Monday, April 29, 2024
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धनराज पिल्लै जीवन परिचय | Dhanraj Pillay Biography in Hindi

धनराज पिल्लै जीवन परिचय-हेलो दोस्तों मैं अंजलि आज आप को धनराज पिल्लै के बारे बताऊँगी धनराज पिल्लै का नाम हमारे लिए किसी परिचय का मोहताज नहीं है इन्होने अपनी हॉकी खेल से भारतीय हॉकी टीम को एक अलग ही पहचान दी है यह एक सफल कप्तान की एक उपेक्षा एक अच्छे खिलाड़ी के रूप में अपनी प्रतिभा अधिक पारदर्शित कर पाए हैं।जो अस्थान क्रिकेट में कपिल देव का है फुटबॉल में डियागो माराडोना का है वही उत्थान भारतीय हॉकी में धनराज पिल्लै को दिया गया है। आज के हमारे इस लेख में हम लोग धनराज पिल्लै के जीवन के बारे में विस्तार से बताने वाले हैं।

धनराज पिल्लै जीवन परिचय Dhanraj Pillay Biography in Hindi

नाम धनराज पिल्ले (Dhanraj Pillay)
जन्मतिथि 16 जुलाई, 1968
जन्म राष्ट्र राज्य के पुणे जिले के समीप स्थित खड़की
उम्र कितनी है 53 साल 2022 के मुताबिक
शैक्षणिक योग्यता उपलब्ध नहीं है
राष्ट्रीयता भारतीय
धर्म हिंदू धर्म
पेशा सहायक प्रबंधक, इंडियन एयरलाइंस
वैवाहिक स्थिति अविवाहित
कुल संपत्ति 214. 53 करोड़

 

धनराज पिल्लै जीवन परिचय-धनराज पिल्लै का जन्म 16 जुलाई 1968 को महाराष्ट्र के दक्षिण गोंड परिवार में हुआ था धनराज पिल्लैको बचपन से ही होगी का इतना शौक था कि वे अपने मित्रों के साथ टीम बनाकर के लकड़ी की टहनियों से हॉकी स्टिक बना करके उस से खेला करते थे। धनराज पिल्ले के पिता का नाम नागालिंगम पिल्लै और माता का नाम अंन्दालम्मा पिल्लै था। वह अपने भाई बहनों में चौथे स्थान पर थे।

धनराज पिल्लै जीवन परिचय-धनराज पिल्लै ने अपना प्रारंभिक जीवन ऑडनेंस फैक्ट्री स्टाफ कॉलोनी में व्यतीत किया, जहां पर उसके पिता ग्राउंड्स मैन (मैदान की देखभाल करने वाले) थे। उन्होंने अपने हुनर को अपने भाइयों और कॉलोनी के मित्रों के साथ ऑर्डिनेंस फैक्ट्री के मैदान की नरम और धूल भरी सतह पर टूटी हुई लकड़ियों तथा हॉकी की फेंकी हुई गेंदों के साथ खेलते हुए सिखा था। वह महान फॉरवर्ड खिलाड़ी और अपने आदर्श मोहम्मद शहीद की शैली की नकल करने की कोशिश करते थे। वह अपनी सफलता का सारा श्रेय अपनी मां को देते हैं, जिन्होंने बेहद गरीब होने के बावजूद भी अपने पांचों बेटों को हॉकी खेलने के लिए प्रोत्साहित किया था।

धनराज पिल्लै जीवन परिचय-धनराज पिल्लै 80 के दशक के मध्य में अपने बड़े भाई रमेश के पास मुंबई चले गए थे। जोकि लीग में आरसीएफ की तरफ से खेलते थे।रमेश पहले से ही अंतरराष्ट्रीय मैचों में भारत के लिए खेल चुके थे और उनके मार्गदर्शन में धनराज को एक द्रुतगति वाले बेहतरीन स्ट्राइकर के रूप में विकसित होने में काफी मदद मिली थी। उसके बाद वे महिंद्रा एंड महिंद्रा में शामिल हो गए जहां उन्हें भारत के तत्कालीन कोच जुआकिम कारवालो द्वारा प्रशिक्षण प्राप्त किया।

