Tuesday, April 30, 2024
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मदर टेरेसा जीवन परिचय Mother Teresa biography in hindi





मदर टेरेसा जीवन परिचय-कई वर्षों से मनुष्य पृथ्वी पर रह रहा है। लेकिन कुछ काम ही लोग ऐसे होते हैं जो की  अपना पूरा जीवन दूसरों के लिए जीते हैं। वे दूसरों के कष्टों को कम करने के लिए जीते हैं। उनके जीवन का उद्देश्य उनके दर्द और दुखों को कम करना और खुशी फैलाना है।Mother Teresa उनमें से एक थी। उन्होंने अपना पूरा जीवन दूसरों के भलाई के लिए बिताया था। वह गरीब, बीमार और असहाय लोगों का सहारा बन गई। वह हमेशा के लिए Global Icon बन गई। मदर टेरेसा उनका असली नाम नहीं था। उनके बचपन का नाम एग्नेस (Agnes Gonxha Bojaxhiu) था। वह एक ऐसी महिला थी जिनके  दिल में प्यार और करुणा भरपूर थी। बचपन से, Agnes का दिल अपार करुणा से भर गया था।





मदर टेरेसा जीवन परिचय-वह कम उम्र से ही बहुत प्यूर और दानपुण्य के लिए प्रतिबद्ध थी। उन्हें अपनी मां से दान करने की प्रेरणा मिली थी। Agnes और उनकी मां ने जितना संभव हो सका दूसरों की मदद की और वे हमेशा दूसरों के लिए प्रार्थना करते थे। ऐसी ही कई जानकारियों से भरपूर है मदर टेरेसा कहाकरा करती की थी,मदर टेरेसा की शिक्षा,,मदर टेरेसा परिवार,मदर टेरेसा के कार्य भी करती थी।

मदर  टेरेसा बायोग्राफी इन हिंदी।

क्रमांक जीवन परिचय बिंदु  मदर टेरेसा जीवन परिचय
1. पूरा नाम अगनेस गोंझा बोयाजिजू
2. जन्म 26 अगस्त 1910
3. जन्म स्थान स्कॉप्जे शहर, मसेदोनिया
4. माता – पिता द्रना बोयाजू – निकोला बोयाजू
5. मृत्यु 5 सितम्बर 1997
6. भाई बहन 1 भाई 1 बहन
7. धर्म कैथलिक
8. कार्य मिशनरी ऑफ चैरिटी की स्थापना

 

मदर टेरेसा जीवन परिचय-किसी महान व्यक्ति ने कहा है कि, दुनिया में अपने लिए तो सब जीते हैं, लेकिन जो अपने स्वार्थ को छोड़कर दूसरों के लिए काम करता है, वही महान कहलाता है। ऐसे इंसान का पूरा जीवन प्रेरणादायक होता है जिन्हें, मरने के बाद भी लोग दिल से याद करते हैं। ऐसी ही एक महान हस्ती का नाम है मदर टेरेसा दया, निस्वार्थ भाव, प्रेम की मूर्ति मदर टेरेसा ने अपना पूरा जीवन दूसरों की सेवा में न्योछावर कर दिया। मदर टेरेसा के अंदर अपार प्रेम था, जो किसी इंसान विशेष के लिए नहीं, बल्कि हर उस इंसान के लिए था, जो गरीब, लाचार, बीमार, जीवन में अकेला था।

मदर टेरेसा का जन्म स्कॉप्जे (skopje), जो कि मेसेडोनिया (macedonia) में पड़ता है, वहां हुआ था। उनके पिता निकोला बोयाजू एक व्यवसायी थे। मदर टेरेसा का वास्तविक नाम अगनेस गोंझा बोयाजिजू था । अलबेनियन भाषा में गोंझा का अर्थ फूल की कली होता है। जब वह सिर्फ आठ साल की थीं, तभी उनके पिता की मृत्यु हो गई थी, जिसके बाद उनका लालन-पालन उनकी मां ने किया।18 साल की उम्र में उन्होंने  बनकर अपने जीवन को एक नई दिशा की तरफ मोड़ दिया था । मदर टेरेसा भारत की नहीं थीं, लेकिन जब वे पहली बार भारत आई तो यहां के लोगों से उन्हें काफी लगाव हुआ और यहां के लोगों से प्रेम कर बैठीं। उन्होंने अपना पूरा जीवन यहीं बिताने का निर्णय लिया और भारत के लिए अभूतपूर्व काम किए। उन्होंने पूरा जीवन दूसरों की सेवा करते हुए व्यतीत किया ।

