Monday, April 29, 2024
Homeजानकारियाँसफल शादी के लिए कुंडली के कितने गुण मिलने चाहिये - Gun...

सफल शादी के लिए कुंडली के कितने गुण मिलने चाहिये – Gun Matching For Successful Marriage In Hindi

सफल शादी के लिए कुंडली के कितने गुण मिलने चाहिये – Gun Matching For Successful Marriage In Hindi


सफल शादी के लिए कुंडली के कितने गुण मिलने चाहिये – Gun Matching For Successful Marriage In Hindi- एक सफल शादी के लिए, संवाद में सभी तरह के विषयों को सही समय पर खुलकर बातचीत करना महत्वपूर्ण है। आपको एक दूसरे की भावनाओं को समझने का प्रयास करना चाहिए और सहमति बनाने की कोशिश करनी चाहिए। शादी में सहायता और समर्थन एक महत्वपूर्ण कारक होते हैं। आपको आपसी समर्थन प्रदान करने का इरादा होना चाहिए और आपके जीवनसाथी के लक्ष्यों और सपनों का समर्थन करना चाहिए। शादी एक बड़ा परिवर्तन होता है और समय लग सकता है ताकि आप दोनों एक-दूसरे को समझ सकें और एक दूसरे के साथ समय बिता सकें।





यदि आपकी भी नयी नयी शादी हो रही है तो में मुस्कान आपको कुछ ऐसी सलाह दूंगी जो आप और आपके जीवनसाथी के लिए बेहतर होगी अधिकतर लोग अपनी नयी गृहस्थी नहीं संभल पाते है तो इन टिप्स को जरूर फॉलो करे Gun Matching For Successful Marriage In Hindi

आप नयी गृहस्थी कैसे चला सकते हैं?

एक संरचित और संगठित जीवन शैली के साथ रहना महत्वपूर्ण है। साझा जीवन के लक्ष्य, वित्तीय योजनाएँ, और आपसी जिम्मेदारियों को साझा करना शादी को स्थिर बना सकता है जीवन में समस्याएँ और विवाद हो सकते हैं, लेकिन इन्हें समझदारी से हल करना चाहिए। आपको समस्याओं का समाधान निकालने के लिए साथी के साथ मिलकर काम करना चाहिए। आपको आपके साथी की स्वतंत्रता और व्यक्तिगत अधिकारों का सम्मान करना चाहिए। आपको आपसी श्रद्धा और सम्मान करना चाहिए। दोनों की भावनाओं का आदर करना और उन्हें महत्व देना शादी को मजबूती देता है।

सफल शादी के लिए कुंडली के कितने गुण मिलने चाहिये  Guna Matching For Successful Marriage In Hindi

जैसा की आप जानते है की शादी केवल दो प्यार करना ही नहीं बल्कि दो रिश्ते का मिलाव भी होता है यदि आप एक स्वस्थ और सुखमय शादी चाहते हैं, तो ये सिर्फ कुछ मात्र हैं। सफल शादी आपके दोनों साथियों के प्रति समर्पण, सहमति और प्रेम पर आधारित होनी चाहिए।

वैदिक ज्योतिष में, विवाह की कुंडली मिलान के लिए गुण मिलने का प्रमुख तरीका है कुण्डली मिलान या गुण मिलान ज्योतिषीय परंपराओं में प्रचलित है। इसमें कुल 36 गुण मिलते हैं और इन गुणों की तुलना और मिलान के आधार पर विवाह की संभावना की जाती है। सफल शादी के लिए कुंडली के कितने गुण मिलने चाहिये  सफल शादी के लिए कुंडली के कितने गुण मिलने चाहिये – Gun Matching For Successful Marriage In Hindi

गुण मिलान (Gun Matching) 

गुण कितने जरुरी है मिलान के लिए
गण 6
गृहमैत्री 5
नाड़ी 8
वैश्य 2
वर्ण 1
योनी 4
तारा 3
भकूट 7

 

