Monday, April 29, 2024
Homeतीज त्यौहारमासिक अष्टमी व दुर्गा अष्टमी 2023 महत्त्व, पूजा विधि - Durga Ashtami...

मासिक अष्टमी व दुर्गा अष्टमी 2023 महत्त्व, पूजा विधि – Durga Ashtami Vrat in hindi

मासिक अष्टमी व दुर्गा अष्टमी 2023 महत्त्व, पूजा विधि व इतिहास, कथा, कब है Masik Ashtami and Durga Ashtami Vrat Significance, Puja Vidhi, History in hindi



मासिक अष्टमी व दुर्गा अष्टमी 2023 महत्त्व, पूजा विधि – Durga Ashtami Vrat in hindi- मासिक अष्टमी व दुर्गा अष्टमी एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है जो नवरात्रि के आठवें दिन को मनाया जाता है। यह त्योहार भगवती दुर्गा की पूजा और आराधना के लिए समर्पित है। यह पर्व भारत और नेपाल में धूमधाम से मनाया जाता है। यह विशेष रूप से बंगाल, ओडिशा, असम, बिहार, जम्मू-कश्मीर और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में प्रमुखतः मनाया जाता है।

दुर्गा अष्टमी क्या है

मासिक अष्टमी व दुर्गा अष्टमी 2023 महत्त्व, पूजा विधि – दुर्गा अष्टमी के मुख्य त्योहार में माता दुर्गा की प्रतिमा की स्थापना और पूजा की जाती है। भक्त नौ दिन तक नवरात्रि के अंतर्गत नौ रुपों में देवी की पूजा और आराधना करते हैं। दुर्गा अष्टमी के दिन पूजा में विशेष धूप, दीप, पुष्प, चंदन, कुमकुम, रोली, बत्ती आदि से माँ दुर्गा की आराधना की जाती है। इस दिन भक्त विशेष रूप से भगवती दुर्गा के छठ रुपों (षट्चंदी) का पाठ और भजन करते हैं। दुर्गा अष्टमी के दौरान लोग मंदिरों में समुदायिक रूप से पूजा करते हैं और भजन-कीर्तन करते हैं। इस दिन के उपवास के दौरान भक्त बिना भोजन किये रहते हैं और माँ दुर्गा की कृपा और आशीर्वाद की कामना करते हैं। दुर्गा अष्टमी के अलावा, दुर्गा नवमी भी महत्वपूर्ण होता है जिसे नवरात्रि के अंत में मनाया जाता है। नवमी के दिन परन्तु मुख्य रूप से दुर्गा पूजा, हवन, भजन-कीर्तन, और महानवमी विशेष भोजन की जाती है। नवमी को दुर्गा विसर्जन (विदाई) के दिन भगवती दुर्गा की मूर्तियों का विसर्जन किया जाता है। दुर्गा अष्टमी एक धार्मिक उत्सव के रूप में नहीं बल्कि माँ दुर्गा की शक्ति, साहस, और दैवी शक्ति का प्रतीक है। यह त्योहार भक्ति, शक्ति, और उत्साह के साथ मनाया जाता है और लोग इसे धैर्य और संकल्प के साथ गुजारते हैं। मासिक अष्टमी व दुर्गा अष्टमी 2023 महत्त्व, पूजा विधि


व्रत के महत्व

  • मासिक अष्टमी व्रत का महत्व माँ देवी के आशीर्वाद को प्राप्त करने के लिए माना जाता है।
  • इस व्रत से संतान प्राप्ति की कामना की जाती है और उपासक के जीवन में सुख-शांति आती है।
  • यह व्रत नारी शक्ति की महत्वता को स्थायी करता है और विशेष रूप से समृद्धि और सम्मान के लिए पूजा जाता है।
  • मासिक अष्टमी व्रत से व्रती के मन में धार्मिक भावना और श्रद्धा का विकास होता है।
  • यह व्रत संसार में भ्रमण कर रहे भगवान् की कृपा को प्राप्त करने का एक साधना माध्यम है।

