Monday, April 29, 2024
Homeजानकारियाँचीन की सलामी स्लाइसिंग नीति क्या है China Salami Slicing Strategy in...

चीन की सलामी स्लाइसिंग नीति क्या है China Salami Slicing Strategy in hindi

चीन की सलामी स्लाइसिंग नीति क्या है-हेलो दोस्तों मेरा नाम मोहित है आज में आपको सलामी स्लाइसिंग के बारे में बताने जा रहा हु। सलामी स्लाइसिंग इस समय एक नीति है, जिसके तहत किसी भी काम को अगर टुकड़ों में बाँट कर किया जाये, तो वह आसान हो जाता है, इसलिए कई मामलों में सलामी स्लाइसिंग का उपयोग किया जाता है, जैसे कि राजनीतिक रूप में, वित्तीय रूप में, यांत्रिक रूप में. हालही चीन भारत के खिलाफ सलामी नीति अपनाने की कोशिश में है, जिससे उसका मानना है कि इस नीति के तहत वह भारत को टुकड़ों में विभाजित कर अपना कब्जा जमा लेगा. चीन ने पहले भी ऐसा किया है, किन्तु इस बार भारत पहले से ही सर्तक हो गया है

राजनीतिक रूप में : सलामी रणनीति जिसे सलामी टुकड़े रणनीति के रूप में भी जाना जाता है. इस नीति के तहत किसी भी तरह का खतरा महसूस होने पर किसी गठजोड़ या खतरों को टुकड़ों -टुकड़ों में विभाजित कर उनका सफाया कर दिया जाता है. सलामी प्रक्रिया में टूकडे करने की क्रिया गुप्त रूप से की जाती है. अवैध रूप से गैर क़ानूनी गतिविधियों को लागु करने के लिए सलामी टुकड़ों की नीतियों का इस्तेमाल किया जाता है, क्योंकि एक ही बार में कोई कार्यवाही गैर क़ानूनी होगी, इसलिए उस कार्यवाही के टुकडे कर देने से जब तक यह लोगों की समझ में आयेगी तब तक काम पुरा हो गया होता है.

चीन की सलामी स्लाइसिंग नीति क्या है-वित्तीय रूप में : किसी संगठन से कंप्यूटर का उपयोग करके अवैध रूप से पैसे चोरी करने का धोखाधड़ी वाला अभ्यास भी सलामी स्लाइसिंग कहा जाता है. उदाहरण के लिए जब पैसे को सलामी स्लाइसिंग नीति के तहत टुकड़े टुकड़े कर के स्थान्तरित किया जाता है तो लेन देन पर जब आप एक पैसा का अंश या छोटा अंश चुराते है, तो उस पर ध्यान नहीं दिया जाता है, लेकिन अगर आप लेन देन में बड़ी राशि को चुराने की कोशिश करते है, तो वह जल्द ही पकड़ी जा सकती है. आमतौर पर इसे वित्तीय लेनदेन में पैसे के 1% अंश को दुसरे खाते में डाल कर लाभ कमाने की कोशिश भी कहा जा सकता है. समय के साथ छोटे वेतन वृद्धि में लाभ प्राप्त करने के लिए इसे पूरी तरह से क़ानूनी तरीके से भी इस्तेमाल किया जा सकता है.

सलामी स्लाइसिंग की चर्चा

चीन की सलामी स्लाइसिंग नीति क्या है-हाल में सलामी स्लाइसिंग की चर्चा में होने का मुख्य कारण यह है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने डोकलाम विवाद के फैसले का हल निकालने के लिए ब्रिक्स सम्मेलन में भाग लेने के मौके पर बैठक की. इसके कुछ ही दिनों बाद भारत के सेना प्रमुख जनरल ने नई दिल्ली में सेंटर फॉर लैंड वारफेयर स्टडीज द्वारा आयोजित एक समारोह में सुरक्षा के बारे में बोलते हुए कहा, कि हमे सावधान रहने की बहुत आवश्यकता है, क्योंकि चीन सलामी नीति के तहत ही अपने क्षेत्र को टुकडे टुकडे करके कर्मिक तरीके से कब्ज़ा करने की कोशिश में लगा हुआ है. इससे हमे विशेष सावधानी रखनी होगी और साथ ही उभरती परिस्थितियों के लिए तैयार रहना होगा, जो धीरे- धीरे संघर्ष में उभर सकते है.

