Sunday, April 28, 2024
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मलिक मोहम्मद जायसी का जीवन परिचय व प्रमुख रचनाएं- Malik Mohammed Jaysee Biography In Hindi

कवि मलिक मोहम्मद जायसी की जीवनी (जन्म, ) | Padmavat Poet Malik Muhammad Jayasi Biography in hindi मलिक मोहम्मद जायसी प्रमुख रचनाएं-हेलो दोस्तों में कोमल शर्मा आज के इस आर्टिकल में आपको बताने जा रही हु

की मलिक मोहम्मद जायसी एक भारतीय सूफी कवि और पीर महात्मा थे। इन्होंने 15 वी शताब्दी में आम लोगों द्वारा समर्थित अवधी भाषा में लिखना शुरू किया था। और 16वीं शताब्दी में इन्होंने पद्मावत की रचना की थी पद्मावत तत्कालीन समय की सांस्कृतिक व ऐतिहासिक जानकारी का महत्वपूर्ण स्त्रोत था। जहां पर इन्होंने अलाउद्दीन खिलजी के चित्तौड़ अभियान के अलावा पद्मिनी को देखने का अलादीन का अनुरोध, रतन सिंह की गिरफ्तारी, उसकी रिहाई, पद्मावत का सती होना, आदि बातें उन्होंने अपनी पद्मावत में साहित्य के रूप में चित्रित किया है।


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मलिक मोहम्मद जायसी का जीवन परिचय

जन्म सन् 1492 ई० के लगभग
जन्म स्थान जायस, रायबरेली उत्तर प्रदेश में
मुख्य भाषा अवधी
रचनाएं पद्मावत, अखरावट, आखिरी कलाम, चित्रलेखा आदि
मृत्यु सन् 1542 ई० में



मलिक मोहम्मद जायसी का जन्म

मलिक मोहम्मद जायसी प्रमुख रचनाएं-मलिक मोहम्मद जायसी की जन्म की कोई जानकारी नहीं प्राप्त है। पर ऐसा माना जाता है कि इनका जन्म 1492 ई० के आसपास रायबरेली उत्तर प्रदेश के जायस नामक स्थान पर हुआ था मलिक मोहम्मद जायसी एक महात्मा की तरह उदार प्रवृत्ति के व्यक्ति थे। मलिक मोहम्मद जायसी की मृत्यु के बारे में कोई ठोस प्रमाण नहीं मिलते है। परंतु फिर भी एक मान्यता अनुसार इनका देहान्त 1542 ई० में हुआ था।

मलिक मोहम्मद जायसी की शिक्षा

मलिक मोहम्मद जायसी प्रमुख रचनाएं-मलिक मोहम्मद जायसी की शिक्षा सही तरीके से नही हो पाई थी। इसलिए इन्होंने जो कुछ भी शिक्षा प्राप्त की वो मुसलमान फकीरो द्वारा प्राप्त की। इसके अलावा गोरखपंथी, और वेदांती साधु संतो द्वारा भी शिक्षा ग्रहण की।

मलिक मोहम्मद जायसी प्रमुख रचनाएं-इसलिए मालिक मोहम्मद जायसी जी ने अपनी कुछ रचनाओं में अपनी गुरु परंपरा का भी उल्लेख किया है। उनका कहना था की सैयद असरफ जो की उनके प्रिय संत थे। मेरे लिए उज्ज्वल पथ प्रदर्शक बने थे। उन्होंने प्रेम का दिया जलाकर मेरा ह्रदय निर्मल कर दिया था। उनका चेला बन जाने पर में अपने पाप के खारे समुद्री जल की उन्हीं की नाव द्वारा पार कर पाया और मुझे उनकी सहायता से घाट मिल गया।

मलिक मोहम्मद जायसी की रचनाएं

मलिक मोहम्मद जायसी प्रमुख रचनाएं-मलिक मोहम्मद जायसी की 21 रचनाओं का उल्लेख उनके साहित्य में मिलता है। जिसमे पद्मावत, आखरी कलाम, चित्ररेखा, अखरावट आदि जायसी की प्रसिद्ध रचनाएं है। इसमें पद्मावत सबसे अच्छा है

  • पद्मावत –

मलिक मोहम्मद जायसी जी ने इस रचना में चितौड़ के राजा रत्नसेन और सिंहलद्वीप की राजकुमारी पद्मावती की प्रेमकथा का अत्यंत मार्मिक रूप से वर्णन किया है। एक और इतिहास और कल्पना के सुंदर संयोग से यह एक उत्कृष्ठ प्रेम गाथा है। दूसरी और इसमें आध्यात्मिक प्रेम की भी अत्यंत भावमयी अभिव्यंजना मौजूद है।



  • आखरी कलाम —

मलिक मोहम्मद जायसी जी ने मृत्यु की बाद की दशा का उल्लेख किया है, इसमें।

  • चित्ररेखा —

इस रचना में मलिक मोहम्मद जी ने चंद्रपुर की राजकुमारी चित्ररेखा तथा कन्नौज के राजकुमार प्रीतम कुंवर के प्रेम की गाथा का वर्णन किया है।

