Friday, May 3, 2024
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Top 10+ Short Moral Stories in Hindi – नैतिक कहानियाँ जो बच्चों को सबक सिखाती हैं

Top 10+ Short Moral Stories in Hindi – नैतिक कहानियाँ जो बच्चों को सबक सिखाती हैं

Short Moral Stories in Hindi:- आज आप सब इस लेख में “नैतिक कहानियो”, Short moral stories in Hindi के बारे में पढ़ेंगे और जानेगे । नैतिक कहानियां (Moral Stories) ऐसी कहानियां होती है जिसमें नैतिकता के साथ साथ उनके पीछे का संदेश हमेशा शक्तिशाली होता है। यहाँ पर हमने इस लेख में आपके लिये कुछ ऐसी-ऐसी कहानिया छटी है  जो आपको सीख पहुंचेगी और साथ ही आपको मजेदार और रोचक भी लगेंगी।

यहाँ परदी गई सारी कहानिया सभी उम्र के लोग अनिवार्ये है, ऐसा नही हे की यह सिर्फ बच्चो को ही शिक्षित करेंगे बल्कि बड़ो को भी इन कहानियों से कुछ न कुछ सिखने को जरूर मिलता है। इन्हे पढ़ते हुए आपको बहुत मजा उठने वाला है, यहाँ पर लिखी लगभग सारी कहानिया बिल्क़ुल तजा है और आपने शायद हे पहले पढ़ी भी हो। इन कहानियों को आप अपने बच्चो को भी पढ़ कर उनकस मनोरंजन कर  सकते हो उन्हें यह बहुत पसंद आएंगी और साथ ही उन्हें नैतिक शिक्षा भी देंगी। Short Moral Stories in Hindi 

लकड़हारा और सुनहरी कुल्हड़ी की कहानी। Short moral stories in हिंदी

एक समय की बात है एक जंगल के पास एक लकड़हारा घर में था  वो अपने घर का ख़र्चा चलने और दो वकत की रोटी के लिए दूर दूर जंगलो में जाकर लकड़ियाँ काटता  और शाम को जाकर काटी हुई सारि लकड़ियो को बाजार में बेच आता।  जिसे ही उसके घर का गुजरा होता

एक दिन वो लकड़हारा एक नदी के किनारे पेड़ काट रह होता  और काटते काटते तभी उसकी कुल्हड़ी गलती से हाथ से छूट कर पास के नदी में गिरती  । और नदी बहुत ज्यादा गहरी थी और वास्तव में बहुत तेजी से बह रही होती है  उसने बहुत प्रयत्न किया अपनी कुल्हड़ी को खोजने का लकिन उसे कुल्हड़ी नहीं हासिल होती  अब उसे लगा उसने अपनी कुल्हड़ी खो दी। वो बहुत दुखी होकर नदी के किनारे बैठ कर रोने लगता है और बोलता है अब मैं कैसे लड़की काटूँगा।

उसके रोने की आवाज को सुनकर नदी से जलपरी निकलती आते और  उस लकड़हारे से पूछने लगती है क्या हुआ तुम क्यू रो रहे हो लकड़हारे ने जलपरी को पूरी बात कहते है

तब जलपरी बोली है मैं तुम्हारी कुछ मदद करती हु तभी जलपरी नदी में वापस जाकर एक सोने की कुल्हड़ी लेके आई  और उस लकड़हारे से पूछतइ हुए कहा क्या ये तुम्हारी कुल्हड़ी है ? लकड़हारा साफ माना कर कहता है  नहीं यह मेरी कुल्हड़ी नहीं है  फिर जलपरी दुबारा नदी में जाती  और चाँदी की कुल्हड़ी लेके आती और फिर उस लकड़हारे से पूछतइ हुए कहा क्या ये तुम्हारी कुल्हड़ी है ? लकड़हारा फिर साफ माना कर बोलै नहीं यह मेरी कुल्हड़ी नहीं है फिर से  जलपरी दुबारा नदी में जाती है और इस बार लोहे की कुल्हड़ी लेके आती है और उस लकड़हारे से पूछती है क्या ये तुम्हारी कुल्हड़ी है ? लकड़हारा मुस्कुराता है औरकहता  है हाँ  हाँ ये मेरी कुल्हड़ी है।

जलपरी लकड़हारे की ईमानदारी को देखकर बहुत खुश हुई  और बोलती है ये मेरी तरफ से तीनों कुल्हड़ी तुम्हारे लिए है।  इसे मेरी एक छोटी सी भेंट समझ के रख लो और चली जाती है।

