Thursday, May 2, 2024
Homeजानकारियाँभारत के राष्ट्रीय पुरस्कार National Awards Of India In Hindi

भारत के राष्ट्रीय पुरस्कार National Awards Of India In Hindi

भारत के राष्ट्रीय पुरस्कार-हेलो दोस्तों मेरा नाम मोहित है आज में आपको राष्ट्रीय पुरस्कार के बारे में बताने जा रहा हूँ नेशनल अवार्ड भारतीय सरकार द्वारा दिए जाते है. यह एक बहुत बड़ा सम्मान है, जो देश, विदेश के लोगों को उनके अच्छे कामों के लिए दिया जाता है. भारत विविध संस्कृतियों और कलाओं से परिपूर्ण देश है. यहाँ लगभग विश्व की सभी प्रतिभाएं पायी जाती हैं. अतः उनके प्रोत्साहन के लिए कई तरह के विविध सम्मानों और पुरस्कारों का अविर्भाव हुआ है. खेल से लेकर सिनेमा तक और साहित्य से लेकर विज्ञान तक विभिन्न स्तर पर विभिन्न पुरस्कारों को रखा गया है.

1950 में दुनिया का सबसे बड़े लोकतांत्रिक संविधान आया, जिसके बाद से ये अवार्ड दिए जाने लगे. वैसे जो लोग अच्छा काम करते है, वे किसी सम्मान या उपहार के लिए ये कार्य नहीं करते है, लेकिन उन्हें सम्मान देकर उनके प्रति देश अपनी कृतज्ञता दर्शाता है, साथ ही उनसे प्रेरित होकर देश के अन्य लोग प्रेरणा प्राप्त करते है.

दुनिया के हर देश के संविधान में ऐसे अवार्ड का उल्लेख होता है. हर देश अपने हिसाब से ये अवार्ड मानवजाति को देता है, ताकि वे उनके कार्य को सम्मान दे सकें. हमारे भारत देश में सम्मान वापस लेने का भी अधिकार है. इसका मतलब ये है कि अगर किसी इन्सान को नेशनल अवार्ड से नवाजा जाता है, लेकिन अगर बाद में वो किसी भी तरह अपराधि पाया जाता है, तो उससे वो सम्मान वापस भी लिया जा सकता है. अगर किसी इन्सान को ये सम्मान नहीं चाहिए, तो वो सामने आकर उसे वापस भी कर सकता है.

भारत के राष्ट्रीय पुरस्कार

नेतृत्व पुरस्कार  गाँधी शांति पुरस्कार
नागरिक पुरस्कार  भारत रत्न, पद्म भूषण, पद्म विभूषण, पद्म श्री.
विशेष पुरस्कार राष्ट्रीय खेल पुरस्कार, राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार, राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार, पुलिस पुरस्कार
पेट्रियोटिक (देशभक्ति) पुरस्कार युद्ध कालीन शौर्य (वीरता) पुरस्कार और शांतिपूर्ण वीरता (वीरता) पुरस्कार.
साहित्य और फिल्म के क्षेत्र के पुरस्कार भारतीय ज्ञानपीठ सम्मान, मूर्तीदेवी सम्मान, अंतररास्ट्रीय भारतीय फिल्म अकादमी सम्मान (आईफा), दादा साहेब फाल्के अवार्ड, नवलेखन सम्मान, साहित्य अकादमी सम्मान, सरस्वती सम्मान

