Tuesday, April 30, 2024
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Hazrat Ibrahim Story In Hindi- जानिए पूरा शुरुआती से इतिहास

Hazrat Ibrahim Story In Hindi- हज़रत इब्राहीम अलैहिस्सलाम, जिन्हें ख़लीलुल्लाह (अल्लाह का दोस्त) भी कहा जाता है, इस्लाम धर्म के छह प्रमुख पैगंबरों में से एक हैं। वे एकेश्वरवाद के प्रबल समर्थक थे और उन्होंने मूर्तिपूजा के खिलाफ आवाज उठाई थी।

 Hazrat Ibrahim Story हिंदी 

 Hazrat Ibrahim Story In Hindi- जानिए पूरा शुरुआती से इतिहास-हज़रत इब्राहीम (Hazrat Ibrahim) इस्लामी धर्म के महत्वपूर्ण धर्मिक व्यक्तित्वों में से एक हैं। उन्हें अंग्रेजी में “Abraham” के नाम से भी जाना जाता है। इब्राहीम इस्लाम, यहूदी धर्म, और ईसाई धर्म के प्रमुख पितामह माने जाते हैं।

इस्लामी परंपरा के अनुसार, हज़रत इब्राहीम को एक पूरी तरह से ईश्वर में विश्वास रखने वाले धर्म निरपेक्ष व्यक्ति के रूप में प्रस्तुत किया जाता है। उन्हें एक सच्चे और भक्तिमय धर्मगुरु के रूप में भी देखा जाता है जो अपने आध्यात्मिक अनुभवों के माध्यम से लोगों को प्रेरित करते थे।

इब्राहीम की कहानी कई धार्मिक ग्रंथों में पाई जाती है, जैसे कि इस्लामी कुरान और बाइबिल के पुराण। उनकी सबसे प्रसिद्ध कहानी में से एक है उनकी पुत्रहत्या का परीक्षण (Sacrifice of Ishmael/Ishmael) जो कुरान में “इस्माइल” (Ismail) के रूप में उल्लेखित है। इसमें उनका पुत्र, जिसे उन्होंने अल्लाह के आदेश के अनुसार बलिदान के लिए प्रस्तुत किया था, को उनकी पत्नी हाजरा के साथ मक्का में छोड़ दिया गया था।

हजरत इब्राहिम कौन है?

इब्राहीम को इस्लाम में एक महान नबी और मज़हब  के रूप में माना जाता है और उनके साथ कई महत्वपूर्ण घटनाएं और सीखें जुड़ी हैं जो आज भी इस्लामी संस्कृति में महत्वपूर्ण है Hazrat Ibrahim Story In Hindi

Hazrat Ibrahim जीवन की कहानी 

  • हज़रत इब्राहीम का जन्म लगभग 2000 ईसा पूर्व बाबुल (वर्तमान इराक) में हुआ था।
  • उनका परिवार मूर्तिपूजक था, लेकिन हज़रत इब्राहीम बचपन से ही एकेश्वरवाद में विश्वास रखते थे।
  • उन्होंने लोगों को मूर्तिपूजा छोड़कर एक सच्चे ईश्वर की पूजा करने का आह्वान किया।
  • राजा नमरूद, जो उस समय बाबुल पर शासन कर रहा था, मूर्तिपूजा का कट्टर समर्थक था। उसने हज़रत इब्राहीम को आग में जलाने का आदेश दिया, लेकिन ईश्वर की कृपा से वे आग से भी सुरक्षित रहे।
  • हज़रत इब्राहीम ने अपनी पत्नी हज़रत हाजरा और अपने पुत्र हज़रत इस्माइल को मक्का में छोड़ दिया।
  • वहां उन्होंने काबा की नींव रखी, जिसे मुसलमानों का सबसे पवित्र स्थान माना जाता है।
  • हज़रत इब्राहीम ने अपने जीवन में अनेक कठिनाइयों का सामना किया, लेकिन वे सदैव ईश्वर के प्रति समर्पित रहे।

हजरत इब्राहिम अलैहिस्लाम का जीवन का महत्व

Hazrat Ibrahim Story In Hindi- जानिए पूरा शुरुआती से इतिहास-हज़रत इब्राहीम को तीनों प्रमुख धर्मों – यहूदी, ईसाई और इस्लाम में मान्यता प्राप्त है। उन्हें एकेश्वरवाद के प्रथम प्रचारक माना जाता है। हज़रत इब्राहीम की आज्ञाकारिता और ईश्वर के प्रति समर्पण मुसलमानों के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं। हज और ईद-उल-अज़हा जैसे त्यौहार हज़रत इब्राहीम की याद में मनाए जाते हैं।

हजरत इब्राहिम ने अपने बेटे की कुर्बानी क्यों दी?

Hazrat Ibrahim Story In Hindi- अल्लाह ने हजरत इब्राहिम को सपने में आदेश दिया कि वे अपनी सबसे प्यारी चीज कुर्बान कर दें। हजरत इब्राहिम के लिए, उनका बेटा इस्माइल उनकी सबसे प्यारी चीज थी। आज्ञा का पालन करते हुए, हजरत इब्राहिम ने अपने बेटे को कुर्बान करने का फैसला लिया। लेकिन, ठीक उसी समय जब वे ऐसा करने जा रहे थे, अल्लाह ने उनकी परीक्षा ली और उन्हें एक भेड़ की बलि देने का आदेश दिया।

हजरत इब्राहिम के इस त्याग को हर साल बकरीद के त्योहार के रूप में याद किया जाता है। इस दिन, मुसलमान दुनिया भर में जानवरों की कुर्बानी देते हैं और जरूरतमंदों में मांस बांटते हैं।

Q:- हजरत इब्राहिम की पहली पत्नी कौन थी?

सारा हाजिरा (concubine) केतुरा

Q:- पैगंबर इब्राहिम का पहला बेटा कौन है?

इस्माइल

Q:- हजरत इब्राहिम अलैहिस्सलाम के वालिद का नाम

हजरत इब्राहिम अलैहिस्सलाम के वालिद का नाम आजर था।

Q:-पैगंबर इब्राहिम कौन सी भाषा बोलते थे?

असीरियन और अरामी

Q:-इस्लाम में सबसे बड़ा पैगंबर कौन है?

मुहम्मद सल्लल्लाहुअलैहि वसल्लम

 

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