50 का नोट। Short moral stories in Hindi

एक बार इक व्यक्ति रात को अपने ऑफिस से घर की और लोट रहा होता है उसे ऑफिस से घर लौटने में देर हो जाती है घर आते ही उनसे देखा की उसका बेटा अभी तक सोया नही था जॉकी सिर्फ 5 वर्ष काहोता है । आने पिता को घर में देख वह बोहोत खुश हो होती है  और उसने अपने पिता से पूछ की आप एक घंटे में कितने रूपए कमाते है आप अपने बेटे की यह बात सुनकर उस व्यक्ति को कुछ समाज नही आया और उसने अपने बेटे को जवाब देते हुए कहा की में एक घंटे का 100 रुपय कमलता हु , अपने पिता की यह बात सुनकर उसके अपने पिता से कहा की क्या आप मुझे 50 रुपय दे सकते है , उस व्यक्ति को गुस्सा आगया उसने सोचा की उसका बेटा इसी लिया उस्से पूछ रहा होता हैं  एक वह एक घंटे में कितने रुपय कमाता है, उसने चिल्लाते हुआ अपने बेटे से कहा की में तुम्हे 50 रुपय नही दूंगा तुम मेरी महनत की कमाई को बेकार के खिलोनो में खर्च करना चाहते हो न , यह सुनकर उसका बेटा रोने लगा और अपन कमरे में चला गया।

कुछ देर बाद जब उस व्यक्ति का गुस्सा शांत होता है  तो उसने सोचा की उसका बेटा कभी उस्से ऐसे बना बात के पैसे नही मांगता तो क्या पता हुस्से सच में पैसो की जरुरत हो सकती है , फिर वह उठ कर अपने बेटे के कमरे में चला गया उसने अपने बेटे से कहा की मुझे माफ़ कर देना मने अपना दिनभर का गुस्सा तुम्हारे उपर निकाल है  फिर उसने अपने हाथ में 50 का नोट लिया और अपना हाथ अपने बेटे की और बढ़ाया

अपने पिता को अपनी और 50 का नोट बढ़ाते हुए देख उसका बेटा बोहोत खुस हो होगया और अपने पिता से 50 का नोट लेने के बाद वह सीधा अपनी अलमारी की और भागा और उसमे से कुछ सिक्के निकाल कर उन्हें गिनने लगा। यह देख कर उस व्यक्ती को फिरसे गुस्सा आगया उसने अपने बेटे से पूछ की तुम्हारे पास जब पहले से पैसे है तो तुमने मुझसे और क्यों मांगे, तो अपने पोता की यह बात सुनकर वो कहता  की पहले या पुरे नही थे लेकिन अब यह पुरे हो गई                  इतना कहते हुए उसने वह 100 रुपय अपने पिता के हाथ में रख दिए और बोला अपने कहा था ना की आप एक घंटे में 100 रुपय कमाते हो तो ये 100 रुपय है मुझे आपका 1 घंटा खरीदना है आप कल एक घंटा पहले घर आजाना मुझे अपने साथ बैठ कर खाना-खाना है और आपके साथ समय बिताना है।

शिक्षा (Moral of The Story)

इस कहानी से हमें यह शिक्षा समझा जाता हे की इस तेज रफ़्तार जिंदगी में हम उन लोगो के लिया समय ही नही निकाल पाते जो हमारे जीवन में सबसे ज्यादा महत्त्व रखते है इसलिया हमें ध्यान रखना होगा की इस व्यस्त जिदगी में भी हमें अपने माँ बाप, जीवन-साथी, बच्चो, और अन्य महत्वपूर्ण लोगो के लिया समय निकाले, ताकि हमें एक दिन यह अहसास ना हो की हमने छोटे-मोटी चीजे पाने के लिये बोहोत कुछ बड़ा खो दिया।




