Monday, April 29, 2024
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कैलाश सत्यार्थी का जीवन परिचय Kailash Satyarthi Biography in Hindi

कैलाश सत्यार्थी का जीवन परिचय-हेलो दोस्तों मेरा नाम मोहित है आज में आपको कैलाश सत्यार्थी के बारे में बताने जा रहा हु। पिछले कुछ समय में भारत की जिन हस्तियों ने दुनिया भर में अपनी पहचान मजबूती के साथ दर्ज करवाई है उनमें से एक नाम कैलाश सत्यार्थी का भी है. जो आज पूरी दुनिया में बाल अधिकारों के परोपकारों में सबसे आगे रखे जाते हैं. कैलाश सत्यार्थी को नोबल के शांति पुरस्कार के लिए भी अपने इसी बेहतरीन समाजसेवा के लिए ही नवाजा गया है. इस पुरस्कार को लेने के बाद भी उनकी जिंदगी में कोई खास बदलाव नहीं आया है. हाल ही में वे अपने घर से नोबेल के प्रमाण पत्र चोरी चले जाने की खबर से सुर्खियों में रहे नहीं तो वे बच्चों के लिए आवाज उठाने के लिए खबरों में पाए जाते रहे हैं. अच्छी बात यह है कि चोरों से उनका नोबल सर्टिफिकेट वापस प्राप्त कर लिया गया. कैलाश सत्यार्थी का जीवन संघर्षों की कहानी है. उन्होंने अपना जीवन इस उपमहाद्वीप के बच्चों के लिए समर्पित कर दिया है.

कैलाश सत्यार्थी का जीवन परिचय Kailash Satyarthi Biography in Hindi

पूरा नाम कैलाश सत्यार्थी
असली नाम कैलाश शर्मा
जन्म 11 जनवरी 1954
जन्म स्थान विदिशा, मध्यप्रदेश, भारत
उम्र 67 साल
प्रसिद्धि बच्चों के अधिकार के लिए आन्दोलन
पिता का नाम रामप्रसाद शर्मा
माता का नाम चिरोंजी
पत्नी का नाम सुमेधा
राशि मकर

कैलाश सत्यार्थी का जीवन परिचय-कैलाश सत्यार्थी का जन्म 11 जनवरी को 1954 को मध्यप्रदेश के विदिशा में हुआ. उनका नाम शुरू में कैलाश शर्मा था, जिसे उन्होंने आगे चलकर सत्यार्थी कर लिया। उन्होंने विदिशा से ही अपनी स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद यहीं से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की उपाधि हासिल की. साथ ही इन्होंने हाई-वोल्टेज इंजीनियरिंग में स्नातकोत्तर की उपाधि हासिल की. अपनी पढ़ाई पूरी कर लेने के बाद इन्होंने कुछ समय तक एक काॅलेज में बतौर शिक्षक अपनी सेवाएं भी दी लेकिन इस काम में उनका मन ज्यादा दिन तक नहीं लगा.

कैलाश सत्यार्थी के द्वारा किये गये कार्य

कैलाश सत्यार्थी का जीवन परिचय-कैलाश सत्यार्थी का झुकाव शुरू से ही समाज सुधार और सेवा की दिशा में था. काॅलेज में पढ़ाते हुए आखिर में उन्होंने निर्णय ले ही लिया कि एक इंजीनियर के तौर पर अपना करिअर बनाने के बजाय वे अपना जीवन समाजसेवा के लिए समर्पित कर देंगे और खासकर बच्चों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए काम करेंगे. वर्ष 1980 में उन्होंने इंजीनियरिंग को अलविदा कहा और बाॅन्डेड लेबर लिबरेशन फ्रंट के महासचिव बन गए. इसके बाद उन्होंने बच्चों के अधिकारों की रक्षा के लिए ढेरों काम किए. उनके काम को पहचान मिली “बचपन बचाओ आंदोलन” से. जिसकी धमक पूरी दुनिया में सुनाई दी और पूरी दुनिया ने दक्षिण एशिया के बच्चों की तरफ भी ध्यान देना शुरू किया. अपने शुरूआती दिनों से ही वे सुधारक की भूमिका में आए और आज उनके प्रयासों से 80 हजार से ज्यादा बच्चों का जीवन सुधरा है और उन्हें बेहतर शिक्षा तथा जीवनयापन के बेहतर अवसर प्राप्त हुए हैं. उनके काम के ग्राफ को नापने का एक तरीका यह भी है कि वे ऐसा नेटवर्क बनाने में सफल हुए हैं जिसे दुनिया में बच्चों के लिए काम करने के लिए एक व्यक्ति द्वारा बनाया सबसे बड़ा नेटवर्क माना जा सकता है.

कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन फाउंडेशन

कैलाश सत्यार्थी का जीवन परिचय-उन्होंने अपने काम से ज्यादा से ज्यादा बच्चों के जीवन संवारने के लिए दुनिया भर के गैर सरकारी संगठनों शिक्षकों और ट्रेड यूनियन्स को अपने साथ जोड़ने में सफलता पाई है. साथ ही उन्होंने दुनिया भर में बच्चों के लिए काम करने वाले संगठन से स्वयं को जोड़ा ताकि उनकी पहुंच दुनिया भर के जरूरतमंद बच्चों तक हो सके। वे ग्लोबल मार्च अगेंस्ट चाइल्ड लेबर (बाल श्रम के खिलाफ वैश्विक मार्च) और इसकी अंतराष्ट्रीय एडवोकेसी बाॅडी के सदस्य भी है जिसे इंटरनेशनल सेंटर आॅन चाइल्ड लेबर एंड एजूकेशन (बाल श्रम और शिक्षा के लिए अन्तर्राष्ट्रीय केंद्र) के नाम से भी जाना जाता है.

कैलाश सत्यार्थी विभिन्न संगठनों से जुड़े

सत्यार्थी ने बाल अधिकारों के लिए काम करते हुए ढेरों संगठनों में जिम्मेदार पदों पर महत्वपूर्ण कर्तव्यों का निर्वाह भी किया है. जिनमें से

कैलाश सत्यार्थी का जीवन परिचय-ग्लोबल कैम्पेन फाॅर एजूकेशन (शिक्षा के लिए वैश्विक अभियान) के अध्यक्ष रहें जहां 1999 से 2011 तक की लंबी अवधि तक इनकी सेवाओं से पूरी दुनिया के बच्चों को मदद मिली. वे एक्शन एड ऑक्सफेम और एजूकेशन इंटरनेशनल के संस्थापक सदस्यों में से एक हैं.

कैलाश सत्यार्थी का जीवन परिचय-श्री सत्यार्थी को गुडविव इंटरनेशनल की स्थापना के लिए भी जाना जाता है जो रगमार्क के नाम से ज्यादा मशहूर है. यह दक्षिण एशिया की पहली कपड़े का निर्माण करने वाली संस्थान है जो अपने उत्पाद के निर्माण से लेकर उसकी पैकिंग और लेबलिंग तक कहीं भी किसी भी रूप में बाल श्रम का उपयोग नहीं करती है.

कैलाश सत्यार्थी का जीवन परिचय-यूनेस्को ने कैलाश सत्यार्थी के काम को समझा है और उन्हें अपने द्वारा गठित बाॅडी ग्लोबल पार्टनरशिप फोर एजूकेशन जो बच्चों की शिक्षा के लिए काम करती है,उसमें सदस्य बनाया है. इसके अलावा भी सत्यार्थी कई अंतरराष्ट्रीय संगठनों और कमेटियों के सदस्य नियुक्त किए गए हैं,जिनमें सेंटर फाॅर विक्टिम आॅफ टार्चर-संयुक्त राज्य अमेरिकाद इंटरनेशनल लेबर राइट फंड और इंटरनेशनल कोकोआ फाउंडेशन शामिल है. फिलहाल वे संयुक्त राष्ट्र संघ के मिलेनियम डवलपमेंट गोल के प्रमुख 2015 के बाद बाल श्रम और बंधुआ मजदूरी को मिटाने के लिए काम कर रहे हैं.

कैलाश सत्यार्थी की सोच

कैलाश सत्यार्थी का जीवन परिचय-सत्यार्थी ने बच्चों से काम लेने को मानव अधिकारों से जोड़ा और इसके खिलाफ आवाज उठाई है. वे इसे बच्चों के साथ होने वाले वैश्विक शोषण का सबसे प्रचलित रूप मानते हैं. वे यह भी कहते हैं कि इसकी वजह से ही दुनिया में गरीबी, अशिक्षा, बेरोजगारी और जनसंख्या वृद्धि जैसे मुद्दे आज मानवता के सामने खड़े हुए हैं. कैलाश सत्यार्थी ने कई अध्ययनों के माध्यम से अपनी बात दुनिया के सामने रखी है. उन्होंने बाल श्रम के खिलाफ अपने आंदोलन के अपने प्रयासों को एजूकेशन फाॅर आॅल दर्शन से जोड़ने का प्रयास भी किया है.

