बिच पुरे ५ लैग्रेंज पॉइंट्स हैं। जिन्हे ल१,ल२,ल३,ल४ और ल५ का नाम दिया गया है। इनका नाम १८वी सदी के खगोलशास्त्री और गणितज्ञ जोसेफ-लुई लैग्रेंज के नाम पर रखा गया है। ल१, ल२, और ल३ अपनी जगह पर स्थिर नहीं है। परन्तु ल४ और ल५ यह दोनों ही अपनी जगह पर स्थिर है। ल१ इसका पहला पॉइंट है और इसकी दुरी लगभग १५ करोड़ किलोमेरेट दूर है।

L1 कैसे अंतरिक्ष की यात्रा करेगा

Aditya L1 लॉन्च-Halo Orbit में स्थापित कर दिया जाएगा. यहां तक पहुंचने में इसे करीब 4 महीने का समय लगेगा.

L1 की ओर यात्रा करते समय, आदित्य L1 पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र से बाहर निकल जाएगा. एक बार इससे बाहर निकलने के बाद, इसका ‘क्रूज स्टेप’ शुरू हो जाएगा.

पीएसएलवी-सी57 रॉकेट के जरिए लॉन्‍च करने के बाद इसरो इसे धरती की निचली कक्षा में स्‍थापित करेगा.

सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र श्रीहरिकोटा से आदित्‍य एल-1 को शनिवार 2 सितंबर को सुबह 11 बजकर 50 मिनट पर लॉन्च किया जाएगा. इसे लॉन्च करने के लिए पोलर सैटेलाइट व्हीकल (PSLV-C57) का इस्तेमाल किया जाएगा.

कुछ मैन्यूवर्स के जरिए आदित्य-एल 1 की कक्षा को बढ़ाया जाएगा और ऑन-बोर्ड प्रोपल्शन का उपयोग करके अंतरिक्ष यान को एल1 बिंदु की ओर ले जाया जाएगा.

इस फेज में स्‍पेसक्राफ्ट बहुत आसानी से यात्रा पूरी करेगा. इसके बाद इसे L1 के चारों ओर एक बड़ी

आदित्य L-1 अपने साथ फोटोस्फीयर, क्रोमोस्फीयर और सूर्य की सबसे बाहरी परतों (कोरोना) का निरीक्षण करने के लिए सात पेलोड ले जाएगा. इनमें से 4 पेलोड सूरज पर नज़र रखेंगे, बाकी 3 एल-1 पॉइंट के आसपास का अध्ययन करेंगे.

Aditya L1 के 7 पैलोड्स

रिमोट सेंसिंग पेलोड्स

Aditya L1 लॉन्च-सोलर लो एनर्जी एक्‍स-रे स्‍पेक्‍ट्रोमीटर (SoLEXS) : सॉफ्ट एक्‍स-रे स्‍पेक्‍ट्रोमीटर

हाई एनर्जी L1 ऑर्बिटिंग एक्‍स-रे स्‍पेक्‍ट्रोमीटर (HEL1OS) : हार्ड एक्‍स-रे स्‍पेक्‍ट्रोमीटर

विजिबल एमिशन लाइन कोरोनाग्राफ (VELC) : कोरोना/इमेजिंग और स्पेक्ट्रोस्कोपी

सोलर अल्ट्रावायलेट इमेजिंग टेलीस्‍कोप (SUIT) : प्रकाशमंडल और क्रोमोस्फीयर इमेजिंग- नैरो और ब्रॉड बैंड

इन-सिटु पेलोड्स

Aditya L1 लॉन्च-आदित्‍य सोलर विंड पार्टिकल एक्‍सपेरिमेंट (ASPEX)

प्‍लाज्‍मा एनालाइजर पैकेज फॉर आदित्‍य (PAPA)

एडवांस्ड ट्राई-एक्‍सल हाई रेजोल्‍यूशन डिजिटल मैग्‍नोमीटर्स

L1 पॉइंट ही क्‍यों चुना

Aditya L1 लॉन्च-अगर हम स्थान की बात अक्रें तोह, L1 एक ऐसा स्थान है, जहां से सूरज का चौबीसों घंटे अवलोकन किया जा सकता है। ये वो जगह है जहां धरती और सूरज के गुरुत्वाकर्षण के बीच एक बैलेंस बन जाता है। धरती और गुरुत्वाकंर्षण के बीच बैलेंस होने से एक सेंट्रिफ्यूगल फोर्स बन जाता है, इस फोर्स की वजह से कोई भी स्पेसक्राफ्ट एक जगह स्थिर रह सकता है। इसके अलावा इस स्‍थान को दिन और रात की साइकिल प्रभावित नहीं करती। यहां से सूरज सातों दिन और 24 घंटे दिखाई पड़ता है। वहीं ये पॉइंट पृथ्वी के नजदीक है और यहां से संचार में काफी आसानी होती है. इस कारण ये स्‍थान स्‍टडी के लिहाज से अच्‍छा माना जाता है।

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