मुंशी प्रेमचंद की 5 छोटी कहानियाँ –हेलो दोस्तों मेरा नाम मोहित है आज में आपको प्रेमचंद के कहानियाँ के बारे में बताने जा रहा हु। का जन्म 31 जुलाई 1880 को वाराणसी जिले (उत्तर प्रदेश) के लमही गाँव में एक कायस्थ परिवार में हुआ था। उनकी माता का नाम आनन्दी देवी तथा पिता का नाम मुंशी अजायबराय था जो लमही में डाकमुंशी थे। उनका वास्तविक नाम धनपत राय श्रीवास्तव था। प्रेमचंद (प्रेमचन्द) की आरम्भिक शिक्षा फ़ारसी में हुई।
मुंशी प्रेमचंद ने 350 कहानियाँ और 11 उपन्यास लिखे। उनकी कहानियाँ ‘मानसरोवर’ नाम से आठ भागों में संकलित हैं। उनके प्रसिद्ध उपन्यास हैं-सेवासदन, प्रेमाश्रम, रंगभूमि , निर्मला, गबन, कर्मभूमि और गोदान। ‘क्बला’ और ‘प्रेम की वेदी’ नामक उनके दो नाटक भी हैं।
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बड़े घर की बेटी
मुंशी प्रेमचंद की 5 छोटी कहानियाँ –इस कहानी में ‘मुंशी प्रेमचंद’ ने संयुक्त परिवारों में होने वाली समस्याओं का चित्रण किया है। उन्होंने इस कहानी के माध्यम से यह बताने का प्रयत्न किया है कि संयुक्त परिवारों में जरा-जरा सी बात पर कलह हो जाती है, बात का बतंगड़ बन जाता है और फिर आपसी समझ-बूझ से बिगड़ती बात को संभाल भी लिया जाता है।
ईदगाह
मुंशी प्रेमचंद की 5 छोटी कहानियाँ –ईदगाह कहानी बाल मनोविज्ञान पर आधारित है , जिसमें एक बालक के इर्द-गिर्द पूरी घटना घूमती है। वह बालक अंत में बूढ़ी (दादी) स्त्री को भी अपने बालपन से बालक बना देता है। इस कहानी में मुंशी प्रेमचंद ने हामिद नाम के बालक के माध्यम से बाल मनोविज्ञान का सूक्ष्मता से लेख लिखा है। यह कहानी अंत तक रोचक और कौतूहल उत्पन्न करता है।
बूढ़ी काकी
मुंशी प्रेमचंद की 5 छोटी कहानियाँ –कथानक की पूर्णता बुद्धिराम की पत्नी द्वारा बूढ़ी काकी को जूठन चाटते हुए देखने पर उत्पन्न आत्मग्लानि एवं पछतावे के साथ कर प्रेमचन्द ने समाज में सुधार की भावना लाने की कोशिश करते हैं। वह ईश्वर से भी डरती है और बूढ़ी काकी से प्रार्थना करती है कि वह भोजन कर ईश्वर से उन्हें क्षमाकर देने की प्रार्थना कर दे।
अलग्योझा
अलग्योझा’ कहानी में 10 साल के बच्चे रग्घू की मां की मौत के बाद उसके पिता भोला महतो दूसरी शादी कर लेते हैं. नई मां पन्ना रूपवती है. लेकिन रग्घू को अब घर के सारे काम करने पड़ते हैं और पिता भोला अपनी रूपवती पत्नी पन्ना की बातों पर ही भरोसा करते हैं. रग्घू जब 18 साल का हुआ, तो उसके पिता का निधन हो गया.
सदगति
प्रेमचंद जी द्वारा रचित सद्गति एक बहुत ही दर्दनाक कहानी है जिसमे उन्होंने समाज की क्रूरता कोप्रदर्शित किया है। कहानी के आरम्भ में प्रेमचंद जी हमारा परिचय दुखी नाम के एक चमार से कराते हैं। दुखी अपने कामों में व्यस्त है और उसकी पत्नी झुरिया भी घर का काम काज निपटा रही है।
पूस की रात
मुंशी प्रेमचंद की 5 छोटी कहानियाँ –धूम्रपान करते हुए हल्कू भूमि के आधिपत्य पर अपने भाग्य को कोस रहा है और उसे रात की ठंड में खेत की रखवाली करना मुश्किल हो रहा है। वह अपने शरीर के बीच अपना चेहरा छुपाता है लेकिन कोई फायदा नहीं होता है, वह हाथ रगड़ता है और मुड़ता रहता है लेकिन उसे कोई गर्मी नहीं मिलती है।
तो ये थी मुंशी प्रेमचंद की 5 छोटी कहानियाँ जिसे पढ़ कर आपका ह्रदय परिवर्तन अवश्य होगा। अगर आप कुछ पूछना या जानना चाहते है, तो आप हमारे फेसबुक पेज पर जाकर अपना सन्देश भेज सकते है। हम आपके प्रश्न का उत्तर जल्द से जल्द देने का प्रयास करेंगे। इस पोस्ट को पढने के लिए आपका धन्यवाद!
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