Monday, April 29, 2024
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IGNOU Exam Form June 2024: इग्नू परीक्षा फॉर्म कैसे भरे

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IGNOU Exam Form June 2024-इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (IGNOU) भारत में दूरस्थ शिक्षा प्रदान करने वाला एक प्रसिद्ध विश्वविद्यालय है। यह विभिन्न विषयों में स्नातक, स्नातकोत्तर, डिप्लोमा और प्रमाणपत्र कार्यक्रमों की पेशकश करता है। जून सत्र के लिए: 31 मार्च दिसंबर सत्र के लिए: 30 सितंबरI GNOU Exam Form June 2024: इग्नू परीक्षा फॉर्म कैसे भरे

IGNOU परीक्षा फॉर्म वह दस्तावेज है जो छात्रों को विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित परीक्षाओं के लिए आवेदन करने के लिए उपयोग करते हैं। यह फॉर्म विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर ऑनलाइन उपलब्ध है।

IGNOU Exam Form 2024

IGNOU Exam Form June 2024: इग्नू परीक्षा फॉर्म कैसे भरे इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (IGNOU) जून 2024 टर्म-एंड परीक्षा (TEE) के लिए परीक्षा फॉर्म भरने की प्रक्रिया चल रही है. आप ऑनलाइन या ऑफलाइन तरीके से फॉर्म जमा कर सकते हैं.

इग्नू परीक्षा फॉर्म 2024 कैसे भरे?

  • आधिकारिक इग्नू परीक्षा फॉर्म पोर्टल पर जाएं: https://exam.ignou.ac.in/
  • लॉग इन करने के लिए अपना एनरोलमेंट नंबर और पासवर्ड दर्ज करें.
  • एक बार लॉग इन करने के बाद, आप “ऑनलाइन परीक्षा फॉर्म जमा करें” लिंक देख पाएंगे.
  • इस लिंक पर क्लिक करें और निर्देशों का पालन करते हुए फॉर्म भरें.
  • आपको अपनी परीक्षा के लिए उपयुक्त विषयों का चयन करना होगा.
  • इसके बाद, आपको परीक्षा शुल्क का भुगतान करना होगा. आप डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड, नेट बैंकिंग या यूपीआई का उपयोग करके भुगतान कर सकते हैं.
  • सफलतापूर्वक भुगतान करने के बाद, अपना आवेदन पत्र जमा कर दें.
  • भविष्य के संदर्भ के लिए अपना भरा हुआ आवेदन पत्र का एक प्रिंटआउट ले लें.IGNOU June 2024 Exam Form Release Date? | Last Date, Exam Fees Etc...

इग्नू परीक्षा फॉर्म तिथि 2024 

इवेंट  जून टीईई 2024  दिसंबर टीईई 2024 
इग्नू का परीक्षा फॉर्म भरने की शुरुआती तिथि 01 मार्च 2024 नवंबर 2024
इग्नू परीक्षा में आवेदन की अंतिम तिथि 31 मार्च 2024 दिसंबर 2024
इग्नू परीक्षा में आवेदन की अंतिम तिथि (फीस में देरी के साथ) 10 मई 2024 दिसंबर 2024
टर्म एंड परीक्षा केंद्र बदलने की अपील ————- दिसंबर 2024
टर्म एंड परीक्षा 01 जून से 06 जुलाई 2024 जनवरी – फरवरी 2024

 

इग्नू परीक्षा फॉर्म का स्टेटस कैसे चेक करे?

  • इग्नौ परीक्षा पोर्टल https://exam.ignou.ac.in/ पर जाएं।
  • अपना पंजीकरण संख्या (Enrollment Number) और पासवर्ड (Password) दर्ज करें।
  • “परीक्षा फॉर्म स्थिति” लिंक पर क्लिक करें।
  • अपनी परीक्षा फॉर्म का स्टेटस देखने के लिए निर्देशों का पालन करें।

इग्नू परीक्षा केंद्र 2024 

इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (IGNOU) जून 2024 टर्म-एंड परीक्षा (TEE) के लिए परीक्षा केंद्रों की सूची अभी जारी नहीं की गई है। आमतौर पर, परीक्षा केंद्रों की सूची परीक्षा से लगभग 15 दिन पहले जारी की जाती है

इग्नू परीक्षा केंद्र ऑनलाइन कैसे बदले?

  • इग्नू की वेबसाइट पर जाएं: http://ignou.ac.in/
  • “परीक्षा” टैब पर क्लिक करें:
  • “परीक्षा केंद्र परिवर्तन” लिंक पर क्लिक करें:
  • अपनी लॉगिन जानकारी दर्ज करें:
  • आवेदन पत्र भरें:
  • आवश्यक दस्तावेज अपलोड करें:
  • फीस का भुगतान करें:

इग्नू परीक्षा केंद्र ऑफलाइन कैसे बदले?

