ग्रीनहाउस का प्रभाव क्या है-हेलो दोस्तों मेरा नाम मोहित है आज में आपको ग्रीनहाउस के प्रभाव बारे में बताने जा रहा हु पृथ्वी पर मौजूद वातावरण ग्रीनहाउस की सतह के रूप में कार्य करता है. सूर्य की ओर से आने वाली प्रकाश किरणों का 31 प्रतिशत भाग पृथ्वी की सतह से पुनः परवर्तित होकर स्पेस में चला जाता है
और 20 प्रतिशत भाग वातावरण के द्वारा अवशोषित कर लिया जाता है. सूर्य से आई ऊर्जा का बचा हुआ भाग, पृथ्वी पर मौजूद समुद्र और सतह पर मौजूद तथ्यों द्वारा अवशोषित कर लिया जाता है. फिर इसे ऊष्मा (heat) में परिवर्तित किया जाता है जो पृथ्वी कि सतह और उपर मौजूद हवाओ को गर्म बनाये रखने में मदत करती है. पृथ्वी के वातावरण में मौजूद कुछ खास गैसें ग्रीनहाउस की सतह के रूप में कार्य करती है, और ऊष्मा को पृथ्वी पर बांधे रखती है.
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ग्रीनहाउस प्रभाव क्या है
ग्रीनहाउस प्रभाव एक प्राकृतिक घटना है, जो पृथ्वी की सतह को गर्म बनाये रखने में मदद करती है और इसी कारण पृथ्वी पर जीवन संभव है. ग्रीनहाउस में सूर्य की ओर से आने वाली ऊर्जा प्रकाश किरणों के रूप में एक सतह को पार करके ग्रीनहाउस तक आती है. इस सूर्य की ओर से आने वाली ऊर्जा का कुछ भाग मिट्टी, पेड़ पौधों और ग्रीनहाउस के अन्य साधनों द्वारा अवशोषित कर लिया जाता है. इस अवशोषित ऊर्जा का अधिक्तर भाग ऊष्मा(heat) में परिवर्तित हो जाता है, जो ग्रीनहाउस को गर्म बनाये रखता है. ग्रीनहाउस में मौजूद सतह इस ऊष्मा को बांधे रखती है, और ग्रीनहाउस का तापमान निश्चित बनाये रखने में मदत करती है.
ग्रीनहाउस का प्रभाव क्या है-ग्रीनहाउस में उपस्थित गैसें ऊष्मा को अवशोषित करती है, जिससे पृथ्वी का तापमान बढ़ जाता है, और अन्य ग्रहों की तुलना में पृथ्वी पर जीवन संभव हो पाता है. सबसे जरूरी ग्रीनहाउस गैस पानी से उत्पन्न वाष्प है और ग्रीनहाउस प्रभाव में यह बहुत अधिक उपयोगी है. अन्य गैसें जिसमें कार्बन डाई ऑक्साइड, मेंथेन और नाइट्रस ऑक्साइड आदि शामिल है, वो भी ग्रीनहाउस प्रभाव में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, हालाँकि इसके शामिल होने का प्रतिशत बहुत ही कम होता है.
अगर पृथ्वी पर ग्रीनहाउस प्रभाव नहीं होता तो, पृथ्वी अभी से कहीं ज्यादा ठंडी होती और पृथ्वी का तापमान 18 C होता. पृथ्वी पर जलवायु में गर्माहट बहुत ही महत्वपूर्ण है, क्यूकी हमारी पृथ्वी के तीन चौथाई भाग पर पानी है और यह पानी बर्फ, तरल और वाष्प तीन रूपों में पृथ्वी पर मौजूद है. पृथ्वी पर मौजूद जल चक्र के कारण पानी एक रूप से दूसरे रूप में परिवर्तित होता रहता है, और हमें अपने जीवन को नियमित बनाये रखने के लिए पीने योग्य पानी मिलता है. यह पृथ्वी के तापमान को नियंत्रित रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.
