Ruby Programming Language In Hindi- नमस्कार दोस्तों आज में आपको बताने वाली रूबी प्रोग्रामिंग क्या है और इससे जुड़े जानकरी आपको बताई गए है जैसे रूबी के संस्करण, रूबी की विशेषताएं, रूबी और रूबी ओन रेल्स में अंतर, रूबी के उपयोग और रूबी कैसे सीखें की पूरी जानकारी मिलेगी.तो आपको केवल इस पोस्ट को अच्छे से समझना है जिससे आप आसानी से समझ जायेगे
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Ruby Programming क्या है
Ruby Programming Language In Hindi- Ruby Programming एक object-oriented programming language है, जो यह code readability एवं productivity को बढ़ाने के लिए डिज़ाइन की गई है। यह लैंग्वेज 1990 में युकीहिरो “मात्स” मत्सुमोटो द्वारा विकसित किया गया था। Ruby एक interpreted language है, जो अन्य programming language की तुलना में कम समय में code लिखने और उसे टेस्ट करने की अनुमति देता है।
Ruby Programming एक dynamic type language है, जो डेटा टाइप को डिफाइन नहीं करता है। इसका मतलब है कि एक वेरिएबल को एक टाइप से दूसरे टाइप में भी बदला जा सकता है। Ruby का उपयोग विभिन्न applications, जैसे कि web development, data analysis, automation, और खेल डेवलपमेंट आदि में किया जाता है।
Ruby का संगठनात्मक ढंग समझना अत्यंत महत्वपूर्ण होता है, जिससे इसका उपयोग करना और समझना आसान होता है। Ruby के संगठनात्मक ढंग के मुख्य घटक object-oriented programming, वेरिएबल, मेथड, control structures, loops, फंक्शन्स, modules, और classes शामिल होते हैं।
रूबी प्रोग्रामिंग का इतिहास
रूबी प्रोग्रामिंग का इतिहास 1995 में युकीहिरो “मात्स” मत्सुमोटो द्वारा शुरू हुआ था। मात्सुमोटो ने यह भाषा उस समय विकसित की थी जब वे अपनी कंपनी में एक भाषा चुन रहे थे। वे चाहते थे कि यह भाषा सिंपल हो, उनके काम के लिए अनुकूल हो और इससे प्रभावी ढंग से उपयोगकर्ताओं को समर्थन भी मिले।
रूबी नाम का चयन मात्सुमोटो ने इसलिए किया कि वे इसे “एक जेम्स बॉन्ड फ़िल्म” के नाम से पुस्तकालय में देखा था। उन्होंने यह सोचा कि नाम याद रखने में आसान होगा।
रूबी प्रोग्रामिंग भाषा का दूसरा संस्करण 1996 में रिलीज हुआ, जबकि तीसरा संस्करण 1998 में आया। रूबी के विभिन्न संस्करणों में नई फीचर्स जोड़े गए थे जो उसे और भी अधिक उपयोगी बनाते थे।
आजकल, रूबी एक बहुत ही लोकप्रिय ओपन सोर्स programming language है जो विभिन्न डोमेन में उपयोग किया जाता है
रूबी प्रोग्रामिंग के संस्करण
रूबी प्रोग्रामिंग के विभिन्न संस्करणों में नए फीचर्स जोड़े गए हैं जो इसे और अधिक उपयोगी बनाते हैं। निम्नलिखित हैं रूबी प्रोग्रामिंग के मुख्य संस्करण:
1.0: रूबी प्रोग्रामिंग का पहला संस्करण जो 1995 में रिलीज किया गया था।
1.8: यह संस्करण 2003 में रिलीज हुआ था और इसमें मेजर फीचर्स शामिल हुए थे जैसे कि RubyGems, NKF और Rake।
1.9: यह संस्करण 2007 में रिलीज हुआ था और इसमें UTF-8 समर्थन, नए फ़ंक्शनलिटीज़ जैसे Enumerator और lambda, और लाइब्रेरी समेत अन्य अपडेट्स शामिल हुए थे।
2.0: यह संस्करण 2013 में रिलीज हुआ था और इसमें कुछ महत्वपूर्ण बदलाव हुए थे जैसे कि स्ट्रिंग प्रोटोटाइपिंग, एंडोरेसमेंट विधि, ग्लोबल फ़ंक्शन, बिल्ट-इन हाश विधि, रेलेशनल डेटाबेस समर्थन और अन्य बदलाव।
2.7: यह संस्करण 2019 में रिलीज हुआ था और इसमें नए फीचर्स शामिल हुए जैसे कि एक्स्पॉनेंशियल ऑपरेटर
Ruby Version | Release Date |
---|---|
Ruby 1.0 | 1996 |
Ruby 1.6 | 2000 |
Ruby 1.8 | 2003 |
Ruby 1.9 | 2007 |
Ruby 2.0 | 2013 |
Ruby 2.1 | 2013 |
Ruby 2.2 | 2014 |
Ruby 2.3 | 2015 |