  • क्षेत्रीय केंद्र में जाएं: आपको उस क्षेत्रीय केंद्र का दौरा करना होगा जिसके अंतर्गत आपका नया परीक्षा केंद्र आता है।
  • आवेदन पत्र भरें: आपको “परीक्षा केंद्र परिवर्तन आवेदन पत्र” भरना होगा। यह फॉर्म आपको क्षेत्रीय केंद्र में मिल जाएगा।
  • आवश्यक दस्तावेज जमा करें: आपको निम्नलिखित दस्तावेजों की आवश्यकता होगी:
    • पहचान प्रमाण: आधार कार्ड, मतदाता पहचान पत्र, या पासपोर्ट
    • पता प्रमाण: बिजली बिल, पानी बिल, या राशन कार्ड
    • परीक्षा फॉर्म की प्रति
    • फीस: आपको निर्धारित शुल्क का भुगतान करना होगा।

Surya Grahan 2024 :- इस साल का पहला सूर्य ग्रहण जानिए कौन कौन बहार नहीं जा सकता

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Surya Grahan 2024-2024 का पहला सूर्य ग्रहण 8 अप्रैल, 2 को हुआ था। यह पूर्ण सूर्य ग्रहण था, जिसका अर्थ है कि चंद्रमा ने कुछ समय के लिए सूर्य की रोशनी को पूरी तरह से अवरुद्ध कर दिया था। यह ग्रहण कनाडा, मैक्सिको और संयुक्त राज्य अमेरिका सहित उत्तरी अमेरिका के कुछ हिस्सों में दिखाई दिया।Surya Grahan 2024 :- इस साल का पहला सूर्य ग्रहण जानिए कौन कौन बहार नहीं जा सकता

Date April 8, 2024
Type Total solar eclipse
Duration 5 hours and 10 minutes
Visible locations North America (Canada, Mexico, United States)

गर्भवती महिलाएं: सूर्य ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को बाहर नहीं जाना चाहिए। माना जाता है कि ग्रहण के दौरान निकलने वाली किरणें गर्भस्थ शिशु के लिए हानिकारक हो सकती हैं।

नवजात शिशु: नवजात शिशुओं की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है। इसलिए, उन्हें भी सूर्य ग्रहण के दौरान बाहर नहीं ले जाना चाहिए।

बुजुर्ग और बीमार लोग: बुजुर्ग और बीमार लोगों की भी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है। इसलिए, उन्हें भी सूर्य ग्रहण के दौरान बाहर नहीं जाना चाहिए।

जिन लोगों को आंखों की समस्या है: सूर्य ग्रहण के दौरान सूर्य की रोशनी बहुत तेज होती है। इसलिए, जिन लोगों को आंखों की समस्या है, उन्हें भी सूर्य ग्रहण के दौरान बाहर नहीं जाना चाहिए।

सूर्य ग्रहण 8 अप्रैल 2024 को चैत्र अमावस्या के दिन होगा। यह ग्रहण पूर्ण सूर्य ग्रहण होगा, यानी चंद्रमा सूर्य को पूरी तरह से ढक लेगा। यह ग्रहण उत्तर अमेरिका में दिखाई देगा।

सूर्य ग्रहण के दौरान बाहर न जाने के कारण

  • सूर्य ग्रहण के दौरान सूर्य की रोशनी बहुत तेज होती है, जो आंखों को नुकसान पहुंचा सकती है।
  • सूर्य ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं के गर्भ में पल रहे बच्चे को नुकसान पहुंच सकता है।
  • सूर्य ग्रहण के दौरान बच्चों और बुजुर्गों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो सकती है।

प्राचीन भारत का इतिहास- Indian History in Hindi

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प्राचीन भारत का इतिहास-भारत एक विविध और समृद्ध देश है। यहाँ विभिन्न धर्म, भाषा, संस्कृति और जीवनशैलियाँ हैं। यह विश्व का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है और अपनी विविधता के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ पर हिमालय से लेकर दक्षिण की घाटी तक विभिन्न जलवायु और प्राकृतिक सौंदर्य है। इसके साथ ही भारत की अर्थव्यवस्था में भी तेजी से विकास हो रहा है और यह एक महत्वपूर्ण विश्वासी अर्थव्यवस्था बन चुका है। प्राचीन भारत का इतिहास- Indian History in Hindi

भारत के बारे में मुख्य इतिहास क्या है?

प्राचीन भारत का इतिहास-भारत का इतिहास बहुत विविध और प्राचीन है। यहां पर भारतीय सभ्यताओं का विकास लंबे समय तक हुआ है और यहां पर विभिन्न साम्राज्यों और सांस्कृतिक समृद्धियों का उत्थान हुआ है। प्राचीन भारत का इतिहास- Indian History in Hindi

प्राचीन काल में भारत में वेदिक सभ्यता, मौर्य साम्राज्य, गुप्त साम्राज्य, मौर्य, गुप्त और चोल जैसे महत्वपूर्ण साम्राज्य थे।

मध्यकाल में मुघल साम्राज्य भारत का एक प्रमुख सत्ताधारी था, जिसके बाद ब्रिटिश साम्राज्य ने भारत पर शासन किया।

ब्रिटिश शासन के बाद, भारत ने 1947 में स्वतंत्रता प्राप्त की और भारतीय संविधान के माध्यम से एक गणराज्य के रूप में संगठित हो गया।

भारत का इतिहास उसकी संविधानिक और आर्थिक विकास के साथ-साथ धार्मिक और सांस्कृतिक परंपराओं का भी परिचय देता है। भारतीय इतिहास एक योग्य और बहुमुखी धारणा को प्रस्तुत करता है जो इस भूमि की समृद्ध और विविधता को प्रकट करता है।

भारत का असली इतिहास क्या है?