बुद्धिमान भालू | Short moral stories in हिंदी

एक बार की बात है एक  घाना जंगल हुआ करता था उसमे बोहोत सारे जानवर रहते थे उसी जंगल में एक शेर भी रहता थे वह थोड़ा बूढ़ा था एक बार जंगल में शिकार करते हुआ उसका एक नुकीला दांत टूट गया। उसका दांत टूटने के बाद वह बड़े जानवरो का शिकार करने में असमर्थ रहता  वह जंगल में किसी छोटे जानवर को तलाश कर उसका शिकार करने की योजना बना रहा था। लेकिन 1-2 दिन तक भी वह किसी छोटे जानवर का शिकार करके अपना पेट भरने में आसमारत रहा वह भूख की वजह से मरा जा रहा था। उसी समय जंगल में शिकार की तलाश में घूमते हुआ उसने एक गुफा देखी वह उस गुफा को देख कर खुश हो गया, लेकिन जब वह गुफा के अंदर गुसा तो वह यह देख कर निराश हो गया की गुफा के अंदर कोई नही था। उसने गुफा की हालत देख कर यह अंदाजा लगा लिया की गुफा में कोई न गई छोटा जानवर तो जरूर ही रहता है और वो शाम तक घूम फिर के इस गुफा में जरूर लौटेगा, शेर ने योजना बनाई की वह इसी गुफा में छुपकर बैठा रहेगा जबतक की इस गुफा में रहने वाला जानवर नही आजाता और जैसे ही इस गुफा में रहने वाला जानवर यहाँ आएगा तो अचानक हमला करके उसको मार दुंगा। उसे अपनी योजना पर पूरा भरोसा था, और वह पहले ही 2-3 दिनों से भूका था इसलीये शिकार की तलाश में कही बाहर नहीं जा सकता था तो उसे यही सबसे बहतर उपाय लगा।





वो गुफा जिसमे शेर छुपाहुआ था एक भालू की थी उस गुफा में वो भालू अपने बीवी बच्चो के साथ रहता था वह खाने की तलाश में अपने  बीवी बच्चो के साथ गुफा के बहार आया हुआ था, जैसी ही वह शाम मो अपने परिवार के साथ गुफा की और लोट रहा था तो उसने देखा की उसकी गुफा के बाहर शेर के पंजो के निशान थे लेकिन वह सिर्फ शेर के अंदर जाने के निशान थे बाहर आने की नही थे भालू बुद्धिमान था उसे पता चल गया की शेयर गुफा के अंदर छुप कर बैठा है। लेकिन उसे इस बात का पता लगाना था क्या सही में गुफा में शेर मौजूद है की नही, उसने एक योजना बनाई और गुफा के बाहर खड़ा होकर जोर से बोला क्या में अंदर आसक्ता हूँ, उसकी  यह बात सुनकर शेर को कुछ समाज नही आया की वो उस गुफा से अंदर आने के लिये क्यों पूछ करा है। फिर कुछ देर बाद भालू बोला आज तुम मुझे अंदर आने को क्यों नही कह रही हो वैसे तो जब भी में कहता था क्या में अंदर आसक्त हु तब तुम कहती थी आजाओ तो आज कोई जवाब क्यों नही दे रही हो, फिर भालू ने गुफा से कहा अगर तुम मुझे अंदर आने को नही कहोगे तो में अंदर नही आऊंगा।

यह सुनकर शेर का दिमाग खराब हो गया वो पुरे दिन इंतजार करने के बाद अब ये नही चाहता था की उसका शिकार उसके हाथ से यू निकल जाए, उसे ये भी नही पता था की ये गुफा बोलती है या नही, उसे यह लगा की अगर यह गुफा बोलते है तो उसके अंदर होने की वजह से नही बोल रही है। फिर बाहर से भालू ने फिरसे आवाज लगाई क्या में अंदर आसक्त हु और भालू ने यह भी बोला अगर इस बार गुफा कोई जवाब नहर देंगे तो में अंदर नही जाऊंगा। इतना सुनते ही अंदर बैठा शेर अपनी आवाज मोटी करते हुए बोला “आजाओ” वह नही चाहता था की उसका शिकार उसके हाथ से निकल जाए। गुफा के अंदर से शेर को आवाज लगाते सुनकर भालू हसने लगजाता है और अपने परिवार को लेकर दुसरी किसी सुरक्षित जगह चले जाता है।

शिक्षा (Moral of The Story)

हमे इस कहानी से यह शिक्षा मिलती है की हमें अपने जीवन में हमेशा सावधान और  सतर्क रहना चाहिए क्योकी हमें नही पता कब कोनसे मोड़ पर कोनसी मुसीबत हमारा इंतजार कर रही है, और हमेशा आगे की सोच कर चलना चाहिये।

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जग्गू ने चुन्नू हिरण से इतनी तेज़ भागने का कारण पूछा। चुन्नू हिरण ने उसको सारी बात बताई। जग्गू बन्दर ने कहा की मै तुमको बताना भूल गया हु  की वह एक खुनी झील है। जिसमे जो भी शाम के बाद जाता है वह वापिस नहीं आ पता

