समस्या प्रधान नाटकों के जनक थे लक्ष्मी नारायण मिश्र लक्ष्मी नारायण मिश्र का जीवन परिचय -हेलो दोस्तों में कोमल शर्मा आज के आर्टिकल में आप को लक्समी नारायण मिश्रा के बारे में बताने जा रही हु इनका जन्म- 17 दिसम्बर, 1903, आजमगढ़, उत्तर प्रदेश; मृत्यु- 19 अगस्त, 1987) हुआ था
ये हिन्दी के प्रसिद्ध नाटककार थे। हिन्दी के एकांकीकारों में उनका विशेष स्थान है। उन्होंने प्रचुर मात्रा में गद्य तथा पद्य दोनों में साहित्य सृजन किया है। लक्ष्मीनारायण जी पर पाश्चात्य नाटककार इन्सन, शा, मैटरलिंक आदि का ख़ासा प्रभाव था, लेकिन फिर भी उनकी एकांकियों में भारत की आत्मा बसती थी। मौलिक सृजन से लेकर अनुवाद तक उन्होंने सोद्देश्य लेखन किया। लक्ष्मी नारायण मिश्र जी का जन्म सन 1903 में उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ ज़िले के बस्ती नामक ग्राम में हुआ था। उन्होंने वर्ष 1928 में अपनी बी.ए. की परीक्षा ‘केंद्रीय हिन्दू कॉलेज’, काशी से उत्तीर्ण की थी।
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मिश्रा जी का साहित्य सृजन
लक्ष्मी नारायण मिश्र का जीवन परिचय -18 वर्ष की अवस्था से ही लक्ष्मी नारायण मिश्र साहित्य सृजन की ओर उन्मुख हुए। उनकी ‘अंतर्जगत्’ (1921-1922 ई.) नामक काव्य रचना उसी समय की है। इसके उपरांत आपकी नाटकीय प्रतिभा का उदय प्रारम्भ हुआ। ‘अशोक’ उनका पहला नाटक है।
मिश्रा जी का नाट्य —
- इनके समस्त नाट्य साहित्य के दो वर्ग हैं-
- सांस्कृतिक अथवा ऐतिहासिक
- सामाजिक
लक्ष्मी नारायण मिश्र का जीवन परिचय -आधारभूत सत्य की दृष्टि से लक्ष्मीनारायण मिश्र के समूचे नाट्य-साहित्य में भारतीय संस्कृति के आदर्शों और मान्यताओं का प्रभाव है। सब नाटकों की शिल्पविधि और रूपगठन आधुनिक (पाश्चात्य) है, पर नाटक अपनी आंतरिक प्रकृति में पाय: भारतीय हैं; किंतु उस अर्थ में प्राचीन भारतीय और बाद नाट्य-तत्त्वों का समंवय नहीं, जैसा कि जयशंकर प्रसाद के नाटकों में है। दूसरे ही स्तर पर मिश्रजी के नाटक अपने बहिरंग में आधुनिक पाश्चात्य नाट्य-शिल्प के अनुरूप हैं और आंतरिकता में विशुद्ध भारतीय हैं। यह सत्य वस्तुत: दृष्टिकोण और भावधारा के स्तर पर प्रतिष्ठित है। जहाँ एक शिल्प गठन का प्रश्न है, आपके नाटकों का विकास और निर्माण गीतों, स्वगत कथनों और भावुकतापूर्ण कवित्व वर्णनों के माध्यम से न होकर, बिल्कुल नये ढंग से होता है। ऐतिहासिक नाटकों में निश्चय ही तात्त्विक विवेचनों और सैद्धांतिक विचार विनिमय के गहन तत्त्व हैं। मिश्र जी ने इब्सन के दो प्रसिद्ध नाटक ‘पिलर ऑफ़ द सोसाइटी’ और ‘डाल्स हाउस’ का अनुवाद क्रमश: ‘समाज के स्तम्भ’ और ‘गुड़िया का घर’ नाम से किया है।
लक्समी नारायण जी का यथार्थवादी दृष्टिकोण(Realistic Approach )
लक्ष्मी नारायण मिश्र का जीवन परिचय -यूँ तो दृष्टिकोण में लक्ष्मी नारायण जी प्राय: यथार्थवादी हैं- प्रगतिशील स्तर पर नहीं, भारतीय स्तर पर। उनका यथार्थ अपनी ही तरह का है। ‘मुक्ति का रहस्य’ नामक नाटक में आपने अपने दृष्टिकोण और विचारधारा के विषय में स्पष्ट रूप से कहा है- “जो यथार्थ नहीं है, वह आदर्श नहीं हो सकता। कल्पना की रंगीनी और असंगति साहित्य और कला का मानदण्ड नहीं बन सकती है। जीवन की पाठशाला में बैठकर साहित्यकार अपनी कला सीखता है। अत: जीवन के अनुभव से परे उसे कहीं कुछ भी नहीं ढूँढ़ना चाहिए।”