नेतृत्व पुरस्कार

भारत के राष्ट्रीय पुरस्कार-गाँधी शांति पुरस्कार (Gandhi Peace Prize) – भारत सरकार ने महात्मा गाँधी के सम्मान में 1995 में अंतर्राष्ट्रीय गाँधी शांति पुरस्कार, गांधीजी की 125 वीं जन्म दिवस के दिन आरम्भ किया था. ये पुरस्कार हर साल ऐसे इन्सान और संस्था को दिया जाता जो समाज, राजनीती और अर्थव्यवस्था के लिए अहिंसा के साथ काम करता है और गांधीजी के दिखाए रास्ते पर चलता है. इस पुरस्कार के तौर पर 10 लाख रूपये, जो किसी भी देश की मुद्रा में परिवर्तित हो जाती है, और मैडल एवं सम्मान पत्र दिया जाता है. इस पुरस्कार के लिए लोगों का चयन भारत का प्रधानमंत्री, लोकसभा अध्यक्ष, भारत का न्यायधीश एवं 2 उत्कृष्ट लोग मिल कर करते है. इस पुरस्कार के लिए पूरे विश्व से कोई भी अपना नाम दे सकता है. ये पुरस्कार आज तक कुल 12 लोगों को दिया गया है.

नागरिक पुरस्कार

भारत रत्न – 1954 में शुरू हुआ ये पुरस्कार देश का सबसे बड़ा सम्मान है. कोई भी इन्सान किसी भी जाति धर्म का हो, कोई भी व्यवसाय करता हो, इस पुरस्कार के लिए योग्य है. ये पुरस्कार उन लोगों को दिया जाता है जिन्होंने विज्ञान, कला या साहित्य में विशिष्ट कार्य किया हो. भारत रत्न के लिए योग्य व्यक्ति का नाम खुद प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति सुझाते है. 1 साल में अधिक से अधिक 3 व्यक्ति को ही ये सम्मान दिया जाता है. पुरस्कार के तौर पर एक मैडल और सम्मान पत्र होता है, जिस पर राष्ट्रपति के हस्ताक्षर होते है. पुरस्कार के स्थापित होने के साथ ही इसके लिए एक गोलाकार गोल्ड मैडल तैयार किया गया, जिसमे देश का एंब्लेम और मोट्टो छपा हुआ होता था. इस मैडल में देवनागरी में ‘भारत रत्ना’ लिखा होता था. कालांतर में इसके लिए एक पीपल के पत्ते के आकर का स्मृति चिन्ह तैयार किया गया, जिसपर देवनागरी में भारत रत्न लिखा हुआ होता है.

भारत के राष्ट्रीय पुरस्कार-देश की भूतपूर्व प्रधानमन्त्री श्रीमती इंदिरा गाँधी सबसे कम उम्र में ये सम्मान पाने वाली महिला थीं. श्री राजीव गाँधी को मरणोपरांत ये सम्मान प्राप्त हुआ, मरणोपरांत इस सम्मान को सबसे कम उम्र में पाने वाले लोगों में श्री राजीव गाँधी थे. अपने जीवन काल में सबसे अधिक आयु में ये सम्मान पाने वाले श्री गुलजारीलाल नंदा हैं. मरणोपरांत ये सम्मान पाने वाले सबसे अधिक आयु वाले श्री सरदार पटेल थें.

पदम् भूषण (Padam Bhushan)– पदम् भूषण पुरस्कार की शुरुआत 1954 में हुई थी. पदम् भूषण ऐसे लोगों को दिया जाता है जिन्होंने किसी क्षेत्र में कुछ विशेष कार्य किया हो और प्रसिद्धि हासिल की हो. कला, विज्ञान, साहित्य, खेल, शिक्षा, सामाजिक कार्य, दवाई, इंजीनियरिंग, सिविल सर्विस और इंडस्ट्री आदि. इनमें से किसी भी क्षेत्र में किसी भी इन्सान ने कोई विशेष उपलब्धि प्राप्त की हो, तो वो इस पुरस्कार के लिए योग्य माना जाता है. पदम् पुरस्कार किसी को मरणोपरांत नहीं दिया जाता, लेकिन अगर कोई अति योग्य व्यक्ति है और उसकी मौत के 1 साल के अंदर गणतन्त्र दिवस आता है तो सरकार के पास उसे मरणोपरांत पुरस्कार देने का विशेष अधिकार होता है.