लेकिन उस झील में मगरमच्छ क्या कर रहा है। उसे तो हमनें कभी नहीं देखा। इसका मतलब वह मगरमच्छ ही सभी जानवरों को खाता है जो भी शाम के बाद उस झील में पानी पिने जाता है।

अगले दिन जग्गू बन्दर जंगल के सभी जानवरों को ले जाकर उस झील में गया। मगरमच्छ सभी जानवरों को आता देखकर छुप गया। लेकिन मगरमच्छ की पीठ अभी भी पानी से ऊपर दिखाई दे रही थी।

सभी जानवरों ने कहा की यह पानी के बाहर जो चीज़ दिखाई दे रही है वह मगरमच्छ है। यह सुनकर मगरमच्छ कुछ नहीं कहता  चीकू खरगोश ने दिमाग लगाया और बोला नहीं यह तो पत्थर है। लेकिन हम तभी मानेंगे जब यह खुद बताएंगा।

यह सुनकर मगरमच्छ बोला की मै एक पत्थर  तो हु  इससे सभी जानवरों को पता लग गया की यह एक मगरमच्छ है। चीकू खरगोश ने मगरमच्छ को कहा की तुम इतना भी नहीं जानते की पत्थर बोला नहीं करते। इसके बाद सभी जानवरों ने मिलकर उस मगरमच्छ को उस झील से भगा दिया और खुशी खुशी रहने लगे।

सीख: इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है की यदि हम किसी भी मुसीबत का सामना बिना घबराये मिलकर करते है तो उससे छुटकारा पा सकते है।




चतुर सियार

एक बार की बात है एक गांव में एक बैल रहता था। जिसको घूमना बहुत पसंद था। वह घूमता घूमता जंगल में जा पहुंचा और आते समय गांव का रास्ता भूल गया। वह चलता हुआ एक तालाब के पास पहुंचा।

जहाँ पर उसने पानी पिया और वहाँ की हरी हरी घास खायी। जिसको खाकर वह बहुत खुश हुआ और ऊपर मुँह करके चिल्लाने लगा। उसी समय जंगल का राजा शेर तालाब की ओर पानी पिने जा रहा था।

जब शेर ने बैल की भयानक आवाज़ सुनी तो उसने सोचा जरूर जंगल में कोई खतरनाक जानवर आ गया है। इसलिए शेर बिना पानी पिए ही अपनी गुफा की तरफ भागने लगा। शेर को इस तरह डर कर भागते हुए 2 सियार ने देख लिया।

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वह शेर के मंत्री बनना चाहते थे। उनने सोचा यही सही समय है शेर का भरोसा जितने का। दोनों सियार शेर की गुफा में गए और बोले हमने आपको डर कर गुफा की ओर आते हुए देखा है आप जिस आवाज़ से डर रहे थे वह एक बैल की थी।

यदि आप चाहे तो हम उसको लेकर आपके पास आ सकते है। शेर की आज्ञा से दोनों बैल को अपने साथ लेकर आ गए और शेर से मिलाया। कुछ समय बाद शेर और बैल बहुत ही अच्छे मित्र बन गए।

शेर ने बैल को अपना सलाहकार रख लिया। यह बात जानकर दोनों सियार उनकी दोस्ती से जलने लगे क्योकि उनने जो मंत्री बनने का सोचा था वह भी नहीं हुआ। दोनों सियार ने तरकीब निकाली और शेर के पास पहुंचे


वह शेर से बोले बैल आपसे केवल मित्रता का दिखावा करता है। लेकिन हमने उसके मुँह से सुना है वह आपको अपने दोनों बड़े सींगो से मारकर जंगल का राजा बनना चाहता है। पहले तो शेर ने विश्वास नहीं किया लेकिन उसको ऐसा लगने लगा।

दोनों सियार इसके बाद बैल के पास गए। वह बैल से बोले शेर तुमसे केवल मित्रता का दिखावा ही करता है  मौका मिलने पर वह तुमको मार कर खा जायेगा। बैल को यह जानकर बहुत गुस्सा आया और वह शेर से मिलने के लिए जाने लगा।

सियार पहले ही शेर के पास जाकर बोले की बैल आपको मारने के लिए आ रहा है। बैल को गुस्से में आता देख शेर ने सियार की बात सच समझी और बैल पर हमला कर दिया। बैल ने भी शेर पर हमला किया और दोनों आपस में लड़ने लगे। अंत में शेर ने बैल को मार दिया और दोनों सियारों को अपना मंत्री बना लिया।

