पाकिस्तान में Cipher केस क्या है- पाकिस्तान में सिफर केस एक राजनयिक गोपनीयता उल्लंघन का मामला है जिसमें पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान और उनके सहयोगी शाह महमूद कुरैशी को दोषी ठहराया गया है।
यह मामला 2023 में तब शुरू हुआ जब पाकिस्तान के गृह मंत्रालय ने इमरान खान के खिलाफ एक आरोप पत्र दायर किया। आरोप पत्र में कहा गया था कि खान ने 2023 में वाशिंगटन में पाकिस्तान के दूतावास द्वारा भेजे गए एक गुप्त राजनयिक केबल को लीक किया था। इस केबल में पाकिस्तान और अमेरिका के बीच संबंधों के बारे में जानकारी थी।
पाकिस्तान में Cipher केस क्या है- इमरान खान ने इन आरोपों से इनकार किया और कहा कि उन्होंने कोई गुप्त जानकारी लीक नहीं की है। उन्होंने कहा कि केबल को सार्वजनिक रूप से जारी किया गया था और इसलिए यह गुप्त नहीं था।
मामले की सुनवाई एक विशेष अदालत में हुई। 2024 में, अदालत ने खान और कुरैशी को दोषी ठहराया और उन्हें 10 साल की जेल की सजा सुनाई। पाकिस्तान में Cipher केस क्या है
पाकिस्तान में Cipher केस क्या है पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान को 10 साल की सजा- यह फैसला पाकिस्तान में एक विवादास्पद मामला है। खान और उनके समर्थकों का कहना है कि यह फैसला राजनीतिक प्रतिशोध है। उन्होंने कहा कि खान को अमेरिका के समर्थन से हटा दिया गया था और इसलिए यह मामला उनके खिलाफ एक बदला लेने का प्रयास है।
पाकिस्तान सरकार का कहना है कि यह फैसला कानून के अनुसार लिया गया है। उन्होंने कहा कि खान ने एक गुप्त राजनयिक केबल को लीक करके देश की सुरक्षा को खतरे में डाला।
सिफर केस पाकिस्तान में एक महत्वपूर्ण राजनीतिक मामला है। यह मामला पाकिस्तान की राजनीति में अस्थिरता को बढ़ा सकता है।
पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान को 10 साल की सजा
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को 30 जनवरी, 2024 को सिफर केस में 10 साल की जेल की सजा सुनाई गई। यह फैसला एक विशेष अदालत ने सुनाया, जिसे पाकिस्तान के गृह मंत्रालय ने इस मामले की सुनवाई के लिए गठित किया था।
मामले के अनुसार, खान ने 2023 में वाशिंगटन में पाकिस्तान के दूतावास द्वारा भेजे गए एक गुप्त राजनयिक केबल को लीक किया था। इस केबल में पाकिस्तान और अमेरिका के बीच संबंधों के बारे में जानकारी थी।
खान ने इन आरोपों से इनकार किया और कहा कि उन्होंने कोई गुप्त जानकारी लीक नहीं की है। उन्होंने कहा कि केबल को सार्वजनिक रूप से जारी किया गया था और इसलिए यह गुप्त नहीं था। अदालत ने खान और उनके सहयोगी शाह महमूद कुरैशी को दोषी ठहराया और उन्हें 10 साल की जेल की सजा सुनाई।
पाकिस्तान में Cipher केस क्या है पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान को 10 साल की सजा- यह फैसला पाकिस्तान में एक विवादास्पद मामला है। खान और उनके समर्थकों का कहना है कि यह फैसला राजनीतिक प्रतिशोध है। उन्होंने कहा कि खान को अमेरिका के समर्थन से हटा दिया गया था और इसलिए यह मामला उनके खिलाफ एक बदला लेने का प्रयास है।
पाकिस्तान सरकार का कहना है कि यह फैसला कानून के अनुसार लिया गया है। उन्होंने कहा कि खान ने एक गुप्त राजनयिक केबल को लीक करके देश की सुरक्षा को खतरे में डाला। सिफर केस पाकिस्तान में एक महत्वपूर्ण राजनीतिक मामला है। यह मामला पाकिस्तान की राजनीति में अस्थिरता को बढ़ा सकता है।
खान की सजा के बाद, पाकिस्तान में उनके समर्थकों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने खान को राजनीतिक रूप से निशाना बनाया है। खान ने भी इस फैसले को “राजनीतिक प्रतिशोध” बताया है। उन्होंने कहा कि वह इस फैसले के खिलाफ अपील करेंगे। यह देखना बाकी है कि खान की अपील पर क्या फैसला होता है। लेकिन, इस फैसले ने पाकिस्तान की राजनीति में एक नई अस्थिरता पैदा कर दी है।