वर्ण (1 गुण) वर्ण मिलान में वर्ण के समानता को देखा जाता है।
वश्य (2 गुण) वश्य मिलान में दोनों की एक-दूसरे पर प्रभावित होने की क्षमता को देखा जाता है।
तारा (3 गुण) तारा मिलान में जन्म नक्षत्र की मिलान की जाती है।
योनि (4 गुण) ग्रह मैत्री मिलान में ग्रहों के प्रति आपसी सहयोग की मिलान की जाती है।
गन्ध मैत्री (6 गुण)  गन्ध मैत्री मिलान में आपसी सहयोग और समझदारी की मिलान की जाती है।
भ्रष्ट मैत्री (7 गुण) भ्रष्ट मैत्री मिलान में आपसी सहयोग और विश्वास की मिलान की जाती है।
गण मैत्री (8 गुण) गण मैत्री मिलान में आपसी सहयोग और व्यक्तिगत गुणों की मिलान की जाती है।
भकूट मैत्री (9 गुण) भकूट मैत्री मिलान में आपसी सहयोग और भाग्यशाली मिलान की जाती है।
नाड़ी (8 गुण) नाड़ी मिलान में दोनों के शारीरिक स्वास्थ्य की मिलान की जाती है।

मांगलिक मिलान (Mangalik Dosh) 

जन्म कुण्डली में मंगल की स्थिति की जांच की जाती है कि क्या व्यक्ति की कुण्डली में मंगल ग्रह का प्रभाव हो और यदि हो तो यह किस भाव में स्थित है। मंगलिक मिलान में कुछ विशेष दोषों की जांच की जाती है, जैसे कि मांगलिक दोष, विश्व कलत्री दोष, आदि। यदि ये दोष प्राप्त होते हैं, तो उनके प्रभाव को देखकर उपाय या उपचार किया जा सकता है। मांगलिक मिलान में दोनों की कुण्डलियों का संयोग (ग्रहों के सामंजस्य) भी देखा जाता है। यह देखने में मदद करता है कि कैसे दोनों की कुण्डलियों में मंगलिक ग्रह का प्रभाव हो सकता है। सिर्फ मंगल ग्रह की ही नहीं, बल्कि अन्य ग्रहों की स्थिति और प्रभावों को भी मांगलिक मिलान में शामिल किया जाता है।

गुण कैसे मिलाये जाते है (How To Match Kundali ) 

गुण मिलान वैदिक ज्योतिष में विवाह के निर्णय के लिए कुण्डली मिलान का एक हिस्सा है। यह 36 गुणों की मिलान करके किया जाता है, जिन्हें अष्टकूट गुण मिलान भी कहा जाता है। या तो कुंडली में जरुरी आठ मिलान है उसके समझिये

वर्ण मिलान एक गुण मिलान का हिस्सा है जो वैदिक ज्योतिष में विवाह के निर्णय में उपयोग होता है। इसके माध्यम से व्यक्तियों के मानसिक और आत्मिक गुणों की मिलान की जाती है। वर्ण मिलान में चार वर्ग होते हैं: ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और शूद्र। यह वर्ग आधारित नहीं होते हैं सिर्फ व्यक्ति की जाति पर, बल्कि उनके मानसिक और आत्मिक गुणों पर होते हैं।

  • ब्राह्मण (ब्राह्मणी)
  • क्षत्रिय (राजनी)
  • वैश्य (वैश्यी)
  • शूद्र (शूद्री)

वैश्य (कौन किस पर हावी रहेगा) 

वैश्य वर्ग के व्यक्तियों को व्यवसायिक दक्षता और व्यवसायिक बुद्धिमत्ता की विशेषता होती है। उन्हें आर्थिक मुद्दों को समझने और उन्हें प्रबंधित करने की क्षमता होती है। यह वर्ग व्यापारिक सोच रखने में माहिर होता है और विभिन्न व्यवसायों में रुचि रखता है। उन्हें बाजार में नौकरी नहीं, बल्कि नौकरी बनाने की क्षमता होती है। वैश्य वर्ग के व्यक्तियों का संग्रहण कौशल महत्वपूर्ण होता है। वे धन की प्राप्ति में माहिर होते हैं और आर्थिक प्रगति की दिशा में काम करते हैं। वैश्य वर्ग के व्यक्तियों में उद्यमिता की भावना होती है। उन्हें नए व्यवसायिक प्रोजेक्ट में आरंभ करने की क्षमता होती है और उन्हें स्वतंत्रता से काम करने का शौक होता है।

  • मानव
  • वंचर
  • चातुस्पद
  • जलचर
  • जलचर कीट

तारा (जन्म के समय की तारामंडल की स्थिती) 

