Friday, April 26, 2024
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फास्टैग क्या है और ये कैसे काम करता है | FasTag kya hai in hindi

FasTag क्या है

फास्टैग क्या है- FasTag एक इलेक्ट्रॉनिक टोल पेमेंट सिस्टम है जो भारत में दुनिया के सबसे बड़े सड़क परिवहन नेटवर्क के लिए उपलब्ध है। यह सिस्टम भारत सरकार द्वारा संचालित किया जाता है और यह सड़क टोल देने के लिए अपने वाहनों के लिए एक दिग्गज प्रणाली है।

फास्टैग एक रेडियो फ्रीक्वेंसी आधारित टेक्नोलॉजी का उपयोग करता है, जो उपयोगकर्ताओं को सिर्फ अपने वाहन के ऊपर इकट्ठा करने की आवश्यकता नहीं होती है। इसके बजाय, यह सिस्टम वाहन के विंडशील्ड पर लगे एक छोटे से टैग के माध्यम से काम करता है। जब वाहन टोल प्लाजा पर आता है, एक स्कैनर वाहन के फास्टैग के टैग को स्कैन करता है और टोल राशि स्वचालित रूप से उपभोगकर्ता के बैंक खाते से कटती है।

FasTag का उपयोग भारत के राष्ट्रीय राजमार्गों, राज्य राजमार्गों, शहरी एवं नगरीय क्षेत्रों में स्थित टोल प्लाजाओं पर टोल भुगतान करने के लिए किया जाता है।

FasTag कैसे काम करता है |

FasTag एक इलेक्ट्रॉनिक टोल पेमेंट सिस्टम है जो वाहनों के टोल प्लाजा पर स्वचालित रूप से टोल भुगतान करने के लिए उपयोग किया जाता है। FasTag कैसे काम करता है इसके लिए निम्नलिखित कदम उद्धरण दिए गए हैं:

वाहन के विंडशील्ड पर फास्टैग टैग लगाया जाता है। यह टैग रेडियो फ्रीक्वेंसी आधारित टेक्नोलॉजी का उपयोग करता है।

जब वाहन टोल प्लाजा पर आता है, टोल प्लाजा में एक स्कैनर होता है जो वाहन के फास्टैग के टैग को स्कैन करता है।

स्कैनर टैग के साथ जुड़े बैंक खाते से विवरण लोड करता है और विवरणों की जाँच करता है।

यदि टैग के साथ जुड़ा बैंक खाता कुल टोल राशि से भरा होता है, तो स्कैनर वाहन के टैग से टोल राशि काट लेता है। यदि खाते में पर्याप्त धनराशि नहीं होती है, तो टोल प्लाजा बाहर से अतिरिक्त भुगतान लेता है।

फास्टैग के फायदे

फास्टैग के कई फायदे हैं, निम्नलिखित कुछ महत्वपूर्ण फायदों को देखा जा सकता है:

ट्रैफिक कम करता है – फास्टैग सिस्टम टोल प्लाजा पर लाइनों को कम करता है जो ट्रैफिक की स्थिति को बेहतर बनाता है। यह आपके समय को बचाता है और आपको अपनी यात्रा का आनंद लेने में मदद करता है।

ईको-फ्रेंडली – फास्टैग सिस्टम के उपयोग से कार्बन एमिशन को कम किया जाता है और प्रकृति को बचाया जाता है। इसलिए, फास्टैग सिस्टम एक ईको-फ्रेंडली विकल्प है।

सुरक्षित है – फास्टैग सिस्टम सुरक्षित है और चोरी की संभावना नहीं होती है। इसका उपयोग करना आसान होता है और आपको अपनी यात्रा को सुरक्षित रखने में मदद करता है।

नकद की आवश्यकता नहीं है – फास्टैग सिस्टम का उपयोग करने से नकद की आवश्यकता नहीं होती है। इससे आपके पास नकद की कमी नहीं होती है और आप अपनी यात्रा को बिना किसी विघटना के जारी रख सकते हैं।

