हरिद्वार के दार्शनिक स्थल की जानकारी Haridwar tourist places to visit in hindi
हरिद्वार अपनी धार्मिक और पौराणिक महत्ता के साथ ही विशेष प्रकृति की खूबसूरति के लिए भी प्रसिद्ध है। यहां पर्वतीय पर्यटन और वन्य जीवन का आनंद लिया जा सकता है। हरिद्वार के पास कई जंगली जानवरों के संरक्षण केंद्र हैं, जहां आप वन्य पशुओं के साथ गाइड के साथ सफारी का आनंद ले सकते हैं।
साथ ही, हरिद्वार एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक केंद्र भी है, जहां परंपरागत भारतीय संस्कृति, धर्म और तत्वों को अनुभव किया जा सकता है। यहां परंपरागत आरतियों, पूजाओं और संगीत के आयोजन होते हैं, जिसे देखकर आप भारतीय संस्कृति की गहराई को समझ सकते हैं।
यदि आप हरिद्वार की यात्रा पर जा रहे हैं, तो सुनिश्चित करें कि आप स्थानीय पूजारियों और गाइडों की सलाह लें ताकि आप पूर्णतः इस स्थान का आनंद ले सकें और संस्कृति, धर्म और प्रकृति को समझ सकें।
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हरिद्वार कैसे पहुंचे (How to reach haridwar) –
हवाईजहाज के द्वारा (by air): नजदीकी नगर उद्यान हरिद्वार में नजदीकी हवाई अड्डा है। आप नजदीकी शहर से विमान यात्रा करके देहरादून विमान अड्डा तक पहुंच सकते हैं, और वहां से हरिद्वार के लिए टैक्सी या बस का उपयोग कर सकते हैं।हरिद्वार के दार्शनिक स्थल की जानकारी | Haridwar tourist places to visit in hindi
ट्रेन के द्वारा (by train): हरिद्वार रेलवे स्टेशन भारतीय रेलवे नेटवर्क का हिस्सा है और अनेक ट्रेनें यहां आती हैं। आप किसी भी महत्वपूर्ण शहर से हरिद्वार तक ट्रेन से पहुंच सकते हैं।
रोड के द्वारा (by road): उत्तराखंड राज्य सड़क परिवहन निगम (Uttarakhand Roadways) के बस सेवाएं हरिद्वार की ओर जाती हैं। आप नजदीकी शहरों से हरिद्वार तक राज्य बस सेवाओं का उपयोग कर सकते हैं। दिल्ली से भी रेगुलर बस सेवा उपलब्ध है जो हरिद्वार जाती है।
खुद की गाड़ी (own car): यदि आपके पास अपनी गाड़ी है, तो आप हरिद्वार को सड़क मार्ग से पहुंच सकते हैं। यहां पहुंचने के लिए आपको राष्ट्रीय राजमार्ग 58 या राष्ट्रीय राजमार्ग 74 का उपयोग करना होगा।
हरिद्वार जाने का सही समय (Haridwar best time to visit)–
Travel Seasons | Min/Max Temperature | Season |
March to May | 12-40 डिग्री | ग्रीष्म – गर्म और आर्द्र |
July to September | 15-25 डिग्री | मानसून – मध्यम वर्षा |
October to February | 5-30 डिग्री | सर्दी – सुखद और लुभावना |
हरिद्वार में घुमने वाले स्थान (Haridwar India points of interest ) :
हर की पौरी
हर की पौड़ी भारत के हरिद्वार में गंगा नदी के तट पर एक घाट (या स्नान करने की सीढ़ियाँ) है। यह हिंदू धर्म में सबसे महत्वपूर्ण तीर्थ स्थलों में से एक है, और ऐसा माना जाता है कि हर की पौड़ी पर गंगा के पानी में स्नान करने से पाप धुल जाते हैं और सौभाग्य आता है।
