Inverter Technology Kya Hai Solar Inverter Technology in hindi आइए दोस्तों आज हम बात करने वाले है इन्वेटर टेक्नोलॉजी क्या है जैसा आप सभी जानते है की आज के समय इन्वेटर बहुत जरुरी है जैसा की आप सभी जानते जब आप अपने ऑफिस में जाते है तो कभी कभार लाइट चली जाती है। तो फिर उसमे आपका काम रुक जाता है क्योकि ज्यादातर काम कंप्यूटर का होता है और यदि लाइट जाने पर काम रुक जाता है । तो आज में आपसे इस विषय पर बात करने वाली हूँ की इन्वेटर की टेक्नोलॉजी कितनी तेजी से आपने काम कलर रही है और ऐसे मी आपको भी जानना चाहिए की इन्वेटर किसके द्वारा बनाया गया है यानी की इन्वेटर से जुडी जानकारी आपको इस पोस्ट में मिलने वाली है।
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इनवर्टर का आविष्कार किसने किया
इनवर्टर का आविष्कार कुंवर सचदेव ने किया था.
इन्वर्टर क्या है
आज के समय सभी चीजें बिजली पर चलती है जैसे पंखा, कूलर, एसी, फ्रिज, माइक्रोवेव, चिमनी और आदि इलेक्ट्रिक सामान. लाइट चले जाने काम रुक जाता है ऐसे में इन्वर्टर काम आता है जिसके बाद वे पहले जैसे चलने लगते है. इन्वर्टर एक तरह का सपोर्ट सिस्टम है, जोकि बिजली को पावर देता है .
सोलर इन्वर्टर क्या है
यह सोलर से चलने वाला इन्वर्टर है. यह आम इन्वर्टर से अलग होता है, जो काम भी अलग तरीके से करता है. Inverter Technology Kya Hai Solar Inverter Technology in hindi सोलर इनवर्टर, आम इन्वर्टर से थोडा महंगा होता है लेकिन इसमें जल्दी ख़राब होने की सम्भावना नहीं होती इस इन्वर्टर में बहुत से अन्य फीचर भी होते है, जो उसे आकर्षित बनाते है. यह इन्वर्टर सोलर पॉवर यानी की सूर्य की किरणों और मुख्य पॉवर सप्लाई से चार्ज होता है.
सोलर इन्वर्टर काम कैसे करता है
जैसा की आपको बताया था की सोलर इन्वेटर को चार्ज करना है। और सभी इन्वेटर चार्ज करके ही चलते है अब ऐसा मत समझाना की वे भी चार्ज बिना लाइट से होगा नहीं दोस्तों इसके लिए जब आपके घर में लाइट हो तब आप इसे चार्ज कर सकते है। और बात करि जाये तो सोलर इन्वेटर की तो वह सूरज के किरणे से होता है ।
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दिन के समय Solar Inverter कैसे काम करता है ?
- पहला तो सौर पैनल से आने वाली DC Current को AC current में परिवर्तित करता है जिससे हमारे घर या फिर ऑफिस के सभी उपकरण चलते है।
- दूसरा सूरज की किरणे से ही बैटरी को भी चार्ज कर देता है क्योकि दिन के समय सूरज होता है तो जल्दी चार्ज हो जाता है।
रात के समय Solar Inverter कैसे काम करता है ?
- अब बात आती है रात के समय की तो उस समय सूरज तो नहीं होता है Inverter Technology Kya Hai Solar Inverter Technology in hindi तो आपके पास दो तरीके है जिससे चार्ज कर सकती है
- पहला तो दिन में जो इन्वर्टर के द्वारा दिन में जब सूरज की रोशनी होती है बैटरी में ऊर्जा संचित की गयी होती है उसे AC current में कन्वर्ट करता है जिससे घर के उपकरणों चलते है।
- दूसरा अगर बैटरी चार्ज नहीं होती है या फिर बैटरी का चार्ज ख़तम हो जाता है तब सोलर इन्वर्टर बिजली का उपयोग करके बैटरी को चार्ज करता है साथ ही घर के सारे लोड को चलता है।
इन्वर्टर कैसे काम करता है
Ac(Alternating Current) को DC (Direct Current) में बदलता है। तथा इससे Battery को Charge करते है। और फिर DC Voltage को AC Voltage में बदलता है। जिससे हम अपने घर के Electric Device को चला सकते है
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इन्वर्टर कितने प्रकार के होते है
मॉडिफाई साइन वेव इन्वर्टर – यह साधारण सा इन्वर्टर होता है. जब इन्वर्टर की शुरुवात हुई थी, तब यह शुरुवात में बनाया गया था. यह बहुत कम क्षमता वाले होते है, जो बहुत जल्दी ख़राब भी हो जाते है.