पदम् विभूषण (Padam Vibhushan)– यह पुरस्कार उन विशेष लोगों को दिया जाता है जिन्होंने किसी क्षेत्र में विशिष्ट कार्य कर प्रसिद्धि पाई हो. अगर कोई व्यक्ति सरकारी नौकरी में है और अपने कार्य से प्रसिद्धि प्राप्त की हो, तो उसे भी इस पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है. इस पुरस्कार को 3 केटेगरी में रखा गया है पहला वर्ग 2. दूसरा वर्ग 3. तीसरा वर्ग.

पदम् श्री (Padam Shri) –यह पुरस्कार बाकि उपर लिखे गए पुरस्कार से निचले स्तर का है. इसमें किसी क्षेत्र में उपलव्धि के लिए ये पुरस्कार प्रदान किया जाता है. कोई भी व्यक्ति जो कुछ भी काम करता हो, जेंडर का हो, पदम् पुरस्कार के लिए अपने आपको रजिस्टर कर सकता है. अगर किसी व्यक्ति को कोई पदम् पुरस्कार मिला है तो अगले स्तर का पदम् पुरस्कार उसे कम से कम 5 साल के बाद मिल सकता है. लेकिन यदि कोई अतियोग्य व्यक्ति है, तो पुरस्कार समिति द्वारा उसे रिअयात दे दी जाती है. योग्य व्यक्तियों के नाम भारत सरकार हर साल राज्य सरकार, मंत्रियों से मांगती है जो 1 अक्टूबर तक आ जाते है. पुरस्कार समिति और देश के प्रधानमंत्री साथ मिल कर पुरस्कार देने वालों की सूची तैयार करती है. फिर ये सूची राष्ट्रपति के पास जाती है, जिस पर वो हस्ताक्षर करते है. 1 साल में 120 से अधिक पुरस्कार नहीं दिए जा सकते. पुरस्कार विजेता के नाम भारत के राजपत्र में प्रकाशित किये जाते है. राष्ट्रपति किसी भी व्यक्ति का नाम किसी भी वक्त रद्द कर सकते है. पुरस्कार 26 जनवरी को राष्ट्रपति के द्वारा घोषित किये जाते है. पुरस्कार समारोह राष्ट्रपति भवन में मार्च – अप्रैल में आयोजित होता है, जहाँ राष्ट्रपति खुद सभी को पुरस्कार से सम्मानित करते है. पुरस्कार के तौर पर एक मैडल और सम्मान पत्र होता है जिस पर राष्ट्रपति के हस्ताक्षर होते है. इसी दिन एक ब्रोचर भी रिलीज किया जाता है, जिस पर सभी विजेताओं के बारे में लिखा होता है. पुरस्कार के साथ कोई टाइटल नहीं मिलता है और ना ही नाम के आगे या पीछे कुछ जोड़ा जाता है. विजेता के नाम पर कोई किताबें, कार्ड्स या पोस्टर्स नहीं निकाले जाते है. पुरस्कार मिलने के बाद अगर कोई व्यक्ति गलत कार्य करता है, तो उस व्यक्ति से यह सम्मान वापस लेने का भी प्रावधान है. पुरस्कार के साथ कोई भी आर्थिक मदद और रेल, हवाई यात्रा में विशेष अधिकार नहीं दिया जाता है.

विशेष पुरस्कार

भारत के राष्ट्रीय पुरस्कार-राजीव गाँधी खेल रत्न (Rajiv Gandhi Khel Ratna) – खेल में मिली उपलब्धि के लिए यह भारत का सबसे बड़ा सम्मान होता है जो किसी भी खेल के लिए किसी भी खिलाड़ी को दिया जा सकता है. ये पुरस्कार अब तक सचिन तेंदुलकर, ध्यानचंद, विश्वनाथन आनंद जैसे महान खिलाडियों को मिल चूका है. राजीव गांधी खेल रत्न अवार्ड क्रीडा क्षेत्र में देश का सर्वोच्च सम्मान है. इस सम्मान की स्थापना साल 1991- 92 में की गयी. साल 2016 तक इस सम्मान के तहत चयनित व्यक्तित्व को 7.5 लाख की पुरस्कार राशि, प्रशस्ति पत्र तथा स्मृति चिन्ह दी जाती रही है. अब तक कुल 32 खिलाडियों को ये पुरस्कार दिया जा चूका है, जिनमे तात्कालिक समय तक पी वी सिन्धु, दीपा करमारकर, साक्षी मालिक और जीतू राय भी शामिल हैं. इस सम्मान से देश के युवा खिलाडी खूब प्रोत्साहित होते हैं.

