Monday, April 29, 2024
Homeजानकारियाँडेथ वारंट से क्या होता है Death Warrant in hindi

डेथ वारंट से क्या होता है Death Warrant in hindi

#डेथ वारंट से क्या होता है-हेलो दोस्तों मेरा नाम मोहित है आज में आपको डेथ वारंट के बारे में बताने जा रहा हूँ डेथ वारंट (Death Warrant) एक कानूनी दस्तावेज होता है जिसे किसी व्यक्ति को फांसी की सजा देने के लिए जारी किया जाता है। यह दस्तावेज उस व्यक्ति को सूचित करता है कि उसे विशेष दिन और समय पर किसी जेल में फांसी की सजा दी जाएगी। इसमें सामाजिक और कानूनी प्रक्रियाओं का पालन किया जाता है ताकि किसी व्यक्ति को केवल कानूनी तरीके से ही फांसी की सजा दी जा सके।



डेथ वारंट की जानकारी व्यक्ति को उसके कानूनी अधिकारों और विचारात्मक तैयारी का मौका देती है, ताकि वह अपनी सजा के खिलाफ कोई कानूनी कदम उठा सके।

कृपया ध्यान दें कि डेथ वारंट केवल गंभीर जुर्मों जैसे की ख़ून की साजिश या अत्यंत गंभीर अपराधों के मामलों में जारी किया जाता है और इसका मतलब यह नहीं है कि सभी मामलों में यह सजा होती है।

#लूडो गेम से लाखो रुपया कैसे कमाए ludo game se lakho kese kamaye in hindi

क्या है डेथ वारंट

डेथ वारंट से क्या होता है-डेथ वारंट का मतलब होता है कि व्यक्ति पर किसी ने मौके पर उसकी मौत की धमकी दी है और इसका आलमती दुरुपयोग नहीं किया गया है। यह धमकी जीवन की सुरक्षा को खतरे में डाल सकती है और इसे गंभीरता से लिया जाता है।

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
  • डेथ वारंट एक कानूनी प्रक्रिया का हिस्सा हो सकता है, जिसमें पुलिस और कदी न्यायिक अधिकारियों की सहायता से डेथ वारंट जारी की जाती है और वारंट के आदेश के तहत व्यक्ति की सुरक्षा की गरंटी की जाती है।
  • इसके अलावा, डेथ वारंट एक क्रिमिनल केस में अदालत द्वारा जारी किया जा सकता है, जिसमें व्यक्ति को अपराध के आरोप में दिने का आदेश जारी किया जाता है और उसे अदालत के सामने पेश होने के लिए बुलाया जाता है।
  • डेथ वारंट एक गंभीर मामले में प्रयुक्त होता है और इसका पालन कानूनी दिशाओं में किया जाता है ताकि अपराधिक प्रक्रिया में न्याय और सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके
  • यह एक प्रकार का फॉर्म होता है जो कोड ऑफ क्रिमिनल प्रोसीजर 1973 के तहत जारी किया गया है। इसके अंतर्गत एक और फॉर्म सम्मिलित किया जाता है जिसका नंबर 421 होता है इस फॉर्म के अंतर्गत एक फॉर्म और होता है जिसको फॉर्म नंबर-42 के नाम से जाना जाता है। इस फॉर्म के उपर लिखित शब्दों में लिखा हुआ होता है वारंट ऑफ एग्जेक्यूशन ऑफ़ अ सेंटेंस ऑफ डेट। इस वारंट में लिखित रूप से उन व्यक्तियों के लिए डेथ वारेंट जारी किया जाता है जिन्हें फांसी की सजा दी जानी होती है इस फॉर्म को ब्लैक वारंट के नाम से भी जाना जाता है।
  • यदि यह फॉर्म किसी भी व्यक्ति के नाम से जारी हो जाता है तो उस व्यक्ति के नाम पर फांसी की सजा निर्धारित कर दी जाती है। आइए आप चाहते हैं कि इस फॉर्म के अंतर्गत क्या-क्या लिखा जाता है?
  • जेल में रहने वाले अपराधियों को जेल में रखने के दौरान एक नंबर दिया जाता है सबसे पहले फॉर्म में उस नंबर को भरा जाता है।
  • उसके बाद जिन व्यक्तियों को फांसी पर चढ़ाया जाना होता है उन व्यक्तियों की संख्या और उन व्यक्तियों के पूरे नाम उस फॉर्म पर लिखे जाते हैं।
  • फिर उस फॉर्म पर वह नंबर लिखा जाता है जिस नंबर से उन कैदियों का केस दर्ज कराया गया हो।
  • उसके बाद उस देवरिया: प्रेम प्रसंग के विरोध में प्रेमी युगल ने फांसी लगाकर की आत्महत्याफॉर्म में एक और कॉलम होता है जिसने डेथ वारंट जारी की जाने वाली तारीख लिखी जाती है।
  • कैदियों को किस दिन किस समय और किस जगह पर फांसी देनी है इस बात का पूरा ब्यौरा भी उस फॉर्म में लिखा जाता है।