भारत का असली इतिहास विशाल, समृद्ध और बहुतायत से भरपूर है। इसे वेदों, उपनिषदों, पुराणों, रामायण, महाभारत, ग्रंथ साहिब, ग्रंथ गुरु ग्रंथ साहिब, विवेकानंद, गाँधी, नेहरू, और अनेक और साहित्य, शिक्षा, तथा संगीत के माध्यम से जाना जा सकता है।

भारत का इतिहास वेदिक काल से शुरू होता है, जिसमें वेदों का समय होता है। इसके बाद भारत में मौर्य, गुप्त, चोल, विजयनगर, मुघल, और ब्रिटिश साम्राज्यों की स्थापना हुई।

साथ ही, भारतीय इतिहास में धार्मिक और सांस्कृतिक गतिविधियों का भी महत्वपूर्ण स्थान है, जैसे कि बौद्ध धर्म, जैन धर्म, हिन्दू धर्म, और सिख धर्म की उत्पत्ति और विकास।

भारत का असली इतिहास उसकी समृद्ध और विविध विरासत को प्रकट करता है, जो विभिन्न समय और क्षेत्रों में विकसित हुई है। यह एक ऐसा राष्ट्र है जो अपनी प्राचीनता और समृद्ध संस्कृति के लिए जाना जाता है।

भारत पर 1000 वर्ष पहले किसका राज था?

भारत पर 1000 वर्ष पहले चोल, पाल, और राष्ट्रकूट जैसे विभिन्न राज्यों का शासन था। इस अवधि में, भारत के विभिन्न क्षेत्रों में विभिन्न राजनीतिक शक्तियों ने अपनी सत्ता को स्थापित किया था। यह वर्ष 1024 के आसपास के थे, और इस समय पर भारत में विभिन्न राज्यों के बीच राजनीतिक और सांस्कृतिक परिवर्तन हो रहे थे।

भारत की शुरुआत कैसे हुई?

भारत की शुरुआत विभिन्न युगों और समय के साथ होती रही है। हालांकि, मानव सभ्यता के प्रारंभिक अवस्था के बारे में अधिकांश जानकारी पूर्वाग्रही अवस्था या प्रागैतिहासिक काल के अवांछित संस्कृति रहती है। इसके बाद, वैदिक काल और वैदिक सभ्यता का आगमन हुआ, जिसका उल्लेख वेदों में मिलता है। यह समय भारतीय सभ्यता के आरंभिक अधिकारी थे।

भारत की ऐतिहासिक रचना में, अनेक राज्यों और सम्राटों की स्थापना और विघासन शामिल हैं, जिनमें मौर्य, गुप्त, चोल, पाल, राष्ट्रकूट, विजयनगर, मुघल, और ब्रिटिश साम्राज्य शामिल हैं। यह सभी समयांतर में भारतीय समाज और संस्कृति के विकास में अहम भूमिका निभाई है।

प्राचीन भारत का इतिहास बुक

प्राचीन भारत का इतिहास के लिए प्रमुख पुस्तकें हैं जो उपलब्ध हैं।

  1. “भारतीय इतिहास” लेखक: रोमिला थापर
  2. “भारत का प्राचीन इतिहास” लेखक: रामशरण शर्मा
  3. “भारतीय इतिहास के स्रोत” लेखक: आकाराम हुसैन
  4. “भारतीय इतिहास: आरंभ से १८वीं शताब्दी तक” लेखक: रोमिला थापर
  5. “प्राचीन भारत का इतिहास” लेखक: र.के. मुखर्जी

ये पुस्तकें भारतीय इतिहास के विभिन्न पहलुओं को समझने में मदद कर सकती हैं। आप अपने आवश्यकतानुसार किसी भी पुस्तक का चयन कर सकते हैं और अपनी अध्ययन को आगे बढ़ा सकते हैं।

प्राचीन भारत के इतिहास की प्रमुख विशेषताएं

  • वेदिक सभ्यता: प्राचीन भारत की शुरुआत वेदों के युग से होती है, जिनमें रिग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद, और अथर्ववेद शामिल हैं। इन वेदों में भारतीय संस्कृति, धर्म, और जीवन के मूल तत्वों का परिचय दिया गया है।
  • मौर्य और गुप्त साम्राज्य: प्राचीन भारत में मौर्य और गुप्त साम्राज्य एक महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं। अशोक और चंद्रगुप्त मौर्य के शासनकाल में भारतीय इतिहास के महत्वपूर्ण घटक थे।
  • धर्म और दार्शनिक विचार: प्राचीन भारत में हिंदू धर्म, जैन धर्म, बौद्ध धर्म, और अनेक दार्शनिक संवाद और शास्त्रों का विकास हुआ। इसके साथ ही, वेदांत, योग, सांख्य, और न्याय-वैशेषिक जैसे दर्शनिक परंपराएं भी प्राचीन भारत में उत्पन्न हुईं।
  • कला और संस्कृति: प्राचीन भारत में शिल्पकला, संगीत, नृत्य, साहित्य, और वास्तुकला का विकास हुआ। यहां कलाकृतियों ने अपनी अद्वितीय पहचान बनाई, जैसे कि होशंगाबाद की एल्लोरा और खजुराहो की मंदिरों की शिल्पकला।

