Monday, April 29, 2024
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कपलि मुनि जीवन परिचय kapil muni biography in hindi

हेलो दोस्तों आज मैं अंजलि आप सब को कपिल मुनि के बारे में बताऊँगी कपिल मुनि के जीवन की कथा पुराणों की कुछ बेहतरीन कथाओं में से एक मानी जाती है।

कपलि मुनि जीवन परिचय

कपलि मुनि जीवन परिचय-कपिल प्राचीन भारत के प्रभावशाली मुनि थे। उन्हें प्राचीन ऋषि भी कहा जाता है। इन्हें संख्या शास्त्र के प्रवर्तक के रूप में भी माना जाता है। उन्होंने संसार को एक क्रम के रूप में देखा।

कपलि मुनि जीवन परिचय-कपिलस्मृति उनका धर्म शास्त्र है। इन्होंने संसार को स्वाभाविक गति से उत्पन्न मानकर संसार को किसी अतिरिक्त प्राकृतिक करता का निषेध किया।

कपलि मुनि जीवन परिचय-उनका यह कहना था कि सुख दु:ख प्राकृतिक का देन है तथा पुरुष ज्ञान में बद्ध है।

कपलि मुनि जीवन परिचय-अज्ञान का नाश होने पर पुरुष और प्राकृतिक अपने अपने स्थान पर स्थित हो जाते हैं। अज्ञानपास के लिए ज्ञान की आवश्यकता है

कपलि मुनि जीवन परिचय-कपिल ने उपदेश दिया ,इस पर विवाद और शोध होता रहा है। तत्वसमाससूत्र को उसके टीकाकार कपिल द्वारा रचित मानते हैं। सूत्र छोटे और सरल हैं। इसलिए मैक्समूलर ने उन्हें बहुत प्राचीन मुनि बताया है।

कपलि मुनि जीवन परिचय-रिचार्ज गरबे के अनुसार पंचशीख का काल प्रथम शताब्दी का होना चाहिए था।

कपिल मुनि का जन्म

कपलि मुनि जीवन परिचय-कपिल मुनि के समय और जन्म स्थान के बारे में निश्चय नहीं किया जा सकता है। बहुत से विद्वानों को तो इनकी ऐतिहासिक में ही संदेह होता है। पुराणों तथा महाभारत में इनका भी उल्लेख है। कहा जाता है कि,

कपलि मुनि जीवन परिचय-प्रत्येक कल्प के आदि में कपिल मुनि लेते हैं। इन्हें जन्म से ही सारी सिद्धियां प्राप्त होती हैं। इसलिए इनको आदिसिद्ध और आदिविद्वान कहा जाता है।

कपलि मुनि जीवन परिचय-इनका शिष्य कोई आसुरी नामक वंश में उत्पन्न वर्षसहस्त्रयाजी श्रोत्रिय ब्राह्मण बतलाया गया है। परंपरा के अनुसार उतक आसुरी को निर्माणचित्त मैं अधिष्टत होकर इन्होंने तत्व ज्ञान का उपदेश दिया था।

कपलि मुनि जीवन परिचय-निर्माणचित्त का अर्थ होता है सिद्धि के द्वारा अपने चित को स्वेच्छा से निर्मित कर लेना है। इससे मालूम होता है कि कपिल ने आसुरी के सामने साक्षात उपस्थित होकर उपदेश नहीं दिया

कपलि मुनि जीवन परिचय-अपितु आसुरी के ज्ञान में इनके प्रतिपादित सिद्धांतों को सफुरण हुआ, अतः यह आसुरी के गुरु चलाए जाते है।

कपलि मुनि जीवन परिचय-महाभारत में यह संख्या के वक्त आ गए जाते हैं। इनको अग्नि का अवतार और ब्रह्मा का मानसपुत्र भी पुराणों में कहा गया है। श्रीमद्भागवत के अनुसार फिर मुनि विष्णु के पंचम अवतार माने जाते हैं।

कपलि मुनि जीवन परिचय-कर्दम और देवहूति से इनकी उत्पत्ति मानी जाती है। बाद में कपिल मुनि ने अपनी माता देवहूति को सांख्यज्ञान का का उपदेश दिया।

कपलि मुनि जीवन परिचय-कपिलवस्तु, जहाँ बुद्ध पैदा हुए थे, कपिल मुनि के नाम पर बसा एक नगर था।

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कपिल मुनि के आश्रम का क्या नाम था

कपलि मुनि जीवन परिचय-कपिल मुनि का आश्रम वर्तमान में सूरत नामक शहर में स्थित था। और सूरत शहर कई प्राचीन पौराणिक कथाओं से भी जुडा हुआ है। सूरत शहर के कतारग्राम में भगवान शिव का कांतेश्वर मंदिर है।