अर्जुन पुरस्कार (Arjun Award)– 1961 में शुरू हुआ ये सम्मान राष्ट्रीय खेल में विशेष उपलब्धि के लिए दिया जाता है. सम्मान के तौर पर 5 लाख नगद, अर्जुन की कांसे की मूर्ती दी जाती है.

द्रोणाचार्य पुरस्कार – 1985 में शुरू हुआ ये सम्मान, भारत सरकार द्वारा खेल में जो कोच होते हैं उनको दिया जाता है. सम्मान में द्रोणाचार्य की कांसे की मूर्ती और 5 लाख नगद दिये जाते है.

ध्यानचन्द्र पुरस्कार (Dhyanchandra Award) – खेल के क्षेत्र में जिन्होंने अपनी पूरी ज़िन्दगी लगा दी उन्हें लाइफटाइम अचिएवेमेंट का ये सम्मान दिया जाता है. ये सम्मान 2002 में आरम्भ हुआ, जिसमें 5 लाख नगद और सम्मान पत्र दिया जाता है.

राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार

भारत के राष्ट्रीय पुरस्कार-राष्ट्रीय फिल्म सम्मान समारोह भारत में आयोजित होने वाले बड़े सम्मान समारोहों में एक है. इस सम्मान की स्थापना सर्वप्रथम सन 1954 में हुई. इस आयोजन के साथ देश में अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोह का भी आयोजन होता है. प्रति वर्ष भारत सरकार द्वारा एक पैनल का गठन होता है, जो विजेताओं का चयन करती है. इस समारोह का आयोजन देश की राजधानी नयी दिल्ली में होता है, जहाँ पर देश के तत्कालिक राष्ट्रपति विजेताओं को ये सम्मान प्रदान करते हैं. फीचर फिल्म, नॉन फीचर फिल्म, सर्वश्रेष्ठ सिनेमा लेखन, अभिनय आदि क्षत्रों में सम्मान दिया जाता है. सभी सम्मान प्राप्त विजेताओं को मैडल, कैश प्राइज और प्रशस्ति पत्र दिए जाते हैं. फीचर फिल्म, नॉन फीचर फिल्म और सर्वाश्रेष्ठ सिनेमा के लिए लेखन वर्गों में प्रत्येक वर्ग को स्वर्ण कमल और रजत कमल दिए जाते हैं. इसके अतिरिक्त बेस्ट स्क्रीनप्ले, बेस्ट सिनेमाटोग्राफी, बेस्ट शोर्ट फिल्म, बेस्ट इन्वेस्तीगेटिंग फिल्म, बेस्ट एनीमेशन फिल्म आदि के लिए रजत कमल सम्मान दिए जाते हैं.

राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार, पुलिस पुरस्कार

किसी खास फिल्म जो ज्ञान शिक्षा सभी के लिहाज से सर्वश्रेष्ठ रही हो उसे इस सम्मान से नवाज़ा जाता है. वीरता का पुरस्कार किसी भी आम आदमी को मिल सकता है, जिसने कोई साहसी कार्य कर सबको अचंभित कर दिया हो. इसी तरह पुलिस पुरस्कार भी दिया जाता है.

पेट्रियोटिक (देशभक्ति) पुरस्कार

परमवीर चक्र – आर्मी अफसरों को वीरता के लिए मिलने वाला ये सबसे बड़ा सम्मान है. जो व्यक्ति वीरता की अनूठी मिसाल बनाता है और दुश्मनों के सामने अपने जीवन तक गवाने को तैयार हो जाये, ऐसे लोगों को ये सम्मान दिया जाता है.