मदर टेरेसा कहां की थीं

मदर टेरेसा जीवन परिचय-मदर टेरेसा का जन्म 26  अगस्त 1910 को मैसोडोनिया (Macedonia) की राजधानी स्कॉप्जे (Skopje) में हुआ था । इस देश की भाषा “अल्बानिया” है। पहले मैसेडोनिया को यूगोस्लाविया के नाम से जाना जाता था। टेरेसा का वास्तविक नाम “अगनेस गोंझा बोयाजिजू” था। मदर टेरेसा रोमन कैथोलिक नन थीं, जिन्होंने सन् 1948 में स्वेच्छा से भारतीय नागरिकता लेकर पूरा जीवन भारतवासियों की सेवा में अर्पण कर दिया ।




मदर टेरेसा की शिक्षा

मदर टेरेसा जीवन परिचय-मदर टेरेसा की स्कूली शिक्षा एक प्राइवेट कैथोलिक स्कूल से अल्बानिया भाषा में पूरी की थी, आगे की शिक्षा सरकारी स्कूल में हुई थी। मदर टेरेसा को म्यूजिक प्ले करना और गाने का बहुत शौंक था। जब वह 18 साल की हुई तो उस उम्र में उन्होंने सिस्टर ऑफ लैराटो में शामिल होने का फैसला किया। फिर वह आयरलैंड गईं और वहां अंग्रेजी सीखी। इसके साथ वे एक कैथोलिक चर्च से भी जुड़ी थीं। मदर टेरेसा ने कैथोलिक मिशनरियों की कहानियों को सुना और मानवता की सेवा में जुट गईं । उन्होंने सेवा के लिए कई यात्राएं की और 1928  में कैथोलिक संस्थान में शामिल होने के बाद आयरलैंड (Ireland) की राजधानी डबलिन (Dublin) में उन्हें करीब 6 महीने ट्रेनिंग दी गई, इसके बाद वे भारत के कोलकाता शहर में आकर पढाने लगीं ।

टेरेसा का परिवार।




मदर टेरेसा जीवन परिचय-मदर टेरेसा पांच भाई बहनों में सबसे छोटी थीं। उनके पिता का नाम निकोला बोजाक्सीहू और मां का नाम ड्रैनाफाइल था। उनके पिता एक व्यवसायी थे, जो काफी धार्मिक इंसान थे। वे हमेशा अपने घर के पास वाले चर्च जाया करते थे और यीशु के अनुयायी थे। 1919 में जब इनके पिता की मौत हुई तब वे सिर्फ आठ साल की थीं। पांच भाई-बहनों में वे सबसे छोटी थी। बचपन में ही उनके एक भाई-बहन की मौत हो गई थी। परिवार में वे अपने एक भाई-बहन और माता-पिता के साथ रह रहीं थीं। मदर टेरेसा को उनकी मां ने बड़ा किया था। पिता के गुजर जाने के बाद उनके परिवार को काफी आर्थिक परेशानियों से गुजरना पड़ा। मां कहती थी कि जो कुछ भी मिले उसे मिल बांट कर खाना चाहिए।

मदर टेरेसा के कार्य ।

मदर टेरेसा जीवन परिचय-1929 में मदर टेरेसा अपने इंस्टीट्यूट की बाकि नन (Nun)के साथ मिशनरी के काम से भारत के दार्जलिंग(Darjeeling) शहर आईं। यहां उन्हें मिशनरी स्कूल में पढ़ाने के लिए भेजा गया था। मई 1931 में उन्होंने नन के रूप में प्रतिज्ञा ली थी। इसके बाद उन्हें मिशनरी स्कूल में पढ़ाने के लिए भेजा गया था। इसके बाद उन्हें भारत के कलकत्ता (Kolkata) शहर भेजा गया, यहां उन्हें गरीब बंगाली लड़कियों को शिक्षा देने को कहा गया ।