धनराज ने हॉकी में अपना पदार्पण साल 1989 में नई दिल्ली में आयोजित एल्विन एशिया कप में देश का प्रतिनिधित्व के साथ किया था।

धनराज पिल्लै का अंतरराष्ट्रीय हॉकी कैरियर

धनराज पिल्लै जीवन परिचय-धनराज पिल्लै ने हॉकी में डेब्य साल 1989 में दिल्ली में आयोजित एल्विन एशिया कप से की थी। वह भारतीय हॉकी टीम में साल 2004 तक खेलते रहे और इस दौरान उन्होंने 339 अंतरराष्ट्रीय मैच भी खेले हैं। वे भारतीय हॉकी संघ,द्वारा किए गए गोलों का कोई भी अधिकारी का आंकड़ा नहीं रखता है।अंता धनराज द्वारा किए गए अंतरराष्ट्रीय गोलों की संख्या के विषय में कोई भी विश्वसनीय जानकारी मौजूद नहीं है। लेकिन उनके अनुसार यह संख्या 170 से भी अधिक गोल उन्होंने अंतरराष्ट्रीय हॉकी मैच में दागे हैं।

धनराज पिल्लै जीवन परिचय-धनराज पिल्लै उन सारे हॉकी खिलाड़ियों में से गिने जाते हैं जिन्होंने चार ओलंपिक खेलों में भाग लिया है। साल 1992, 1996, 2000 और 2004 इसके साथ ही 4 विश्वकप साल 1990, 1994, 1998 और 2002, यही नहीं चार चैंपियंस ट्रॉफी मैं भी उन्होंने भाग लिया है साल 1995, 1996, 2002 और 2003 और चार एशियाई खेल में भी उन्होंने भाग लिया है।धनराज पिल्लै जीवन परिचय-भारत ने उनके कप्तानी के अंदर में एशियाई खेलों में साल 1998 और एशिया कप साल 2003 में जीत हासिल की थी। उन्होंने बैंकाक में हुए एशियाई खेलों में सबसे ज्यादा गोल दागे थे और सिडनी में साल 1994 में हुए विश्व कप के दौरान वर्ल्ड इलेवन में शामिल होने वाले एकमात्र भारतीय खिलाड़ी थे।

धनराज पिल्लै विदेशी क्लब

धनराज पिल्लै जीवन परिचय-वाकई में धनराज पिल्ले महानतम हॉकी खिलाड़ियों में से एक में गिने जाते रहे हैं। अपने कैरियर के दौरान उन्होंने कई सारे विदेशी क्लब के लिए भी खेलना शुरू किया था। जिसमें इंडियन जिमखाना लंदन , एचसी लियोन , बीएसएनल एचएससी एंड टेलीकॉम मलेशिया, इत्यादि क्लब से जुड़े और उनके लिए कई सारे मैच भी खेले। उन्होंने बैंकाक एशियाई खेलों में सर्वाधिक गोल दागे थे और सिडनी ऑस्ट्रेलिया में साल 1994 के हॉकी विश्व कप के दौरान वर्ल्ड इलेवन में शामिल होने वाले एकमात्र भारतीय खिलाड़ी थे।

धनराज पिल्लै को मिले पुरस्कार एवं सम्मान

धनराज पिल्लै जीवन परिचय-इस महान हॉकी खिलाड़ी को कई सारे पुरस्कार एवं सम्मान से नवाजा गया है। इन्होंने अपने हॉकी खेल से भारतीय टीम का नाम रोशन किया है। इसी चलते कई राज्य सरकारें और भारत सरकार ने इन्हें कई सारे सम्मान से सम्मानित किया है।

  • साल 1999 से 2000 मैं उन्हें भारत के सर्वोच्च खेल पुरस्कार राजीव गांधी खेल रत्न से सम्मानित किया गया।
  • साल 2000 में उन्हें नागरिक सम्मान पद्मश्री प्रदान किया गया।
  • साल 2002 एशियाई खेलों की विजेता हॉकी टीम के सफल कप्तान थे।
  • कोलोन जर्मनी में आयोजित साल 2002 चैंपियंस ट्रॉफी में उन्हें टूर्नामेंट का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी पुरस्कार प्रदान किया गया।