तारा मिलान में दोनों व्यक्तियों के चंद्रमा की स्थिति की जांच की जाती है। चंद्रमा का प्रभाव व्यक्तिगत भावनाओं, विचारों और मानसिक स्थितियों पर होता है। तारामंडल में चंद्रमा के संयोग की मिलान की जाती है। यह देखने में मदद करता है कि कैसे दोनों की तारामंडल में चंद्रमा का प्रभाव हो सकता है। तारामंडल में दोनों व्यक्तियों के चंद्रमा के संयोग की मिलान से आपसी संबंध की भावना और व्यक्तिगत आपसी सहयोग की क्षमता की जांच की जाती है।


योनी 

योनि मिलान में दोनों पार्टनरों के योनि के गुणों की मिलान की जाती है। यह देखने में मदद करता है कि सेक्सुअल क्षेत्र में कैसा संबंध बन सकता है। योनि मिलान में शारीरिक आकार और आकृति की मिलान की जाती है। यह देखने में मदद करता है कि शारीरिक संबंध किस प्रकार से हो सकते हैं। योनि मिलान सेक्सुअल संबंधों के लिए भी महत्वपूर्ण होता है। यह देखने का प्रयास करता है कि दोनों पार्टनरों के बीच सेक्सुअल संबंध कितने संवादनशील और संतुष्टि पूर्ण हो सकते हैं

14 जानवर पात्रों के नाम

  • अश्व
  • गजा
  • मेष
  • सर्प
  • स्वः
  • मर्जारह
  • मूषिका
  • गौ
  • महिषा
  • व्यग्रह
  • मृगा
  • वानर
  • नकुल
  • सिंह

गृह्मैत्री 

यह 7 ग्रहों को देखकर मिलान किया जाता है –

  1. सूर्य
  2. चन्द्र
  3. मंगल
  4. बुध
  5. गुरु
  6. शुक्र
  7. शनि

गृहमैत्री मिलान में दोनों पार्टनरों के चंद्रमा ग्रह की स्थिति की मिलान की जाती है। चंद्रमा का प्रभाव व्यक्तिगत भावनाओं, मानसिक स्थितियों, और परिवारिक मामलों पर होता है। शुक्र ग्रह का महत्व विवाह में बहुत अधिक होता है, क्योंकि यह प्रेम, समृद्धि, और सुख के संकेतक होता है। गृहमैत्री मिलान में दोनों पार्टनरों के शुक्र ग्रह की स्थिति की मिलान की जाती है। गृहमैत्री मिलान में दोनों पार्टनरों के ग्रहों की स्थिति की मिलान की जाती है, और देखा जाता है कि कैसे ये ग्रह पार्टनरों के बीच संबंध को प्रभावित कर सकते हैं।

गुण 

वर्ण मिलान में व्यक्तियों की जाति की मिलान की जाती है और देखा जाता है कि क्या वे व्यक्तिगत और सामाजिक स्तर पर एक-दूसरे के साथ अनुकूल हैं।

देवता 

भारतीय ज्योतिष में विवाह के निर्णय के लिए कुण्डली मिलान का एक हिस्सा हो सकता है। यह गुण मिलान ज्योतिष में ब्रह्मा, विष्णु, और महेश तिनों देवताओं के बीच संबंध की मिलान की जाती है।

मनुष्य

दो व्यक्तियों के बीच समझदारी और संवादना की मिलान बहुत महत्वपूर्ण होती है। यह दोनों पार्टनरों के बीच सहयोग और संबंध की मजबूती को प्रभावित कर सकता है।

राक्षस 

राक्षस मिलान में दोनों पार्टनरों के जन्म नक्षत्र की स्थिति की मिलान की जाती है और यह देखने का प्रयास करता है कि कैसे दोनों के आत्मिक स्वभाव और संवादना एक-दूसरे के साथ मेल खाते हैं।

  • मेष
  • वृष
  • मिथुन
  • कर्क
  • सिंह
  • कन्या
  • तुला
  • वृश्चिक
  • धनु
  • मकर
  • कुम्भ
  • मीन

नाड़ी 

दोनों पार्टनरों की नाड़ी  की मिलान शारीरिक स्वास्थ्य की मिलान करता है और देखता है कि क्या उनके शारीरिक स्वास्थ्य में अनुकूलता है। नाड़ी  मिलान दोनों पार्टनरों की शारीरिक और मानसिक अंतरंगता की मिलान करता है और यह देखता है कि कैसे उनके बीच अंतरंगता हो सकती है।







 

RELATED ARTICLES
0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest

0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments

Most Popular