गुप्त नवरात्रि, जिसे अन्य नामों में चैत्र नवरात्रि और वसंत नवरात्रि भी कहा जाता है, एक हिंदू त्योहार है जो भारतीय हिंदू कैलेंडर के अनुसार चैत्र मास के शुक्ल पक्ष में मनाया जाता है। यह नवरात्रि त्योहार का एक प्रकार है और इसे आधिकारिक रूप से आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष के दूसरे दिन से शुरू होकर अष्टमी तिथि तक चलता है।
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गुप्त नवरात्रि क्या है?
यह नवरात्रि का त्योहार मुख्य रूप से उत्तर भारत में मनाया जाता है, खासकर उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, और पश्चिम बंगाल में यह बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। इसे माता दुर्गा की पूजा के रूप में मनाया जाता है, जब भगवान शिव की पत्नी पार्वती आदि रूपों में माता दुर्गा का आविर्भाव हुआ था। यह नवरात्रि के दौरान, लोग माता दुर्गा की पूजा करते हैं और उन्हें अर्पित किए जाने वाले विभिन्न प्रकार के प्रसाद भोजन करते हैं। पंडालों को सजाया जाता है और माता दुर्गा की मूर्ति विशेष ध्यान आकर्षित करती है। यह त्योहार नृत्य, गीत और पाठशालाओं के साथ मनाया जाता है। यह नवरात्रि के दौरान लोग रंगबिरंगे परिधान पहनते हैं और खुशी के साथ मनाते हैं।
गुप्त नवरात्रि क्या है? क्यों मनाई जाती है?- गुप्त नवरात्रि को “गुप्त” कहा जाता है क्योंकि इसके मनाने की प्रथा छिपी होती है और यह उत्सव बड़ी धीमी गति से मनाया जाता है। यह नवरात्रि उत्सव का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और हिंदू धर्म की सांस्कृतिक और धार्मिक परंपराओं का महत्वपूर्ण त्योहार है।
गुप्त नवरात्रि क्यों मनाई जाती है?
गुप्त नवरात्रि को गुप्त (Gupta) कहा जाता है क्योंकि इसे छिपी हुई या गुप्त रूप से मनाया जाता है। इसका कारण उस समय के ऐतिहासिक और सामाजिक परिस्थितियों से जुड़ा है।
इतिहास के अनुसार, गुप्त नवरात्रि का मनाना गुप्तकालीन युग में हुआ था, जब भारतीय समाज पर मुस्लिम शासन राज्यों का प्रभाव था। मुस्लिम शासनकाल में हिंदू धर्म के उत्सवों को प्रतिबंधित किया गया था और हिंदू समुदाय ने अपने धार्मिक और सांस्कृतिक आयामों को गुप्त रखने का तरीका अपनाया। इसलिए, वे नवरात्रि त्योहार को गुप्त रूप से मनाने लगे जिससे उन्हें परेशानी न हो और यह रूप अपनाने में सक्षम रहें।
गुप्त नवरात्रि में माता दुर्गा की पूजा की जाती है और इसे अधिकांश गृहस्थ हिंदू परिवारों ने अपनाया है। इस नवरात्रि के दौरान, माता दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है जिसे नौवरात्रि कहा जाता है।
दूसरी नवरात्रि से क्यों अलग है?
गुप्त नवरात्रि दूसरी नवरात्रि से अलग है क्योंकि इन दोनों त्योहारों का मनाने का समय और तारीख़ भिन्न होती है। यह भिन्नता हिंदू पंचांग और धार्मिक ग्रंथों के आधार पर होती है।
पहली नवरात्रि, जिसे गुप्त नवरात्रि या वसंत नवरात्रि कहा जाता है, चैत्र मास के शुक्ल पक्ष में मनाई जाती है। यह नवरात्रि उत्तर भारतीय प्रदेशों में विशेष रूप से मनाई जाती है और माता दुर्गा की पूजा के रूप में जानी जाती है।
दूसरी नवरात्रि, जिसे शरद नवरात्रि कहा जाता है, अश्विन मास के शुक्ल पक्ष में मनाई जाती है। यह नवरात्रि भारत भर में बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाई जाती है और माता दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। इस अवधि में भक्ति, पूजा, आरती, जगराता और व्रत के साथ अधिकांश हिंदू परिवारों में मनाया जाता है।
दोनों नवरात्रियों में माता दुर्गा की पूजा की जाती है, लेकिन इनके मनाने के समय में अंतर होता है और विभिन्न प्राथमिकताएं होती हैं। गुप्त नवरात्रि को छिपी हुई परंपरा के तहत मनाया जाता है, जबकि शरद नवरात्रि को बड़े उत्साह और जश्न के साथ मनाया जाता है।
गुप्त नवरात्रि मंत्र
दिन तक मां दुर्गा के मंत्र ऊँ जयन्ती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी। दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते।। का जाप करने से ये सिद्ध हो जाता है. जाप की संख्या 1 लाख होनी चाहिए
गुप्त नवरात्रि का महत्व
गुप्त नवरात्रि का महत्व हिंदू धर्म में विशेष मान्यता रखता है। यह त्योहार माता दुर्गा की पूजा और अराधना को समर्पित होता है और इसके द्वारा उनकी आशीर्वाद की प्राप्ति की जाती है। यह त्योहार धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक दृष्टियों से महत्वपूर्ण है।
गुप्त नवरात्रि के दौरान माता दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। हर रूप की पूजा से भगवान माता के विभिन्न गुणों और शक्तियों का प्रतीक प्रदर्शन होता है। इसे नौवरात्रि कहा जाता है, और प्रत्येक दिन एक रूप की पूजा और आराधना की जाती है। नौवरात्रि के दौरान लोग व्रत रखते हैं, पूजा करते हैं, मंत्र जाप करते हैं और माता की कथा और आरती गाते हैं।
गुप्त नवरात्रि में माता दुर्गा की पूजा करने से मान्यता है कि यह भक्त को सुख, समृद्धि, स्वास्थ्य, समृद्धि और सुख-शांति प्रदान करती है। इसके अलावा, यह त्योहार भक्ति और साधना का एक महान मौका है
गुप्त नवरात्रि में क्या खाना चाहिए
गुप्त नवरात्रि क्या है? क्यों मनाई जाती है?- सूखे मेवों से बनी चीजें खायी जाती है यह व्रत में मूंगफली और मखाने को तल कर खाया जाता है
नवरात्रि के व्रत में आप बीच-बीच में मखाने खा सकते हैं. व्रत में आलू के अलावा शकरकंद भी खूब खाया जाता है
गुप्त नवरात्रि में पूजा कैसे करें
नवरात्रि में 9 दिन के लिए कलश स्थापना की जाती है और दोनों समय मंत्र जाप, दुर्गा चालीसा या सप्तशती का पाठ करना होता है और सुबह शाम आरती करना शुभ माना जाता है मां दुर्गा को दोनों समय लौंग और बताशा का भोग लगा सकते हैं