दिवाली पर निबंध-दीपावली को भारत में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है, और यह हिन्दू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार है। दीपावली को ‘दीपावली’ या ‘दिवाली‘ के नाम से भी जाना जाता है। यह पांच दिनों तक के त्योहार के रूप में मनाया जाता है, और इसके दौरान लोग घरों को सजाते हैं, दीपक जलाते हैं, और एक दूसरे को शुभकामनाएं देते हैं।
Fri, 10 Nov, 2023 – Wed, 15 Nov, 2023
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- घर सजाना: लोग अपने घरों को सजाते हैं, खासतर पूजा स्थल को खूबसूरती से सजाते हैं।
- दीपक जलाना: घर के आसपास और अंधकार से ज्यादा स्वरूप से दीपक जलाए जाते हैं। इससे घर को प्रकाशित किया जाता है और अंधकार को दूर किया जाता है।
- लक्ष्मी पूजा: दीपावली के दिन लक्ष्मी माता की पूजा की जाती है, जिसका मान्यता है कि वह धन, संपत्ति, और समृद्धि की देवी हैं।
- फटाकों का दीपावली: लोग फटाकों और पटाखों को चलाते हैं और आसमान में आकाश को रंगीन बनाते हैं।
- गिफ्ट्स और विशेष खाना: लोग अपने दोस्तों और परिवार के सदस्यों को गिफ्ट्स देते हैं और खास खाने का आनंद लेते हैं।
- सोने और स्टाइलिश कपड़े: दीपावली पर लोग नए कपड़े पहनते हैं और आकर्षक दिखने का प्रयास करते हैं।
- परिवार और मित्रों के साथ वक्त बिताना: दीपावली के त्योहार का मुख्य आत्मा यह है कि लोग अपने परिवार और मित्रों के साथ समय बिताते हैं और खुशियों का साथ मनाते हैं।
- उपहार और खाने-पीने का आनंद: इस त्योहार पर लोग अपने परिवार और दोस्तों को उपहार देते हैं और साथ में विशेष खाने-पीने का आनंद लेते हैं।
- समाजिक आयोजन: कई स्थानों पर सामाजिक मिलनसर कार्यक्रम और रंगमंच प्रस्तुतियां आयोजित की जाती हैं, जिनमें नृत्य, संगीत और नाटक शामिल होते हैं।
- दीपावली की शुभकामनाएं! आप और आपके परिवार को दीपावली के इस खुशीभरे मौके पर ढेर सारी खुशियाँ और समृद्धि मिले।
- इन सभी कदमों के साथ, लोग दीपावली की शुभकामनाएं एक-दूसरे को देते हैं और एक दूसरे के साथ खुशियों का साथ मनाते हैं।
- आपके साथ भी दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं! आपका नया वर्ष सुखमय, समृद्धि से भरा हो।
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दिवाली पर निबंध
दिवाली पर निबंध-दीपावली का अर्थ: दिवाली जिसे “दीपावली” के नाम से भी जाना जाता है, भारत और दुनिया भर में रहने वाले हिंदुओं के सबसे पवित्र त्योहारों में से एक है। ‘दीपावली’ संस्कृत के दो शब्दों से मिलकर बना है – दीप + आवली। ‘दीप’ का अर्थ होता है ‘दीपक’ तथा ‘आवली’ का अर्थ होता है ‘श्रृंखला’, जिसका मतलब हुआ दीपों की श्रृंखला या दीपों की पंक्ति। दीपावली का त्योहार कार्तिक मास के अमावस्या के दिन मनाया जाता है। यह त्योहार दुनिया भर के लोगों द्वारा बहुत उत्साह के साथ मनाया जाता है। हालांकि इसे हिंदू त्योहार माना जाता है, लेकिन विभिन्न समुदायों के लोग भी पटाखे और आतिशबाजी के जरिए इस उज्ज्वल त्योहार को मनाते हैं।
दीपावली त्योहार की तैयारी: दीपावली त्योहार की तैयारियां दिवाली से कई दिनों पहले ही आरंभ हो जाती है। दीपावली के कई दिनों पहले से ही लोग अपने घरों की साफ-सफाई व रंगाई-पुताई करने में जुट जाते हैं क्योंकि ऐसी मान्यता है कि जो घर साफ-सुथरे होते हैं, उन घरों में दिवाली के दिन माँ लक्ष्मी विराजमान होती हैं तथा अपना आशीर्वाद प्रदान करके वहां सुख-समृद्धि में बढ़ोत्तरी करती है। दिवाली के नजदीक आते ही लोग अपने घरों को दीपक और तरह-तरह के लाइट्स से सजाना शुरू कर देते हैं।
