सुनील गावास्कर का जीवन परिचय-हेलो दोस्तों मेरा नाम मोहित है आज में आपको सुनील गावास्कर। के बारे म बताने जा रहा हु। लिटिल मास्टर के नाम से प्रसिद्ध सुनील गवास्कर विश्व के दिग्गज बल्लेबाजों में से एक है. परिवारिक तौर पर इनका पूरा नाम सुनील मनोहर गावस्कर है
जोकि इनके पिता के नाम को भी समाहित किये हुए है. ये सिर्फ एकमात्र ऐसे बल्लेबाज हैं जिन्होंने एक सिंगल वर्ष में एक हजार से ज्यादा रन बनाए हैं और यह जादू उन्होंने चार-चार बार करके दिखाया. सुनील गावस्कर ने अपने समय में कई सारे रिकार्ड बनाए एवं पुराने रिकार्ड को तोड़ा. 34 शतक लगाकर उन्होंने डॉन ब्रैडमैन के रिकार्ड को तोड़ा था, इसके अलावा ये 10,000 से ज्यादा रन बनाने वाले एक मात्र खिलाड़ी थे.
Quick Links
सुनील गावास्कर का जीवन परिचय Sunil Gavaskar Biography in हिंद
पूरा नाम | सुनील मनोहर गवास्कर |
निक नाम | सनी और लिटिल मास्टर |
जन्म | 10 जुलाई 1949 |
जन्म स्थान | मुंबई, महाराष्ट्र, भारत |
पिता | मनोहर गावास्कर |
माता | मीनल गवास्कर |
पत्नी | मार्शनील |
बेटा | रोहन गवास्कर |
कद | 5 फूट 5 इंच |
बल्लेबाजी का तरीका | दाएँ हाथ के बल्लेबाज |
गेंदबाजी का तरीका | दाएँ हाथ के मध्यम |
सुनील गावास्कर घरेलू क्रिकेट
सुनील गावास्कर का जीवन परिचय-अपने पढाई के दिनों से ही सनी एक अच्छे क्रिकेटर के रूप में अपनी पहचान बना चुके थे. 1966 में सुनील को भारत का बेस्ट स्कूल ब्याव का पुरस्कार मिला था. सेकेण्डरी शिक्षा के अंतिम वर्ष में दो लगातार डबल सेंचुरी लगाकर उन्होंने सबका ध्यान आकर्षित किया. 1966 में ही उन्होंने रणजी के मैंचो में अपना डेब्यू किया. कॉलेज में उनके खेल के लोग दीवाने हुआ करते थे. रणजी मैच में कर्नाटक के साथ खेलते हुए उन्होंने फिर से दोहरा शतक लगाया और चयनकर्ताओं को प्रभावित किया. 1971 के टूर के लिए उन्हें वेस्टइंडीज दौरे के लिए टीम के लिए चुना गया.
सुनील गावास्कर अर्न्तराष्ट्रीय क्रिकेट
सुनील गावास्कर का जीवन परिचय-वेस्टइंडीज के साथ खेलते हुए पहले मैच के बाद ही सुनील गावस्कर अर्न्तर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्यात हो गये. उनके खेलने की शैली ने त्तकालीन जानकारों को काफी प्रभावित किया. अपने 15 वर्ष के कैरियर में विश्व स्तर पर 34 शतक लगाये. महान सलामी बल्लेबाजों में गावस्कर ने 125 टेस्ट मैचों में 10,122 रन बनाये. वे टेस्ट क्रिकेट में 10 हजार रन बनाने वाले पहले क्रिकेटर बनें, हालंकि कुछ समय बाद एलन बार्डर ने उनका रिकार्ड तोड़ दिया. लगभग 20 साल तक गावस्कर के नाम सबसे ज्यादा शतक लगाने का रिकार्ड रहा, लेकिन यह रिकार्ड 20 साल बाद मुंबई के ही सचिन तेंदुलकर ने अपने नाम कर लिया.
सुनील गवास्कर अंतर्राष्ट्रीय खेल
सुनील गावास्कर का जीवन परिचय-1971 में वेस्टइंडीज़ के विरुद्ध टेस्ट क्रिकेट खेलते हुए गावस्कर ने जीवन का प्रथम शतक उसी दौरे के तीसरे मैच में बनाया. बिना हेलमेट के क्वींस पार्क ओवल में अन्तिम मैच में उन्होंने वेस्टइंडीज के खतरनाक गेंदबाजों का मुकाबला करते हुए मैच के दोनों पारियों में दो शतक लगाये और टीम को खतरे से बाहर निकाला. ऐसा करिश्माई कार्य कर वो दूसरे भारतीय खिलाड़ी बने. ठीक सात साल बाद 1978 में वेस्टइंडीज़ के विरूद्ध खेलते हुए श्रृंखला के एक मैच की पारियों में फिर से दो शतक लगाकर ऐसा करने वाले वे पहले खिलाड़ी बने. इस मैच में उन्होंने शानदार प्रदर्शन करते हुए दूसरी पारी में नाबाद 182 रन बनायर और टीम को हार से बचाया. इसी टेस्ट मैच के 39 वें ओवर में इन्होने पैट्रिक पैटरशन के एक ओवर में 5 चौके लगाये . उनका ये टेस्ट इसलिए भी याद रखा जाता है. टेस्ट में गावस्कर का सर्वाधिक स्कोर चेन्नेई में खेलते हुए 236 रनों का है. यह उनकी मैराथन पारी के रूप में याद किया जाता है. यह स्कोर उस समय भारतीय क्रिकेट का मानक था. काफी दिनों तक कोई भारतीय इस आंकड़े को पार नहीं कर पाया. उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में 150 से ज्यादा कई बार स्कोर किये हैं. उनके खेल के सबसे ज्यादा फैन भारतीय दर्शकों के अलावा वेस्टइंडीज वाले थे. उन्हें अपने खेल का सबसे उम्दा प्रदर्शन वेस्टइंडीज और आस्ट्रेलिया के खिलाफ किया, और सबसे ज्यादा शतक उन्होंने वेस्टइंडीज के खिलाफ बनाया.
