Saturday, April 27, 2024
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भगवान विष्णु कल्कि अवतार का महत्त्व Kalki Avatar Lord Vishnu in Hindi

क्या है भगवान विष्णु कल्कि अवतार-हेलो दोस्तों मेरा नाम मोहित है आज में आपको भगवान विष्णु कल्कि के बारे में बताने जा रहा हु भारत देश त्योहारों का देश है, यहाँ 35 करोड़ देवी, देवता की पूजा की जाती है. जिस भगवान ने जन्म लिया, जिसका अस्तित्व मानव जाति को पता है, उसकी पूजा आराधना पूरी शिद्दत से की जाती है. मानव जाति अन्धविश्वासी भी होती है, वो अपने डर के कारण किसी को भी मानकर पूजा करने लगती है. जिस भगवान् ने अभी जन्म ही नहीं लिया, हिन्दू धर्म उसकी भी पूजा करता है. बस कयासों पर विश्वास कर विष्णु अवतार कल्कि की पूजा की जाती है. कल्कि भगवान् विष्णु के दसवे व आखिरी अवतार माने जाते है, जो भविष्य में जन्म लेगें. कल्कि भगवान् को अवतार के पहले ही भगवान् मान लिया गया, और उनकी पूजा अर्चना शुरू हो गई, इनके बहुत से मंदिर भी बनाये जा चुके है. इन्हें निष्कलंक भगवान भी कहा जाता है.



क्या है भगवान विष्णु कल्कि अवतार महत्त्व  Kalki Avatar Lord Vishnu in hindi

300 साल से कल्कि जयंती मनाई जा रही है, इसकी शुरुवात राजस्थान के मावजी महाराज ने की थी. सावन महीने के शुक्ल पक्ष के छठवें दिन कल्कि जयंती मनाई जाती है. इस बार ये 22 August को आएगी

क्यूँ मनाई जाती है कल्कि जयंती

क्या है भगवान विष्णु कल्कि अवतार-कहते है, कलयुग में बढ़ते अत्याचार, शैतान को खत्म करने के लिए भगवान विष्णु एक बार फिर धरती पर जन्म लेंगें, और दुष्टों का अंत करेंगें. उनका ये जन्म सावन माह की षष्टी के दिन होगा, तो आने वाले कल्कि भगवान् के जन्म दिवस को पहले से कल्कि जयंती के रूप में मनाया जाने लगा.  ऐसा भी माना जाता है कि इनके जन्म के कलयुग का अंत हो जायेगा और सतयुग की शुरुवात हो जाएगी. कलयुग में शैतानी गतिविधियाँ बढ़ती ही जा रही है, यह माना जाता है कल्कि अवतार ब्रह्मांड के वर्तमान चक्र को अंत की ओर ले जायेगा और अंधेरे सृजन के अंतराल के बाद एक बार फिर से नए युग की शुरुवात होगी

कल्कि का मतलब होता हैं, अंधकार का नाश करने वाला, अज्ञानता का नाश करने वाला. संस्कृत में इसका मतलब सफ़ेद घोड़ा भी होता है

कल्कि अवतार की कहानी

कल्कि के जन्म से जुड़ी बातें भगवत गीता में बताई गई है. कल्कि का जन्म हुआ नहीं है अभी, लेकिन उनके आने से जुड़ी सारी बातें हमें भगवत गीता में दिखाई देती है.

क्रमांक कल्कि के जीवन बिंदु जीवन परिचय
1. जन्म सावन माह की षष्टी के दिन
2. जन्म स्थान संभल
3. माता-पिता सुमति – विष्णुयश
4. भाई सुमंत, प्राज्ञ, कवी
5. गुरु परशुराम
6. पत्नी लक्ष्मी रूपी प्रज्ञा, वैष्णवी रूपी रमा
7. बच्चे जय, विजय, मेघमाल, बलाहक
8. घोड़ा देवदत्त (सफ़ेद)