दिवाली पर निबंध-दिवाली में पटाखों का महत्व: दीपावली को “रोशनी का त्योहार” कहा जाता है। इस दिन लोग मिट्टी के बने दीपक जलाते हैं और अपने घरों को विभिन्न रंगों और आकारों की रोशनी से सजाते हैं, जिसे देखकर कोई भी मंत्रमुग्ध हो सकता है। इस पर्व में बच्चों को पटाखे जलाना और विभिन्न तरह के आतिशबाजी जैसे फुलझड़ियां, रॉकेट, फव्वारे, चक्री आदि बहुत पसंद होते हैं।
दिवाली का इतिहास: हिंदू मान्यताओं के अनुसार, दिवाली के दिन ही भगवान श्री राम 14 वर्षों के वनवास के बाद अपनी पत्नी सीता, भाई लक्ष्मण और उनके उत्साही भक्त हनुमान के साथ अयोध्या लौटे थे, अमावस्या की रात होने के कारण दिवाली के दिन काफी अंधेरा होता है, जिस वजह से उस दिन पुरे अयोध्या को दीपों और फूलों से भगवान श्री राम चंद्र के लिए सजाया गया था, ताकि भगवान राम के आगमन में कोई परेशानी न हो, तब से लेकर आज तक इसे दीपों का त्योहार और अंधेरे पर प्रकाश की जीत के रूप में मनाया जाता है।
इस शुभ अवसर पर, बाजारों में भगवान गणेश जी, लक्ष्मी जी, राम जी आदि की मूर्तियों की खरीदारी की जाती है। इस दौरान बाजारों में खूब चहल-पहल होती है। लोग इस अवसर पर नए कपड़े, बर्तन, मिठाइयां आदि खरीदते है। हिंदुओं द्वारा देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है, क्योंकि व्यापारी दिवाली के पर्व पर नई खाता बही की शुरुआत करते हैं। साथ ही, लोगों का मानना है कि यह खूबसूरत त्योहार सभी के लिए धन, समृद्धि और सफलता लाता है। लोग दिवाली के त्योहार के अवसर पर अपने परिवार, दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ उपहारों का आदान-प्रदान करने के लिए तत्पर रहते हैं।
दीपवाली से जुड़ी सामाजिक कुरीतियां
दीपावाली जैसे धार्मिक महत्व वाले पर्व के पावन अवसर पर भी कुछ असामाजिक तत्व अपने बुरी आदत जैसे शराब का सेवन, जुआ खेलना, टोना-टोटका करना और पटाखों के गलत इस्तेमाल से इसे ख़राब करने में जुटे रहते हैं। अगर समाज में दीपावाली के दिन इन कुरीतियों को दूर रखा जाए तो दिवाली का पर्व वास्तव में शुभ दीपावली हो जाएगा।
उपसंहार
दिवाली पर निबंध दिवाली स्वयं के अंदर के अंधकार को मिटा कर समूचे संसार को प्रकाशमय बनाने का त्योहार है। बच्चे इस दिन अपनी इच्छानुसार बम, फुलझड़ियाँ तथा अन्य पटाखे खरीदते हैं और आतिशबाजी का आनंद उठाते हैं। हमें इस बात को समझना होगा कि दीपावली के त्योहार का अर्थ दीप, प्रेम तथा सुख-समृद्धि से है। ऐसे में पटाखों का इस्तेमाल सावधानी पूर्वक और अपने बड़ों के सामने रहकर करना चाहिए। दिवाली का त्योहार हमें हमेशा आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है। दीपावली का त्योहार सांस्कृतिक और सामाजिक सद्भाव का प्रतीक है। इस त्योहार के कारण लोगों में आज भी सामाजिक एकता बनी हुई है। हिंदी साहित्यकार गोपालदास नीरज ने भी कहा है, “जलाओ दिए पर रहे ध्यान इतना, अँधेरा धरा पर कहीं रह न जाए।” इसलिए दीपावली पर प्रेम और सौहार्द को बढ़ावा देने के प्रयत्न करने चाहिए।
दीपावली के साथ मनाए जाने वाले उत्सव
- दीपावली का त्योहार लगभग 5 दिनों का होता है। जिस के पहले दिन धनतेरस होता है। धनतेरस के दिन लोग धातु की वस्तुएं जैसे सोने और चांदी के आभूषण को खरीद कर अपने घर जरूर लेकर जाते हैं।
- दीपावली का दूसरा दिन नरक चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है। कुछ लोग इस दिन को छोटी दिवाली के रूप में भी मनाते हैं।
- तीसरा दिन दीपावली त्योहार का मुख्य दिन होता है। इस दिन देवी महालक्ष्मी और भगवान गणेश जी की पूजा की जाती है।
- दीपावली के चौथे दिन गोवर्धन पूजा की जाती है क्योंकि इस दिन भगवान कृष्ण ने इंद्र के क्रोध से हुई मूसलाधार वर्षा से लोगों को बचाने के लिए गोवर्धन पर्वत को अपनी एक उंगली पर उठा लिया था।
- दिवाली के त्योहार के आखिरी दिन को भाई दूज के रूप में मनाया जाता है।