Saturday, April 27, 2024
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राहुल द्रविड़ की जीवन परिचय Rahul Dravid Biography in Hindi

राहुल द्रविड़ की जीवन परिचय –हेलो दोस्तों मेरा नाम मोहित है आज में आपको राहुल द्रविड़ के बारे में बताने जा रहा हु। विश्व के तमाम खेलों में क्रिकेट का अपना अगल महत्व है. इस खेल में भारतीय टीम ने बहुत कम समय में ऊंचे से ऊंचे आयामों को छुआ है. इस खेल को शुरू से ही मुख्यतः दो अलग रूप में देखा गया है, एकदिवसीय क्रिकेट और टेस्ट क्रिकेट. राहुल द्रविड़ इन दोनों स्ट्रीम में अपनी अलग पहचान रखते हैं. इन्होने अपने जीवन कल का बहुत बड़ा हिस्सा भारतीय क्रिकेट को सँवारने में लगाया है, राहुल एक समय तक भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान भी रहे.

राहुल द्रविड़ की जीवनी Rahul Dravid Biography in Hindi

नाम राहुल शरद द्रविड़
जन्म 11 जनवरी 1973
जन्म स्थान इंदौर, मध्य प्रदेश
उम्र 48 साल
राष्ट्रीयता भारतीय
स्कूल सेंट जोसेफ बॉयज़ हाई स्कूल, बैंगलोर, कर्नाटक, भारत
कॉलेज सेंट जोसेफ कॉलेज ऑफ कॉमर्स, बैंगलोर विश्वविद्यालय, बैंगलोरसेंट जोसेफ कॉलेज ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन, बैंगलोर
शैक्षिक योग्यता एमबीएकॉमर्स में स्नातक
व्यवसाय भारतीय क्रिकेटर
अंतर्राष्ट्रीय डेब्यू टेस्ट- 20 जून 1996 बनाम इंग्लैंड लॉर्ड्स मेंवनडे- 3 अप्रैल 1996 बनाम श्रीलंका सिंगापुर में
अंतर्राष्ट्रीय सेवानिवृत्ति टेस्ट- 24 जनवरी 2012 बनाम ऑस्ट्रेलिया एडिलेड मेंवनडे- 16 सितंबर 2011 बनाम इंग्लैंड कार्डिफ में
पसंद ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेलना
कोच केकी तारापुर, जी आर विश्वनाथी
शौक हॉकी, संगीत सुनना और पढ़ना
वैवाहिक स्थिति विवाहित
विवाह तिथि 4 मई 2003
पत्नी विजेता पेंढ़ारकर
बच्चे समित द्रविड़, अन्वय द्रविड़
पिता का नाम शरद द्रविड़
माता का नाम पुष्पा द्रविड़
भाई विजय द्रविड़
पसंदीदा खाना चिकन टिक्का मसाला, दाल और चावल

राहुल द्रविड़ का जन्म और शुरूआती जीवन

राहुल द्रविड़ की जीवन परिचय –विश्व टेस्ट क्रिकेट में “दीवार” की उपाधि से मशहूर राहुल द्रविड़, जिनक पूरा नाम राहुल शरद द्रविड़ है, का जन्म 11 जनवरी सन 1973 को मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में हुआ. कुछ समय बाद इनका पूरा परिवार बंगलौर में रहने लगा जहाँ इनकी तालीम शुरू हुई. बारह वर्ष की छोटी-सी उम्र में ही अपना हुनर और अपनी रूचि को समझते हुए ये क्रिकेट में अपना लक्ष्य ढूँढने लगे. अपने अध्ययन कार्य बंगलोर में करते हुए इन्होने घरेलु क्रिकेट खेलना शुरू किया तथा “अंडर 15”, “अंडर 17” और “अंडर 19” कर्नाटक राज्य से खेला.

