Monday, April 29, 2024
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2 अक्टूबर दो महापुरुषों की जयंती है October 2 of two great men in hindi

2 अक्टूबर दो महापुरुषों की जयंती है-हेलो दोस्तों मेरा नाम मोहित है आज आपको 2 अक्टूबर दो महापुरुषों के बारे में बताने जा रहा हु। मोहनदास करमचन्द गाँधी के जन्म दिवस को चिन्हित करने के लिये 2 अक्टूबर को हर वर्ष पूरे भारत में मनाये जाने वाला राष्ट्रीय अवकाश है गाँधी जयंती। वह भारत के राष्ट्रपिता तथा बापू के रुप में प्रसिद्ध है।

ये उपाधि उन्हें आधिकारिक रुप से प्राप्त नहीं है क्योंकि किसी को भी राष्ट्र के पिता के रुप में स्थान देना भारत के संविधान में उल्लिखित नहीं है। 15 जून 2007 को संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रुप में महात्मा गाँधी के जन्म दिवस को घोषित किया गया। गाँधी जयंती पूरे भारत में राष्ट्रीय अवकाश के रुप में जबकि पूरे विश्व में अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रुप में को मनाया जाता है।

इस दिन पूरे देशभर में स्कूल और सरकारी कार्यालय बंद रहते हैं। इसे पूरे भारत के सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों में मनाया जाता है। ये भारत (स्वत्रंता दिवस-15 अगस्त, गणतंत्र दिवस-26 जनवरी) के 3 में से एक राष्ट्रीय कार्यक्रम के रुप में मनाया जाता है। नई दिल्ली में गाँधी स्मारक (दाह संस्कार) पर राजघाट पर सरकारी अधिकारियों के द्वारा श्रद्धांजलि, प्रार्थना सेवा के रुप में जैसे कुछ महत्वपूर्णं गतिविधियों सहित इसे चिन्हित किया जाता है।

2 अक्टूबर दो महापुरुषों की जयंती है October 2 of two great men in hindi

दूसरे क्रियाकलाप जैसे प्रार्थना, सभा, स्मरणीय समारोह, नाट्य मंचन, भाषण व्याख्यान (अहिंसा के विषय-वस्तु पर, शांति की स्तुति करना तथा भारतीय स्वतंत्रता संघर्ष में गाँधी के प्रयासों पर), निबंध लेखन, प्रश्न-उत्तर प्रतियोगिता, चित्रकला प्रतियोगिता, कविता पाठ आदि स्कूल, कॉलेज, स्थानीय सरकारी संस्थानों और सामाजिक-राजनीतिक संस्थानों में होते है। गाँधी जयंती के दिन किसी भी प्रतियोगिता में सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थी को सबसे श्रेष्ठ ईनाम दिया जाता है। सामान्यत: इस दिन उत्सव मनाने के दौरान गाँधी का सबसे प्रिय भजन रघुपति राघव राजा राम गाया जाता है।

2 अक्टूबर दो महापुरुषों की जयंती है-तीसरे महत्वपूर्ण राष्ट्रीय कार्यक्रम के रुप में हर साल गाँधी जयंती को मनाया जाता है। महात्मा गाँधी जन्म दिवस पर को उनको श्रद्धांजलि देने के लिये पूरे देश के भारतीय लोगों द्वारा 2 अक्टूबर को इसे मनाया जाता है। गाँधी देश के राष्ट्रपिता तथा बापू के रुप में प्रसिद्ध है। वो एक देशभक्त नेता थे और अहिंसा के पथ पर चलते हुए पूरे देश का भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में नेतृत्व किया। उनके अनुसार, ब्रिटिश शासन से स्वतंत्रता की लड़ाई जीतने के लिये अहिंसा और सच्चाई ही एकमात्र हथियार है। वह कई बार जेल भी गये हालाँकि देश को आजादी मिलने तक उन्होंने अपने अहिंसा आंदोलन को जारी रखा। वह हमेशा सामाजिक समानता में भरोसा रखते थे इसीलिये अस्पृश्यता के घोर खिलाफ थे।

2 अक्टूबर दो महापुरुषों की जयंती है-सरकारी अधिकारियों द्वारा नई दिल्ली में गाँधीजी की समाधि या राजघाट पर बहुत तैयारियों के साथ गाँधी जयंती मनायी जाती है। राजघाट के समाधि स्थल को फूलों की माला तथा फूलों से सजाया जाता है तथा इस महान नेता को श्रद्धांजलि अर्पित की जाती है। समाधि पर सुबह के समय धार्मिक प्रार्थना भी रखी जाती है। इसे पूरे देशभर में स्कूल और कॉलेजों में विद्यार्थीयों के द्वारा खासतौर से राष्ट्रीय उत्सव के रुप में मनाया जाता है।

