Ayodhya Ram Mandir: अयोध्या के राम मंदिर में स्थापित होने वाली रामलला की मूर्ति को पश्चिम बंगाल के मुसलमान शिल्पकार मोहम्मद जमालुद्दीन और उनके बेटे बिट्टू ने बनाया है। जमालुद्दीन ने बताया कि मूर्ति बनाने में उन्हें लगभग एक साल का समय लगा। उन्होंने कहा कि धर्म एक निजी चीज है और देश में कई धर्मों के लोग रहते हैं। एक कलाकार के तौर पर उनका सन्देश भाईचारे की संस्कृति है।
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अयोध्या राम मंदिर में कितना हुआ निर्माण किसने बनवाया था 2023 Ayodhya Ram Mandir in hindi
मूर्ति को फाइबर से बनाया गया है। यह मूर्ति लगभग 6 फुट ऊंची है और इसका वजन लगभग 300 किलोग्राम है। मूर्ति में भगवान राम को बाल रूप में दर्शाया गया है। उनके हाथ में धनुष और बाण है। मूर्ति की नाक, आंखें, बाल और अन्य विशेषताओं को बहुत ही बारीकी से बनाया गया है। जलालुद्दीन के करीब 3 लाख रुपये खर्च होते हैं। वो बताते हैं कि ऐसी एक मूर्ति बनाने में 30 से 35 लोगों की मेहनत होती है।
यह घटना भारत में सांप्रदायिक सद्भाव का एक अच्छा उदाहरण है। एक मुसलमान व्यक्ति ने भगवान राम की मूर्ति बनाकर यह दिखा दिया कि धर्म के आधार पर भेदभाव करना गलत है। सभी धर्मों के लोग एक साथ रह सकते हैं और भाईचारे के साथ रह सकते हैं।
राम मंदिर के निर्माण के लिए श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने विभिन्न राज्यों के शिल्पकारों को मूर्ति बनाने का काम दिया था। जमालुद्दीन और उनके बेटे ने भी इस प्रतियोगिता में हिस्सा लिया था। उनकी मूर्ति को सबसे अच्छी माना गया और इसे मंदिर में स्थापित करने का फैसला किया गया।