भारत और विश्व का 28 दिसम्बर का इतिहास ,प्रमुख घटनाये,आज का इतिहास, देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी का जन्म
भारत और विश्व का 28 दिसम्बर का इतिहास- 28 दिसम्बर का दिन भारत और विश्व के इतिहास में कई महत्वपूर्ण घटनाओं का साक्षी रहा है। भारत में इस दिन भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना, बन्दे मातरम् का पहली बार गायन, और आम आदमी पार्टी की दिल्ली में सरकार बनना जैसी महत्वपूर्ण घटनाएं हुई हैं। विश्व में इस दिन प्रथम विश्व युद्ध का समापन, और स्पेनिश फ्लू महामारी का अंत जैसी महत्वपूर्ण घटनाएं हुई हैं। आज का इतिहास
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28 दिसंबर को कौन सा दिवस मनाया जाता है?
भारत और विश्व का 28 दिसम्बर का इतिहास- 28 दिसंबर को भारत में कांग्रेस स्थापना दिवस मनाया जाता है। यह दिन भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के गठन का दिन है, जिसे भारत की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी माना जाता है। कांग्रेस का गठन 28 दिसंबर, 1885 को मुंबई में हुआ था। इस दिन को कांग्रेस के सभी कार्यकर्ता और समर्थक बड़े उत्साह के साथ मनाते हैं। इस दिन पार्टी के कार्यालयों और अन्य स्थानों पर झंडे फहराए जाते हैं और कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
इसके अलावा, 28 दिसंबर को विश्व एड्स दिवस भी मनाया जाता है। यह दिन एड्स के बारे में जागरूकता बढ़ाने और इस बीमारी से लड़ने के लिए लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए मनाया जाता है। इस दिन दुनिया भर में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
भारत की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी कौन सी है?
भारत की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस है, जिसे कभी-कभी कांग्रेस के रूप में भी जाना जाता है। कांग्रेस का गठन 28 दिसंबर, 1885 को मुंबई में हुआ था। कांग्रेस का उद्देश्य भारत में स्वशासन और स्वतंत्रता प्राप्त करना था। कांग्रेस ने भारत की स्वतंत्रता आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
भारत की दूसरी सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी है, जिसका गठन 17 अक्टूबर, 1920 को हुआ था। कम्युनिस्ट पार्टी का उद्देश्य भारत में एक समाजवादी समाज की स्थापना करना है।
भारत में कई अन्य राजनीतिक दल भी हैं, जिनमें भारतीय जनता पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, समाजवादी पार्टी, राष्ट्रीय जनता दल, शिवसेना, तृणमूल कांग्रेस, और आम आदमी पार्टी शामिल हैं।
भारत में प्रमुख घटनाएं
1885 | बम्बई (अब मुंबई) में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का पहला अधिवेशन। |
1896 | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के कोलकाता अधिवेशन में पहली बार बन्दे मातरम् गाया गया। |
1926 | इंपीरियल एयरवेज ने भारत और इंग्लैंड के बीच यात्री और डाक सेवा शुरू की। |
1928 | कोलकाता में पहली बार बोलती फिल्म मेलोडी ऑफ लव प्रदर्शित हुई। |
1974 | पाकिस्तान में भीषण भूकंप। 6.3 तीव्रता के इस भूकंप में 5200 से ज्यादा लोगों की मौत। |