ग्रीनहाउस गैसों के संदर्भ में जानकारी
ग्रीनहाउस गैस का नाम कार्बनिक नाम पर्यावरण में इस गैस का प्रतिशत
भाप (Water vapor) | H2O | 36-70% |
कार्बनडाई ऑक्साइड | CO2 | 9-26% |
मेथेन | CH4 | 4-9% |
नाइट्रस ऑक्साइड (Nitrous oxide) | N2O | 3-7% |
ओज़ोन | O3 | – |
Chlorofluorocarbons | CFCs | – |
ग्रीनहाउस प्रभाव में वृद्धि
ग्रीनहाउस का प्रभाव क्या है-पिछले कुछ वर्षो से विश्व के तापमान में लगातार वृद्धि देखी जा रही है इसका मुख्य कारण ग्रीनहाउस गैसों की वृद्धि है. इन ग्रीनहाउस गैसों में वृद्धि और पृथ्वी के तापमान में वृद्धि के मुख्य कारण मानव द्वारा निर्मित किए हुये है. मनुष्य ने अपनी सुख सुविधाओ के लिए पेड़ो और वनों को नष्ट करते जा रहा है. जीवाष्म इंधनों का अंधाधुन रूप से प्रयोग हो रहा है, इसके परिणाम स्वरूप पृथ्वी का तापमान अब पहले से 11 डिग्री सेल्सियस बढ़ चुका है और कहा जा रहा है सन 2030 तक यह तापमान 5 डिग्री सेल्सियस और बढ़ जायेगा. इसके कई दुष्परिणाम भी हमें देखने मिल रहे है, जैसे रेगिस्तान में बाढ़ का आना, अतिवर्षा वाले क्षेत्रों में वर्षा कि कमी होना तथा ग्लेशियर पर मौजूद बर्फ भी पिघलने लगी है. और यदि आगे भी यह सब ऐसा ही चलता रहा तो वह दिन भी दूर नहीं जब पृथ्वी अपने विनाश की ओर अग्रसर होगी. कहा जाता है कि अगर पृथ्वी का तापमान इसी तरह बढ़ता रहा तो कई जगह गर्म हवाओ के तूफान उठेंगे तो कही समुद्र का जलस्तर भी बढ़ जायेगा और निचले हिस्से में मौजूद देश जलमग्न हो जायेंगें. पीने और सिचाई के लिए भी पानी मौजूद नहीं होगा, वन और पेड़ पोधे भी नष्ट होने लगेंगे. इसलिए आज जरूरत है कि हम बढ़ते हुये प्रदूषण को नियंत्रित करे और अपनी पृथ्वी के अस्तित्व को खोने से बचाये
ग्रीनहाउस प्रभाव की प्रक्रिया
नीचे कुछ स्टेप्स में हम ग्रीनहाउस प्रभाव को आपको समझाने कि कोशिश कर रहे है, जिससे आप इसे सरलता से समझ सकते है.
पर्यावरण / जलवायु में परिवर्तन के कारण
ग्रीनहाउस का प्रभाव क्या है-मौसम और जलवायु दोनों एक दूसरे से बहुत अलग है, मौसम में परिवर्तन आम बात और हम साल में तीन मौसम ठंड, गर्मी और बारिश का अनुभव भी करते है. इस मौसम में हुये परिवर्तन को हम आसानी से समझ लेते है परंतु जलवायु में परिवर्तन अत्यंत धीमा होता है और हम इस धीमी प्रक्रिया में हम सामंजस्य भी आसानी से बैठा लेते है और इस परिवर्तन को समझ नहीं पाते. परंतु यह जलवायु में हुआ परिवर्तन पृथ्वी और इस पर उपस्थित जीवो के लिए अत्यंत खतरनाक है. जलवायु में परिवर्तन के कारण प्राकृतिक और मानव निर्मित दोनों ही है. प्राक्रतिक कारणों पर तो हमारा कोई नियंत्रण नहीं है परंतु मानव द्वारा निर्मित कारणों को नियंत्रित करके हम पृथ्वी के अस्तित्व और भविष्य में होने वाली कठिनाइयों से खुद को बचा सकते है. इसके लिए हुमें जलवायु परिवर्तन के करणों पर गौर करना पड़ेगा .
जलवायु परिवर्तन के कारण
- प्राक्रतिक कारण
- महाद्वीपों का खिसकना
- ज्वालामुखी
- समुद्री तरंगे
धरती का घुमाव
ग्रीनहाउस का प्रभाव क्या है-मानवीय कारण : कई ऐसे मानवीय कारण है, जिसके फलस्वरूप पर्यावरण में ग्रीनहाउस गैसों का स्तर बढ़ रहा है जिसके फलस्वरूप जलवायु में भी परिवर्तन हुये है और वो ग्लोबल वार्मिंग का बहुत बड़ा कारण है,
जीवाष्म इंधनों जैसे कोला, पेट्रोल, प्राक्रतिक गैसे आदि के प्रयोग से अधिक मात्रा में कार्बन डाई ऑक्साइड पर्यावरण में मुक्त हो रही है.