ये प्रमुख विशेषताएं प्राचीन भारतीय समाज और सभ्यता के विकास को व्यक्त करती हैं और भारतीय इतिहास के महत्वपूर्ण अध्ययन के लिए महत्वपूर्ण हैं।

भारत का इतिहास किताब

  • “भारतीय इतिहास” – लेखक: रोमिला थापर
  • “भारत का प्राचीन इतिहास” – लेखक: रामशरण शर्मा
  • “भारतीय इतिहास: सभ्यता, संस्कृति और विचार” – लेखक: बिपन चंद्रा
  • “भारत का इतिहास: आधिकाल से आज़ तक” – लेखक: जेएन।टी. इम्पी
  • “भारतीय इतिहास: सिंधु घाटी सभ्यता से आज़ तक” – लेखक: रेमिला थापर

ये पुस्तकें भारत के विभिन्न घटकों और कालों के इतिहास को विस्तारपूर्वक और विश्वसनीय ढंग से प्रस्तुत करती हैं। आप इनमें से किसी भी पुस्तक का चयन करके अपने अध्ययन को आगे बढ़ा सकते हैं।

भारतीय इतिहास का कालक्रम pdf

  • प्रागैतिहासिक काल: प्रागैतिहासिक काल में भारतीय सभ्यता की शुरुआत होती है, जिसमें सिंधु घाटी सभ्यता, वेदिक सभ्यता और उनके बाद के प्राचीन सभ्यताओं का अवधारण किया जाता है।
  • प्राचीन इतिहास: यह काल वैदिक काल से लेकर भारत के मौर्य साम्राज्य तक का समय है। इसके दौरान मौर्य, गुप्त, चोल, पाल, राष्ट्रकूट आदि साम्राज्यों की स्थापना होती है।
  • मध्यकालीन इतिहास: इस अवधि में मुघल साम्राज्य, दिल्ली सल्तनत, राजपूत राज्य, विजयनगर साम्राज्य आदि के समय का आवर्त आता है।
  • आधुनिक इतिहास: इसमें ब्रिटिश शासन, स्वतंत्रता संग्राम, भारतीय स्वतंत्रता, और स्वतंत्र भारत का समय शामिल है।

प्राचीन भारतीय इतिहास का कालक्रम

  • प्रागैतिहासिक काल: इस काल में सिंधु-सरस्वती सभ्यता (२५०० ई.पू. से १७५० ई.पू.), वेदिक सभ्यता (१५०० ई.पू. से ५०० ई.पू.) और उसके बाद के प्राचीन सभ्यताएँ आती हैं।
  • महाजनपद काल: इस काल में भारत में महाजनपदों की स्थापना होती है, जो अपनी अद्वितीय राजनीतिक संरचना के लिए प्रसिद्ध होते हैं (६०० ई.पू. से ३२० ई.पू.).
  • मौर्य काल: मौर्य साम्राज्य के संस्थापक चंद्रगुप्त मौर्य के शासनकाल में भारत में विजयध्वज, अशोक, और सम्राट अशोक की सशक्त सत्ता थी (३२० ई.पू. से २०० ई.पू.).
  • पोस्त-मौर्य काल: इस काल में भारत में विभिन्न राज्य और सम्राटों का उदय होता है, जिनमें कुषाण, शंग, गुप्त, और हुन साम्राज्य शामिल हैं।
  • गुप्त काल: गुप्त साम्राज्य का उदय होता है, जो भारतीय सांस्कृतिक और आर्थिक विकास का महत्वपूर्ण केंद्र था (३२० ई.पू. से ६५० ई.पू.).

ये थे प्राचीन भारतीय इतिहास के प्रमुख काल

MS DHONI T20s Records : महेंद्र सिंह धोनी ने रचा इतिहास

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MS DHONI T20s Records-महेंद्र सिंह धोनी, जिन्हें हम सब प्यार से माही के नाम से जानते हैं, उनके टी20 क्रिकेट में कई शानदार रिकॉर्ड हैं। यहां कुछ प्रमुख रिकॉर्डों पर एक नजर डालते हैं

MS DHONI T20s Records : महेंद्र सिंह धोनी ने रचा इतिहास -धोनी टी20 क्रिकेट में दुनिया के पहले विकेट कीपर हैं जिन्होंने कुल 300 शिकार किए हैं। इन शिकारों में 213 कैच और 87 स्टम्प आउट शामिल हैं। उनके बाद दिनेश कार्तिक (274) और कामरान अकमल (274) का नंबर आता है।

हाल ही में दिल्ली कैपिटल्स के खिलाफ मैच में रिजवान को पछाड़ने के बाद, धोनी के नाम अब टी20 क्रिकेट में बतौर विकेट कीपर सबसे ज्यादा रन बनाने का भी रिकॉर्ड है। उनके नाम अब कुल 7036 रन दर्ज हैं। MS DHONI T20s Records : महेंद्र सिंह धोनी ने रचा इतिहास –

हालांकि धोनी ने टी20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में ज्यादा रन नहीं बनाए, लेकिन उनकी कप्तानी काफी सफल रही है। वह भारत के सबसे सफल कप्तान हैं जिन्होंने अपनी कप्तानी में टीम को 2007 में टी20 विश्व कप और 2011 में वनडे विश्व कप जिताया।

धोनी ने कितने टी20 मैच खेले?।

  • अंतरराष्ट्रीय टी20: 98
  • आईपीएल: 252

धोनी ने 2007 में भारत के लिए अपना पहला टी20 मैच खेला और 2020 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया। हालांकि, वह अभी भी आईपीएल में चेन्नई सुपर किंग्स के लिए खेल रहे हैं।

धोनी ने कितने T20 वर्ल्ड कप जीते हैं?

