Monday, April 29, 2024
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कैसे बनाये सकारात्मक सोच How to Develop Positive Thinking in hindi

कैसे बनाये सकारात्मक सोच-हेलो दोस्तों मेरा नाम मोहित है आज में आपको कैसे बनाये सकारात्मक सोच के बारे में बताने जा रहा हु। सकारात्मकता एक तरह की सोच है जो कि व्यक्ति के दिल दिमाग और मन पर निवास करती है इस सोच की कोई उचित परिभाषा नहीं हो सकती लेकिन अगर हम यहां सकारात्मकता का अर्थ बताएं तो यह ऐसी सोच होगी जिसके कारण किसी भी व्यक्ति के मन दिल और दिमाग पर कोई भार महसूस नहीं होगा इस सोच को परिभाषित नहीं किया जा सकता बल्कि महसूस किया जा सकता है अगर आप किसी भी दुविधा में हैं और कई तरह की विचारधाराओं से गिरे हुए हैं तो उनमें से वही विचार आपके लिए सकारात्मक होगा जो आपके मन दिल और दिमाग को शांति देगा।

सकारात्मक सोच के लाभ

कैसे बनाये सकारात्मक सोच-कठिन से कठिन समय में अगर व्यक्ति सकारात्मक सोच को अपने अंदर धारण करता है तो उसे कई तरह के लाभ मिलते हैं यह लाभ मनोवैज्ञानिक एवं शारीरिक दोनों हो सकते हैं।

मनोवैज्ञानिक लाभ

सकारात्मक सोच के कारण व्यक्ति का दिल दिमाग शांत रहता है वह खुश रहता है वह संतुष्ट रहता है जिस वजह से उसके आसपास के व्यक्ति भी उससे खुश रहते हैं और इस तरह का व्यक्ति कभी भी निराश नहीं होता दुखी नहीं होता।

शारीरिक लाभ

कैसे बनाये सकारात्मक सोच-मनोवैज्ञानिक रूप से अगर कोई व्यक्ति स्वास्थ्य है और खुश है तो इस तरह के व्यक्ति को किसी भी तरह की बीमारी नहीं होती तो सकारात्मक सोच जिस तरह से व्यक्ति के दिल और दिमाग को शांत करती है उसी तरह से व्यक्ति के शरीर को भी स्वस्थ रखती है।

कैसे बनाये सकारात्मक सोच-सकारात्मक सोच एक शक्ति, एक शस्त्र है, जो भगवान् ने हमें दिया. इसका प्रयोग कर हम बड़े से बड़े युध्य में विजय प्राप्त कर सकते है. जीवन में हमें कई तरह की परेशानियाँ आती है, ऐसा कोई नहीं है, जिसके जीवन में कोई कठिनाई, परेशानी न हो. हर इन्सान के पास परेशानी है, लेकिन हर इन्सान परेशान, रोता हुआ तो नहीं दिखता. परेशानी के समय भी जो अपनी सोच में काबू रखते है, वे ही उससे लड़कर आगे सफल हो पाते है. मनुष्य के मन में 2 तरह के विचार होते है, सकारात्मक और नकारात्मक.

सकारात्मक विचार भगवान की ओर से आते है, जबकि नकारात्मक सोच शैतान का काम है. आप कैसे बनाये सकारात्मक सोच-माने या न माने लेकिन इस दुनिया में जैसे भगवान है, वैसे ही शैतानी ताकत भी है. मन में गलत विचार लाना, अपने ही बारे में बुरी सोच ये शैतानी शक्ति ही देती है. ऐसा कौन इन्सान है जो अपने व अपने लोगों के लिए बुरा करना या सोचना चाहेगा. लेकिन शैतान ऐसा ही है, वो चाहता है, मनुष्य की सोच उसके हिसाब से चले, इसलिए वो हर वो बात जो हमारी भलाई के लिए नहीं है, हमारे मन में डालेगा.

सकारात्मक सोच कैसे बनाये

कैसे बनाये सकारात्मक सोच-कहते है पॉजिटिव थिंकिंग वाले लोग ही जीवन में सफल हो पाते है. आपके मन के विचार आपके स्वाभाव के द्वारा सबके सामने आते है. सकारात्मक सोच वालों के आस पास सभी लोग रहना पसंद करते है. सकारात्मक सोच के लिए सुबह उठते ही आईने के सामने खड़े होकर ये प्रक्रिया अपनाएं

  • मुस्कराओ
  • आज मेरा दिन है
  • मुझे पता है, मैं आज सबसे बेस्ट जगह में हूँ.
  • मुझे पता है, मैं विजेता हूँ.
  • मैं अपने लिए खुद ज़िम्मेदार हूँ.
  • अपनी डेस्टिनी मै खुद चुन सकता हूँ.
  • मुझे पता है, ये मैं कर सकता हूँ, और मैं पक्के से कर सकता हूँ.
  • भगवान हमेंशा मेरे साथ है.