चीन की सलामी स्लाइसिंग नीति

चीन की सलामी स्लाइसिंग नीति क्या है-चीन एक मात्र ऐसा देश है जो द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद भी अपने क्षेत्र का विस्तार कर रहा है. चीन समुद्री और क्षेत्रीय दोनों ही क्षेत्रों पर समान रूप से विस्तार कर रहा है. अपने पड़ोसी देश तिब्बत का अधिग्रहण, अक्साई चीन का कब्ज़ा और पैरोसेल द्वीप समूह पर कब्जा ये सभी चीन की विस्तारवादी नीति का स्पष्ट उदाहरण है.

चीन की सलामी स्लाइसिंग नीति क्या है-चीन अपने पड़ोस में किसी भी क्षेत्र को प्राप्त करने के लिए एक विशेष प्रकार की नीति का अनुसरण करता है, जिसमें चीन पहले एक क्षेत्र पर दावा करता है और फिर जब भी उसे मौका मिलता है वह अपने दावे को हमेशा दोहराते रहता है. दूसरा पक्ष या देश जब उसके दावे का विरोध करते है तब वह विवादित प्रचार करने की शुरुआत करते है कि चीन और दुसरे देश के बीच विवाद के रूप में पहचाने जाने वाला जो क्षेत्र है उसे चीन को मान्यता दी गयी है और फिर विवाद को हल करने में और हिस्से को हासिल करने के लिए चीन अपनी सैन्य और राजनायिक शक्ति का उपयोग करता है. चीन द्वारा क्षेत्रीय विस्तार की इस नीति को सलामी स्लाइसिंग की रणनीति के रूप में संदर्भित किया जाता है.

सलामी स्लाइसिंग या टुकडे- टुकडे की रणनीति का इतिहास

चीन की सलामी स्लाइसिंग नीति क्या है-1933 के शुरूआती समय में जर्मनी में पूर्ण शक्ति हासिल करने के लिये नाजी पार्टी की नीतियों को भी सलामी रणनीति या टुकडे- टुकडे करके अधिकार जताने की नीति के रूप में जाना जाता है. इसमें रेइचस्ताग फायर ने जर्मन आबादी को दबा दिया और कम्युनिस्ट पार्टी और सोशल डेमोक्रेट्स को बंदी बना दिया, उसके बाद हिटलर को पूर्ण शक्ति प्राप्त हुई.

1940 के बाद से सलामी स्लाइसिंग की रणनीति का उपयोग मुख्य रूप से राजनीति में शुरू हो गया. तिब्बत एक स्वतंत्र देश था, जो बौद्ध भिक्षुओं के एक समूह द्वारा नियंत्रित था, चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने तिब्बत पर हमला किया और पुरे राज्य पर सैन्य रूप से कब्ज़ा कर लिया और उसके बाद चीन ने यह दावा किया कि यह प्राचीन रूप से ही चीन का हिस्सा था. तिब्बत के साथ ही चीन ने तिब्बत पठार के पश्चिमी छोर पर स्थित लद्दाख के पूर्व में स्थित झिजियांग पर भी कब्ज़ा कर लिया जिस वजह से चीन का क्षेत्र दुगुना हो गया.

चीन की सलामी स्लाइसिंग नीति क्या है-1962 में चीन ने भारतीय सीमाओं पर हमला किया और भारतीय सीमाओं के अंदर सैकड़ों किलोमीटर तक घुसपैठ की, फिर भारतीय सेना के द्वारा विरोध करने पर चीन ने पूर्वी क्षेत्र से अपनी सेना को वापस बुला लिया, लेकिन अक्साई चीन का उसने अपने क्षेत्र के रूप में दावा किया. अक्साई चीन आधुनिक स्वीटजरलैंड के आकार की तरह है यह जम्मू कश्मीर राज्य का हिस्सा था. तिब्बत और भारत के हिस्से पर सफलता मिलने के बाद चीन ने सलामी स्लाइसिंग के अपनी रणनीति को दोहराते हुए 1974 में वियतनाम से पैरोसेल द्वीप को जब्त कर लिया था. उसने इस द्वीप पर अपने अवैध दावे को वैध दिखाने के लिए इस पर संशा सिटी का निर्माण कर दिया.

चीन अपने पड़ोसियों के क्षेत्र पर अभी भी अपनी सलामी स्लाइसिंग नीति के तहत दावा करता रहता है. वर्तमान में चीन अपनी इसी नीति के तहत डोकलाम मुद्दें को बार बार उठा रहा है. जिससे कि वह भारत और भूटान की सीमा पर कब्जा जमा सके और इसे भी अपने अधीन कर ले

Also Read:- 

RELATED ARTICLES
0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest

0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments

Most Popular