महेंद्र सिंह धोनी ने एक टी20 वर्ल्ड कप जीता है। यह 2007 में हुआ था जब भारत ने फाइनल में पाकिस्तान को हराकर पहली बार टी20 विश्व कप जीता था। धोनी उस समय भारतीय टीम के कप्तान थे। हालांकि, धोनी की कप्तानी में भारत 2014 में टी20 विश्व कप के फाइनल में भी पहुंचा था, लेकिन श्रीलंका से हार गया था।

धोनी ने 2007, 2009, 2010, 2012, 2014 और 2016 में भारत के लिए कुल 6 टी20 विश्व कप खेले हैं।

धोनी को कितनी बार मैन ऑफ द मैच मिला?

महेंद्र सिंह धोनी को कुल 77 बार मैन ऑफ द मैच का पुरस्कार मिला है।
वनडे 33 , टेस्ट 4 , टी20 11 ,आईपीएल 29

क्रिकेट इतिहास में नंबर 1 कप्तान कौन है?

क्रिकेट इतिहास में नंबर 1 कप्तान कौन है, यह कहना मुश्किल है क्योंकि यह व्यक्तिगत राय और प्राथमिकताओं पर निर्भर करता है।

हालांकि, कुछ ऐसे कप्तान हैं जिन्हें अक्सर सर्वश्रेष्ठ कप्तानों में गिना जाता है।

  • क्लाइव लॉयड: वेस्टइंडीज के कप्तान, जिन्होंने 1970 और 1980 के दशक में दो बार विश्व कप जीता।
  • इमरान खान: पाकिस्तान के कप्तान, जिन्होंने 1992 में विश्व कप जीता।
  • स्टीव वॉ: ऑस्ट्रेलिया के कप्तान, जिन्होंने 1999 और 2003 में विश्व कप जीता।
  • रिकी पोंटिंग: ऑस्ट्रेलिया के कप्तान, जिन्होंने 2007 में विश्व कप जीता।
  • महेन्द्र सिंह धोनी: भारत के कप्तान, जिन्होंने 2007 में टी20 विश्व कप और 2011 में वनडे विश्व कप जीता।

Instagram का Password कैसे पता करें? जानें 2024 के सबसे आसान तरीके

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Instagram का Password कैसे पता करें? इंस्टाग्राम एक लोकप्रिय सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म है जहाँ आप फ़ोटो और वीडियो शेयर कर सकते हैं। आप फ़िल्टर लगा सकते हैं, उन्हें कैप्शन दे सकते हैं और हैशटैग जोड़ सकते हैं ताकि लोगों को उन्हें ढूंढने में आसानी हो।

Instagram का Password कैसे पता करें? जानें 2024 के सबसे आसान तरीके-आप अपने दोस्तों और परिवार को फ़ॉलो कर सकते हैं और उनकी पोस्ट देख सकते हैं, साथ ही नई चीज़ें खोजने के लिए एक्सप्लोर करें। आप कहानियां भी बना सकते हैं जो 24 घंटे बाद गायब हो जाती हैं।Instagram का Password कैसे पता करें? जानें 2024 के सबसे आसान तरीके

इंस्टाग्राम का Password कैसे देखे?

यदि आप अपना Instagram Password याद रखते हैं

  • Instagram ऐप खोलें और अपनी profile पर जाएं।
  • “मेनू” (तीन क्षैतिज रेखाएं) पर टैप करें और “settings” चुनें।
  • “Security” पर टैप करें और “Password” चुनें।
  • “वर्तमान Password” Fill करें और “नया Password” और “नया Password फिर से Fill करें” फ़ील्ड में अपना New Password टाइप करें।
  • “Save” पर टैप करें।

    यदि आप अपना Instagram Password भूल गए हैं

  • Instagram Login स्क्रीन पर जाएं और “Login में परेशानी?” पर टैप करें। “अपना उपयोगकर्ता Name या E-mail पता Fill करें” और “अगला” पर टैप करें। आपको एक E-mail या एसएमएस प्राप्त होगा
  • जिसमें आपके Account को reset करने का Link होगा। Link पर Click करें और अपना नया Password टाइप करें। Save” पर टैप करे

इंस्टाग्राम का Password कैसे चेंज करते हैं?