राहुल द्रविड़ पारिवारिक परिचय एवं व्यक्तिगत जीवन

राहुल द्रविड़ की जीवन परिचय –राहुल द्रविड़ एक मराठी परिवार में जन्मे थे. इनके पिता शरद द्रविड़ एक जैम और अचार बनाने वाले कंपनी में काम करते थे जिस वजह से उन्हें प्यार से “जैमी” भी बुलाया जाता था. इनकी माँ पुष्पा द्रविड़ बंगलोर में स्थापित एक इंजीनियरिंग कॉलेज में प्रोफेसर थीं. 4 मई 2003 में राहुल ने विजेता पेंढारकर से शादी की, जोकि नागपुर के सुरगाँव से हैं. इनके 2 बेटे है समित और अन्वय. राहुल मराठी, हिंदी, कन्नड़ और अंग्रेजी भाषा भी बोल सकते हैं.

राहुल द्रविड़ कैरियर

राहुल द्रविड़ की जीवन परिचय –राहुल द्रविड़ के जीवन में एक बहुत अहम् मोड़ 1996 में देखने को मिलता है जब पहली बार उन्हें एकदिवसीय अंतर्राष्ट्रीय मैच खेलने का मौक़ा मिला. ये मैच श्रीलंका के विरुद्ध सिंगापुर में 1996 विश्वकप के बाद खेला गया था. इस मैच में इन्हें विनोद काम्बले की जगह खेलाया तो गया था लेकिन अपने पहले विश्वस्तरीय मैच में राहुल महज तीन रन में मुथैया मुरली धारण की गेंद पर आउट हो कर पवेलियन लौट आये. हालाँकि अपनी फ़ील्डिंग का अच्छा प्रदर्शन करते हुए इन्होने इसी मैच में दो कैच पकड़े. इसी तरह अपने दुसरे एक दिवसीय मैच में भी इन्हें निराशा का सामना करना पड़ा, जिसमे ये पकिस्तान के ख़िलाफ़ सिर्फ़ 4 रन बनाकर रनआउट हो गये. राहुल की एकदिवसीय खेल की शुरुआत ज़रूर धीमी थी पर इन्हें अपने खेल पर पूरा भरोसा था. इसी वर्ष इनके पिछले लगातार पांच सालों के प्रदर्शन को देखते हुए इन्हें इंग्लैंड टेस्ट के लिए नियुक्त कर लिया गया.

राहुल द्रविड़ की जीवन परिचय –इस टेस्ट श्रंखला के दुसरे मैच में संजय मांजरेकर की जगह इन्हें खेलने का मौक़ा मिला. संजय इस दौरान अपने टखने की चोट से परेशान थे, जिस वजह से संजय को सीरीज का दुसरा मैच खेलने के पहले एक मेडिकल टेस्ट से गुज़रना था. यहाँ एक का दुर्भाग्य दुसरे का सौभाग्य निकला. संजय मेडिकल टेस्ट में फिट नही बैठ पाए, और टॉस के 10 मिनट पहले उस वक़्त भारतीय टीम के कोच संदीप पाटिल ने द्रविड़ को खबर दी कि – आज ही के दिन वो अपने टेस्ट क्रिकेट की शुरुआत करेंगे. फलतः संजय की जगह राहुल को टीम में लिया गया. इन्होने अपना पहला टेस्ट इंग्लैंड के विरुद्ध लॉर्ड्स के मैदान में खेला. अपने पहले टेस्ट में इन्होने शानदार प्रदर्शन करते हुए 95 रन बनाए जिस वजह से क्रिकेट विशेषज्ञों और आम क्रिकेट प्रेमियों का ध्यान इनकी तरफ आकर्षित हुआ. राहुल को तब तक टॉप 11 में रहना था जब तक संजय नहीं लौट आते, लेकिन संजय के आने के बाद भी उन्हें टीम में रहने का मौक़ा मिला जिस वजह से अजय जडेजा को टॉप 11 में से हटना पडा.