व्रत विधि

  • पहले इस व्रत के लिए समय तय करें। इसे हर मास की अष्टमी तिथि को कर सकते हैं।
  • व्रत के दिन ब्राह्मणों को आमंत्रित करें और उन्हें खाने-पीने का भोजन प्रदान करें।
  • व्रती महिला उदय होने से पहले नित्योपास्य देवी के नामों का जाप करती हैं और श्रद्धा भाव से माँ की पूजा करती हैं।
  • विशेष रूप से दुर्गा पूजा करने वाले लोग देवी के चालीसा, स्तुति, आरती, आदि का पाठ करते हैं।
  • व्रत के दिन अन्य विशेष खाने की वस्तुएं जैसे फल, दूध, नमकीन, शक्कर परहेज करें। शुद्ध और सात्विक भोजन का सेवन करें।
  • दिनभर देवी माँ का व्रत करने के बाद, संध्या काल में फिर से पूजा करें और व्रत को समाप्त करें।

दुर्गा अष्टमी इतिहास और कथा Masik Durga Ashtami history and story in hindi

मासिक अष्टमी व दुर्गा अष्टमी 2023 महत्त्व, पूजा विधि  प्रतिवर्ष भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष के अष्टमी तिथि को देवी दुर्गा का अवतार होता है। यह दिन माँ दुर्गा के जन्मदिन के रूप में भी मनाया जाता है।

  • प्राचीन काल में दैत्य राजा महिषासुर विशेष शक्ति का अधिकारी बनने के इच्छुक था। उसने विशेष तपस्या करके भगवान् ब्रह्मा को प्रसन्न किया और वरदान मांगा कि किसी भी देवता या मनुष्य के विरुद्ध उसे नष्ट नहीं कर सकते। प्राचीन काल में इस वरदान के बाद उसने अपनी अधिकारिता का उपयोग करके देवताओं को जीतकर स्वर्ग का शासक बन लिया था और धरती पर साम्राज्य का विराट राज्य स्थापित किया था। वह लोगों को त्राहि-त्राहि करता था और भक्तों को वेदों और धर्म के मार्ग से भटकाता था।


  • दुर्गा अष्टमी के दिन देवी दुर्गा ने अपने वाहन सिंह वहन पर बैठकर महिषासुर को संहार करने का संकल्प लिया। वह आठ रुपों में प्रकट होकर महिषासुर के विरुद्ध युद्ध करने लगीं। युद्ध के दौरान दुर्गा माँ ने अपनी अद्भुत शक्ति से महिषासुर को मार डाला। महिषासुर का संहार नवरात्रि के आठवें दिन दुर्गा अष्टमी को हुआ था।
  • दुर्गा माँ के इस विजयी युद्ध के बाद देवताओं ने उन्हें स्तुति और गान करके उनका सम्मान किया। मां दुर्गा के समर्थन से देवताएं विजयी हुईं और स्वर्ग में खुशी मनाई गई। इस विजय दिवस को दुर्गा अष्टमी या महास्थमी के रूप में मनाया जाता है।
  • इस प्रकार, दुर्गा अष्टमी कथा में मां दुर्गा की महानता, शक्ति, और धर्म के लिए संघर्ष का संदेश है। यह त्योहार भक्ति और शक्ति की प्रतीक है और लोग इसे आनंद और उत्साह से मनाते हैं।

मासिक दुर्गा अष्टमी पूजा विधि Masik Durga Ashtami puja vidhi

मासिक अष्टमी व दुर्गा अष्टमी 2023  – मासिक दुर्गा अष्टमी पूजा विधि निम्नलिखित रूप से किया जा सकता है। ध्यान दें कि पूजा विधि भक्त के संप्रदाय और अनुष्ठान के अनुसार थोड़ी भिन्नता हो सकती है, इसलिए विश्वास के साथ आप परिवार या संप्रदाय के पूजारी से परामर्श करें। मासिक अष्टमी व दुर्गा अष्टमी 2023 महत्त्व, पूजा विधि