कैलाश सत्यार्थी की उपलब्धियां एवं पुरस्कार 

कैलाश सत्यार्थी को बच्चों की दुनिया को बेहतर बनाने के लिए किए गए कामों के लिए पूरी दुनिया में कई सम्मान और पुरस्कार प्राप्त हुए हैं. दुनिया के कई देशों के प्रतिष्ठित पुरस्कार से उन्हें नवाजा जा चुका है जिसमें हाल ही में मिला नोबेल तक शामिल है. उनमें से प्रमुख हैं-

पुरस्कार सन देश
ह्युमेनीटेरियन पुरस्कार 2015 हार्वर्ड विश्वविद्यालय द्वारा
नॉबेल शांति पुरस्कार 2014 भारत
लोकतंत्र के रक्षक पुरस्कार (डिफेंडर्स ऑफ़ डेमोक्रेसी अवार्ड) 2009 संयुक्त राज्य अमेरिका
अलफोंसो कोमिन अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार 2008 स्पेन
इटेलियन सीनेट का स्वर्ण पदक 2007 इटली
आधुनिक दासता को समाप्त करने के लिए कार्यरत नायक पुरस्कार 2007 अमेरिका
फ्रीडम पुरस्कार 2006 US
बाल श्रम के खिलाफ आवाज उठाने के लिए वेलनबर्ग मेडल 2002 यूनिवर्सिटी आॅफ मिशीगन द्वारा
फ्रे​डरिक ईबर्ट स्टिफटंग अवार्ड 1999 जर्मनी
ला हॉस्पिटल अवार्ड 1999 स्पेन
दी गोल्डन फ्लैग अवार्ड 1998 नीदरलैण्ड
रॉबर्ट एफ. कैनेडी मानवाधिकार पुरस्कार 1995 संयुक्त राज्य अमेरिका 
द ट्रम्पेटर अवार्ड 1995 संयुक्त राज्य अमेरिका
द आचनेर अन्तर्राष्ट्रीय शांति पुरस्कार 1994 जर्मनी
निर्वाचित अशोका फ़ेलो 1993 US

 

कैलाश सत्यार्थी नॉबेल शांति पुरस्कार

C दलों एवं सांसदों से यह मांग कर रहे हैं कि आने वाले मानसून सत्र में इसके खिलाफ ‘एंटी ट्रैफिकिंग बिल‘ पारित किया जाये. उन्होंने इसकी मांग इसलिए की हैं क्योकि जब से कोरोना वायरस ने दुनिया में एंट्री ली है. उसने लोगों की जान तो ली ही है साथ में बाल श्रम एवं बाल दुर्व्यवहार जैसे मामलों में भी वृद्धि की है. इसलिए वे चाहते हैं कि इसके खिलाफ एक मजबूत कानून का निर्माण हो.

कैलाश सत्यार्थी के अनमोल वचन, विचार 

  • भारत में सैकड़ों समस्यायें और लाखों समाधान हैं.
  • बहुत से काम अभी भी बने हुए हैं, लेकिन मैं अपने जीवनकाल में बाल मजदूरी का अंत देखूँगा.
  • मेरी जिन्दगी का केवल एक उद्देश्य है कि हर बच्चा – एक बच्चा होने के लिए स्वतंत्र हो, बढने और विकसित होने के लिए स्वतंत्र हो, खाने सोने दिन का प्रकाश के लिए स्वतंत्र हो, हँसने और रोने के लिए स्वतंत्र हो, खेलने के लिए स्वतन्त्र हो, सीखने के लिए, स्कूल जाने के लिए और सबसे जरूरी सपने देखने के लिए स्वतंत्र हों.
  • मैं यह स्वीकार करने से इंकार करता हूँ कि स्वतंत्रता की तलाश से गुलामी का बंधन कभी भी मजबूत हो सकता है.
  • हमारे बच्चों के सपनों को इंकार करने की तुलना में कोई बड़ी हिंसा नहीं है.
  • हम वयस्क हैं हमारी नीतियाँ और हमारे शासन का तरीका गरीबी के लिए जिम्मेदार है न कि बच्चे.
  • अभी नहीं तो कभी नहीं? आगर आप नहीं तो कौन? अगर हम इन बुनियादी सवालों के जवाब देने में सक्षम हैं, तो शायद हम मानव दासता के दाग को मिटा सकते हैं.
  • शिक्षा के निजीकरण के कारण इक्विटी से समझौता किया गया है.शिक्षा एक वस्तु बन गई है. जो लोग इसे खरीदने के लिए खरीद सकते हैं, इसे खरीदते हैं, और जो इसे बेच सकते हैं, उसमे से पैसा कमाते हैं.
  • बाल श्रम गरीबी, बेरोजगारी, निरक्षरता, जनसंख्या वृद्धि और अन्य सामाजिक समस्याओं को सशक्त बनाते हैं.
  • पिछले कुछ वर्षों के दौरान उत्तर पूर्व भारत बाल तस्करी के लिए सबसे बड़े स्थलों में से एक के रूप में उभरा है.
  • मैं वास्तव में सम्मानित हूँ, लेकिन अगर पुरस्कार मेरे सामने महात्मा गाँधी के पास गया होता तो मैं अधिक सम्मानित होता.
  • मैं इसे सभी के रूप में परिक्षण के बारे में सोचता हूँ. यह एक नैतिक परीक्षा है, जिसे किसी को ऐसे सामाजिक बुराइयों के खिलाफ खड़े होने के लिए पारित करना होगा

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