मदर टेरेसा जीवन परिचय-डबलिन (Dublin) की सिस्टर लोरेटो द्वारा संत मैरी स्कूल की स्थापना की गई, जहां गरीब बच्चे पढ़ते थे। मदर टेरेसा को बंगाली व हिंदी दोनों भाषाओं का अच्छे से ज्ञान था, वे बच्चों को इतिहास व भूगोल पढ़ाया करती थीं। कई सालों तक उन्होंने इस काम को पूरी लगन व निष्ठा से किया। कलकत्ता में रहने के दौरान उन्होंने वहां की गरीबी, लोगों में फैलती बीमारी, लाचारी और अज्ञानता को करीब से देखा। ये सब बातें उनके मन में घर करने लगी और वे कुछ ऐसा करना चाहती थी, जिससे वे लोगों के काम आ सकें और लोगों की तकलीफ को कम कर सकें। 1937 में उन्हें मदर की उपाधि से सम्मानित किया गया। 1944 में वे संत मैरी स्कूल की प्रिंसीपल बन गईं।  परिवार को काफी आर्थिक परेशानियों से गुजरना पड़ा। मां कहती थी कि जो कुछ भी मिले उसे मिल बांट कर खाना चाहिए।

मदर टेरेसा अवार्ड व अचीवमेंट (Mother teresa awards and achievements)

  • 1962 में भारत सरकार द्वारा पद्म श्री से सम्मानित किया गया.
  • 1980 में भारत के सबसे बड़े सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया.
  • 1985 में अमेरिका सरकार द्वारा मैडल ऑफ़ फ्रीडम अवार्ड दिया.
  • 1979 में मदर टेरेसा को गरीब, बीमारों की मदद के लिए नोबल पुरुस्कार से सम्मानित किया गया.
  • 2003 में पॉप जॉन पोल ने मदर टेरेसा को धन्य कहा, उन्हें ब्लेस्ड टेरेसा ऑफ़ कलकत्ता कहकर सम्मानित किया.



FAQ

Q.1 मदर टेरेसा का नाम क्यों बदला गया?

Sol. मदर टेरेसा साल 1929 में भारत आईं और शुरुआती प्रशिक्षण का टाइम उन्होंने दार्जलिंग में बिताया था जहां उन्होंने बंगाली सीखी और 1931 में उन्होंने पहली धार्मिक प्रतिज्ञा ली थी . उनके बचपन का नाम एक्नेस था लेकिन आज आप और हम उन्हें मदर टेरेसा के नाम से जानते है उन्होंने टेरेसा नाम भारत आने के बाद चुना क्योंकि वे अपने नाम से संत थेरेस ऑस्ट्रेलिया और टेरेसा ऑफ अविला को सम्मान देना चाहती थीं

Q.2 मदर टेरेसा कौन थी और उसने क्या किया?

sol. तो दोस्तों कलकत्ता की सेंट टेरेसा (जिन्हें मदर टेरेसा के नाम से जाना जाता है) एक अल्बानियाई मूल की भारतीय रोमन कैथोलिक मिशनरी और नन थीं, जिन्होंने अपना जीवन बहुत से जरूरतमंद लोगों की मदद करने के लिए समर्पित कर दिया। उन्होंने 1950 में भारत में मिशनरीज़ ऑफ चैरिटी की स्थापना की और 45 वर्षों से अधिक समय तक उन्होंने गरीबों, बीमारों, अनाथों और मरने वालों की सेवा की।

Q.3 मदर टेरेसा के जीवन का क्या उद्देश्य था?
sol. तो दोस्तों मदर टेरेसा के जीवन का क्या उद्देश्य था

  • महिलाओं को जागरूक बनाना ।
  • भारत की संस्कृति को समझना।
  • रोगियों व ज़रूरतमंदों की सेवा करना ।

Q.4 मदर टेरेसा का नाम क्यों बदला गया?

sol. वे साल 1929 में भारत आईं और शुरुआती प्रशिक्षण का समय उन्होंने दार्जलिंग में बिताया जहां उन्होंने बंगाली सीखी और 1931 में उन्होंने पहली धार्मिक प्रतिज्ञा ली. उनके बचपन का नाम एक्नेस था लेकिन उन्होंने टेरेसा नाम भारत आने के बाद चुना क्योंकि वे अपने नाम से संत थेरेस ऑस्ट्रेलिया और टेरेसा ऑफ अविला को सम्मान देना चाहती थीं.


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