मुमताज़ का जीवन परिचय-हेलो दोस्तों मेरा नाम मोहित है आज में आपको मुमताज़ जी के बारे में बताऊँगी 60-70 की दशक में बेहद खुबशुरत अभिनेत्री मुमताज़ को उनके समय की सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्रियों में से एक मन जाता है मुमताज़ ने आपमें समय के सभी बढे अभिनेत्रो के साथ काम किया है उन्हें फिल्म खिलौना के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का फिल्मफेयर अवार्ड भी प्राप्त हुआ है मुमताज़ ने अपने अभिनय की शुरुआत , बल कलाकार के रूप में ही शुरू कर दी थी
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मुमताज़ का जन्म
मुमताज़ का जीवन परिचय- मुमताज़ का जन्म 31 जुलाई 1947 में मुंबई में हुआ था , जब भारत ब्रिटिश राज के अधीन था
मुमताज़ की शादी
मुमताज़ ने 27 साल की उम्र मेंcके साथ शादी कर ली, जिसके बाद उन्होंने फिल्मों को अलविदा कह दिया। मुमताज़ की दो बेटियां नताशा और तान्या है।
मुमताज़ का करियर
मुमताज़ का जीवन परिचय-महज 13 साल की उम्र में, मुमताज़ ने फ़िल्मी दुनिया में कदम रखा था। 1958 में रिलीज़ हुई फिल्म सोने की चिड़िया में, उन्होंने एक बाल कलाकार के रूप में अपने अभिनय की शुरुवात की, जिसके बाद साल 1963 में रिलीज़ हुई फिल्म फौलाद में, मुमताज़ ने बतौर अभिनेत्री के रूप में काम किया।
मुमताज़ ने बड़ी-बड़ी फिल्मों में काम किया है, जैसे , दो रास्ते, बंधे हाथ आदि। मुमताज़ की आखरी फिल्म नागिन थी।
मुमताज पर आया था शम्मी कपूर का दिल, इस वजह से नहीं हुई शादी
मुमताज़ का जीवन परिचय-मुमताज की मां नाज और चाची नीलोफर पहले से फिल्मों में मौजूद थीं। लेकिन दोनों जूनियर आर्टिस्ट होने के नाते अपनी बेटियों की सिफारिश करने योग्य नहीं थीं। मुमताज ने जूनियर आर्टिस्ट से स्टार बनने का सपना अपने मन में संजोया था, जिसे उन्होंने सच कर दिखाया। सत्तर के दशक में उन्होंने स्टार की हैसियत प्राप्त कर ली। उस दौर के नामी सितारे जो कभी मुमताज का नाम सुनकर नाक-भौं सिकोड़ते थे, वे उनक साथ काम करने को लालायित रहने लगे थे। ऐसे सितारों में शम्मी कपूर, देवानंद, संजीव कुमार, जीतेंद्र और शशि कपूर आदि शामिल हैं।
मुमताज़ का जीवन परिचय-मुमताज ने दारा सिंह से लेकर दिलीप कुमार जैसे महान कलाकारों के साथ अभिनय कर सफलता हासिल की और अभिनय के क्षेत्र में नाम कमाया। उन्होंने कई स्टंट फिल्मों में काम किया, जिनमें उनके नायक की भूमिका दारासिंह ने निभाई थी। इन फिल्मों में ‘हरक्यूलिस’, ‘फौलाद’, ‘वीर भीम सेन’, ‘सैमसन’, ‘टार्जन कम टू दिल्ली’, ‘आंधी और तूफान’, ‘सिकंदरे आजम’, ‘टार्जन एंड किंगकांग’, ‘रुस्तमे हिंद’, ‘राका’, ‘बॉक्सर’, ‘जवान मर्द’, ‘डाकू मंगल सिंह’ और ‘खाकान’ शामिल हैं।
मुमताज़ का जीवन परिचय Mumtaz Biography in hindi
वर्ष | फ़िल्म | वर्ष | फ़िल्म |
1975 | प्रेम कहानी | 1974 | आप की कसम |
1974 | चोर मचाये शोर | 1974 | रोटी |
1973 | प्यार का रिश्ता | 1973 | बंधे हाथ |
1973 | लोफ़र | 1973 | झील के उस पार |
1972 | ताँगेवाला | 1972 | अपना देश |
1972 | रूप तेरा मस्ताना | 1972 | अपराध |
1971 | चाहत | 1971 | एक नारी एक ब्रह्मचारी |
1971 | जवान मोहब्बत | 1971 | तेरे मेरे सपने |
1971 | दुश्मन | 1971 | कठपुतली |
1971 | हरे रामा हरे कृष्णा | 1970 | सच्चा झूठा |
1970 | खिलौना | 1970 | हिम्मत |
1970 | भाई भाई | 1970 | माँ और ममता |
1969 | बंधन | 1969 | जिगरी दोस्त |
1969 | दो रास्ते | 1968 | गौरी |
1968 | मेरे हमदम मेरे दोस्त | 1968 | ब्रह्मचारी |
1967 | बूँद जो बन गयी मोती | 1967 | राम और श्याम |