Ruby 2.4 | 2016 |
Ruby 2.5 | 2017 |
Ruby 2.6 | 2018 |
Ruby 2.7 | 2019 |
Ruby 3.0 | 2020 |
Ruby 3.0.1 | 2021 |
रूबी प्रोग्रामिंग की विशेषताएं
रूबी प्रोग्रामिंग की कुछ महत्वपूर्ण विशेषताएं निम्नलिखित हैं:
ओपन सोर्स: रूबी प्रोग्रामिंग ओपन सोर्स प्रोग्रामिंग भाषा है जिसे उपयोगकर्ता खुद संशोधित और विकसित कर सकते हैं।
ऑब्जेक्ट-ओरिएंटेड: रूबी प्रोग्रामिंग ऑब्जेक्ट-ओरिएंटेड प्रोग्रामिंग का समर्थन करता है, जिससे उपयोगकर्ता आसानी से बड़े और जटिल प्रोग्राम लिख सकते हैं।
डायनेमिक टाइपिंग: रूबी प्रोग्रामिंग एक डायनेमिक टाइपिंग भाषा है, जिससे उपयोगकर्ता को कोड को लिखने और बदलने में आसानी होती है।
स्वतंत्रता: रूबी प्रोग्रामिंग उपयोगकर्ता को अपनी पसंद के अनुसार लोजिक और स्ट्रक्चर को चुनने की स्वतंत्रता देता है।
शामिलियता: रूबी प्रोग्रामिंग में कई शामिलियताएं हैं जैसे कि बिल्ट-इन लाइब्रेरी, एप्लीकेशन फ्रेमवर्क्स, रेल्स जैसे टूल और लाइब्रेरी जो की बेहद उपयोगी हैं।
रूबी प्रोग्रामिंग के उपयोग
रूबी प्रोग्रामिंग का उपयोग निम्नलिखित क्षेत्रों में किया जाता है:
वेब डेवलपमेंट: रूबी प्रोग्रामिंग वेब डेवलपमेंट के लिए बेहद लोकप्रिय है। इसमें रेल्स जैसे फ्रेमवर्क का उपयोग किया जाता है जो उपयोगकर्ताओं को आसानी से वेब ऐप्स बनाने में मदद करता है।
डेटा एनालिटिक्स: रूबी प्रोग्रामिंग डेटा एनालिटिक्स के लिए भी उपयोग किया जाता है। इसका उपयोग डेटा संचयन, विश्लेषण और रिपोर्टिंग के लिए किया जाता है।
एल्गोरिथ्मिक ट्रेडिंग: रूबी प्रोग्रामिंग का उपयोग एल्गोरिथ्मिक ट्रेडिंग के लिए भी किया जाता है। यह उन वित्तीय निवेशकों के लिए उपयोगी होता है जो लाइव मार्केट डेटा अनुसरण करते हैं और अल्गोरिथ्मिक ट्रेडिंग के जरिए निवेश करते हैं।
मोबाइल एप्लिकेशन डेवलपमेंट: रूबी प्रोग्रामिंग मोबाइल एप्लिकेशन डेवलपमेंट के लिए भी उपयोगी होता है।
रूबी के फायदे
रूबी प्रोग्रामिंग के निम्नलिखित फायदे हैं:
आसान सिंटेक्स: रूबी प्रोग्रामिंग का सिंटेक्स आसान है जिससे कोडिंग और डेबगिंग काम आसान होता है। इससे कोड पढ़ना और समझना भी बेहद आसान होता है।
फ्रेमवर्क: रूबी प्रोग्रामिंग के लिए फ्रेमवर्क जैसे रेल्स उपलब्ध हैं जो काम को और भी आसान बनाते हैं। ये वेब डेवलपमेंट के लिए अधिकतर फंक्शनलिटी को शामिल करते हैं जो वेब एप्लिकेशन को बनाने में मदद करते हैं।
ओपन सोर्स: रूबी प्रोग्रामिंग एक ओपन सोर्स प्रोजेक्ट है, जिसका मतलब है कि इसे निःशुल्क उपयोग किया जा सकता है और यह अपने स्वयं के कन्ट्रिब्यूटर्स द्वारा स्थानांतरित होता है। इससे रूबी प्रोग्रामिंग एक बड़ी समुदाय के साथ संबद्ध होता है, जो इसे अधिक बेहतर और उपयोगी बनाने में मदद करता है।
अधिकतम पोर्टेबिलिटी: रूबी प्रोग्रामिंग लैंग्वेज की अधिकतम पोर्टेबिलिटी होती है
रूबी Language कैसे सीखें
रूबी प्रोग्रामिंग सीखने के लिए निम्नलिखित स्टेप्स का पालन कर सकते हैं:
रूबी की बेसिक सिंटेक्स समझें: रूबी को सीखने के लिए सबसे पहले आपको रूबी की बेसिक सिंटेक्स समझने की आवश्यकता होगी। इसके लिए आप रूबी के विभिन्न संस्करणों और उनके फीचर्स के बारे में पढ़ सकते हैं।
ऑनलाइन कोर्सेज और ट्यूटोरियल्स: आप ऑनलाइन कोर्सेज और ट्यूटोरियल्स से भी रूबी का सीखना शुरू कर सकते हैं। ये साधारणतया उनके लिए उपलब्ध होते हैं जो रूबी प्रोग्रामिंग सीखना शुरू कर रहे हों।
कोडिंग प्रैक्टिस: रूबी को सीखने के लिए आप अपने संगठन या अन्य समुदायों में सदस्यता ले सकते हैं जो रूबी प्रोग्रामिंग में शामिल होते हैं। आप वास्तविक परियोजनाओं पर काम करने और कोडिंग प्रैक्टिस करने के लिए भी जुड़ सकते हैं।