कैसे बनाये सकारात्मक सोच-आप सोच रहे है, ऐसा करने से क्या बदलाव आएगा, मेरी परेशानी ऐसे ठीक नहीं होगी. लेकिन आप विश्वास करें और इस प्रक्रिया को अपनाएं. कहते है शब्दों में बहुत ताकत होती है, अगर आप पॉजिटिव बोलोगे तो वैसा ही होगा, क्यूंकि पॉजिटिव किरणें हमारे आस पास आएँगी. जितना हो सके, अपनी परिस्थति पर पॉजिटिव बोलें.

सकारात्मक सोच लाने के 5 मूलमंत्र

1. विश्वास रखें ख़ुशी एक विकल्प है, जिसे अपने लिए आप खुद चुन सकते है.
2. नकारात्मक भरी ज़िन्दगी से दूर रहें.
3. हर परिस्थति में सकारात्मक बातें ढूढें.
4. अपने अंदर सकारात्मकता को सुदृढ़ कर लें.
5. खुशियों को दूसरों के साथ बाटें.

सकारात्मक सोच के लिए कुछ अन्य पावरफुल बातें –

अच्छा सोचें

कैसे बनाये सकारात्मक सोच-हमारी सोच जैसी रहेगी, हम वैसा व्यव्हार करेंगे, और अच्छा सोचेंगे तो अच्छा होगा, और बुरा सोचेगें हो बुरा. हर बात के दो पहलु होते है, एक अच्छा एक बुरा. आप सोच रहे होंगें ये सब बातें सिर्फ कहने की है, इन्सान की परिस्थति वही समझ सकता है, जिस पर बीतती है. हाँ ये सच है, लेकिन आपको अपनी लड़ाई खुद लड़नी है. जैसे पानी से भरी आधी गिलास को कोई बोलेगा ये आधी भरी, तो कोई बोलेगा ये आधी खाली है. परिस्थति वही है, बस इसे देखने व सोचेने का तरीका अलग है.हमारी

एक गेम खेलते है – आप एक जीवन की बहुत कठिन स्थति में है, जहाँ आगे आपको कुछ भी अच्छाई नहीं दिखाई दे रही है. लेकिन इस परिस्थति में आपको एक भलाई, एक अच्छाई ढूढनी है, इसे आप एक चैलेंज की तरह लें. बुरी स्थति में भी सोचो की परमेश्वर की आशीष क्या है, क्या अच्छा हो रहा है इस समय. शुरू में कठिनाई महसूस होगी, लेकिन धीरे धीरे ये आपकी आदत में आ जायेगा.

नजरिया बदलो

कैसे बनाये सकारात्मक सोच-हमारी परेशानीयों से हमारी ख़ुशी या गम नहीं जुड़ा होता है, हम किस नाजिरिये से इसे देखते है, ये उससे तय होता है. दुनिया में कई ऐसे लोग है, जो जीवन की कठिन परिस्थति में होंगें, लेकिन फिर भी वे सदा मुस्कराते रहेंगें. और कई ऐसे भी लोग होंगें जिनके पास सब कुछ होगा, उनके जीवन की सबसे बड़ी जीत उन्हें मिली होगी तब भी वे परेशान होंगें. आपको तय करना होगा, आप अपनी लाइफ को किस तरह से देखते हो.

शिकायत मत करो

कैसे बनाये सकारात्मक सोच-किसी भी बात के लिए शिकायत मत करो, चिड़चिड़ाओ नहीं. बेकार परिस्तिथि में भगवान्, या किसी इन्सान या आपकी किस्मत को मत कोसो, बल्कि उस परिस्थति का दूसरा पहलु देखो.

जैसे अगर आपकी नौकरी चली गई है, तो आप ये सोचो जो काम आपके अभी तक नौकरी की वजह से पुरे नहीं हो पा रहे थे, वो अब आप कर पाओगे, आपके पास अब बहुत समय है, परिवार के लिए अपने लिए. आप ये भी सोचो इससे कहीं बेहतर नौकरी भगवान् ने आपके लिए सोच रखी है, बस आपको उसका इंतजार करना है.

अगर आपका किसी से झगड़ा हो जाता है, सामने वाला आपको बहुत सुनाता है, तो आप ये सोचो वो आपकी कितनी केयर करता है. अगर किसी को किसी की चिंता नहीं होगी तो वो उसे अपना समझकर कुछ कहेगा भी नहीं. इससे आपको शांति भी मिलेगी.

परेशानी पर फोकस मत करो

कैसे बनाये सकारात्मक सोच-जब हम अपनी परेशानी पर फोकस करते है, तो हम उसे मौका देते है, कि वो हमारी लाइफ में हक जमा सकें. परेशानी की तरफ ध्यान ही मत दो, अपना ध्यान दूसरी ओर लगाने की कोशिश करो. परेशानी पर ध्यान लगाने से, परेशान होने से आप 1% भी अपनी परिस्थति को नहीं बदल पायेंगें. इससे आपकी तबियत और आपकी सोच पर ही फर्क पड़ेगा.