ऐतिहासिक और पौराणिक नाटक —
क्र.सं. कृति वर्ष
- अंतर्जगत – कविता संग्रह,
- अशोक नाटक, 1926
- संन्यासी नाटक, 1930
- राक्षस का मंदिर नाटक, 1931
- मुक्ति का रहस्य नाटक, 1932
- राजयोग 1933
- सिंदूर की होली 1933
- आधी रात 1936
- गरुड़ध्वज 1945
- नारद की वीणा 1946
- वत्सराज 1950
- दशाश्वमेध 1950
- अशोक वन एकांकी संग्रह,
- वितस्ता की लहरें 1953
- ‘जगदगुरु 1955
- मृत्युजंय 1955
- चक्रव्यूह नाटक ,
- सेनापति कर्ण महाकाव्य, अपूर्ण
लक्ष्मी नारायण मिश्र का जीवन परिचय -मिश्रजी के ऐतिहासिक और पौराणिक नाटक प्राय: एक विशेष काल हिन्दू संस्कृति के एक विशेष अध्याय और ज्वलंत चरित्र पर आधारित हैं और उनसे उस विशेष काल, अध्याय और चरित्र के बहाने प्राय: समूची वस्तुस्थिति पर ऐसा प्रकाश पड़ता है। इस दृष्टि से ‘गरुड़ध्वज’, ‘दशाश्वमेध’ और ‘नारद की वाणी’ आपके प्रतिनिधि नाटक हैं। ‘गरुड़ध्वज’ नाटक का कथानक उस युग का है, जिसकी अधिक सामग्री इतिहास आदि से नहीं प्राप्त होती। नाटककार ने अपनी कल्पना शक्ति से शुंग वंश के पृष्ठ पर सुन्दर प्रकाश डाला है। ‘गरुड़ध्वज’ में शुंग के वंशज अग्निमित्र की कथा है। ‘वत्सराज’ मिश्रजी का प्रसिद्ध ऐतिहासिक नाटक है, उदयन की जीवन घटनाओं से सम्बद्ध। ‘दशाश्वमेध’ नाटक नागों के इतिहास पर आधारित हैं। ‘नारद की वीणा’ आर्य और आर्येत्तर संस्कृतियों के पारम्परिक संघर्ष और तदुपरांत समंवय की कहानी है।
‘संन्यासी’, ‘राक्षस का मन्दिर’, ‘मुक्ति का रहस्य’, ‘राजयोग’ तथा ‘सिन्दूर की होली’ लक्ष्मी नारायण मिश्र जी के प्रसिद्ध समस्या सामाजिक नाटक हैं। व्यक्ति और समाज के जिस उत्तरोत्तर संघर्ष में हमारा जीवन पल-पल बढ़ रहा है, उसके किसी-न-किसी महत्त्वपूर्ण पहलू का आधार इन सामाजिक नाटकों में विद्यमान है। ‘मुक्ति का रहस्य’ और ‘सिन्दूर की होली’ नाटककार के शिल्प और विचार, दोनों दृष्टियों से प्रतिनिधि नाटक हैं। ‘मुक्ति का रहस्य’ में स्त्री-पुरुष की सनातन काम-वासना का चित्रण है।
नारायण जी एकांकी संग्रह
लक्ष्मी नारायण मिश्र का जीवन परिचय -प्रलय के पंख पर’ और ‘अशोक वन’ मिश्रजी के दो एकांकी संग्रह हैं। ‘प्रलय के पंख पर’ नामक एकांकी सग्रह में लेखक की छ: एकांकी संग्रहीत हैं। प्राय: समस्त एकांकी समस्या प्रधान हैं। अधिकांश एकांकी विशुद्धत: नारी समस्या को आधार बनाकर लिखी गई हैं। दो-एक एकांकी ग्रामीण भावभूमि तथा वहाँ के जन-जीवन से उत्पन्न समस्याओं पर लिखी गई हैं। इन दो संग्रहों के अतिरिक्त ‘भगवान मनु तथा अन्य एकांकी’ भी एक संग्रह है। इसके सभी एकांकी पौराणिक और ऐतिहासिक हैं। ‘भगवान् मनु’, ‘विधायक पराशर’, ‘याज्ञवल्क्य’, ‘कौटिल्य’, ‘आचार्य शंकर’, एकांकी के ये नाम ही हिन्दुत्व और भारतीय संस्कृति के ऐसे उज्ज्वल उदाहरण लगते हैं कि हिन्दू मन इनसे सर्वथा अभिभूत हो जाता है। इन एकांकियों की शिल्पविधि पर रेडियो एकांकी कला और उसके शिल्प संगठन का प्रभाव स्पष्ट है। ये एकांकियाँ जयशंकर प्रसाद के नाटकों की भाँति ही पठन-पाठन की सुन्दर सामग्री उपस्थित करती हैं, पर इनका रंगमंचीय पक्ष उतना ही निर्बल और जटिल है।