1. Instagram ऐप से

  • Instagram ऐप खोलें और अपनी profile पर जाएं।
    ऊपरी दाएं कोने में “मेनू” (तीन क्षैतिज रेखाएं) पर टैप करें।
  • “settings” चुनें।
  • “Security” पर टैप करें।
  • “Password” चुनें।
  • “वर्तमान Password” Fill करें।
  • “नया Password” और “नया Password फिर से Fill करें” फ़ील्ड में अपना नया
  • Password टाइप करें।
  • “Save” पर टैप करें।

2. Instagram वेबसाइट से

  • Instagram https://www.instagram.com/ पर जाएं और अपने Account में Login करें।
  • अपनी Profile Picture पर Click करें।
  • “settings” चुनें।
  • “Security” पर Click करें।
  • “Password” के तहत “Password बदलें” पर Click करें।
  • “वर्तमान Password” Fill करें।
  • “नया Password” और “नया Password फिर से Fill करें” फ़ील्ड में अपना नया Password टाइप करें।
  • “Password बदलें” पर Click करें।

Email से इंस्टाग्राम पासवर्ड को कैसे reset करें

Instagram login स्क्रीन पर जाएं। login में परेशानी?” पर टैप करें। “अपना उपयोगकर्ता Name या E-mail पता दर्ज करें” और “अगला” पर टैप करें। आपको एक E-mail प्राप्त होगा

जिसमें आपके accounts को reset करने का Link होगा। Link पर Click करें और अपना New Password टाइप करें। “save” पर टैप करें।

मंझला रोजे पर , करते हैं पहले रोजे की शुरुआत जानिए इतिहास

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मंझला रोजे पर , करते हैं पहले रोजे की शुरुआत जानिए इतिहास- मंझला रोजा है, जो रमज़ान महीने का 14वां रोजा होता है। यह रोज़ा इसलिए खास माना जाता है क्योंकि यह रमज़ान के मध्य में पड़ता है। इस दिन, कई मासूम बच्चे पहली बार रोज़ा रखते हैं। यह बच्चों के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है क्योंकि यह उन्हें धार्मिक अनुशासन और आत्म-संयम सीखने में मदद करता है।

मंझला रोजे पर , करते हैं पहले रोजे की शुरुआत जानिए इतिहास- पहला रोजा मुसलमानों के लिए आत्म-संयम और अनुशासन का अभ्यास करने का एक अवसर है। यह दिन उन्हें गरीबों और जरूरतमंदों की भावनाओं को समझने में मदद करता है। पहला रोजा मुसलमानों को आध्यात्मिकता और ईश्वर के प्रति समर्पण का महत्व सिखाता है।

पहला रोजा मुसलमानों के लिए धैर्य और दान करने की सीख देता है। यह रोजा उन्हें अपने ईश्वर के प्रति समर्पण और कृतज्ञता व्यक्त करने का अवसर भी प्रदान करता है।

मंझला रोजा कब है 2024

Ramadan 2023: पवित्र रमजान महीने की हुई शुरुआत, पहला रोजा आज; इन बातों का  रखना होगा ध्यान - Holy month of Ramadan begins for Muslims across the world

2024 में मंझला रोजा 25 मार्च को है। यह रमजान का 14वां रोजा होगा। यह दिन विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि इस दिन चंद्र ग्रहण भी होगा। यह साल का पहला चंद्र ग्रहण होगा। चंद्र ग्रहण के दौरान, मुस्लिम समुदाय ‘सलात अल कुसूफ’ नामक विशेष नमाज पढ़ते हैं। यह नमाज सामान्य नमाज से अलग और लंबी होती है।

इस नमाज में, लोग चंद्र ग्रहण के प्रभावों से बचाव के लिए अल्लाह से दुआ मांगते हैं। पैगंबर मुहम्मद के आदेश अनुसार, यह नमाज केवल उन्हीं लोगों को पढ़नी चाहिए जिनकी नजर चंद्रमा पर पड़ी हो।

मंझला रोजे की विशेष बातें

मंझला रोजे पर , करते हैं पहले रोजे की शुरुआत- मझला रोजा रमजान महीने का 14वां रोजा होता है। यह रोजा इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह रमजान महीने का आधा समय पूरा होने का प्रतीक है। इस रोजे को मनाने के लिए कई मुस्लिम लोग विशेष इफ्तार का आयोजन करते हैं। इस रोजे पर गरीबों और जरूरतमंदों की मदद करने का भी विशेष महत्व है।

मंझला रोजे की दुआएं

  • “اللهم ارزقني صياماً مقبولاً و دعاءً مستجاباً و عملاً صالحاً و مغفرةً منك يا أرحم الراحمين”
  • “اللهم اجعل صيامنا هذا صياماً مقبولاً و دعاءنا مستجاباً و خطايانا مغفورةً و نفوسنا مطهرةً يا أرحم الراحمين

Intermittent fasting Rule: बढ़ सकता है दिल की बीमारिया और बढ़ सकता है खतरा, आज ही रोकें Intermittent fasting, जानिए क्या डाइट में खाना चाहिए

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Intermittent fasting Rule: बढ़ सकता है दिल की बीमारिया और बढ़ सकता है खतरा, आज ही रोकें Intermittent fasting, जानिए क्या डाइट में खाना चाहिए- हाल ही में, एक अध्ययन सामने आया है जिसमें दावा किया गया है कि इंटरमिटेंट फास्टिंग (IF) से दिल की बीमारी का खतरा 91% तक बढ़ सकता है। यह अध्ययन 20,000 से अधिक लोगों पर किया गया था और इसके परिणामों ने IF की सुरक्षा और प्रभावशीलता पर सवाल उठाए हैं।