महावीर चक्र – यह दूसरे स्थान का वीरता पुरस्कार है जो वीरता के लिए आर्मी जवान को दिया जाता है.

वीर चक्र – तीसरे स्थान का ये पुरस्कार लड़ाई के दौरान वीरता के लिए दिया जाता है.

शांतिपूर्ण (वीरता) पुरस्कार

अशोक चक्र – यह क्लास 1 का पुरस्कार है. युध्य के दौरान अपनी वीरता दिखा कर देश के लिए जान तक देने को तैयार होने वाले वीर को ये सम्मान दिया जाता है.

कीर्ति चक्र – यह क्लास 2 का पुरस्कार उन्हें दिया जाता है जो देश के लिए अधिक वीरता प्रदर्शित करता है.

शौर्य चक्र – यह क्लास 3 का सम्मान वीरता के लिए दिया जाता है.

साहित्य और फिल्म के क्षेत्र के पुरस्कार

भारत के राष्ट्रीय पुरस्कार-भारत विविध संस्कृतियों और कलाओं से परिपूर्ण देश है. यहाँ लगभग विश्व की सभी प्रतिभाएं पायी जाती हैं. अतः उनके प्रोत्साहन के लिए कई तरह के विविध सम्मानों और पुरस्कारों का अविर्भाव हुआ है. सिनेमा और साहित्य के विभिन्न स्तर पर विभिन्न पुरस्कारों को रखा गया है. यहाँ विभिन्न पुरस्कारों का वर्णन किया जा रहा है.

भारतीय ज्ञानपीठ सम्मान : ज्ञानपीठ भारत का सर्वोच्च साहित्यिक सम्मान है. भारतीय ज्ञानपीठ ट्रस्ट की स्थापना सन 1961 में साहू शान्तिप्रसाद जैन परिवार द्वारा हुई थी. यह देश के किसी भी ऐसे लेखक को मिल सकता है जो देश के 22 औपचारिक भाषाओं में से किसी भी भाषा में लिखता हो. साल 1982 से पहले ये सम्मान लेखक की किसी किताब को आधार बनाकर दिया जाता था, किन्तु इसी साल के बाद इस सम्मान के मापदंड बदल दिए गये और यह निर्णय लिया गया कि देश के सर्वोच्च साहित्यिक सम्मान होने की वजह से इसे किसी लेखक के जीवन भर के साहित्यिक योगदान को देखते हुए दिया जायेगा.

सम्मानित व्यक्ति को सम्मान के तौर पर ग्यारह लाख रूपए तथा स्मृति चिन्ह के तौर पर माँ सरस्वती की प्रतिकृति दी जाती है. बंगाली महिला उपन्यासकार आशापूर्णा देवी पहली साहित्यकार थीं, जिन्हें ये सम्मान उनके उपन्यास ‘प्रोथोम प्रतिश्रुति’ के लिए दिया गया, जिसे उन्होंने सन 1965 में लिखा था.

मूर्तीदेवी सम्मान : मूर्तीदेवी सम्मान भी भारतीय ज्ञान पीठ द्वारा दिया जाने वाला साहित्यिक सम्मान है. मूर्तिदेवी, स्वर्गीय शांति प्रसाद जैन की माता का नाम था. उनकी स्मृति में ये सम्मान उन जीवित साहित्यकारों को दिया जाता है, जो साहित्य के क्षेत्र में मानव मूल्यों के और भारतीय धरोहर के दर्शन के तहत उत्कृष्ट काम कर रहे होते हैं. पुरस्कार पाने वाले को दो लाख रूपए, एक प्रशस्ति पत्र एक स्मृति चिन्ह तथा वाग्देवी की प्रतिमा दी जाती है.