लिस्ट बनायें

कैसे बनाये सकारात्मक सोच-आप अपने लिए एक लिस्ट बनायें, उसमें वो सब बातें लिखें जिससे आपको ख़ुशी मिलती है, शांति मिलती है. जैसे ही आपके मन में उथल पुथल हो, नेगेटिव बातें आये, आप उस लिस्ट में से एक बात चुन कर उसे करें. जिसे बात से तुरंत शांति, ख़ुशी मिलती है, उसे सबसे उपर रखें. जैसे मैं ऐसी परिस्थति में सबसे पहले प्राथना करती हूँ, परमेश्वर के साथ अकेले समय बिताती हूँ. गाने सुनती हूँ, बच्चों के साथ खेलती हूँ. ऐसे ही आप भी लिस्ट बनायें.

मोटीवेट करें

किसी इन्सान की मदद करने से भी हमारे अंदर सकारात्मकता आती है. आपके आस पास कोई परेशान है, तो उसका उत्साहवर्धन करे, उसे जीवन की अच्छी बातें बताएं. इसके अलावा किसी को कोई चीज की जरुरत हो, तो उसकी मदद करें.

हमेशा हँसते रहें

एक्सरसाइज करें

ध्यान करें

अच्छे गाने सुनो, किताबें पढ़ो साथ ही पॉजिटिव सकारात्मक वाले अनमोल वचन पढ़ो.

सकारात्मक लोगों के साथ ज्यादा से ज्यादा बातें करे, उन्हें अपनी परेशानी बताएं, उनकी सोच को अपनाने की कोशिश करें.

कैसे बनाये सकारात्मक सोच-कई बार ऐसा होता है कि पॉजिटिव बातें सुनकर, उनको पढ़कर तुरंत तो हम अच्छा महसूस करते है, लेकिन जैसे जैसे अपनी लाइफ में व्यस्त होते जाते है, इन बातों को भुलाकर वापस बुरे ख्यालों में चले जाते है. इससे बचने के लिए आप उपर बताई गई बातों को जितना हो सकें याद रखें और अपने जीवन में उतारने की कोशिश करें. आप पॉजिटिव बातों के पोस्टर, नोट को अपने रूम में, मिरर बाथरूम के दरवाजे, वाश्बेसन के उपर लगायें. सुभ उठते ही ये बातें आपके सामने होंगी. जिससे दिन की शुरुवात ही पाजिटिविटी से होगी.

Positive Thoughts  quotes जिंदगी का आईना बन जाते हैं कई बार अनजाने में भी इंसान से गलती होती हैं उस वक्त सुविचार आईने का काम करते हैं और वास्तविक्ता का परिचय कराते हैं .

सकारात्मक सोच पर सुविचार और अनमोल वचन

मन का मैल ईश्वर से नहीं छिपता, अतः व्यर्थ हैं धार्मिक कर्म काण्ड .

अपने से छोटे दर्जे के व्यक्ति से किया जाने वाला व्यवहार ही आपके जीवन का सच हैं .

विवादित मुद्दों पर आमने- सामने बात करने से कतराने वाले के मन में चौर हैं .

जीने योग्य स्थान वही हैं जहाँ आपका मन शांत रहता हैं .

मन की उज्ज्वलता तन की उज्ज्वलता से कई ज्यादा बड़ी होती हैं .

जो सच्चे प्रेमी हैं वो झुकने से नहीं डरते, उन्हें झुकाने का डर सताता हैं .

गलती करके उसे स्वीकारना ही सच्ची इबादत हैं पर इसे रोज की आदत बना लेना मुर्खता हैं .

माफ़ कर देना ही जीवन की सबसे बड़ी जीत हैं .

प्यार के दिखावे को एक छोटा बच्चा भी भांप लेता हैं .

असंतोषी स्वर्ग में भी सुख नहीं पा सकते .

जो अपने गुणों का बखान खुद ही करता हैं वो सबसे बड़ा अवगुणी हैं .

जो गलती का स्वीकार नहीं करते उनसे सुधरने की उम्मीद ही व्यर्थ हैं .

धर्म से इंसान बनता हैं इंसान की औकात नहीं कि वो धर्म बना सके .

धार्मिक आडम्बर इंसानियत से दूर ले जाते हैं .

दूसरों के रास्ते काटने वाले अक्सर ही गोलाकार मार्ग में आगे बढ़ते हैं .

माना दुःख सताता हैं पर यही तो है जो सुख का महत्व सिखाता हैं .

सकारात्मक सोच पर शायरी कविता

हर दर्द हर तकलीफ का उत्तर प्रारब्ध है,

ऐ मनुष्य ! तू दुख मत मना,

क्योंकि तेरे हर दुख का कारण तू ही है।

बस अंकुश लगा तो कर्मों पर,

क्योंकि यह कर्म ही तय करेंगे

तेरे हर जीवन का सफर।

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