सुनील गावास्कर एकदिवसीय अंतर्राष्ट्रीय मैच
सुनील गावास्कर का जीवन परिचय-एकदिवसीय अंतर्राष्ट्रीय मैंच गावस्कर ने सबसे पहले इंग्लैण्ड के विरुद्ध हेडिंग्ले स्टेडियम में खेला. एकदिवसीय खेल में गावस्कर का रिकार्ड टेस्ट मैच की तरह प्रभावित करने वाला नहीं रहा. गावस्कर ने 35 के औसत से कुल 3092 रन बनाये. खेल के इस फार्मेट में भी गावस्कर के कुछ यादगार पारियाँ है. खासकर आशट्रेलिया के खिलाफ बेसेस एंड हेज सीरिज में. गावस्कर ने एकदिवसीय शतक 1987 के विश्वकप के दौरान न्यूजीलैंड के विरूद्ध लगाया. उस समय वह बुखार से पीड़ित थे. ठीक सन्यास से पहले इस मैच में गावस्कार ने धुआंदार पारी खेलते हुए महज 88 बाल्स में शतक लगाया, और भारत को महत्वपूर्ण जीत दिलाई. इस दमदार खेल के लिए उन्हें मैन ऑफ द मैच भी मिला. नवजोत सिंह सिद्धु इस पारी को याद करते हुए कहते हैं कि गावस्कर की ये पारी क्रिकेट खेल के लिए मिसाल है. इसके अलावा गावस्कर और श्रीकांत की जोड़ी ने एक दशक तक बेस्ट ओपनिंग जोड़ी के रूप में शानदार ढंग से अर्न्तर्राष्ट्रीय स्तर पर नाम कमाया.
सुनील गावास्कर खेल शैली
सुनील गावास्कर का जीवन परिचय-गावस्कार की खेलने की शैली रक्षात्मक और स्टाईलिश थी. वे कलात्मक तरीके से किसी भी गेंदबाद को परेशान कर देते थे. आलोचकों का कहना है गावस्कर गेंद को काफी नजदीक से खेलते हैं. फ्रंट फुट पर उनकी तरह का खेल बाद के जेनरेशन में सिर्फ सचिन ही खेल पायें. एक ओपनिंग बैट्समैन के तौर पर सनी ने लिली, थॉम्सन, मार्शल, माइकेल होल्डिग, पैटरसन, काल्स और इमरान जैसे फास्ट बाउलर का उसी अंदाज में जबाव दिया, कई शतक उनके खिलाफ लगाये | सुनील गावस्कर सिर्फ भारत के ही नहीं विश्व क्रिकेट के धरोहर हैं.
सुनील गावास्कर बतौर कप्ता
सुनील गावास्कर का जीवन परिचय-बतौर कप्तान सनी औसत ही रहे. हालंकि उनकी कप्तानी को लेकर कई तरह के विचार हैं. कप्तान के रूप मे सनी ने टीम को अनुशासित रखा और खतरनाक मानी जाने वाली टीम आस्ट्रेलिया और वेस्ट इंडीज के खिलाफ टीम के खौफ को निकालने में सफल रहे.
सुनील गावास्कर विवाद
सुनील गावास्कर का जीवन परिचय-सुनील गावस्कर खेलते हुए और खेलने के बाद भी विवादों से घिरे रहे. 1981 में मेलर्बोन में गावस्कर को आउट दिये जाने पर, उन्होंने अपने साथी खिलाड़ी को भी मैदान से खींच के बाहर कर दिया. इस बात पर मीडिया ने गावस्कर के लेकर तीखी आलोचना की. इसके बाद हरभजन सिंह के मंकीगेट के बयान पर भी आस्ट्रेलियन मीडिया ने गावस्कर की आलोचना की.
सुनील गावास्कर अवार्ड्स
1975: -‘अर्जून अवार्ड
1980: – भारत सरकार द्वारा ‘पदमभूषण’
1980: -आईसीसी द्वारा विस्डेन अवार्ड
सुनील गावास्कर की अन्य उपलब्धियाँ (Other Achievements)
सनी गावस्कर के ऊपर कई आत्मकथात्मक किताबें लिखी गई है जिनमें प्रमुख है- ‘सनिडेज’, ‘आइडल्स’, ‘रन्स एंड रुइन्स’, ‘वन डे वन्डर’
Also Read:-