अंतररास्ट्रीय भारतीय फिल्म अकादमी सम्मान (आईफा) : आइफा भारतीय सिनेमा क्षेत्र में दिया जाने वाला सम्मान है. सर्वप्रथम आइफा पुरस्कार का आयोजन साल 2000 में हुआ था. ये आयोजन लन्दन के मिलेनियम डोव में किया गया था. इस वर्ष के बाद प्रति वर्ष इस सम्मान का आयोजन विश्व के विभिन्न स्थानों में होता रहा है. विश्वस्तरीय आयोजन का एक मकसद बॉलीवुड का विश्व भर में प्रचार करना है. आइफा के ब्रांड एम्बेसडर अमिताभ बच्चन हैं. आइफा में फिल्मों में होने वाले विभिन्न कार्यों को देखते हुए सम्मान दिया जाता है. सिनेमेटोग्राफी, एडिटिंग, स्क्रीनप्ले, म्यूजिक, निर्देशन, अभिनय आदि विभिन्न कार्यों के लिए चयनित साल के सर्वश्रेष्ठ कार्यों को सम्मान दिया जाता है.

दादा साहेब फाल्के अवार्ड : दादासाहेब फाल्के सम्मान किसी फिल्म कलाकार को भारतीय सिनेमा में जीवन भर के योगदान के लिए दिया जाता है. दादासाहेब फाल्के को भारतीय सिनेमा का जनक माना जाता है. यह सम्मान भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय फिल्म सम्मान समारोह में ‘डायरेक्टरेट ऑफ़ फिल्म फेस्टिवल्स’ की ओर से दिया जाता है. दादासाहेब को भारतीय सिनेमा का जनक कहा जाता है. दादासाहेब ने भारत की पहली फुल लेंग्थ फिल्म बनायी थी, जिसका नाम राजा हरिश्चंद्र था. इस वर्ष दादा साहेब फाल्के सम्मान जाने माने निर्देशक के विश्वनाथन को दिया गया. पुरस्कार में उन्हें एक सोने का कमल, प्रशस्ति पत्र, दस लाख रूपए, उद्धरण और शाल दिया गया.

नवलेखन सम्मान : नवलेखन सम्मान देश के युवा लेखकों को प्रोत्साहित करने के लिए भारतीय ज्ञानपीठ की तरफ़ से दिया जाता है. इस सम्मान में सम्मान प्राप्तकर्ता को माँ सरस्वती की मूर्ति स्मृति चिन्ह के तौर पर तथा कैश संस्था की तरफ से कैश प्राइज भी दिए जाते हैं.

साहित्य अकादमी सम्मान : साहित्य अकादमी की स्थापना साल 1954 में भारत सरकार के द्वारा हुई थी. साहित्य अकादमी सम्मान देश के साहित्यकारों के लिए है, जिसमे साहित्यकारों को उनकी कृतियों पर सम्मान दिया जाता है. रचनाकार अपनी कृतियाँ भेजते हैं और अकादमी द्वारा उनका चयन होने पर रचनाकार को पुरस्कार दिया जाता है. पुरस्कार के तौर पर सरकार अकादमी की तरफ से एक लाख रूपए की पुरस्कार राशी, स्मृति चिन्ह और प्रशस्तिपत्र दिया जाता है. यह सम्मान देश के 22 औपचारिक भाषाओं में से किसी एक भाषा में किये गये रचनाओं के संकलन पर मिलता है.

भारत के राष्ट्रीय पुरस्कार-सरस्वती सम्मान : अन्य सम्मानों की तरह सरस्वती सम्मान भी एक वार्षिक सम्मान है, जो भारतीय लेखकों को उनके गद्य अथवा पद्य विधा में किये गये कार्यों को देख कर दिया जाता है. देश की 22 औपचारिक भाषाओँ में किसी भी एक भाषा में काम करने वाले लेखक को ये सम्मान प्राप्त हो सकता है. इस सम्मान का नाम विद्या की देवी माँ सरस्वती के नाम पर रखा गया है. सरस्वती सम्मान की स्थापना, के के बिरला ग्रुप ने साल 1991 में की थी. सम्मान के तहत विजेता साहित्यकार को 15 लाख रूपए की कैश प्राइज, स्मृति चिन्ह और प्रशस्ति पत्र दिया जाता है.

Read more :-

RELATED ARTICLES
0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest

0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments

Most Popular