घाट का नाम एक पत्थर के पदचिह्न के नाम पर रखा गया है जो सीढ़ियों की दीवार में लगा हुआ है। कहा जाता है कि यह पदचिह्न हिंदू धर्म के तीन प्रमुख देवताओं में से एक विष्णु का है। हर शाम, हर की पौड़ी पर गंगा आरती नामक एक समारोह आयोजित किया जाता है। इस समारोह में नदी में दीपक और प्रसाद प्रवाहित किया जाता है और यह एक लोकप्रिय पर्यटक आकर्षण है।
हर की पौडी ध्यान और योग के लिए भी एक लोकप्रिय स्थान है। घाट को महान ऊर्जा का स्थान कहा जाता है, और कई लोगों का मानना है कि यह उन्हें अपने आध्यात्मिक पक्ष से जुड़ने में मदद कर सकता है।
चंडी देवी मंदिर
चंडी देवी मंदिर, जिसे चंडीमंदिर भी कहते हैं, एक प्रसिद्ध हिंदू मंदिर है जो हिमाचल प्रदेश, भारत में स्थित है। यह मंदिर हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले के मंडी शहर में स्थित है और यह श्री चंडी देवी की पूजा और भक्ति के लिए अखंड विशेष महत्व रखता है।
चंडी देवी मंदिर का निर्माण हिमाचल प्रदेश के पौराणिक काल में किया गया था और यह मंदिर चंडीमाता को समर्पित है, जो दुर्गा माता के एक रूप मानी जाती हैं। चंडी देवी मंदिर में माता की पूजा-अर्चना के लिए लाखों भक्त वर्ष भर में यहां यात्रा करते हैं। विशेष तौर पर नवरात्रि के समय मंदिर में भक्तों की भीड़ बहुत बढ़ जाती है।
शांति कुंज
शांति कुंज (Shanti Kunj) एक आध्यात्मिक और सामाजिक संगठन है जो भारत, हरिद्वार, उत्तराखंड में स्थित है। यह संगठन सत्यार्थी और सामरिक जीवन के मार्ग में मानव संस्कृति के पुनर्जागरण का कार्य करता है। शांति कुंज का मुख्य उद्देश्य विचारों, उपयोगी ज्ञान और आध्यात्मिकता के माध्यम से एक उच्च स्तर की जीवन गुणवत्ता विकसित करना है।
शांति कुंज का संगठन सन् 1971 में पंडित श्री रामशर्मा आचार्य द्वारा स्थापित किया गया था। यहां प्रतिवर्ष विभिन्न आध्यात्मिक प्रोग्राम, संगोष्ठियाँ, ध्यान शिविर, सेवा कार्यक्रम और योग शिविर आयोजित किए जाते हैं। शांति कुंज भारतीय संस्कृति, धार्मिकता, स्वस्थ जीवन शैली और मानवीय सम्प्रेम के प्रशंसकों के बीच एक प्रसिद्ध स्थान है।
माया देवी मंदिर
माया देवी मंदिर भारत, उत्तराखंड राज्य के हरिद्वार शहर में स्थित है। यह मंदिर मां दुर्गा को समर्पित है और हरिद्वार के प्रमुख पूजा स्थलों में से एक है। माया देवी मंदिर भक्तों के बीच बहुत प्रसिद्ध है और हर साल बहुत सारे श्रद्धालु मंदिर में आते हैं। माया देवी मंदिर उच्च स्थान पर स्थित है और पहाड़ी चट्टानों से घिरा हुआ है, जिसके कारण यहां से आपको हरिद्वार शहर और गंगा नदी का आकर्षणीय नजारा देखने का अवसर मिलता है।
माया देवी मंदिर में पूजा-अर्चना रोजगारी के लाखों पण्डितों द्वारा की जाती है और मंदिर की वात्सल्य पूजा के लिए विशेष रूप से चुने गए पण्डित पूजारी जिम्मेदार होते हैं। यहां पर नवरात्रि के दौरान खास आयोजन और उत्सव होते हैं जिसके दौरान भक्तों की भीड़ बहुत बढ़ जाती है।
मनसा देवी मंदिर