सफलताओं-असफलताओं का सफर

राहुल द्रविड़ की जीवन परिचय विदेशी ज़मीन पर टेस्ट में एक शानदार शुरुआत के बाद राहुल को अपने देश की ज़मीन पर भी खेलना था. उन्होंने बॉर्डर-गवास्कर ट्राफी में अपनी ज़मीन पर अपना पहला टेस्ट दिल्ली में ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध खेला. पहली पारी की बल्लेबाजी के छठवें पायेदान पर उतरते हुए उन्होंने भारतीय खाते में 40 रन जोड़े. इसी साल दक्षिण अफ्रीका के विरुद्ध इन्हें अहमदाबाद में एक घरेलू टेस्ट श्रंखला खेलने के दौरान तीसरे पायदान पर बल्लेबाजी के लिए उतरने का मौक़ा मिला. इस सीरीज के दुसरे मैच में इन्हें सलामी बल्लेबाज़ी करने का भी मौक़ा मिला लेकिन फिर तीसरे मैच में इन्हें फिर तीसरा पायदान ही मिला. दक्षिण अफ्रीका के विरुद्ध इस सीरीज में इनका प्रदर्शन कुछ ख़ास नहीं रहा. पूरे सीरीज में 29.16 की औसत के साथ इनका योगदान 175 रन का रहा. फिर भी उस समय की स्तिथि को देखते हुए उन्हें सीरीज का तीसरा सबसे बेहतर भारतीय बल्लेबाज़ माना गया.

राहुल द्रविड़ की जीवन परिचय टेस्ट में अपनी पहचान बना चुके राहुल को एकदिवसीय क्रिकेट में अपनी पहचान बनाने के लिए ख़ासी मेहनत करनी पड़ी. सिंगर कप में असफल होने के बाद उन्हें पुनः ख़ुद को साबित करने का मौक़ा पेप्सी कप में मिला. इस श्रंखला के शुरुआती दो मैच में महज 14 रन  बनाने की वजह से इन्हें बाक़ी बचे मैचों से बैठा दिया गया. पेप्सी कप की भारतीय टीम टेक्साको ट्राफी, जो इंग्लैंड में खेली जाने वाली थी, के लिए तैयार थी. राहुल का अच्छा प्रदर्शन न देखते हुए चयनकर्ताओं ने उन्हें टॉप 11 में जगह नहीं दी. हालांकि इसी श्रंखला के तीसरे मैच में इन्हें खेलने का मौक़ा मिला जिसमे इन्हें पारी के आखिरी हिस्से में खेलना था. एकदिवसीय क्रिकेट में अपनी जगह बनाने को उत्सुक राहुल इस मौके पर दी पारी के आखिरी 15 गेंदों पर 22 रन नाबाद रहते हुए बनाए और कुछ करतब दिखा सके. इसके बाद उन्हें बाद श्रीलंका में एकदिवसीय क्रिकेट में खेलने का मौक़ा मिला जहाँ उन्हें एक बार फिर असफलता का सामना करना पड़ा. श्रीलंका में खेले जाने वाले इस चतुष्कोण श्रंखला में वे दो मैचों में बस 20 रन बना सके..

राहुल द्रविड़ की जीवन परिचय कहते हैं हर रात के बाद एक सुबह होती है. राहुल के एकदिवसीय खेल की भी सुबह आनी थी. इनकी सुबह आई पाकिस्तान के विरुद्ध सहारा कप के मैच खेलते हुए. इस श्रंखला में पांच मैच थे जिसमे राहुल ने 44.0 की औसत के साथ कुल 220 रन बनाए. इसी श्रंखला के दूसरे मैच में अजहर ने राहुल के साथ एक यादगार पारी खेली, जिसमे इन दोनों की साझेदारी ने भारतीय खाते में कुल 160 रन जोड़े. इसके बाद राहुल के एकदिवसीय क्रिकेट में प्रदर्शन ने एक रफ़्तार पकड़ ली. उन्होंने कई श्रंखला के कई मैचों में अपनी अहम् भूमिका निभाई. इस दौरान उनकी जगह भारतीय बल्लेबाजों में सबसे अधिक रन बनाने वालों की फेहरिस्त में तीसरे पायदान पर बन गयी.