कहते है कल्कि भगवान सफ़ेद घोड़े पर बैठ कर, तलवार के द्वारा दुष्टों का अंत करेंगें. उनका रंग गोरा होगा, और वे कृष्ण की तरह पीले वस्त्र पहने हुए होंगें. कल्कि सर्वगुण संपन्न होंगें, उनमें सभी देवी देवताओं की ताकतें होंगी

काली भगवान् की जो चित्र अभी प्रचलित है, उसमें वे सफ़ेद घोड़े पर बैठे हुए, साथ में तलवार लिए हुए है. उनका घोड़ा चलने की मुद्रा में है, जिसका एक पैर हवा में, तीन जमीन पर है. कहते है धीरे धीरे ये पैर जमीन पर आता जायेगा. जब ये जमीन पर आ जायेगा. तब कल्कि के जन्म का समय आ जायेगा, और कलियुग में बदलाव प्रक्रिया शुरू हो जाएगी.

संभल कहाँ है

क्या है भगवान विष्णु कल्कि अवतार-कल्कि के जन्म स्थान को लेकर बहुत से कयास लगाये जाते है, कुछ लोग संभल को उत्तरप्रदेश में बताते है, उत्तरप्रदेश में तो एक गाँव भी है संभल नाम का, जिसे कई लोग कल्कि का जन्मस्थान ही मानते है. वही कुछ लोग मध्यप्रदेश, बिहार, उड़ीसा, हिमाचल में संभल होने की बात कहते है. इसके पुख्ता सबूत तो अभी भी कहीं नहीं मिले है. कुछ लोग बोलते है संभल चीन के पास मरुस्थल में है, जहाँ तो अभी जीवन भी संभव नहीं है.  कुछ लोग ये भी बोलते है, कृष्ण भूमि वृन्दावन, मथुरा ही संभल है जहाँ उनके अवतार कल्कि का जन्म होगा.

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सिखों के अनुसार कल्कि अवतार

सिख्ख गुरु गोविन्द सिंह ने बहुत से बड़े कार्य किये, उनके द्वारा भी कल्कि के जन्म के बारे में व्याख्या की गई है. गोविन्द सिंह के द्वारा दशम ग्रन्थ में चौबीस अवतार के बारे में बताया गया है. इन्हें सौ सिख्ख का अवतार भी कहा गया है. गुरु गोविन्द सिंह ने विष्णु पुराण के कुछ अनुछेद की भी व्याख्या की है, उन्होंने बोला की कल्कि विष्णु का अवतार है, जो कलियुग में सफ़ेद घोड़े में तलवार लेकर आएगा. क्या है भगवान विष्णु कल्कि अवतार महत्त्व  Kalki Avatar Lord Vishnu in hindi

कल्कि जयंती

भगवान् कल्कि के बहुत से मंदिर की स्थापना देश में हो चुकी है लगभग 300 साल से कल्कि भगवान को पूजा जा रहा है. राजस्थान के जयपुर में तो कल्कि का एक विशाल मंदिर है, जहाँ रोज इनकी पूजा आराधना होती है. कल्कि जयंती के दिन कृष्ण मंदिर, राम मंदिर में कल्कि भगवान् के जन्म दिवस पर विशेष इंतजाम होते है, कल्कि की पूजा आराधना कर, भंडारा किया जाता है. देश में लाखों लोग कल्कि महाराज की पूजा अभी से करते है, विष्णु पूराण में उल्लेखित होने के कारण लोग इसे सबसे बड़ी सच्चाई मानते है, और उनको लगता है कि कल्कि भगवान् ही उनके जीवन की सारी कठिनाइयाँ दूर करेंगें और इनके द्वारा जी मानव जाति को उद्धार प्राप्त होगा

विष्णु के दस अवतार इस प्रकार है

1. मतस्य अवतार
2. कूर्मा अवतार
3. वराह अवतार
4. नरसिम्हा अवतार
5. वामन अवतार
6. परशुराम अवतार
7. राम अवतार
8. कृष्ण अवतार
9. बुद्ध अवतार
10. कल्कि अवतार




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