Tuesday, April 30, 2024
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घर पर कैसे करे गणपति जी का विसर्जन How to Ganpati ji at home in hindi

घर पर कैसे करे गणपति जी का विसर्जन-हेलो दोस्तों मेरा नाम मोहित है आज में आपको गणपति जी का विसर्जन घर पर कैसे करे उसके बारे में पूरी जानकारी देने जा रहा हूँ गणेश चतुर्थी के दिन भगवान श्रीगणेश का आगमन होता है और अनंत चतुर्दशी के दिन गणेश भगवान का विसर्चन किया जाता है। प्रति वर्ष गणेश उत्सव दस दिन तक मनाया जाता है। लेकिन अधिकांश लोग जो पूरे दस दिन तक विधि-विधान से पूजा नहीं कर पाते हैं वह दस दिन के बीच में ही विसर्जन कर देते हैं। कोई डेढ़ दिन, तो कोई चौथे दिन बप्पा का विसर्जन करता है। इस बार अनंत चतुर्दशी 12 सितंबर को है। इसी दिन गणपति का विसर्जन होगा। इसलिए हम आपको बताने जा रहे हैं विसर्जन के शुभ संयोग और नियम के बारे में।

विसर्जन के नियम

विसर्जन के नियम यह है कि पानी में देवी-देवताओं की प्रतिमा को डुबोया जाता है। इसके लिए श्रद्धालु, नदी, तालाब व कुंड साग में आप प्रतिमा को विसर्जित कर सकते हैं। बड़े शहरों में जहां तालाब तक पहुंचना मुश्किल है वहां लोग जमीन में गड्ढा कर के प्रतिमा को विसर्जित कर देते हैं। अगर आपके पास भी छोटी प्रतिमा है तो किसी बड़े बर्तन में प्रतिमा को विसर्जित कर सकते हैं। हालांकि इस बात का ध्यान रखें कि जल में पैर ना लगे।

जानिए क्यों जरूरी है देवी-देवताओं का विसर्जन

वेदों में कहा गया है कि सभी देवी-देवता मंत्रों से बंधे होते हैं। उन्हें मंत्र के जरिए उनके लोक से बुलाया जाता है। जिन प्रतिमा को स्थापित करके मंत्रों द्वारा उनमें प्राण डाला जाता है वही प्रतिमा देव रूप होती है और उन्हीं का विसर्जन किया जाता है। विसर्जन के दौरान देवी लक्ष्मी व सरस्वती के अलावा सभी देवी-देवताओं से उनका नाम लेकर कहा जाता है कि क्षमस्व स्वस्थानम् गच्छ। यानी कि आप अपने स्थान पर जाएं। देवी लक्ष्मी और सरस्वती को विदा नहीं किया जाता है इसलिए इनके लिए कहा जाता है ओम सांग-सवाहन-सपरविार भूर्भवः स्वः श्रीसरस्वती पूजितोसि प्रसीद प्रसन्ना-मयि रमस्व। अग लक्ष्मी माता की पूजा कर रहे हों तो इस मंत्र में सरस्वती की जगह मां लक्ष्मी का नाम लें।

विसर्जन के नियम

विसर्जन से पहले गणपति की पूजा करें। गणेश जी को मोदक, मिठाई का भोग लगाएं। इसके बाद गणपति को विदाई के लिए वस्त्र पहनाएं। एक कपड़े में सुपारी, दूर्वा, मिठाी और कुछ पैसे रखकर उसे गणपति के साथ बांध दें। विदाई से पहले गणेशजी की आरती करें और जयकारे लगाएं। गणेशजी से क्षमा प्रार्थना करके भूल-चूक के लिए क्षमा मांगे। फिस पूजा सामग्री और हवन सामग्री जो कुछ भी हो उसे गणेशजी के साथ जल में विसर्जित कर दें।

विसर्जन के नियम

घर पर कैसे करे गणपति जी का विसर्जन-विसर्जन से पहले गणपति की पूजा करें। गणेश जी को मोदक, मिठाई का भोग लगाएं। इसके बाद गणपति को विदाई के लिए वस्त्र पहनाएं। एक कपड़े में सुपारी, दूर्वा, मिठाी और कुछ पैसे रखकर उसे गणपति के साथ बांध दें। विदाई से पहले गणेशजी की आरती करें और जयकारे लगाएं। गणेशजी से क्षमा प्रार्थना करके भूल-चूक के लिए क्षमा मांगे। फिस पूजा सामग्री और हवन सामग्री जो कुछ भी हो उसे गणेशजी के साथ जल में विसर्जित कर दें।

मूहर्त

अनंत चतुर्दशी इस बार 12 सितंबर, गुरुवार को है। वैसे यो पूरा दिन शुभ माना जाता है और आप अपनी सुविधा के मुताबिक किसी भी वक्त विसर्जन कर सकते हैं। वैसे सुबह 6 बजे से 7 बजे तक, सुबह 9 बजे से 10 बजकर तीस मिनट तक, दोपहर में एक बजकर तीस मिनट से 3 बजे तक अशुभ समय है। इस समय को छोड़कर आप किसी भी वक्त बप्पा की मूर्ति का विसर्जन कर सकते हैं।

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