Monday, April 29, 2024
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गिरनार रोपवे क्या है- Girnar Ropeway kya hai in Hindi [Online booking, Ticket Price, Length]

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गिरनार रोपवे क्या है- Girnar Ropeway kya hai in Hindi – क्या आप जानते है की गिरनार रोपवे क्या है यदि नहीं तो आपकी जानकारी के लिए बतादे की यह गुजरात के जूनागढ़ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गिरनार रोपवे का उद्घाटन 24 अक्टूबर 2020 को कर दिया है जिससे लोगो आने जाने में आसानी होने लगी थी तो आइए इसके बारे में जानते है पूरी जानकारी



गिरनार रोपवे क्या है  

जूनागढ़ गिरनार रोपवे, भारत के गुजरात राज्य में स्थित है। यह एक रोपवे है जो जूनागढ़ नगर से गिरनार पर्वत शिखर की ओर जाता है। यह रोपवे जूनागढ़ से गिरनार की यात्रा को सुगम और समर्थित बनाने के लिए बनाया गया है।

जूनागढ़ गिरनार रोपवे की लंबाई करीब 2.3 किलोमीटर है और यह आधुनिक तकनीकी साधनों का उपयोग करके बनाया गया है। यह रोपवे पर्वतारोही और पर्यटकों को गिरनार पर्वत के शिखर तक ले जाता है, जहां पर्वतारोही माँ अंबा देवी मंदिर का दर्शन कर सकते हैं। इसके अलावा, यह रोपवे पर्यटकों को गिरनार पर्वत की अद्वितीय वनस्पति, जीव-जंतुओं और आकर्षक प्राकृतिक सुंदरता का आनंद लेने का भी मौका देता है।




गिरनार रोपवे की विशेषता

गिरनार पर्वत ऐतिहासिक महत्व का एक प्रमुख स्थान है। यह पर्वत प्राचीनतम जैन तीर्थस्थलों में से एक है, जहां श्री चंद्रप्रभ तीर्थंकर का मंदिर स्थित है। गिरनार पर्वत के शिखर पर गोमुक्तेश्वर महादेव मंदिर भी है। इसलिए, गिरनार रोपवे पर्यटकों को इस प्रमुख धार्मिक स्थल के नजदीक ले जाने का एक अद्वितीय मौका प्रदान करता है।

गिरनार पर्वत प्राकृतिक रूप से बहुत सुंदर है। यहां पर्वतारोहियों को आकर्षक वनस्पति, चट्टानें, उद्यान और वन्यजीवों का आनंद मिलता है। रोपवे की यात्रा के दौरान, आपको प्राकृतिक द्रश्यों का लुफ्त उठाने का अवसर मिलता है, जिसमें पर्वत शिखर, घाटियों, झरनों और वनस्पतियों की खूबसूरती शामिल होती है।

अम्बे मंदिर तक पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं को 9999 सीढ़ियां चढ़ने पड़ती थी परंतु अब इस रोपवे से लोगों को काफी राहत मिलेगी

गिरनार रोपवे का इतिहास

इस रोपवे का निर्माण मुख्य रूप से गिरनार पर्वत शिखर तक यात्रा को सुगम और समर्थित बनाने के उद्देश्य से किया गया है। गिरनार पर्वत, जिस पर यह रोपवे स्थापित है, धार्मिक एवं प्राकृतिक महत्व के कारण पर्यटन स्थल के रूप में मशहूर है। इस पर्वत पर वैष्णो देवी मंदिर, जैन मंदिर और गोमुक्तेश्वर महादेव मंदिर जैसे पवित्र स्थान स्थित हैं। पहले गिरनार शिखर तक पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं को 5000 सीढ़ियां चढ़नी पड़ती थीं, जो लंबी और कठिन यात्रा होती थी।





गिरनार रोपवे के निर्माण से, यात्रीगण अब आसानी से और कम समय में गिरनार पर्वत शिखर तक पहुंच सकते हैं। इसमें गिरनार रोपवे ने पर्यटकों को पर्यटन अनुभव को बेहतर बनाने का एक महत्वपूर्ण योगदान दिया है। निगम लिमिटेड ने पहली बार 1983 में गिरनार रोपवे प्रोजेक्ट का फैसला किया था

रोपवे निर्माण की जगह

गिरनार रोपवे का निर्माण गुजरात राज्य के जूनागढ़ नगर में किया गया है। यह जूनागढ़ नगर से शुरू होकर गिरनार पर्वत के शिखर तक जाता है। जूनागढ़ नगर गुजरात का एक प्रमुख शहर है और यह रोपवे पर्यटकों के लिए आसानी से पहुंचने का मुख्य बाज़ार है। गिरनार रोपवे की आधिकारिक स्थापना जूनागढ़ नगर के पर हुई है।

गिरनार रोपवे पर विवाद

गिरनार रोपवे यात्रा टिकट पर अब 18% GST के बजाय 5% GST लग गया था। और 13% जीएसटी से गिरनार रोपवे यात्रा सस्ती हो जाएगी। रोपवे के आने-जाने के लिए 700 रुपये की जगह अब इसे 623 रुपये कर दिया गया है। एक तरफा रोपवे का किराया 400 रुपये से घटाकर 356 रुपये कर दिया गया है।

FAQs

गिरनार रोपवे क्या है?
गिरनार रोपवे एक रोपवे है जो जूनागढ़ नगर से गिरनार पर्वत के शिखर तक जाता है। यह रोपवे यात्रियों को आसानी से और समर्थित ढंग से गिरनार पर्वत की यात्रा करने का अवसर प्रदान करता है।

गिरनार रोपवे का उद्घाटन कब हुआ?
गिरनार रोपवे का उद्घाटन 24 अक्टूबर 2020 को हुआ।

गिरनार रोपवे की लंबाई कितनी है?
गिरनार रोपवे की लंबाई करीब 2.3 किलोमीटर (1.43 माइल) है।

गिरनार रोपवे की यात्रा कितने समय लगती है?
गिरनार रोपवे की यात्रा करीब 7-8 मिनट लेती है।

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