GPS क्या है-आइये दोस्तों आज हम आपको जीपीएस के बारें में बताएँगे GPS क्या है और यह कैसे काम करता है।
Quick Links
GPS क्या है?
GPS क्या है-GPS या Global Positioning System एक सुविधा है जो सैकड़ों उपकरणों को इस्तेमाल करके पृथ्वी के किसी भी क्षेत्र पर स्थान का पता लगाने की अनुमति देती है। GPS नेविगेशन सिस्टम, स्थान और समय की जानकारी के आधार पर विभिन्न जगहों की जानकारी प्रदान करता है।
GPS सिस्टम में 24 सैटेलाइट्स होते हैं जो पृथ्वी के आसपास स्थित होते हैं। इन सैटेलाइट्स से आवृत संगतता के माध्यम से, GPS प्राप्तकर्ता या उपकरण स्थान और समय की जानकारी प्राप्त करते हैं। यह उपकरण स्थान और समय को संचार करने के लिए उपयोग किए जाने वाले सिग्नल को अनुमति देते हैं जो इसके आधार पर स्थान का पता लगाते हैं।
GPS उपकरण के इस्तेमाल से लोग स्थान और समय को निश्चित कर सकते हैं और यह सुविधा विभिन्न क्षेत्रों में नेविगेशन, लोकेशन बेस्ड सेवाएं, मैपिंग, समुद्री जहाजों और विमानों के नेविगेशन आदि में उपयोग किया जाता है।
GPS का Basic Structure क्या है?
GPS क्या है-GPS अपनी संरचना में तीन मुख्य घटकों से बना होता है:
- सैटेलाइट्स (Satellites):
GPS सिस्टम में 24 सैटेलाइट्स होते हैं जो पृथ्वी के आसपास स्थित होते हैं। इन सैटेलाइट्स से GPS प्राप्तकर्ताएं स्थान और समय की जानकारी प्राप्त करते हैं। इन सैटेलाइट्स को निरंतर बनाए रखने के लिए आठ अलग-अलग उच्चतम स्थानों पर छोटे-छोटे चक्रीय नामक परिक्रमा-गति वाले उपग्रह लगाए गए हैं। - GPS प्राप्तकर्ता (Receiver):
GPS प्राप्तकर्ता एक उपकरण होता है जो सैटेलाइट से आये संकेतों को ग्रहण करता है और इनका विश्लेषण करके स्थान और समय की जानकारी प्रदान करता है। - नियंत्रण सेंटर (Control Center):
GPS सिस्टम को नियंत्रित करने के लिए नियंत्रण सेंटर होता है जो सैटेलाइट्स की स्थिति, संकेतों के वितरण और निरंतर नई सैटेलाइट्स के लॉन्च को नियंत्रित करता है।
GPS कैसे काम करता है?
GPS (Global Positioning System) काम करने के लिए निम्नलिखित चरणों का उपयोग करता है:
- सैटेलाइट से संकेतों का प्राप्त करना (Signal Reception):
GPS प्राप्तकर्ता सैटेलाइट्स से आ रहे संकेतों को ग्रहण करता है। संकेतों का नक्शा (map) के साथ भेजा जाता है, इससे प्राप्तकर्ता नक्शे की सहायता से अपनी स्थान तथा समय की जानकारी प्राप्त करता है। - संकेतों के समय अंतर का मापन (Time Delay Measurement):
जब संकेत प्राप्तकर्ता तक पहुँचते हैं, तब उनका समय विलंब निर्धारित किया जाता है। इस विलंब का निर्धारण संकेत का संचार करने में लगने वाले समय से होता है। - दूसरे संकेतों के साथ तुलना करना (Triangulation):
GPS प्राप्तकर्ता को कम से कम तीन सैटेलाइट्स से संकेतों की जानकारी प्राप्त होती है और इन संकेतों के आधार पर प्राप्तकर्ता का स्थान तथा समय निर्धारित किया जाता है।
GPS का Full form क्या है?
GPS का Full form “Global Positioning System” होता है।
GPS का इतिहास
GPS (Global Positioning System) का विकास अंतरिक्ष सूचना प्रणालियों के उपयोग के दौरान शुरू हुआ था। अमेरिकी निकाय विशेष समिति ने 1973 में एक GPS विकास कार्यक्रम शुरू किया था।
जब विकास प्रक्रिया प्रारंभ हुई, तब सभी नेवी जहाजों के लिए नैविगेशन उपकरणों को आवश्यकताओं के लिए बदलना पड़ता था। अब GPS को सिविल उपयोग के लिए उपलब्ध कराया जाता है, जिसमें सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट (CPU) और सिंक्रोनाइज़्ड क्वार्ट्ज ऑसिलेटर जैसी नवीनतम तकनीकें शामिल हो गयी हैं।
GPS के Advantage
GPS एक उपयोगी और सुविधाजनक तकनीक है जो विभिन्न क्षेत्रों में नेविगेशन, ट्रैकिंग और अन्य कार्यों के लिए उपयोग किया जाता है। इसके कुछ मुख्य फायदे निम्नलिखित हैं:
- सटीकता: GPS सुविधा के साथ सटीक नेविगेशन संभव होता है। यह सुनिश्चित करता है कि आप अपनी लक्ष्य स्थान पर ठीक से पहुंचते हैं।
- समय और ऊर्जा की बचत: GPS द्वारा सटीक नेविगेशन और रूट प्लानिंग की अनुमति से आप अपने समय और ऊर्जा की बचत कर सकते हैं।
- ट्रैकिंग: GPS द्वारा आप विभिन्न वाहनों और वस्तुओं को ट्रैक कर सकते हैं। यह विपणन, वित्त और लॉजिस्टिक्स के लिए उपयोगी होता है।
- सुरक्षा: GPS द्वारा आप विभिन्न वाहनों और व्यक्तियों की सुरक्षा सुनिश्चित कर सकते हैं। यह वाहनों के स्थान की अनुमति देता है जो सुरक्षा के लिए उपयोगी होता है।
- निरंतर अधिकतम स्पीड अपशिष्टता: GPS द्वारा निरंतर अधिकतम स्पीड अपशिष्टता सुनिश्चित की जा सकती है।