मनसा देवी मंदिर, जो भी मनसा देवी का मंदिर कहलाता है, भारत, हिमाचल प्रदेश के प्रमुख पूजा स्थलों में से एक है। यह मंदिर हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले के मनाली शहर में स्थित है। मनसा देवी मंदिर माता मनसा, नाग राजा जायन्ती की पत्नी को समर्पित है।
हरिद्वार के दार्शनिक स्थल की जानकारी – मनसा देवी मंदिर को स्थापित करने का श्रेय राजा बहादुर सिंग्ग ने सन् 1993 में प्राप्त किया था। मंदिर ऊँचाई पर स्थित है और मनाली शहर के पासीना गांव में स्थित है। यहां से दर्शकों को प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लेने का अवसर मिलता है, क्योंकि मंदिर के आसपास घने देवदार वृक्ष, हिमनद नदी और हिमालयी पर्वत श्रृंग स्थित हैं।
मनसा देवी मंदिर में माता की पूजा-अर्चना नियमित रूप से की जाती है। यहां निरंतर भक्तों की भीड़ आती है, खासकर नवरात्रि के दौरान। मंदिर में पूजा के लिए प्रमुख भक्तों द्वारा पुराने धर्मिक ग्रंथों और प्रथाओं का पालन किया जाता है।
वैष्णो देवी मंदिर
वैष्णो देवी मंदिर भारत, जम्मू और कश्मीर राज्य के त्रिकूट पर्वत श्रृंग में स्थित है। यह मंदिर मां वैष्णो देवी, देवी दुर्गा को समर्पित है और हिन्दू धर्म के प्रमुख तीर्थ स्थलों में से एक है। वैष्णो देवी मंदिर भारतीय धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व का एक प्रमुख केंद्र है।
हरिद्वार के दार्शनिक स्थल की जानकारी – मंदिर त्रिकूट पर्वत श्रृंग पर स्थित है और यात्रियों को पहाड़ी सफ़र करनी पड़ती है ताकि वे मंदिर तक पहुंच सकें। वैष्णो देवी मंदिर की पहाड़ी सफ़र को सवारी या पैदल यात्रा के रूप में किया जा सकता है। यहां पर एक प्रमुख मार्ग है, जिसे बालाजी मार्ग कहा जाता है, और इसे लगभग 12 किलोमीटर तक हीमाचल प्रदेश के कठरा जगीप में पहुंच सकते हैं।
मंदिर में पूजा-अर्चना नियमित रूप से की जाती है और यहां नवरात्रि के दौरान खास आयोजन और उत्सव होते हैं। यहां भक्तों की भीड़ बहुत बड़ी होती है
पावन धाम
पावन धाम (Pawan Dham) एक प्रसिद्ध हिन्दू मंदिर है, जो भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के हरिद्वार शहर में स्थित है। यह मंदिर स्वर्ण रंग के शिखरों, विविध रंगीन ग्लास और शिल्पी सज्जा के लिए प्रसिद्ध है।
पावन धाम का निर्माण संत स्वामी गीतानंद जी महाराज द्वारा किया गया था और यह मंदिर गौड़बाँध नामक स्थान पर स्थित है। मंदिर का निर्माण प्राचीन भारतीय संस्कृति, विद्या और साहित्य के प्रतीकों के साथ किया गया है।
पावन धाम में मुख्य रूप से संत स्वामी गीतानंद जी महाराज, श्री कृष्ण, राधा रानी, राम सीता, हनुमान, लक्ष्मी और गणेश जैसे देवी-देवताओं की मूर्तियाँ स्थापित हैं। मंदिर में आरती, भजन और पूजा की विशेषता होती है और यहां रोजाना भक्तों की भीड़ आती है। पावन धाम को सफ़ेद मंदिर के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि इसके मंदिरीय भवन की सफेद रंगीनता सबसे पहले आपकी नजर में आती है।
विष्णु घाट