1999 | राजस्थान में जालौर जिले में कच्छी गैस रिसाव। इस रिसाव में 127 लोग मारे गए और 1000 से अधिक लोग घायल हुए। |
2013 | आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में कांग्रेस के समर्थन से सरकार बनाई। |
2023 | भारत में COVID-19 महामारी का अंत। |
आज का इतिहास
आज 28 दिसम्बर, 2023 है। आज का दिन भारत और विश्व के इतिहास में कई महत्वपूर्ण घटनाओं का साक्षी रहा है। भारत में इस दिन भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना, बन्दे मातरम् का पहली बार गायन, और आम आदमी पार्टी की दिल्ली में सरकार बनना जैसी महत्वपूर्ण घटनाएं हुई हैं
आगामी घटनाएं
- 2024 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव
- 2024 के भारतीय आम चुनाव
- 2024 के यूरोपीय संघ चुनाव
- 2025 के चीन में 20वीं राष्ट्रीय कांग्रेस
विश्व में प्रमुख घटनाएं
घटना | स्थान | तिथि |
---|---|---|
रूस-यूक्रेन युद्ध | यूक्रेन | जारी |
चीन-ताइवान तनाव | ताइवान | जारी |
अमेरिका-चीन प्रतिस्पर्धा | विश्व | जारी |
जलवायु परिवर्तन | विश्व | जारी |
आर्थिक मंदी | विश्व | जारी |
कोविड-19 महामारी | विश्व | जारी |
भारत-चीन सीमा विवाद | भारत-चीन सीमा | जारी |
विश्व में प्रमुख घटनाओं की प्रभावशीलता
विश्व में प्रमुख घटनाओं की प्रभावशीलता समय और स्थान के आधार पर भिन्न होती है। उदाहरण के लिए, रूस-यूक्रेन युद्ध यूरोप और एशिया में सबसे अधिक प्रभावशाली है, जबकि चीन-ताइवान तनाव एशिया में सबसे अधिक प्रभावशाली है। जलवायु परिवर्तन और आर्थिक मंदी विश्व स्तर पर सबसे अधिक प्रभावशाली हैं।
भारत में, प्रमुख घटनाओं की प्रभावशीलता भारत की राष्ट्रीय हित और विदेश नीति के आधार पर भिन्न होती है। उदाहरण के लिए, भारत-चीन सीमा विवाद भारत के लिए सबसे महत्वपूर्ण घटना है, जबकि अमेरिकी-चीन प्रतिस्पर्धा भारत के लिए भी महत्वपूर्ण है। विश्व में प्रमुख घटनाओं की प्रभावशीलता को समझना महत्वपूर्ण है क्योंकि ये घटनाएं हमारे जीवन को कई तरह से प्रभावित कर सकती हैं। इन घटनाओं से संबंधित समाचारों और सूचनाओं को ध्यान से पढ़ना और समझना महत्वपूर्ण है।
1885 में स्थापना के पश्चात कांग्रेस का पहला विभाजन कब हुआ
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का पहला विभाजन 1907 में सूरत में हुआ था। इस विभाजन के कारण कांग्रेस दो भागों में बंट गई, एक गरम दल और दूसरा नरम दल।
गरम दल के नेता बाल गंगाधर तिलक, लाला लाजपत राय, और बिपिन चंद्र पाल थे। वे ब्रिटिश सरकार के खिलाफ अधिक आक्रामक नीति अपनाने के पक्ष में थे। नरम दल के नेता गोपाल कृष्ण गोखले, सुरेंद्रनाथ बनर्जी, और मोतीलाल नेहरू थे। वे ब्रिटिश सरकार के साथ सहयोग करके स्वशासन प्राप्त करने के पक्ष में थे।
सूरत अधिवेशन में गरम दल ने नरम दल के प्रस्तावों को अस्वीकार कर दिया और कांग्रेस से अलग हो गया। इस विभाजन के कारण कांग्रेस की एकता टूट गई और भारत की स्वतंत्रता आंदोलन को नुकसान हुआ।
सूरत विभाजन के बाद, गरम दल ने स्वदेशी आंदोलन का नेतृत्व किया। इस आंदोलन के तहत, उन्होंने ब्रिटिश वस्तुओं का बहिष्कार और स्वदेशी वस्तुओं का प्रयोग करने का आह्वान किया। नरम दल ने सुधारों के लिए ब्रिटिश सरकार पर दबाव बनाने के लिए संवैधानिक तरीकों का सहारा लिया 1916 में, गरम और नरम दल के बीच समझौता हुआ और कांग्रेस एकजुट हो गई।