कपलि मुनि जीवन परिचय-प्राचीन काल में यही पर कपिल मुनि का आश्रम हुआ करता था। यहाँ पर स्वयं भगवान सूर्य वास करते थे यहाँ पर एक तापी नदी भी है, जिसे ताप्ती नदी कहा जाता है। जिसका उल्लेख तापी पुराण में मिलता है।

कपलि मुनि जीवन परिचय-एक बार भगवान श्रीराम भी यहाँ पधारे थे। उनके साथ कुछ ऋषि मुनि भी थे और उस समय तापी नदी सूख गई थी। तब भगवान श्रीकृष्ण ने तीर से ताप्ती नदी में जल प्रवाह किया और ऋषि मुनियों ने नहाकर वहाँ की गर्मी से शरीर को आराम प्रदान किया।

कपिल मुनि की कथा

कपलि मुनि जीवन परिचय-ऋषि कर्दम को ब्रह्मा जी ने आज्ञा दी और कहा कि आप विवाह कर ले और एक उत्तम संतान की उत्पति करें। ऋषि कर्दम ने ब्रह्मा जी के इस आज्ञा के कहने पर सरस्वती नदी के तट पर

कपलि मुनि जीवन परिचय-दस हजार वर्ष तक तपस्या की। वे एकाग्र चित्त होकर प्रेम पूर्वक श्री हरी की आराधना में लग गए। तब सतयुग के आरंभ में कमलनारायण भगवान श्री हरि ने उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर उन्हें मूर्तिमान होकर दर्शन दिए।

कपलि मुनि जीवन परिचय-भगवान की यह भव्य मूर्ति सूर्य के सामने तेज एम आई थी उन्होंने गले मैं श्वेत कमल और कुमुद के फूलों की माला पहने हुए थे। सिर पर स्वर्ण मुकुट और कानों में कुंडल धारण किए हुए थे।

कपलि मुनि जीवन परिचय-प्रभु के इस मनोहर मूर्ति के दर्शन कर कर्दम जी को बड़ी प्रसन्नता हुई। कर्दम जी को ऐसा महसूस होने लगा कि उनकी सारी मनोकामनाएं पूरी हो गई हो।

कपलि मुनि जीवन परिचय-उन्होंने धरती पर सिर रखकर भगवान को साक्षात दंडवत प्रणाम किया और अपने दोनों हाथों को जोड़कर सुमधुर वाणी से वह स्तुति करने लगे। कर्दम जी ने कहा यह प्रभु आपके चरण कमल वंदनीय हैं।

कपलि मुनि जीवन परिचय-प्रभु ने कहा जिसके लिए तुमने आत्म संयम से मेरी आराधना की है। हृदय के यह भाव जानकर तुम्हारे मैंने इसकी व्यवस्था पहले से ही कर दी है।

कपलि मुनि जीवन परिचय-उन्होंने कहा कि तुम जैसे महान आत्माओं के द्वारा की गई उपासना और इसका फल भी अधिक मिलता है।

कपलि मुनि जीवन परिचय-भगवान ने कहा कि प्रसिद्धि यशस्वी सम्राट मनु ब्रह्मवर्त मेरा हक कर सात समुद्र वाली पृथ्वी का शासन करते रहते हैं।

कपलि मुनि जीवन परिचय-वे परम,धर्मज्ञ महाराज महारानी शतरूपा के साथ तुमसे मिलने यहां पर परसों तक आएंगे। एक उनकी सील, रूप यौवन और गुणों से संपन्न कन्या विवाह के योग्य है।

कपलि मुनि जीवन परिचय-यह कन्या वह तुम ही को अर्पण कर देंगे। जैसी पत्नी तुम्हें अनेक वर्षों से चाहिए थी वह तुम्हारी पत्नी बनकर राज्य कन्या तुम्हारी सेवा करेगी और इसकी 9 कन्याएं होंगी।

कपलि मुनि जीवन परिचय-उन्नाव कन्याओं से तुम्हारी मरी जी आदि ऋषि गन उत्पन्न होंगे। मेरी आज्ञा का पालन कर तुम शुद्ध चित्त हो जाओ और अपने कर्मों का फल मुझे को अर्पण कर मुझे ही प्राप्त हो जाओगे।

कपलि मुनि जीवन परिचय-मैं तुम्हारी पत्नी देवती के गर्भ से ही उत्पन्न होंगा तथा संख्या शास्त्र की रचना भी करूंगा।

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