महात्मा गाँधी के जीवन और उनके कार्यों पर आधारित नाट्य ड्रामा, कविता व्याख्यान, गायन, भाषण, निबंध लेखन तथा दूसरी प्रतियोगिता में भाग लेना जैसे प्रश्न-उत्तर प्रतियोगिता, कला प्रतियोगिता आदि के द्वारा विद्यार्थी इस उत्सव को मनाते है। उनकी याद में विद्यार्थीयों के द्वारा गाँधी का सबसे प्रिय गीत “रघुपति राघव राजा राम” भी गाया जाता है। इस दिन सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले छात्र को पुरस्कृत किया जाता है। वह बहुत सारे राजनीतिक नेताओं खासतौर से देश के युवाओं के लिये प्रेरणादायी और अनुकरणीय व्यक्ति है। दूसरे महान नेता जैसे मार्टिन लूथर किंग, नेल्सन मंडेला, जेम्स लॉसन आदि महात्मा गाँधी की अहिंसा और स्वतंत्रता की लड़ाई के लिये शांतिपूर्ण तरीकों से प्रेरित हुए।

गाँधी जयंती एक राष्ट्रीय कार्यक्रम है जो राष्ट्रपिता को श्रद्धांजलि देने के लिये हर वर्ष मनाया जाता है। पूरे विश्व में अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रुप में भी इसे मनाया जाता है। 15 जून 2007 को संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रुप में गाँधी जयंती को घोषित किया गया है। मोहनदास करमचन्द गाँधी (2 अक्टूबर 1869 में जन्म) के जन्म दिवस को याद करने के लिये पूरे देश में गाँधी जयंती को राष्ट्रीय अवकाश के रुप में मनाया जाता है। उनके भारतीय स्वतंत्रता के लिये किये गये अहिंसा आंदोलन से आज भी देश के राजनीतिक नेताओं के साथ-साथ देशी तथा विदेशी युवा नेता भी प्रभावित होते है।

2 अक्टूबर दो महापुरुषों की जयंती है-पूरे विश्व में बापू के दर्शन, अहिंसा में भरोसा, सिद्धांत आदि को फैलाने के लिये अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रुप में गाँधी जयंती को मनाने का लक्ष्य है। विश्वभर में लोगों की जागरुकता बढ़ाने के लिये उचित क्रियाकलापों पर आधारित विषय-वस्तु के द्वारा इसे मनाया जाता है। भारतीय स्वतंत्रता में उनके योगदानों और महात्मा गाँधी के यादगार जीवन को समाहित करता है गाँधी जयंती। इनका जन्म एक छोटे से तटीय शहर (पोरबंदर, गुजरात) में हुआ था, इन्होंने अपना पूरा जीवन देश के लिये समर्पित कर दिया जो आज के आधुनिक युग में भी लोगों को प्रभावित करता है।

इन्होंने स्वराज्य प्राप्ति, समाज से अस्पृश्यता को हटाने, दूसरी सामाजिक बुराईयों को मिटाने, किसानों के आर्थिक स्थिति को सुधारने में, महिला सशक्तिकरण आदि के लिये बहुत ही महान कार्य किये है। ब्रिटिश शासन से आजादी प्राप्ति में भारतीय लोगों की मदद के लिये इनके द्वारा 1920 में असहयोग आंदोलन, 1930 में दांडी मार्च या नमक सत्याग्रह और 1942 में भारत छोड़ो आदि आंदोलन चलाये गये। अंग्रेजों को भारत छोड़ने के लिये उनका भारत छोड़ो आंदोलन एक आदेश स्वरुप था। हर वर्ष पूरे देश में विद्यार्थी, शिक्षक, सरकारी अधिकारियों आदि के द्वारा गाँधी जयंती को बहुत ही नये तरीके से मनाया जाता है। सरकारी अधिकारियों के द्वारा नई दिल्ली के राजाघाट पर गाँधी प्रतिमा पर फूल चढ़ाकर, उनका पसंदीदा भक्ति गीत “रघुपति राघव राजा राम” गाकर तथा दूसरे रीति संबंधी क्रियाकलापों के साथ इसे मनाया जाता है।

यह हर साल स्कूल, कॉलेज, शिक्षण संस्थान, सरकारी तथा गैर-सरकारी संस्थाओं आदि में मनाया जाने वाला देश के 3 राष्ट्रीय अवकाशों(स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस बाकी के दो) में से एक है। भारत के इस महान नेता को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिये स्कूल, कॉलेज, सरकारी कार्यालय, बैंक आदि बंद रहते है। गाँधी जयंती मनाने के द्वारा हमलोग बापू और उनके महान कार्यों को याद करते हैं। विद्यार्थियों को महात्मा गाँधी के जीवन और उनके कार्यों से संबंधित बहुत सारे कार्य दिये जाते हैं जैसे कविता या भाषण पाठ, नाट्य मंचन करना, निबंध लेखन, नारा लेखन, समूह चर्चा आदि।

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