वनों के लगातार कटाव से उनके द्वारा अवशोषित की जाने वाली कार्बनडाई ऑक्साइड का स्तर पर्यावरण में बढ़ रहा है.
औद्योगीकरण के चलते नवीन ग्रीनहाउस गैसे भी पर्यावरण में आवश्यकता से अधिक मात्रा में शामिल हो रही है जिससे तापमान लगातार बढ़ रहा है.
जल्द अपघटित न हो सकने वाले समान जैसे प्लास्टिक आदि के प्रयोग से.
खेती में उर्वरक कीटनाशको के छिड़काव से भी पर्यावरण प्रदूषण बढ़ा है.
घर बनाने और ओद्योगीकरन के लिए जमीन प्राप्त करने के उद्देश्य से पेड़ो की कटाई के चलते भी पर्यावरण प्रदूषण बढ़ा है.
यह सभी कारण प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से हमारे पर्यावरण को प्रभावित करते है. हम सभी को इन सभी कारणों को नियंत्रित करने के लिए प्रयास करके अपने भविष्य को बचाने की ओर कदम बढ़ाना चाहिए और अपने आगे वाली पीढ़ी को भी इस दिशा में शिक्षित करना चाहिए.
जलवायु परिवर्तन में सुधार कैसे लाया जा सकता है
ग्रीनहाउस का प्रभाव क्या है-यदि जलवायु परिवर्तन होने से पृथ्वी पर अनेक तरह के बदलाव हो रहे हैं, अगर ग्रीनहाउस के प्रभाव में बदलाव आता है तो एक समय ऐसा आएगा की पृथ्वी पर मानव जीवन मुश्किल हो सकता है. जलवायु परिवर्तन में सुधार के लिए हमें यह प्रयास करने होंगे.
अपने आस-पास के क्षेत्र में ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगायें.
इंधन से चलने वाले वाहनों का उपयोग कम करना होगा.
समुन्द्र एंव नदियों को साफ़ रखना होगा.
कारखानों से निकलने वाले कचरे को दुबारा उपयोग में लाना होगा.
अगर खेतों में कीटनाशक का उपयोग करते हैं तो उसे कम करना होगा.
विश्व मौसम विज्ञान दिवस
ग्रीनहाउस का प्रभाव क्या है-विश्व मौसम विज्ञान दिवस हर साल 23 मार्च को पूरी दुनिया में मनाया जाता है। इस दिवस की शुरूआत सन् 1950 में विश्व मौसम विज्ञान संगठन की स्थापना के दौरान की गई। इस साल इस दिन को 73 साल पूरे हो जाएगे। आपको पता है कि, ये दिन क्यों मनाते हैं। इस दिन को मनाने के पीछे का मुख्य कारण है लोगों को मौसम विज्ञान और इसमें हो रहे बदलावों के बारे में लोगों को जागरूक कराना। क्योंकि पता नहीं कि, कब कौनसी आपदा आपके सामने आ जाए। जिससे आपको खुद बचना पड़ सके। जैसे- भूकंप, प्राकृतिक आपदा, चक्रवात आदि। इनसे सुरक्षित रखने के लिए आपको इस दिन कुछ खास बातें वैज्ञानिकों द्वारा बताई जाती हैं। जिसका आपको ध्यान रखना होता है। आपको बता दें कि, हर साल इस दिन को अलग-अलग थीम के अनुसार मनाया जाता है। जैसे साल 2022 में इसे ‘प्रारंभिक चेतावनी और प्रारंभिक कार्रवाई’ थीम के हिसाब से मनाया था। ऐसे ही इस साल भी इसकी थीम चुनी जाएगी। जिसका चुनाव मौसम विज्ञान विभाग में काम कर रहे लोग करेंगे। लेकिन फिलहाल इस साल की थीम से जुड़ी जानकारी अभी साझा नहीं की गई है। जिसके कारण किसी को नहीं पता की इस दिन को कैसे मनाया जाएगा।
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