Monday, April 29, 2024
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क्यों है रूस पर प्रतिबंध स्विफ्ट सैंक्शन Full Form SWIFT Sanction in hindi

रूस पर प्रतिबंध स्विफ्ट सैंक्शन-हेलो दोस्तों मेरा नाम मोहित है आज में आपको स्विफ्ट सैंक्शन के बारे में बताने जा रहा हु। रूस और यूक्रेन के बीच हालात बहुत गंभीर है और यूक्रेन संकटों से घिरा हुआ है। रूस ने रातों-रात यूक्रेन पर हमला बोल दिया और यूक्रेन के सैन्य अड्डों से लेकर एयरपोर्ट पर हवाई हमले किए हैं। बता दें कि यूक्रेन के दूसरे सबसे बड़े शहर ‘खारक़ीएफ़’ के स्थानीय लोगों से जब पूछताछ हुई तब पता चला की वहां पर यूक्रेन और रूसी सेनाओं के बीच लगातार गोलीबारी हुई। इससे वहां की इमारतों की खिड़कियां कहां पर ही थी और लोगों के बीच दहशत फैल गया। ऐसे में अमेरिका और सहयोगी देशों ने ने रूस पर कड़े प्रतिबंध लगाने की घोषणा कर दी है। इसका मतलब यह है कि अमेरिका और सहयोगी देशों ने रूस के स्विफ्ट सिस्टम पर प्रतिबंध लगाने की कोशिश की जाएगी। हम किस आर्टिकल के माध्यम से आपको इसके बारे में जानकारी देंगे।

क्या है SWIFT स्विफ्ट

आपको बता दें कि स्विफ्ट एक ग्लोबल मैसेजिंग सर्विस है। पूरे विश्व में लगभग 200 देशों में ऐसी हजारों से भी ज्यादा वित्तीय संस्थाएं हैं जो स्विफ्ट का इस्तेमाल करती हैं। यह उन देशों के कारोबार में बहुत ही मददगार होता है। इससे उन देशों के बैंकों के लिए विदेश में कारोबार करना बहुत ही आसान हो जाता है।

प्रतिबंध क्या है

जब भी कोई देश हमले जैसे तेवर अपनाता है या किसी और देश पर कूट नीतियों का इस्तेमाल कर हमला करता है एवं अंतरराष्ट्रीय कानून को तोड़ता है तब ऐसे समय पर प्रतिबंध इस्तेमाल होता है। इसका मतलब है कि अन्य देश को उस हमला करने वाले देश पर प्रतिबंध लगाना पड़ता है। इसके जरिए उस देश की अर्थव्यवस्था को हानि पहुंचाना होता है जिससे हमलावर तेवरों और अंतरराष्ट्रीय कानून को तोड़ने स्थिति को बंद किया जा सके।

रूस पर स्विफ्ट प्रतिबंध

रूस पर प्रतिबंध स्विफ्ट सैंक्शन-जी7(G7) देश यानी विश्व की सात बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के संगठन के मेंबर्स ने यह सहमति दर्ज की है कि वीर रूस की यूरो, डॉलर, येन और पाउंड के अंतर्गत व्यवसाय करने की क्षमता पर प्रतिबंध लगाएंगे। इसका मतलब यह है कि रूस की वित्तीय क्षमता पर अमेरिका और सहयोगी देश मिलकर प्रतिबंध लगा देंगे।

रूस की वित्तीय क्षमता पर जो प्रतिबंध लगाए जाएंगे उनमें से एक प्रतिबंध जो होगा वह है रूस को स्विफ्ट सिस्टम से हटाना यानी उस पर सीमा लगाना। ऐसा करने से रूस के बैंकों के लिए विदेश में कारोबार करने में बहुत मुश्किलें हो जाएंगी क्योंकि जो देश स्विफ्ट सिस्टम का इस्तेमाल करते हैं उन देशों के बैंकों के लिए विदेश में कारोबार करना बहुत ही आसान होता है जिससे उनकी अर्थव्यवस्था भी बहुत अच्छी चलती है।

हालांकि इससे उन देशों पर भी प्रभाव पड़ेगा जिसके बैंक रूसी वित्तीय संस्थाओं से जुड़े हैं जैसे अमेरिका और जर्मनी देश।

इतिहास में कब स्विफ्ट सिस्टम को अलग करने का निर्णय लिया गया था

रूस पर प्रतिबंध स्विफ्ट सैंक्शन-आपको बता दें कि ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है जब किसी देश के स्विफ्ट सिस्टम पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की जा रही हो। इतिहास में 2012 में ईरान के खिलाफ इसी प्रतिबंध का इस्तेमाल किया गया था।

जब ऐसा किया गया था तब ईरान की तेल से होने वाली बिक्री से जो अच्छी कमाई होती थी उसमें बड़ी तादाद में गिरावट आ गई थी। इससे ईरान की अर्थव्यवस्था और विदेशी कारोबार को बहुत नुकसान झेलना पड़ा था।

क्या रूस की स्विफ्ट सैंक्शन शुरू हो चुकी है

हम आपको बताना चाहते हैं कि रिपोर्ट्स के मुताबिक रूस केस्विफ्ट सिस्टम को तुरंत नहीं सीमित किया जाएगा यानी रूस के सूट सिस्टम को तुरंत अलग नहीं किया जाएगा।

इसका मतलब यह है कि शुरुआती प्रतिबंध जो लगाए जाएंगे उनमें स्विफ्ट से रूस की फाइनेंशियल सिस्टम मैं सीमा लगाने की आशंका अभी उतनी नहीं दिखाई जा रही है।

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