सीख: इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है की हमें कभी भी दूसरों के कहने पर अपनी मित्रता पर शक नहीं करना चाहिए। अच्छे मित्र बड़ी मुश्किल से मिलते है



सोने का अण्डा

रामपुर गाँव में एक गरीब किसान रहा कर है  वह रोज की ही तरह अपने खेतों से काम करके घर वापस आया हु था

उसे रास्ते में एक घायल मुर्गी दिखाई पड़ता है जिसके काफी खून निकल रहा होता है । गरीब किसान ने उसके देखते ही उठाया और घर ले जाकर उसकी मरहम पट्टी की। कुछ ही दिनों में मुर्गी पूरी तरह से स्वस्थ हो जाता है

मुर्गी ने गरीब किसान से कहा कि तुमने मेरी इतनी सेवा की है इसके बदले में मै तुम्हें रोज एक सोने का अण्डा दूंगी।

मुर्गी अपने कहे अनुसार रोज सुबह एक सोने का अण्डा देती जिसे गरीब किसान बाजार ले जाकर अच्छे दामों में बेच करता देखते ही देखते गरीब किसान के पास काफी पैसे होहिओ जाते , अब वह बहुत अमीर हो गया था।

एक दिन उसने सोचा कि मुझे रोज मुर्गी को खाना देना होता है, उसकी सेवा करनी पड़ती है तब एक सिर्फ एक अण्डा मुझे मिल पाता है क्यों न मैं इसके पेट से सारे अण्डे एक साथ निकालकर बेच देता हूँ

ऐसा सोचकर उसने मुर्गी का पेट चाकू से काट दिया परन्तु उसे एक भी अण्डा नही मिला और जो एक अण्डा रोज मिलता था वह उससे भी हाथ धो भेटा

तो Top 10 Moral Stories In Hindi– सोने का अण्डा कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि ज्यादा हमें ज्यादा लालच नहीं करना चाहिए। लालच में कई बार हम खुद का ही नुकसान कर बैठते हैं।



प्यासा कौआ- बेस्ट मोरल स्टोरी 

एक समय की बात थी  कड़कड़ाती धूप में एक प्यासा कौआ इधर उधर पानी की खोज में तड़प रहा होता था

अत्यधिक प्यास के कारण उसे ऐसा प्रतीत हो रहा है  कि उसका अन्तिम समय आ गया था तभी उसकी नजर पास के एक पेड़ के नीचे रखे घड़े पर पड़ी। उसे देखकर कौए के जान में जान आपहुची

वह उड़कर जब उसके पास पहुँचा तो उसने देखा कि पानी घड़े में बहुत कम था जिसकी वजह से वह अपनी चोंच से पानी तक पहुँच  में असमर्थ हो रहा था

कौए ने कई बार प्रयास किया पर हर बार वह नीरस हुआ

कौआ घड़े के पास थककर बैठ । तभी उसकी नजर पास पड़े कंकड़ों पर पड़ी। अब उसको एक तरकीब सूझी।

उसने विचार किया कि यदि वह एक एक करके कंकड़ों को घड़े में डालेगा तो पानी धीरे-धीरे ऊपर आ जायेगा और वह उसे पी कर अपनी प्यास बुझा लेगा।

अंगूर खट्टे हैं- हिन्दी में नैतिक कहानियाँ

एक दिन भरी दोपहर में एक लालची लोमड़ी इधर उधर शिकार की तलाश में घूम रही होती है वहांं जंगलों के बीच उसे एक अंगूर के गुच्छों की बेल दिखाई पड़ी । इतने अंगूर एक साथ देखकर लालची लोमड़ी के मुँह में पानी आ पहुंचा

लोमड़ी जब उन स्वादिष्ट अंगूरों को खाने के लिए लपकी तो वह उन तक पहुँच ही नही पाई। उसने कई बार छलांग लगाई पर वह उन स्वादिष्ट अंगूरों तक ना पहुँच पाती

उसने एक तरकीब सूचि । वह काफी दूर से दौड़कर आयी और एक लम्बी छलांग मार दी पर इस बार भी वह उन अंगूरो तक नहीं पहुँच सकी

अंततः जब कई बार प्रयास करने के बाद भी उसे अंगूर नही मिले तो उसने यह कह कर खुद को समझा लिया कि अंगूर खट्टे हैं और इन्हे खाकर कोई फायदा नहीं होने वाला अब थक हार कर लोमड़ी अपने घर की ओर चली पड़ी

