Tuesday, April 30, 2024
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कर्बला का वाकया Karbala Ka Waqia in Hindi

कर्बला का वाकया Karbala Ka Waqia in Hindi- कर्बला इराक में स्थित एक शहर है, जो हज़रत इमाम हुसैन और उनके साथियों की शहादत के लिए जाना जाता है। यह घटना 10 अक्टूबर 680 ईस्वी (10 मुहर्रम 61 हिजरी) को हुई थी, और इसे शिया मुसलमानों द्वारा इस्लाम के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ माना जाता है।

कर्बला का इतिहास

कर्बला का वाकया-  कर्बला की जंग 10 मुहर्रम, 61 हिजरी (10 अक्टूबर, 680 ईसा पूर्व) को हुई थी, और इसमें हज़रत इमाम हुसैन (अलैहिस्सलाम) और उनके साथी और अनुयायी मातम के दौरान शहीद हुए थे। कर्बला की जंग में उनके साथियों और अनुयायियों की कुल संख्या पर विभिन्न रिपोर्ट्स हैं, लेकिन आमतौर पर यह माना जाता है कि उनकी संख्या कुछ सवा सौ से कुछ हज़ार तक थी। इस घटना में हज़रत इमाम हुसैन (अलैहिस्सलाम) के साथियों और अनुयायियों की बहुत बड़ी परिस्थितियों थी और उन्होंने नबी मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) के धर्मिक और सामाजिक मूल्यों की रक्षा करने के लिए जान की बाजी लगाई थी। उनकी बलिदानी आत्मा इस्लामी इतिहास में महत्वपूर्ण घटना के रूप में याद की जाती है, और इसे मुहर्रम और आशूरा के दिनों पर याद किया जाता है। कर्बला का वाकया Karbala Ka Waqia in Hindi

कर्बला का वाकया Karbala Ka Waqia in Hindi

कर्बला का वाकया Karbala Ka Waqia in Hindi- कर्बला का वाकया, जो इस्लाम में असुर-ए-मोहर्रम (मुहर्रम का दसवां दिन) के रूप में जाना जाता है, इमाम हुसैन और उनके अनुयायियों की शहादत की दुखद घटना को याद करता है।

यह घटना 680 ईस्वी में इराक के कर्बला शहर में हुई थी। हुसैन, पैगंबर मुहम्मद के नवासे और चौथे खलीफा, अली के बेटे थे। उमय्याद खलीफा, याज़ीद के शासन के खिलाफ विद्रोह करने के बाद, हुसैन और उनके अनुयायियों को कर्बला की रेगिस्तानी भूमि में घेर लिया गया था।

कर्बला का वाकया- 72 लोगों के एक छोटे समूह के खिलाफ याज़ीद की सेना के हज़ारों सैनिकों ने लड़ाई लड़ी। तीन दिनों तक घेराबंदी और लड़ाई के बाद, इमाम हुसैन और उनके सभी अनुयायी शहीद हो गए।

कर्बला का वाकया शिया मुसलमानों के लिए विश्वास और बलिदान का प्रतीक है। यह न्याय के लिए अत्याचार के खिलाफ संघर्ष और असत्य के सामने सत्य के डटे रहने का प्रतीक भी है।

कर्बला की घटना को मुहर्रम के महीने में शोक और स्मरण के साथ याद किया जाता है। शिया मुसलमान मातम करते हैं, नमाज़ पढ़ते हैं, मजलिसे आयोजित करते हैं, और इमाम हुसैन और उनके बलिदान को याद करते हैं।

कर्बला का युद्ध क्यों हुआ था?

कर्बला का युद्ध, जो 680 ईस्वी में इराक के कर्बला शहर में हुआ था, इमाम हुसैन और उमय्याद खलीफा, यज़ीद के बीच राजनीतिक और धार्मिक मतभेदों के कारण हुआ था।

यज़ीद को उमय्याद खलीफा मुआविया ने अपना उत्तराधिकारी नियुक्त किया था, जो इस्लाम में वंशवादी शासन की स्थापना करने वाला पहला व्यक्ति था। हुसैन और कई अन्य मुसलमान वंशवादी शासन के खिलाफ थे और उनका मानना था कि खलीफा का चुनाव मुसलमानों द्वारा चुनाव के माध्यम से किया जाना चाहिए यज़ीद एक अत्याचारी और अनैतिक शासक के रूप में जाना जाता था, और हुसैन ने उसके शासन को अस्वीकार कर दिया था।

हुसैन और उनके समर्थक अहल-ए-बैत (पैगंबर मुहम्मद के परिवार) के सदस्य थे, और उनका मानना था कि धार्मिक नेतृत्व मुहम्मद के वंशजों में ही रहना चाहिए। यज़ीद सुन्नी मुसलमान था, और उसका मानना था कि खलीफा कोई भी मुसलमान हो सकता है, चाहे वह मुहम्मद का वंशज हो या न हो। हुसैन ने यज़ीद को धर्म से भटक गया और अनैतिक जीवन जीने वाला व्यक्ति माना।