विष्णु घाट हरिद्वार, उत्तर प्रदेश, भारत में स्थित एक प्रमुख घाट है। हरिद्वार को गंगा नदी का मुख्य तीर्थ स्थल माना जाता है और विष्णु घाट उसका प्रमुख पूजा स्थल है। यह घाट पूर्वी और पश्चिमी मार्ग से दोनों ओर से गंगा नदी को घिरता है। विष्णु घाट पर हरिद्वार के प्रमुख मंदिर स्थित हैं और यहां प्रायः नवरात्रि, कुम्भ मेला और अन्य धार्मिक उत्सवों के दौरान लाखों भक्त इकट्ठा होते हैं। यहां श्रद्धालुओं का स्नान करना, पूजा-अर्चना करना और गंगा आरती में शामिल होना आम प्रथा है।
विष्णु घाट पर स्थित हरिद्वार के मंदिरों में से प्रमुख मंदिरों में मानसा देवी मंदिर, चंडी देवी मंदिर, माया देवी मंदिर और वैष्णो देवी मंदिर शामिल हैं। इन मंदिरों को दर्शन करने और पूजा करने के लिए भक्तों की भीड़ यहां आती है।
भारत माता मंदिर
हरिद्वार के दार्शनिक स्थल की जानकारी – भारत माता मंदिर, भारत के उत्तराखंड राज्य, हरिद्वार शहर में स्थित है। यह मंदिर भारत माता को समर्पित है, जो भारतीय राष्ट्रीय ध्वज की प्रतिष्ठा की संकेतिक रूप में मानी जाती है। यह भारत माता को भारत की आधिकारिक देवी माना जाता है।
भारत माता मंदिर एक शंभु द्वारा संचालित और अनुपमा स्वामी द्वारा संचालित संस्थान है। यह मंदिर विशाल है और गगनचुंबी पहाड़ियों के बीच स्थित है। इसके पास एक उच्चतम वाणीय प्लेटफ़ॉर्म है, जहां से यात्री बड़े आराम से दृश्य का आनंद ले सकते हैं।
मंदिर के भीतर, भारत माता की मूर्ति स्थापित है, जिसे भारत माता के रूप में पूजा जाता है। यहां पर भक्तों की भीड़ बहुत बड़ी होती है, खासकर नवरात्रि के दौरान। मंदिर में आरती, भजन और पूजा की विशेषता होती है, और यहां पर भक्तों को प्रसाद भी दिया जाता है।
दूधाधारी बर्फानी मंदिर
दूधाधारी बर्फानी मंदिर एक प्रसिद्ध हिंदू मंदिर है जो भारत के उत्तराखंड राज्य में स्थित है। यह मंदिर हिमालयन पर्वत श्रृंग में स्थित है और वृषभानु नदी के किनारे स्थित है। दूधाधारी बर्फानी मंदिर ग्लेशियर क्षेत्र में स्थित होने के कारण इसे “दूधाधारी” कहा जाता है।
इस मंदिर में शिवलिंग की पूजा की जाती है और यहां भगवान शिव के एक अभिन्न भाग रूप में पूजा जाता है। मंदिर के निकट एक धारा से घटित होने वाली बर्फानी धारा, जिसे “दूधाधारी” कहा जाता है, इस मंदिर की प्रमुख आकर्षण है। इस धारा से निकलने वाली पानी के कारण मंदिर और उसके आसपास के क्षेत्र को एक बर्फीली झील की तरह ढ़क जाता है।
दूधाधारी बर्फानी मंदिर पर्यटन स्थल के रूप में भी लोकप्रिय है, और यहां के प्राकृतिक सौंदर्य और धार्मिक महत्व की वजह से दर्शनार्थियों की भीड़ आती है।
Q:-हरिद्वार इतना प्रसिद्ध क्यों है?
हरिद्वार हिंदू धर्म के सात सबसे पवित्र शहरों में से एक होने के लिए प्रसिद्ध है। यह उस बिंदु पर स्थित है जहां गंगा नदी हिमालय से निकलकर उत्तरी भारत के मैदानी इलाकों में प्रवेश करती है। यह इसे हिंदुओं के लिए एक प्रमुख तीर्थ स्थल बनाता है, जो गंगा के पवित्र जल में स्नान करने और आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त करने के लिए आते हैं।