धनराज पिल्लै जीवन परिचय-छोटी कद काठी के और लहराते बालों वाले धनराज अपने युग के सबसे प्रतिभाशाली फॉरवर्ड खिलाड़ी रहे हैं जो विरोधियों के गढ़ में घर भर पाने की क्षमता रखते थे। धनराज पिल्लै वर्तमान समय में मुंबई में एक हॉकी अकादमी शुरू करने की कोशिश कर रहे हैं। अपनी अकादमी है तू धन जुटाने के लिए वे एक अभियान का नेतृत्व भी कर रहे हैं जिसके तहत मुंबई में खाली प्रिंटर कार्टेज एकत्र करके एक यूरोपीय रीसाइकलिंग कंपनी को बेच दिया जाता है।

धनराज पिल्लै से जुड़े विवाद

धनराज पिल्लै जीवन परिचय-धनराज को अक्सर तेज तर्रार के रूप में वर्णित किया जाता है और वे कई विवादों का हिस्सा भी रह चुके हैं। हॉकी प्रबंधन के खिलाफ भी कई बार अपना रोष प्रकट कर चुके हैं। बैंकाक एशियाई खेलों के बाद भारतीय टीम के लिए उनका चयन नहीं किया गया था।अधिकारी कार्य दिया गया कि धनराज और 6 अन्य वरिष्ठ खिलाड़ियों को विश्राम दिया गया है। लेकिन इससे काफी हद तक, अनुचित स्वागत और मैच फीस का भुगतान न किए जाने के कारण उनके द्वारा प्रबंधन के खिलाफ नाराजगी जाहिर करने के लिए एक प्रतिशोध के रूप में देखा गया।

धनराज पिल्लै जीवन परिचय-साल 1998 में पाकिस्तान के खिलाफ श्रृंखला से पहले उन्होंने विदेश दौरा पर टीम को कम भत्ता दिए जाने का विरोध किया था। खेल रत्न प्राप्त होने पर धनराज पिल्लै ने यह टिप्पणी की थी कि “यह पुरस्कार कुछ कड़वी यादों को मिटाने में मदद करेगा”. इस चलते हुए हमेशा विवाद एवं सुर्खियों में रहे। इसके अलावा मुंबई में एक हॉकी अकादमी शुरू करने की योजना बना रहे थे। लेकिन वह अभी भी पूरी नहीं हो पाई है क्योंकि मुंबई हॉकी एसोसिएशन ने प्रशिक्षण के लिए अपनी एस्ट्रास सुविधा का इस्तेमाल के जाने की अनुमति उन्हें नहीं दी।

पुरस्कार

धनराज पिल्लै जीवन परिचय-वर्ष 1999-2000 में उन्हें भारत के सर्वोच्च खेल पुरस्कार राजीव गांधी खेल रत्न से सम्मानित किया गया। वर्ष 2000 में उन्हें नागरिक सम्मान पद्म श्री प्रदान किया गया। छोटी कद-काठी और लहराते बालों वाले धनराज अपने युग के सबसे प्रतिभाशाली फॉरवर्ड खिलाड़ी रहे हैं जो विरोधियों के गढ़ में कहर बरपाने की क्षमता रखते थे। वे 2002 एशियाई खेलों की विजेता हॉकी टीम के सफल कप्तान थे कोलोन, जर्मनी में आयोजित 2002 चैंपियंस ट्रॉफी में उन्हें टूर्नामेंट का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी पुरस्कार प्रदान किया गया।

धनराज पिल्लै जीवन परिचय-पिल्लै वर्तमान में मुंबई में एक हॉकी अकादमी शुरू करने की कोशिश कर रहे हैं। अपनी अकादमी हेतु धन जुटाने के लिए, वे एक अभियान का नेतृत्व कर रहे हैं जिसके तहत मुंबई में खाली प्रिंटर कार्ट्रिज एकत्र करके एक यूरोपीय रीसाइक्लिंग कंपनी को बेच दिया जाता है।

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