विश्वकप – एक सपना

राहुल द्रविड़ की जीवन परिचय विश्वकप हर क्रिकेट खेलने वालों का वो सपना है जिसे पूरा करने में जीवन भर की मेहनत  भी कभी-कभी कम पड़ जाती है. राहुल लगातार क्रिकेट खेल रहे थे. इस लगन ने उन्हें इस सपने के आस पास ला कर खड़ा कर दिया. इन्हें अपना पहला विश्वकप सन 1999 में खेलने मिला, जिसमे इनका पहला मैच दक्षिण अफ्रीका के विरुद्ध था. इस मैच में इन्होने एक अच्छा क्रिकेट खेलते हुए अर्धशतक बनाया, लेकिन भारत को हार का सामना करना पड़ा. भारतीय टीम इस दौरान लगातार दो हार देख चुकी थी, और दूसरी हार मिली ज़िम्बम्वे के विरुद्ध जिसमे राहुल महज 13 रन बना सके. भारतीय टीम को सुपर सिक्स में जगह बनाने के लिए अभी बचे सारे मैच जीतने थे. इसी समय राहुल ने सचिन के साथ एक शानदार पारी खेली, इस पारी में इन्होने सचिन तेंदुलकर के साथ मिलकर कुल 237 रन बनाए. सचिन तेंदुलकर जीवनी अचिएवेमेंट्स व् अनमोल वचन यहाँ पढ़ें. पारी के साथ भारतीय टीम वो मैच जीती जो सुपर सिक्स में जाने के लिए सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण था. ये मैच केन्या के विरुद्ध खेला गया था. विश्वकप खेलने के दौरान ही उन्हें नयन मोंगिया के घायल होने पर विकेट कीपिंग का कमान सौंपा गया. राहुल ने अपना सफल एक दिवसीय क्रिकेट एक विकेटकीपर के तौर पर श्रीलंका के विरुद्ध खेला. रहुल ने इस मैच में सौरव गांगुली के साथ एक बेहतरीन साझेदारी करते हुए 318 रन का आंकड़ा छुआ.

राहुल द्रविड़ की जीवन परिचय इस विश्वकप भारत में भारतीय टीम सेमिफाइनल तक नहीं पहुँच पायी. इस विश्वकप के बाद एक टेस्ट श्रृंखला दक्षिण अफ्रीका के विरूध भारत में खेली गई, जिसके बाद राहुल को उपकप्तान नियुक्त किया गया.

इसके बाद इनका सफ़र यूँ ही चलता रहा. 2012 में इन्होने टेस्ट क्रिकेट और घरेलु क्रिकेट से संन्यास ले लिया. इस दौरान वे आईपीएल में राजस्थान टीम से कप्तान बने रहे. 2013 आईपीएल के बाद उन्होंने टी-20 क्रिकेट से भी संन्यास ले लिया.

राहुल द्रविड़ के बारे में कुछ रोचक तथ्य

राहुल द्रविड़ की जीवन परिचय राहुल द्रविड़ की पहचान टेस्ट क्रिकेट से है. इसमें उन्होंने 164 टेस्ट खेलकर कुल 286 पारी में 13228 रन बनाए. इसमें इनका औसत 52.70 का रहा.

टेस्ट खेलते हुए राहुल ने 36 शतक और 63 अर्धशतक बनाए.

एकदिवसीय मैच में इनके मैचों की संख्या 344 रही ,जिसमे 318 पारी खेलते हुए इन्होने 10889 रन बनाए.

एकदिवसीय मैच खेलते हुए इनके शतक और अर्धशतक क्रमशः 12 और 83 हैं.

राहुल ने टी-20 में भी अपना क्रिकेट आजमाने की कोशिश की, लेकिन इन्होने केवल एक मैच ही खेला जिसमे 35 रन बनाए.

राहुल ने 89 आईपीएल मैच खेले, जिसमे 11 अर्धशतक के साथ 2174 रन बनाए.

राहुल द्रविड़ पुरस्कार और सम्मान (Rahul Dravid Awards and Achievements)

राहुल द्रविड़ को 1998 में अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया.

2000 में विसडेन क्रिकेटर ऑफ़ दी इयर से सम्मानित किया गया.

2004 में ही टेस्ट प्लेयर ऑफ़ दी इयर से सम्मानित किया गया.

2004 में पद्मा श्री से सम्मानित किया गया.

2013 में पद्म-भूषण से सम्मानित किया गया.

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