सामग्री

  • मां दुर्गा की मूर्ति या चित्र
  • पूजा के लिए पुष्प, दीप, धूप, चंदन, कुमकुम, बत्ती आदि
  • पूजा के लिए सात्विक भोजन
  • कलश, नारियल, सिंदूर, बत्ती आदि (आवश्यक सामग्री अनुसार)

पूजा विधि

  • सुबह उठकर शुद्धि करें और स्नान करें।
  • मंदिर में या पूजा स्थल पर मां दुर्गा की मूर्ति या चित्र को स्थापित करें।
  • पूजा स्थल को साफ़ करें और सजाएं।
  • दुर्गा अष्टमी के दिन व्रती महिला उपवास रखती हैं।
  • पूजा आरंभ करने के लिए धूप, दीप और नाईं रखें। धूप दें और दीप जलाएं।
  • विधि के अनुसार मां दुर्गा की पूजा के लिए मंत्र और श्लोक पढ़ें।
  • मां दुर्गा के चालीसा, स्तोत्र या आरती का पाठ करें।
  • फूल, पुष्प, चंदन, कुमकुम, बत्ती आदि से मां दुर्गा की पूजा करें।
  • प्रसाद के रूप में सात्विक भोजन तैयार करें और मां दुर्गा को अर्पित करें।
  • पूजा के बाद आरती करें और मां दुर्गा को प्रणाम करें।
  • पूजा के बाद व्रती महिला उपवास तोड़कर भोजन कर सकती हैं।
  • इस रीति-रिवाज के साथ मासिक दुर्गा अष्टमी पूजा की जाती है। ध्यान दें कि यह विधि संप्रदाय और क्षेत्र के आधार पर
  • भिन्न हो सकती है, इसलिए विधि को संबोधित और समर्थित संप्रदाय से जाँच करें।

“सर्व मंगलाय मांगल्ये, शिवे सर्वथा साधिके

सरन्ये त्र्यम्बके गौरी नारायणी नमोस्तुते”

इसके बाद आप उस फूल और अक्षत को माँ दुर्गा को समर्पित कर दें, फिर बाद में आप दुर्गा चालीसा का पाठ कर आरती करके पूजा करे.    

2023 में होने वाली मासिक दुर्गा अष्टमी की तारीख और तिथि Masik Durga Ashtami 2023 date and time

तारीख महीना दुर्गा अष्टमी
29 जनवरी मासिक दुर्गाष्टमी
27 फरवरी मासिक दुर्गाष्टमी
29 मार्च चैत्र दुर्गाष्टमी
28 अप्रैल मासिक दुर्गाष्टमी
28 मई मासिक दुर्गाष्टमी
26 जून मासिक दुर्गाष्टमी
26 जुलाई मासिक दुर्गाष्टमी
24 अगस्त मासिक दुर्गाष्टमी
23 सितम्बर मासिक दुर्गाष्टमी
22 अक्टूबर दुर्गा अष्टमी
20 नवम्बर मासिक दुर्गाष्टमी
20 दिसंबर मासिक दुर्गाष्टमी

FAQ

Q : दुर्गा अष्टमी साल में कितने बार आती है?

2 बार

Q : मासिक अष्टमी कब – कब होती है ?

हर माह की अष्टमी तिथि को मासिक अष्टमी होती है.

Q : दुर्गाष्टमी के दिन किसकी पूजा की जाती है ?

इस दिन मां दुर्गा की पूजा की जाती है

Q : दुर्गाष्टमी 2023 में कब है ?

चैत्र के माह में 29 मार्च को और कुमार में 22 अक्टूबर को



RELATED ARTICLES
0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest

0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments

Most Popular