  • IF से भोजन के समय को आठ घंटे तक सीमित करने से दिल की बीमारी से मौत का खतरा 91% बढ़ जाता है।
  • IF से मधुमेह और उच्च रक्तचाप का खतरा भी बढ़ सकता है।
  • यह अध्ययन अभी भी प्रारंभिक है और IF के दीर्घकालिक प्रभावों पर अभी और शोध की आवश्यकता है।
  • IF के कई स्वास्थ्य लाभ भी हैं, जैसे कि वजन घटाना, मेटाबोलिज्म में सुधार, और मस्तिष्क स्वास्थ्य में सुधार।

Intermittent fasting Rule: बढ़ सकता है दिल की बीमारिया और बढ़ सकता है खतरा, आज ही रोकें Intermittent fasting, जानिए क्या डाइट में खाना चाहिए- इंटरमिटेंट फास्टिंग के स्वास्थ्य लाभों पर अभी भी शोध जारी है। कुछ अध्ययनों में यह पाया गया है कि यह वजन घटाने, मेटाबोलिज्म को बेहतर बनाने, और मधुमेह और सूजन जैसी बीमारियों के खतरे को कम करने में मदद कर सकता है।

इंटरमिटेंट फास्टिंग शुरू करने से पहले, अपने डॉक्टर से बात करना महत्वपूर्ण है। वे आपको यह निर्धारित करने में मदद कर सकते हैं कि यह आपके लिए सुरक्षित है या नहीं, और आपके लिए सबसे अच्छा तरीका कौन सा होगा।

IF के दौरान अपनी डाइट में क्या खाना चाहिए

  • फल और सब्जियां
  • साबुत अनाज
  • दुबला प्रोटीन
  • स्वस्थ वसा
  • खूब पानी

IF के दौरान क्या नहीं खाना चाहिए

  • प्रोसेस्ड फूड
  • रेड मीट
  • डेयरी उत्पाद
  • चीनी और मीठे पेय

 

मुनमुन दत्ता ने की जेठालाल के बेटे से सगाई, जेठालाल को पंहुचा गहरा सदमा

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मुनमुन दत्ता ने की जेठालाल के बेटे से सगाई, जेठालाल को पंहुचा गहरा सदमा

मुनमुन दत्ता ने की जेठालाल के बेटे से सगाई-  टीवी सीरियल “तारक मेहता का उल्टा चश्मा” (Taarak Mehta Ka Ooltah Chashma) में बबीता जी का किरदार निभाने वाली मुनमुन दत्ता (Munmun Dutta) ने जेठालाल (Jethalal) के बेटे टप्पू (Tapu) से सगाई कर ली है। यह खबर सुनकर जेठालाल को गहरा सदमा लगा है।

यह खबर सोशल मीडिया पर तेज़ी से वायरल हो रही है। मुनमुन दत्ता ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर कुश शाह के साथ एक तस्वीर शेयर की है, जिसमें दोनों सगाई की अंगूठी पहने हुए नज़र आ रहे हैं।

9 साल छोटे राज अनादकट संग फेरे लेंगी मुनमुन दत्ता

मुनमुन दत्ता ने की जेठालाल के बेटे से सगाई, जेठालाल को पंहुचा गहरा सदमा- टीवी सीरियल “तारक मेहता का उल्टा चश्मा” में ‘बबीता जी’ का किरदार निभाकर घर-घर में मशहूर हुईं मुनमुन दत्ता और शो के ही ‘टप्पू’ यानी राज अनादकट की शादी की खबरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं। कहा जा रहा है कि मुनमुन दत्ता और राज अनादकट जल्द ही शादी के बंधन में बंधने वाले हैं।

यह खबरें तब सामने आईं जब मुनमुन दत्ता ने राज अनादकट के साथ एक तस्वीर शेयर की, जिसमें दोनों एक-दूसरे के साथ काफी करीब नज़र आ रहे थे।

राज अनादकट और मुनमुन दत्ता Photos

मुनमुन दत्ता ने की जेठालाल के बेटे से सगाई, जेठालाल को पंहुचा गहरा सदमा
मुनमुन दत्ता ने की जेठालाल के बेटे से सगाई, जेठालाल को पंहुचा गहरा सदमा

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महिलाएं कैसे तरावीह पढ़े: तरावीह क्यों है जरूरी रमजान के महीने में

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महिलाएं कैसे तरावीह पढ़े: तरावीह क्यों है जरूरी रमजान के महीने में

महिलाएं कैसे तरावीह पढ़े: तरावीह क्यों है जरूरी रमजान के महीने में- असलामवालैकुम आप सभी को में मुस्कान आज आपको बताउंगी कि कैसे आप तरावीह की नमाज़ अदा कर सकते है जैसा की आप सभी जानते है रमजान चल रहे है और ऐसे में हर मुस्लमान ख्वातीन, रोज़े रखती है और शक़्स भी तो कहा जाता है जो भी हम गुनाह करते है तो उसकी माफ़ी के लिए रमजान आता है हम सभी रोजा रखकर क़ुरान की तिलावत करते है और पांचो वक़्त की नमाज़ अदा करते है और साथ ही साथ तरावीह पढ़ना भी जरूरी है और यह फ़र्ज़ है तो आज में आप सभी को तरवीह किस तरह पढ़ी जा सकती है उसके के बारे में बताने जा रही हूँ