गाँव के लोगों को खास सुविधा

गांवों में अक्सर शहरों की तुलना में कम सुविधाएं होती हैं। गांवों के लोगों को भी खास सुविधाएं होनी चाहिए ताकि उन्हें भी आराम से जीवन जीने में मदद मिल सके। इसके अलावा गांवों की खास आवश्यकताओं का ध्यान रखा जाना चाहिए। कुछ गांव के लोगों को निम्नलिखित सुविधाएं मिलनी चाहिए:

स्वास्थ्य सेवाएं – गांव के लोगों को स्वस्थ रहने के लिए उचित स्वास्थ्य सेवाएं मिलनी चाहिए। यह बुनियादी चिकित्सा सेवाओं से लेकर विशेषज्ञों द्वारा उपलब्ध सेवाओं तक शामिल हो सकता है।

शिक्षा – गांव के लोगों को उचित शिक्षा सुविधाएं मिलनी चाहिए ताकि वे अपनी शिक्षा के माध्यम से जीवन में आगे बढ़ सकें।

पानी की सुविधा – गांव के लोगों को स्वच्छ पानी की सुविधा मिलनी चाहिए। यह उनकी स्वस्थ रहने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।

सड़क सुविधा – गांव के लोगों को सुरक्षित सड़क सुविधा मिलनी चाहिए। सड़कों को उचित ढंग से बनाए रखना

फ़ास्टैग रिचार्ज करने वाले बैंक

फास्टैग रीचार्ज करने के लिए आप निम्नलिखित बैंकों में से किसी एक का चयन कर सकते हैं:

  • स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (State Bank of India)
  • पंजाब नेशनल बैंक (Punjab National Bank)
  • आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank)
  • हेडएफसी बैंक (HDFC Bank)
  • एक्सिस बैंक (Axis Bank)
  • कोर्पोरेशन बैंक (Corporation Bank)
  • यूको बैंक (UCO Bank)
  • विजया बैंक (Vijaya Bank)
  • केनरा बैंक (Canara Bank)
  • आईडीबीआई बैंक (IDBI Bank)

फास्टैग क्या है- यदि आप इन बैंकों में से किसी एक से अपने फास्टैग को रीचार्ज करना चाहते हैं तो आप उस बैंक के ऑनलाइन बैंकिंग या मोबाइल ऐप का उपयोग करके फास्टैग रीचार्ज कर सकते हैं। आप ऑफलाइन बैंकिंग के माध्यम से भी फास्टैग रीचार्ज कर सकते हैं, लेकिन इसके लिए आपको बैंक शाखा में जाकर फास्टैग को रीचार्ज करवाना होगा।
भारत में कब शुरू हुआ फास्टैग

भारत में फास्टैग का शुभारंभ वर्ष 2014 में हुआ था। इसे सबसे पहले दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, बैंगलोर और हैदराबाद शहरों में लागू किया गया था और उसके बाद से यह देश के अन्य क्षेत्रों में भी फैलता गया है। भारत सरकार ने फास्टैग को राष्ट्रीय स्तर पर लागू करने का निर्णय लिया था जो 15 दिसंबर 2019 को लागू हुआ था। इससे पहले भी फास्टैग लागू था, लेकिन उस समय इसका उपयोग वाहनों के टोल प्लाजों पर सिर्फ एक विकल्प के रूप में था।

दिसंबर से वाहन पर फास्टैग होगा जरूरी था

एक दिसंबर से पहले से ही फास्टैग वाहनों के लिए जरूरी हो चुका है। भारत सरकार ने 15 दिसंबर 2019 को राष्ट्रीय स्तर पर फास्टैग को अनिवार्य करने का निर्णय लिया था। इसलिए, सभी वाहनों के लिए फास्टैग एक अनिवार्य विकल्प है और यह पहले से ही लागू है। अगर कोई व्यक्ति फास्टैग का उपयोग नहीं करता है तो उसे टोल टैक्स में अतिरिक्त शुल्क भुगतना पड़ सकता है।

फास्टैग को ऑनलाइन कैसे रिचार्ज करें

फास्टैग को आसानी से ऑनलाइन रिचार्ज किया जा सकता है। निम्नलिखित तरीकों से आप अपने फास्टैग को ऑनलाइन रिचार्ज कर सकते हैं:

फास्टैग की आधिकारिक वेबसाइट या मोबाइल एप्लिकेशन का उपयोग करके: फास्टैग की आधिकारिक वेबसाइट (https://www.fastag.org/) या मोबाइल एप्लिकेशन (जैसे Paytm, PhonePe, Google Pay आदि) पर जाकर आप अपने फास्टैग को रिचार्ज कर सकते हैं। इसके लिए आपको अपने फास्टैग नंबर या वाहन नंबर, रिचार्ज राशि और अपना भुगतान करने का तरीका (उदाहरण के लिए डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड, नेट बैंकिंग, UPI आदि) डालना होगा।

बैंक के ऑनलाइन बैंकिंग पोर्टल का उपयोग करके: आप अपने फास्टैग को बैंक के ऑनलाइन बैंकिंग पोर्टल के माध्यम से भी रिचार्ज कर सकते हैं। इसके लिए आपको अपने बैंक खाते से लॉग इन करना होगा, फास्टैग सेवा को चुनना होगा और फिर रिचार्ज राशि का चयन करना होगा।

जीरो बैलेंस का फ़ास्टैग क्या है

जब आप अपने फास्टैग अकाउंट में रिचार्ज नहीं करते हैं या आपके खाते में पर्याप्त धन नहीं होता है, तो आपका फास्टैग अकाउंट ‘जीरो बैलेंस’ हो जाता है। जब आप अपने फास्टैग अकाउंट का उपयोग किसी टोल प्लाजा पर करते हैं, तो फास्टैग सिस्टम आपके बैंक खाते से स्वतः रुचि के साथ पैसे काट लेता है। इसका मतलब है कि जब आपके फास्टैग अकाउंट में रुपए नहीं होते हैं तो फास्टैग सिस्टम राशि को काट लेता है जो आपके बैंक खाते से बाद में भुगतान की जाएगी। इसलिए, फास्टैग अकाउंट का जीरो बैलेंस रहने से बचने के लिए नियमित रूप से रिचार्ज करना आवश्यक होता है।

जीरो बैलेंस फ़ास्टैग उपयोग करने वाले लाभार्थी

जब एक फास्टैग उपयोगकर्ता जीरो बैलेंस से अपने वाहन से टोल प्लाजा पर जाता है, तो उसके फास्टैग से स्वतः ही रुपए काटे जाते हैं। इस प्रकार, जब उपयोगकर्ता अपने फास्टैग अकाउंट में पर्याप्त धन नहीं रखता है, तो उसे टोल प्लाजा पर जाते समय बार-बार नकद भुगतान करना पड़ता है। इसलिए, जीरो बैलेंस वाले फास्टैग उपयोगकर्ता को यह लाभ होता है कि उन्हें बार-बार नकद भुगतान करने की जरूरत नहीं होती है। वे टोल प्लाजा पर आसानी से जाते हैं और टोल फीस स्वतः ही उनके फास्टैग अकाउंट से कटती है। इससे उन्हें समय और धन की बचत होती है।
जीरो बैलेंस फ़ास्टैग का इस्तेमाल कहां कहां हो सकता है

जीरो बैलेंस फास्टैग एक वित्तीय सेवा है जो व्यापारों को अपने ग्राहकों के भुगतानों को स्वीकार करने की अनुमति देती है। यह व्यवसायियों को भुगतान प्राप्त करने के लिए फिर से ट्रांजैक्शन फीस पर कटौती करने की अनुमति देता है।

जीरो बैलेंस फास्टैग का उपयोग आमतौर पर रेटेल व्यापारों, ऑनलाइन वित्तीय सेवाओं, ई-कॉमर्स वेबसाइटों, और भुगतान गेटवे प्रदाताओं जैसे समान वितरण प्लेटफार्म, पेटीएम, और रजिस्टर्ड ऑनलाइन भुगतान प्रणाली (ROTP) में किया जाता है।