लक्समी नारायण की जीका मौलिक विचारधारा
लक्ष्मी नारायण मिश्र का जीवन परिचय -नाटककार लक्ष्मी नारायण मिश्र जी की शक्ति उनकी मौलिक विचारधारा है, वह चाहे ऐतिहासिक स्तर पर हो, चाहे पौराणिक अथवा सामाजिक स्तर पर। साथ ही चरित्र प्रतिष्ठा और उसके भीतर से ‘ब्राह्मणत्व’ का अनुपम आलोक और भारतीय संस्कृति का उदार स्वर्णिम चित्र इनके नाट्य-साहित्य की की सबसे बड़ी देन है।
मिश्रा जी की मृत्यु
लक्ष्मी नारायण मिश्र जी का निधन 19 अगस्त, 1987 को हुआ।
कुछ और साहित्यकार के नाम
लक्ष्मी नारायण मिश्र का जीवन परिचय -अयोध्यासिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’ · अनंतमूर्ति · मोहनलाल विष्णु पंड्या · अनंत गोपाल शेवड़े · आर. के. नारायण · अकिलन · आग़ा हश्र कश्मीरी · जयशंकर प्रसाद · सरदार पूर्ण सिंह · प्रेमचंद · जैनेन्द्र कुमार · भारतेन्दु हरिश्चंद्र · रबीन्द्रनाथ ठाकुर · लल्लू लालजी · शिवपूजन सहाय · शिवराम कारंत · सूर्यकान्त त्रिपाठी ‘निराला’ · रामधारी सिंह ‘दिनकर’ · हज़ारी प्रसाद द्विवेदी · गोकुलचन्द्र · हरिशंकर परसाई · रामचन्द्र शुक्ल · श्यामसुन्दर दास · राय कृष्णदास · महावीर प्रसाद द्विवेदी · डी. आर. बेंद्रे · गणेश प्रसाद सिंह ‘मानव’ · विश्वनाथ प्रसाद मिश्र · विनोदशंकर व्यास · माधवराव सप्रे · लाला भगवानदीन · विष्णुकांत शास्त्री · विनायक कृष्ण गोकाक · अमृतलाल नागर · अम्बिका प्रसाद दिव्य · रामअवध द्विवेदी · गणेशशंकर विद्यार्थी · पीताम्बर दत्त बड़थ्वाल · सदल मिश्र · नागार्जुन · पाण्डेय बेचन शर्मा ‘उग्र’ · श्यामकृष्णदास · सुधाकर पाण्डेय · केशव प्रसाद मिश्र · पारसनाथ मिश्र सेवक · लोकनाथ श्रीवास्तव · गोविन्द चन्द्र पाण्डे · हरिकृष्ण ‘जौहर’ · करुणापति त्रिपाठी · राधाकृष्णदास · पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी · बजरंगबली गुप्त विशारद · रामविलास शर्मा · पण्डित गंगाधर मिश्रा · कुंवर नारायण · सुरेन्द्र कुमार श्रीवास्तव · पद्मनारायण राय · गोवर्धनराम माधवराम त्रिपाठी · राजा लक्ष्मण सिंह · अमरनाथ झा · दुर्गा प्रसाद खत्री · गुरुदत्त सिंघ भूपति · श्याम बहादुर वर्मा · नाथूराम प्रेमी · सत्यजीवन वर्मा ‘भारतीय’ · बच्चन सिंह · अम्बिका प्रसाद गुप्त · भोलाशंकर व्यास · किशोरी लाल गुप्त · हर्षनाथ · वाचस्पति पाठक · डॉ. तुलसीराम · यादवेन्द्र शर्मा ‘चन्द्र’ · ज्योति प्रसाद अग्रवाल · गोपाल चंद्र प्रहराज · गोदावरीश मिश्र · मुद्राराक्षस · उपेन्द्रनाथ अश्क · शिवनारायण श्रीवास्तव · चन्द्रशेखर पाण्डे · पण्डित कृष्ण शुक्ल · कुशवाहा कान्त · विष्णु प्रभाकर · अगरचन्द नाहटा · कुसुम चतुर्वेदी · सीताराम चतुर्वेदी · रमेश चन्द्र दत्त · अमर गोस्वामी · राजा शिव प्रसाद · बज्ररत्न दास अग्रवाल · रामचन्द्र वर्मा · देवराज नन्दकिशोर · प्रताप नारायण सिंह · दामोदर पण्डित ·
FAQ
Q. लक्ष्मी नारायण का जन्म कब हुआ था?
Ans.
जन्म | 17 दिसम्बर, 1903 |
Q. लक्ष्मी नारायण का मृत्यु कब हुआ था?
Ans.
मृत्यु | 19 अगस्त, 1987 |
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