1967 | पत्थर के सनम | 1967 | चन्दन का पालना |
1967 | हमराज़ | 1966 | दादी माँ |
1966 | लड़का लड़की | 1966 | पति पत्नी |
1966 | सावन की घटा | 1966 | ये रात फिर ना आयेगी |
1966 | प्यार किये जा | 1966 | सूरज |
1965 | बेदाग़ | 1965 | सिकन्दर-ए-आज़म |
1965 | बहू बेटी | 1965 | खानदान |
1965 | मेरे सनम | 1963 | मुझे जीने दो |
1962 | मैं शादी करने चला | 1962 | डॉक्टर विद्या |
मुमताज़ का जीवन परिचय-दारासिंह के बाद मुमताज की जोड़ी राजेश खन्ना के साथ जमी। उन दिनों राजेश भी सफलता की राह पर आगे बढ़ रहे थे। फिल्मों में दोनों को साथ देखने वालों की होड़ लग गई। फिल्म ‘दो रास्ते’ की सफलता के साथ दोनों के वारे-न्यारे हो गए। 1969 से 74 तक इन दो कलाकारों ने ‘सच्चा झूठ’, ‘अपना देश’, ‘दुश्मन’, ‘बंधन और रोटी’ जैसी शानदार फिल्में दीं।
मुमताज़ का जीवन परिचय-यह ऐसा समय था, जब प्रत्येक अभिनेता मुमताज के साथ काम करना चाहता था। हद तो तब हुई जब शशि कपूर ने फिल्म ‘चोर मचाए शोर’ (1974) के स्टारकास्ट में मुमताज का नाम न देखकर फिल्म ही छोड़ दी। मुमताज को नायिका बनाए जाने पर ही शशि ने इस फिल्म में काम करना स्वीकार किया। यही हाल दिलीप कुमार का था। उन्होंने ‘राम और श्याम (1967’) फिल्म में अनेक नायिकाओं में से एक का चयन मुमताज को लेकर किया।
मुमताज ने दस साल तक बॉलीवुड पर राज किया।
मुमताज़ का जीवन परिचय-मुमताज ने दस साल तक बॉलीवुड पर राज किया। वह शर्मिला टैगोर के समकक्ष मानी गईं और पैसा भी उन्हें के बराबर दिया गया। देव आनंद की फिल्म ‘हरे रामा हरे कृष्णा’ मुमताज के करियर को सुनहरा कर देने वाली फिल्म थी। सत्तर के दशक में अचानक नई हीरोइनों की बाढ़ आ गई। तब तक मुमताज का भी स्टार बनने का सपना सच हो गया था। वह अब घर बसाना चाहती थीं। उन्होंने गुजराती मूल के लंदनवासी मयूर वाधवानी नामक व्यवसायी से 1974 में शादी की और ब्रिटेन में जा बसीं।
मुमताज़ का जीवन परिचय-शादी के पहले उनका नाम संजय खान, फिरोज खान, देव आनंद जैसे कुछ सितारों के साथ जोड़ा गया था, लेकिन अंत में मयूर पर उनका दिल आ गया। मुमताज जब 18 साल की थीं, तभी शम्मी कपूर ने उन्हें शादी के लिए प्रपोज कर दिया था। उस समय मुमताज भी शम्मी से प्यार करती थीं। शम्मी चाहते थे कि मुमताज अपना फिल्मी करियर छोड़कर उनसे शादी कर लें। लेकिन मुमताज के इनकार के बाद शम्मी के साथ उनका अफेयर खत्म हो गया।
मुमताज़ का जीवन परिचय-शादी के बाद भी उनकी तीन फिल्में रिलीज हुईं, जिनकी शूटिंग उन्होंने शादी से पहले ही पूरी कर ली थी। वहीं फिल्मों के ऑफर उन्हें शादी के बाद भी मिलते रहे। मुमताज को 53 वर्ष की उम्र में कैंसर हो गया था। इस बीमारी से अब उन्होंने निजात पा ली है, लेकिन अब उन्हें थायराइड संबंधी समस्याएं परेशान कर रही हैं। उनकी दो बेटियां हैं।
खबर आई थी कि मुमताज की अपने पति से अनबन चल रही है और दोनों अलग होने वाले हैं। लेकिन मुमताज ने अपने पति का साथ नहीं छोड़ा है। मुमताज ने 1967 की फिल्म ‘राम और श्याम’ व 1969 की फिल्म ‘आदमी और इंसान’ के लिए फिल्मफेयर बेस्ट सपोर्टिग एक्ट्रेस अवॉर्ड जीता।
मुमताज़ का जीवन परिचय-उन्होंने 1969 की फिल्म ‘ब्रह्मचारी’ के लिए बेस्ट सपोर्टिग एक्ट्रेस का पुरस्कार जीता, 1970 की फिल्म ‘खिलौना’ के लिए फिल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री पुरस्कार, 1996 में प्रतिष्ठित अंतर्राष्ट्रीय भारतीय फिल्म अकादमी (आईफा) में लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड और 2008 में आईफा उत्कृष्ट योगदान मानद पुरस्कार से नवाजा गया।
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