तो Top 10 Moral Stories In Hindi– अंगूर खट्टे हैं कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि जब किसी मूर्ख इंसान को किसी वस्तु की प्राप्ति नहीं होती है तो वह अपनी कमजोरी छिपाने के लिए उस वस्तु पर ही दोष लगा देता है।



 कछुआ और खरगोश-बेस्ट मोरल स्टोरी इन हिन्दी-

बहुत समय पहले की बात है यह एक जंगल में खरगोश और कछुआ दो दोस्त रहते थे। वे दोनो गहरे दोस्त हुआ  थे परन्तु खरगोश को अपनी गति पर बहुत गर्व था और वह अक्सर कछुए को इस बात के लिए छेड़ता नहीं था कि कछुए की गति बहुत कम है।

एक दिन क्रोधित होकर कछुए ने खरगोश से कहा- “आइये, हम दोनो एक रेस करते है  और देख ही लेते है कि किसकी गति ज्यादा है”।  खरगोश कछुए की इस बात पर जोर से हँसा और बोला “तुम मुझसे जीत ही नही सकते, तुम्हरी चाल बहुत धीमी है। चलो रेस शुरू करते है।” रेस शुरू हुई तो खरगोश लम्बे कदम रखकर दौड़ने लगा जबकि कछुआ धीमे- धीमे चलने लगा।

थोड़ी दूर तक दौड़ने के बाद खरगोश ने सोचा अब मैं काफी आगे आ गया हूँ क्यों न यहां पेड़ के नीचे थोड़ा आराम कर लूँ। आराम करते करते कब उसे नींद आ गयी उसे पता ही नही चला।

इधर, कछुआ धीरे-धीरे लगातार चलता रहता है और रास्ते में वह देखता है कि खरगोश सो रहा है। वह उसे जागाता नहीं और धीरे-धीरे निरंतर चलते हुए फिनिश लाइन पर पहुँच जाता है।

चिड़ियाँ की कहानी- बच्चो के लिए बेस्ट मोरल स्टोरी

सुंदरवन के जंगलो में सभी जानवर मिलजुल कर हँसी खुशी रहते है । उस जंगल के एक पेड़ पर रानी चिड़िया भी रहती है ।

एक बार जंगल में बहुत भीषण आग लग जाती और । आग इतनी भीषण थी कि जंगल के राजा मंगलू शेर वहां से भागने की योजना बनाने लगा और सभी को यही राय देता है कि जंगल छोड़कर भाग जाओ।

 

यह सुनकर सभी जानवर पास के जंगलो की ओर भागने लगते है। एक बाज उड़कर जा रहा था कि उसने देखा कि रानी चिड़िया पास के तालाब से अपनी चोच भर पानी लाती और आग बुझाने के लिए उस पर डाल देती।

यह देखकर बाज रानी चिड़िया से बोला “अरे रानी बहन! तुम्हारे इस चोंच में कितना पानी आयेगा भला। इससे जंगल की आग नही बुझेगी।”

इस पर रानी चिड़िया ने बड़ी सरलता से जवाब दिया “मुझे नही पता मेरी एक चोंच पानी से ये आग बुझ पाएगी या नही पर जब भी इस आग की बात चलेगी मेरी गिनती आग बुझाने वालो में होगी और आपकी भागने वालो में।”

तो Top 10 Moral Stories In Hindi- हमें इस कहानी से यह शिक्षा मिलती है कि यह मायने नही रखता आप कितने बड़े या छोटे हैं बल्कि मायने यह रखता है कि आपने क्या काम किया, कब किया, कैसे किया। इससे आपकी नियति, हौसले और जुनून का पता चलता है।

जब खरगोश की नींद खुलती है तब तक बहुत देर हो चुकी होती है। खरगोश तेजी से दौड़ता हुआ फिनिश लाइन की ओर जाता है। वहाँ पर कछुए को पहले से पहुँचा हुआ देखकर वह काफी शर्मिंदा होता है। वह काफी खेद महसूस करता है क्योंकि एक कछुआ खरगोश से जीत जाता है। खरगोश की गति तेज थी लेकिन कछुए का निरंतर प्रयास और इच्छा शक्ति अधिक है

तो Top 10 Moral Stories In Hindi– कछुआ और खरगोश की कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि कभी भी हार मत मानों, निरंतर प्रयास करते रहो भले ही उनकी गति धीमी हो।



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