डेथ वारेंट के अनुसार पालन किए जाने वाले नियम

डेथ वारंट से क्या होता है-जिन व्यक्तियों के नाम डैथ वारंट जारी किया जाता है कोट के द्वारा उस डेथ वारंट में यह भी लिखा होता है कि उन व्यक्तियों को फांसी पर कितनी देर तक लटकाया जाना है। अक्सर इस फॉर्म में यही लिखा जाता है कि कैदियों को फाँसी पर तब तक लटकाया जाए जब तक उनकी मौत ना हो जाए।


कोर्ट के द्वारा जारी किया गया डेथ वारेंट सबसे पहले सीधा जेल प्रशासन के पास पहुंचाया जाता है।

जब कैदियों को फांसी की सजा दी जाती है और उनकी मौत हो जाती है तो उनकी मौत की पुष्टि करने के बाद डॉक्टर के द्वारा मृत्यु प्रमाण पत्र जारी किया जाता है जिसे बाद में डैथ वारंट के साथ कोर्ट में जमा कराया जाता है।

हाल ही में जारी किया गया डैथ वारेंट

पटियाला हाई कोर्ट द्वारा हाल ही में निर्भया कांड में सम्मलित चार आरोपियों के खिलाफ डैथ वारंट जारी किया गया है। भारत देश का कानून ज्यादा सख्त नहीं है इसलिए बहुत ही कम अपराधियों के खिलाफ कानून द्वारा डेट वारंट के तहत फांसी की सजा दी जाती है। यह सजा मुख्य रुप से उनका अपराधियों को दी जाती है जिन्होंने कोई बहुत बड़ा जघन्य ने अपराध किया हो।

निर्भया कांड में पांच आरोपी सम्मिलित थे जिनमें से राम सिंह नाम के आरोपी ने 11 मार्च साल 2013 में ही तिहाड़ जेल में सजा के दौरान आत्महत्या कर ली थी। जिसके बाद पुलिस ने बयान दिया कि उसने फांसी लगा ली लेकिन बचाव पक्ष के वकील और उनके परिवार के सदस्यों ने कहा कि यह पुलिस की चाल है और उन्होंने उसकी हत्या कर दी है। बाकी बचे हुए चार अपराधियों के खिलाफ हाल ही में पटियाला कोर्ट द्वारा डैथ वारेंट जारी किया गया है जिसके तहत,  उन चार अपराधियों को तिहाड़ जेल में 1 फ़रवरी के दिन सुबह 6:00 बजे फांसी के तख्त से लटका दिया जाएगा

भारत के इतिहास में यह पहला ऐसा केस है जिसके अंतर्गत सामूहिक बलात्कार के जुर्म में अपराधियों को फांसी की सजा सुनाई गई है। क्योंकि यह एक बहुत ज्यादा घिनौना अपराध था जिसने पूरे भारत देश को झकझोर कर रख दिया था। फिलहाल ऐसा कहा जा रहा है कि यदि इन अपराधियों को फांसी की सजा हो जाती है तो शायद देश में बलात्कार जैसे घिनोने अपराध कम हो जाए।

RELATED ARTICLES
0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest

0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments

Most Popular