दशहरा क्यों मनाया जाता है इसका क्या कारण है? What is the reason why Dussehra is celebrated –हेलो दोस्तों मेरा नाम मोहित है आज मे आपको दशहरा रावण के बारे में बताने जा रहा हूँ क्यों मनाया जाता है हर साल आश्विन मास की दशमी तिथि को दशहरा का पर्व मनाया जाता है। लेकिन अधिकतर लोग जानते हैं कि रावण का वध के कारण दशहरा का पर्व मनाते हैं। Dussehra Ravana celebrated reasons in hindi लेकिन इसके साथ ही कई अन्य कारणों से विजयदशमी का पर्व मनाया जाता है। शारदीय नवरात्र समाप्त होते ही दशहरे का पर्व हर साल मनाया जाता है। हिंदू धर्म में दशहरा का पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक में मनाया जाता है। माना जाता है कि इस दिन भगवान राम ने लंकापति रावण का वध किया था। इसी कारण हर साल इस दिन को मनाते हैं। पंचांग के अनुसार, आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को इस पर्व को मनाया जाता है। इस दिन रामलीला होने के साथ रावण के पुतले जलाने का विधान है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि श्री राम द्वारा रावण का वध ही नहीं बल्कि कई अन्य कारणों से भी दशहरा का पर्व मनाया जाता है। इस दिन को अधर्म पर धर्म की विजय के साथ असत्य पर सत्य की विजय के रूप में मनाते हैं। जानिए दशहरा मनाने के पीछे कौन-कौन सी पौराणिक कथाएं प्रचलित है। दशहरा क्यों मनाया जाता है इसका क्या कारण है? What is the reason why Dussehra is celebrated
दशहरा मनाने के पीछे कई पौराणिक कथाएं प्रचलित है जिसमें से हम आपको तीन मुख्य कथाओं के बारे में बता रहे हैं।
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भगवान राम ने किया था रावण का वध
दशहरा रावण इन कारणों से भी –वाल्मीकि रामायण के अनुसार, भगवान राम ने आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से नवमी तिथि तक मां दुर्गा की उपासना की थी। इसके बाद दशमी तिथि को उन्होंने रावण का वध किया था। इसी कारण हर साल विजयदशमी के पर्व को मनाया जाता है।
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मां दुर्गा ने किया महिषासुर का वध
दूसरी पौराणिक कथा के अनुसार, महिषासुर और मां दुर्गा के बीच पूरे नौ दिनों तक युद्ध चला था और दसवें दिन उन्होंने महिषासुर का वध कर दिया था। इसी कारण आश्विन मास की दशमी तिथि को विजय के रूप में विजयदशमी मनाते हैं। मां दुर्गा द्वारा असत्य पर सत्य की विजय के रूप में इसे मनाते हैं।
पांडवों की हुई थी जीत
एक पौराणिक कथा के अनुसार कहा जाता है कि इस दिन पांडवों को वनवास हुए थे और इसी दिन वनवास समाप्त होते ही शक्ति पूजा के साथ शमी के पेड़ में रखे शस्त्र पुन: निकाले थे और कौरवों पर आक्रमण करके विजय प्राप्त की थी। दशहरा क्यों मनाया जाता है इसका क्या कारण है? What is the reason why Dussehra is celebrated
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- रावण दहन या दशहरा का त्योहार भारत में अयोध्या के पुराने इतिहास से जुड़ा हुआ है और इसका महत्व विभिन्न कारणों से मनाया जाता है। निम्नलिखित कारण इस त्योहार के मनाए जाने के पीछे हो सकते हैं:
- रावण के वध का स्मरण: दशहरा का महत्वत्पूर्ण तात्पर्य है रावण के वध से, जो भगवान राम द्वारा किया गया था। इसके साथ ही, रावण की दहन से राम की विजय का स्मरण भी किया जाता है।
- धर्मिक महत्व: दशहरा भारतीय संस्कृति में धर्मिक महत्व रखता है। यह भगवान राम की आदर्श जीवन की महिमा को प्रकट करता है और लोगों को धर्मिक मूल्यों और नैतिकता की महत्वपूर्णता का आदर्श प्रस्तुत करता है।
- समाजिक एकता: दशहरा एक मौका प्रदान करता है समाजिक एकता का प्रमोट करने के लिए, क्योंकि लोग इस त्योहार को मिलकर मनाते हैं और अच्छे संबंध बनाने का संदेश देते हैं।
- महिलाओं का सम्मान: दशहरा पर भगवान दुर्गा का पूजन भी किया जाता है, जिससे महिलाओं का सम्मान और महत्व भी दिखाया जाता है।
- मौसम और फसलों का महत्व: दशहरा के त्योहार के साथ गर्मियों का अंत और शरद ऋतु का आगमन भी मनाया जाता है। यह फसलों के खराब होने से जुड़ा होता है और खरिफ की फसलों की शुभकामनाओं के रूप में भी मनाया जाता है।
- इन सभी कारणों से दशहरा का त्योहार भारतीय समाज में महत्वपूर्ण है और लोग इसे उत्सव और धार्मिक आदर्शों के साथ मनाते हैं।
- रावण दहन का महत्वपूर्ण त्योहार दशहरा कई कारणों से मनाया जाता है। यह त्योहार भारतीय सांस्कृतिक धर्म, इतिहास और परंपराओं के महत्वपूर्ण हिस्से में से एक है। निम्नलिखित कारण हैं जिनके चलते दशहरा पर रावण के प्रति विजय का प्रतीक माना जाता है:
- रामायण का महत्व: दशहरा रामलीला का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसमें भगवान राम ने रावण को मारकर अधर्म का अंत किया। इसके साथ ही, यह दर्शाता है कि सत्य, धर्म, और न्याय हमेशा बुराई और अधर्म पर विजय प्राप्त करते हैं।
- असुर संहार: दशहरा के दिन रावण के प्रति विजय मनाने से यह प्रतिस्थापन करता है कि अच्छे कार्यों का पालन करना और बुराई का संहार करना हमारे जीवन में महत्वपूर्ण है।
- सामाजिक संदेश: दशहरा का त्योहार लोगों को यह याद दिलाता है कि वे अधर्म और दुष्टता के खिलाफ खड़े होने के लिए तैयार रहें और समाज में न्याय और सजीव संबंध बनाए रखें।