प्योर साइन वेव इन्वर्टर – यह अच्छे क्षमता के उच्च क्वालिटी वाले इन्वर्टर होते है. जो थोड़े महंगे जरुर होते है, लेकिन काम अच्छा करते है. इस तरह के इन्वर्टर कम बिजली की खपत करके जल्दी चार्ज हो जाते है.
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इन्वर्टर के क्या फायदे है
- बिना आवाज के काम करते है – इन्वर्टर नोइस फ्री होते है, मतलब ये चलते समय किसी भी तरह की कोई आवाज नहीं करते है. जबकि पहले चलने वाले ज्यादा क्षमता के जनरेटर बहुत अधिक आवाज किया करते है.
- कम जगह घेरते है – इन्वर्टर आपके घर/कार्यालय में छोटी सी जगह में आराम से फिट आ जाते है. इसको बहुत बड़े स्पेस की जरुरत नहीं होती है.
- सभी इलेक्ट्रिक डिवाइस को सपोर्ट करते है – जी हाँ, इन्वर्टर लगभग किसी भी तरह के उपकरण को सपोर्ट कर सकते है. इन्वर्टर के साथ ऐसी कोई शर्त नहीं है कि आप किसी तरह के उपकरण न चला पायें. लेकिन हाँ अगर आप सभी तरह के बिजली उपकरण इन्वर्टर द्वारा चलाना चाहते है तो उसके लिए आपको अच्छी क्वालिटी का उच्च क्षमता वाला इन्वर्टर लगाना होगा, जिससे आपको अच्छी सुविधा मिल सके.
- कोई ईंधन नहीं लगता – जेनरेटर को चलाने के लिए ईंधन मतलब पैट्रोल, डीजल लगता जबकि इन्वर्टर में ऐसा कुछ नहीं है. इसमें किसी भी तरह के कोई इंधन की आवश्कता नहीं होती है. यह बिजली से चार्ज होकर आसानी से काम करता है.
यूपीएस और इन्वर्टर में क्या अन्तर है
- यूपीएस पूरी तरह बैटरी पर निर्भर रहता है, मतलब वो मुख्य पॉवर से नहीं हुआ होता है. बैटरी के द्वारा चलता है. जबकि इन्वर्टर बिजली से चार्ज होता है, फिर काम करता है.
- मुख्य पॉवर सप्लाई नहीं मिलने से इन्वर्टर भी बंद हो जाता है क्यूंकि एक समय के बाद उसे पॉवर चाहिए होता है लेकिन यूपीएस को इससे कोई मतलब नहीं. पॉवर रहे न रहे वो वैसे ही करता रहता है.
- यूपीएस सिर्फ कंप्यूटर, प्रिंटर, स्कैनर में ही उपयोग होता है, जो पॉवर कट होने के बाद कंप्यूटर को 15-20 मिनट तक चालू रख सकता है. इन्वर्टर की क्षमता इससे बहुत अधिक होती है, वो सभी तरह के बिजली उपकरण को बहुत देर तक चालू रख सकता है.
- यूपीएस की कीमत 2000 रूपए के आस पास होती है, जबकि इन्वर्टर 10-12 हजार के आते है.
इनवर्टर की खोज कब हुई?
ट्रांसफार्मर का आविष्कार माइकल फैराडे ने 1831 में ब्रिटेन में किया था।
इनवर्टर कितने वाट होते हैं?
इनवर्टर कितने वाट का होता है? Inverter Technology Kya Hai Solar Inverter Technology in hindi इन्वर्टर को kva या va से व्यक्त किया जाता है और ये विभिन्न VA के होते है 500 VA, 1 kVA आदि। अब जितने kVA का इन्वर्टर आप लेते है उसको लगभग 0.8 से गुना कर लें उतना ही वाट का इन्वर्टर होता है।
इनवर्टर कितने प्रकार के होते हैं?
बाजार में उपलब्ध इनवर्टर के 2 प्रकार होते हैं। पहला मॉडिफाइड साइन वेव और दूसरा प्योर साइन वेव इनवर्टर। मॉडिफाइड साइन वेव इनवर्टर सस्ते होते हैं, पर उनकी कार्य करने की क्षमता कम होती हैं।
निष्कर्ष
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