इसके अलावा, जीरो बैलेंस फास्टैग का इस्तेमाल सरकारी भुगतान पोर्टल, केंद्र सरकार की सेवाओं के लिए भुगतान गेटवे और वित्तीय सेवा प्रदाताओं में भी किया जाता है।

जीरो बैलेंस फ़ास्टैग कैसे बनता है

जीरो बैलेंस फ़ास्टैग एक वित्तीय सेवा है जो भुगतान गेटवे प्रदाताओं द्वारा प्रदान की जाती है। इस सेवा का उपयोग करने के लिए ग्राहकों को उनके खाते में पैसे जमा करने की जरूरत नहीं होती है। इस सेवा का उपयोग करने के लिए ग्राहकों को उनकी भुगतान देने की इच्छा को दर्ज करने की आवश्यकता होती है। इसके बाद, भुगतान गेटवे प्रदाता ग्राहक के बैंक खाते की जानकारी के आधार पर उनके खाते में पैसे ट्रांसफर करता है।

जीरो बैलेंस फ़ास्टैग वित्तीय सेवा के रूप में इस्तेमाल होता है जो भुगतान गेटवे प्रदाताओं द्वारा प्रदान किया जाता है। इसके लिए, भुगतान गेटवे प्रदाता एक बैंक खाते के साथ जुड़ा होता है जिससे वह भुगतान लेने के लिए पैसे ट्रांसफर कर सकता है। जब भी एक ग्राहक भुगतान करता है, भुगतान गेटवे प्रदाता उनके खाते में पैसे ट्रांसफर करता है जो उन्हें उनकी भुगतान के लिए चुकाने की अनुमति देता है

फ़ास्टैग हेल्पलाइन नंबर (FasTag Customer Care Number)

फास्टैग कस्टमर केयर नंबर निम्नलिखित हैं:

नेशनल हाइवे ऑथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) फास्टैग कस्टमर केयर नंबर: 1033 (टोल फ्री)
इसके अलावा, फास्टैग से संबंधित सभी बैंकों के कस्टमर केयर नंबर भी उपलब्ध होते हैं। आप अपने बैंक के कस्टमर केयर नंबर पर संपर्क करके भी फास्टैग से संबंधित किसी भी समस्या का समाधान करवा सकते हैं।

निष्कर्ष

फास्टैग एक डिजिटल टोल पेमेंट सिस्टम है जो भारत में राष्ट्रीय राजमार्गों और कुछ निजी राजमार्गों पर उपलब्ध है। फास्टैग इस्तेमाल करने से वाहन चालकों को टोल बार्नर्स पर रुकने की जरूरत नहीं पड़ती है और अपने वाहन को बिना रुके टोल पेमेंट कर सकते हैं। फास्टैग कस्टमर केयर नंबर 1033 है जिसका इस्तेमाल आप अपनी समस्याओं के समाधान के लिए कर सकते हैं।

FAQs

Q: फास्टैग क्या है?
फास्टैग एक डिजिटल टोल पेमेंट सिस्टम है जो भारत में राष्ट्रीय राजमार्गों और कुछ निजी राजमार्गों पर उपलब्ध है। इसका उपयोग वाहन चालकों को टोल बार्नर्स पर रुकने की जरूरत नहीं पड़ती है और अपने वाहन को बिना रुके टोल पेमेंट करने की सुविधा प्रदान करता है।

Q: फास्टैग कैसे काम करता है?
फास्टैग वाहन के विंडशील्ड पर एक रेडियो फ्रीक्वेंसी आईडेंटिफिकेशन (RFID) टैग के रूप में इंस्टॉल किया जाता है। जब वाहन टोल बार्नर से गुजरता है, तो टोल प्लाजा पर इंस्टॉल किए गए RFID रीडर स्कैन करते हैं और उस वाहन के संबंधित फास्टैग खाते से टोल चार्ज डेबिट करते हैं।

Q: फास्टैग को कैसे अपनाएं?
फास्टैग को आवेदन करने के लिए आप अपने निकटतम बैंक शाखा या डिजिटल तरीकों से आवेदन कर सकते हैं।

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