अखरावाट  —

इसमें मलिक मोहम्मद जायसी जी ने वर्णमाला के एक-एक अक्षर को लेकर दर्शन एवम सिद्धांत संबंधी बाते चिपाइयो में कही गई है।

मलिक मोहम्मद जायसी की भाषा शैली

मलिक मोहम्मद जायसी जी की भाषा ठेठ अवधी है। और पूर्वी हिंदी के अंतर्गत है। लेकिन यत्र – तत्र उसमे अरबी, और फारसी के शब्द भी मिलते है। ब्रजभाषा और खड़ी बोली दोनो में विभिन्नता देखते हुए इसमें बोलचाल की लोकभाषा का अच्छा रूप  रूप देखने को मिलता है।

मलिक मोहम्मद जायसी प्रमुख रचनाएं-जायसी जी की रचनाओं को समझने के लिए अवधि की मुख्य विशेषताओं को जान लेना आवश्यक है। जायसी जी ने अपनी रचनाओं में लोकोत्तियो के प्रयोग से इनकी रचनाओं में प्राणप्रतिष्ठा मिलती है। केवल चमत्कारीकपूर्ण कथन की प्रवृति ही जायसी जी में नही है। अपितु मसनवी शैली पर लिसित पद्मावत में प्रबंध काव्योचित सोष्ठव विद्यमान है। पद्मावत को जायसी जी ने दोहा और चौपाई तथा छंदों में रचना की है। जो की एक महान उपलब्धियों से कम नही है। मलिक मोहम्मद जायसी जी हिंदी साहित्य के प्रथम महाकाव्यकारक है। साथ ही प्रेम के आख्यान का काव्य परंपरा का भी ये सर्वोत्तम स्थान रखते है।



मलिक मोहम्मद जायसी की काव्यगत विशेषता

  • मलिक मोहम्मद जायसी जी ने सिद्धांतो का प्रतिपादन करने वाली रचनाएं लिखी है।
  • मलिक मोहम्मद जी की रचनाएं काव्य में लेखन की परंपराओं को रखते हुए प्रोढता प्रदान किया है।
  • मलिक मोहम्मद जायसी जी ने अपने काव्य में मसनवी शैली का प्रयोग किया है।
  • मलिक मोहम्मद जायसी जी ने लौकिक प्रेम के माध्यम एस अलौकिक प्रेम की और अग्रसर होने वाली आध्यात्मिक रचनाएं लिखी है।
  • मलिक मोहम्मद जायसी जी ने सूफी सिद्धांतो को प्रतिपादित करने वाली रचनाएं लिखी है।
  • मलिक जी ने सूफी प्रेममार्गी कवि और प्रेम का लोकधर्मी रूप प्रदान किया है।
  • मलिक जी की रचनाओं में ठेठ अवधि भाषा से साहित्य का उपयोग किया है।
  • मलिक मोहम्मद जी ने दोहा चौपाई छंद का प्रयोग किया है।
  • मलिक मोहम्मद जायसी जी ने प्रौढ़ और गंभीर काव्य शैली का प्रयोग अपने काव्य में किया है।
  • मलिक जी के काव्य में मुहावरे, लोकोत्तिया, तथा अलंकारों का प्रयोग किया है।

मलिक मोहम्मद जायसी के पुरुस्कार

मलिक मोहम्मद जायसी प्रमुख रचनाएं-मलिक मोहम्मद जायसी जी को उत्तरप्रदेश सरकार ने हिंदी साहित्य के उत्कृष्ठ लेखकों के रूप में जायसी जी का नाम चयनित किया और अवधी भाषा में रामकथा पर आधारित लोकभजन की पुस्तक चरनवा कै धूूर लिखने पर शिवमंगल शुक्ल को मलिक मोहम्मद जायसी पुरुस्कार प्रदान किया आप अंदाजा लगा सकते हो की मलिक मोहम्मद जायसी जी ने अपना एक ऐसा उत्कृष्ठ स्थान साहित्य में बनाया था की उनके नाम से साहित्य पुरुस्कार प्रदान किए जाते है। इससे बड़ा पुरुस्कार उनके लिए और क्या हो सकता है।

मालिक मोहम्मद जी का निष्कर्ष

मलिक मोहम्मद जायसी प्रमुख रचनाएं-मलिक मोहम्मद जी के बारे में कहा जाता है, की सूफी काव्य धारा के इस महाकवि की काव्य दृष्टि आत्यंत व्यापक थी। उन्होंने अलौकिक प्रेम की परिभाषा अपने काव्य में पेश करने में उन्होंने हिंदी के महान कवियों में अपना एक महत्वपूर्ण स्थान बनाने में सफलता हासिल की है। और इन्होंने ये सिखाया अपने काव्य में की इंसान की कुरूपता नही बल्कि उसके कर्म उसको महान बना देते है।



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