कर्बला का मैदान दिखाओ

कर्बला का वाकया Karbala Ka Waqia in Hindi
कर्बला का वाकया

KARBALA KA VAQYA

कर्बला में हुई जंग में कितने लोग शहीद हुए कर्बला के 72 शहीदों के नाम

  • इमाम हुसैन रज़ि अल्लाहु अनहु
  • अब्बास बिन अली
  • अली अकर बिन हुसैन
  • हज़रत अली असगर बिन हुसैन
  • अब्दुल्ला बिन अली
  • जफर बिन अली
  • उस्मान बिन अली
  • अबू बकर बिन अली
  • अबू बकर बिन हसन बिन अली
  • हज़रत कसीम बिन हसन बिन अली
  • अब्दुल्लाह बिन हसन
  • ऐन बिन अब्दुल्ला बिन जाफर
  • मोहम्मद बिन अब्दुल्ला बिन जाफर
  • अब्दुल्ला बिन मुस्लिम बिन अकील
  • मोहम्मद बिन मुस्लिम
  • मोहम्मद बिन सईद बिन अकील
  • अब्दुल रहमान बिन अकील
  • जफर बिन अकील
  • यूएन बिन हर्स असदी
  • हबीब बिन मज़हिर असदी
  • मुस्लिम बिन आजाजा आदी
  • कयेस बिन मस्सर असदी
  • अबू सममा उमर बिन अब्दुल्ला
  • बोरर हमदानी
  • हनाला बिन असद
  • अबीस शकरी
  • अब्दुल रहमान रहबी
  • सैफ बिन हरस
  • आमेर बिन अब्दुल्लाह हमानी
  • जुनादा बिन हर्स
  • मजमा बिन अब्दुल्ला
  • नाफी बिन हलाल
  • हज़ाज बिन मासरुक़
  • उमर बिन क़रज़ा
  • अब्दुल रहमान बिन अब्द-ए-रुब
  • जुनदा बिन कब
  • अमान बिन जानदा
  • नामीम बिन अजलन
  • साद बिन हरस
  • ज़ुहिर बिन काइन
  • सलमान बिन मज़ीरब
  • सईद बिन उमेर
  • अब्दुल्ला बिन बसीर
  • यजीद बिन ज़ेड कंडी
  • हार्ब बिन उमर-उल-कैसा
  • जहीर बिन अमीर
  • बशीर बिन अमीर
  • अब्दुल्ला अरवा गहफ़ारी
  • झोन गुलाम अबू ज़ार गफरी
  • अब्दुल्ला बिन अमीर
  • अब्दुल अला बिन यज़ीद
  • सलीम बिन अमीर
  • कसीम बिन हबीब
  • ज़ेड बिन सलीम
  • नोमन बिन उमेर
  • यजीद बिन सबीट
  • अमीर बिन मुस्लिम
  • सैफ बिन मलिक
  • जबीर बिन हज्जाजी
  • मसूद बिन हज्जाजी
  • अब्दुल रहमान बिन मसूद
  • बकर बिन हई
  • अमार बिन हसन ताई
  • जरुगामा बिन मलिक
  • काना बिन अटेक
  • एकबा बिन सुल्तान
  • हुर बिन यज़ीद तामीमी
  • एकबा बिन सुल्तान
  • हबला बिन अली शिबानी
  • कानाब बिन उमर
  • अब्दुल्ला बिन याक़टर
  • इमाम-ए-सज्जाद

Q:- कर्बला में सबसे पहले किसकी मृत्यु हुई?

कर्बला में सबसे पहले हज़रत अब्बास (रदियल्लाहु अन्हु) की मौत हुई थी। वह हज़रत इमाम हुसैन (रदियल्लाहु अन्हु) के बहुत ही वफादार और बहादुर भाई थे।

Q:-कर्बला के बाद कौन जिंदा बचा था?

  • अली असग़र: इमाम हुसैन का छह महीने का बेटा, जिसे लड़ाई के दौरान शहीद कर दिया गया था।
  • अब्दुल्लाह इब्न हुसैन: इमाम हुसैन का बेटा, जो बीमार था और लड़ाई में भाग नहीं ले पाया था।
  • सुकैना: इमाम हुसैन की बेटी, जिसे बंदी बना लिया गया था और बाद में यजीद के दरबार में ले जाया गया था।
  • फातिमा: इमाम हुसैन की बहन, जिसे भी बंदी बना लिया गया था और बाद में यजीद के दरबार में ले जाया गया था।
  • जैनब: इमाम हुसैन की बहन, जिन्होंने कर्बला से यजीद के दरबार तक बंदी महिलाओं का नेतृत्व किया और वहां एक प्रसिद्ध भाषण दिया।

Q:- हुसैन को मारने वाले कौन थे?

हुसैन को मारने वाले हज़रत इब्ने साबा और यजीद के सेना के सैनिक थे।

Q:- कर्बला के शहीदों को किसने दफनाया?

कर्बला के शहीदों को उनके सहाबी हज़रत इमाम हुसैन के भाई हज़रत अब्बास (रदिअल्लाहु अन्हु) ने दफ़नाया था। वे कर्बला के युद्ध में भी बहुत बड़ी प्रतिष्ठा प्राप्त किया था।

 

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