महिलाएं तरावीह कैसे पढ़ती हैं

महिलाएं कैसे तरावीह पढ़े: तरावीह क्यों है जरूरी रमजान के महीने में- तरावीह नमाज, ईस्लाम में रमज़ान महीने के दौरान अदा की जाने वाली एक विशेष नमाज है। यह नमाज रमज़ान के पूरे महीने में रोज़ादारों के लिए महत्वपूर्ण होती है। तरावीह नमाज को तरावीह नबवी (Tarawih Nabvi) भी कहा जाता है, क्योंकि इसे प्रारंभ में प्रोफ़ेसर मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) ने अपने सहाबा के साथ पढ़ा था।

रमज़ान के महीने में मुसलमान रोज़ा रखते हैं, जिसमें उन्हें सारे दिन खाने-पीने की छूट नहीं होती है। रोज़ादारों के लिए तरावीह नमाज एक विशेष महत्व रखती है क्योंकि इसमें उन्हें रमज़ान के महीने में इबादत, तिलावत और ध्यान की अधिक अवसर मिलता है।

महिलाएं कैसे तरावीह पढ़े: तरावीह क्यों है जरूरी रमजान के महीने में- महिलाएं भी तरावीह नमाज पढ़ सकती हैं, हालांकि कुछ समाजों या कॉम्युनिटीज़ में इसे महिलाओं के लिए मस्जिद में नहीं पढ़ा जाता है और वे अपने घरों में ही नमाज अदा करती हैं। लेकिन कई जगहों पर मस्जिदों में महिलाएं भी तरावीह नमाज के लिए आजादी प्राप्त कर रही हैं।

महिलाएं यदि मस्जिद में तरावीह नमाज पढ़ना चाहती हैं, तो उन्हें इसे पढ़ने की अनुमति और सुविधा के बारे में अपनी स्थानीय मस्जिद के नियमों की जाँच करनी चाहिए। वे अपने घरों में भी नमाज पढ़ सकती हैं, यह उनकी स्वतंत्रता पर निर्भर करता है।

नियत

महिलाएं कैसे तरावीह पढ़े:- दो रकात सुन्नत तरावीह की नियत: “नियत करती हूं दो रकात नमाज सुन्नत तरावीह की, अल्लाह तआला के वास्ते, वक्त ईशा का, मुंह मेरा मक्का कअबा शरीफ की तरफ, अल्लाहु अकबर

  • तरावीह 20 रकअतों में पढ़ी जाती है, हर दो रकअत के बाद सलाम फेरते हुए।
  • पुरुषों की तरह महिलाएं भी जमाअत में या अकेले तरावीह पढ़ सकती हैं।
  • मस्जिद में जाना बेहतर है, लेकिन घर में तरावीह पढ़ना भी ज़ायज़ है।
  • घर में पढ़ते समय, पर्दे के पीछे खड़े होकर नमाज़ पढ़ना बेहतर है।
  • तरावीह में क़ुरआन की तिलावत ज़्यादा होती है, इसलिए लंबी सूरहें पढ़ने की बजाय छोटी सूरहें और आयतें पढ़ना बेहतर है।

तरावीह के फायदे

तरावीह नमाज़ रमजान के महीने में अल्लाह की विशेष रहमत और مغفرत पाने का ज़रिया है। यह नमाज़ नफ़्स की तराश और पाकीज़गी का ज़रिया है। तरावीह नमाज़ में जमाअत के साथ इबादत करने का सवाब मिलता है। यह नमाज़ रमजान की रातों को ज़िंदादिली और इबादत में गुजारने का ज़रिया है।

महिलाओं के लिए तरावीह

तरावीह नमाज़ महिलाओं के लिए वाजिब नहीं है, लेकिन यह ज़रूर मुस्तहब है। अगर कोई महिला तरावीह नमाज़ पढ़ना चाहती है, तो उसे घर में या मस्जिद में पर्दे के पीछे खड़े होकर पढ़ना चाहिए।

तरावीह नमाज़ पढ़ते समय महिलाओं को पुरुषों से अलग खड़ा होना चाहिए। तरावीह नमाज़ पढ़ते समय महिलाओं को अपनी आवाज़ धीमी रखनी चाहिए।

 

पुरे 30 रोज़े कैसे रखे, अगर छूट गए है रोज़े तो इस तरह से कर सकते है मुक़म्मल 30 रोज़े

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पुरे 30 रोज़े कैसे रखे, अगर छूट गए है रोज़े तो इस तरह से कर सकते है मुक़म्मल 30 रोज़े

पुरे 30 रोज़े कैसे रखे, अगर छूट गए है रोज़े तो इस तरह से कर सकते है मुक़म्मल 30 रोज़े – असलामवालैकुम आप सभी को में मुस्कान आज आपको बताउंगी कि कैसे आप पुरे 30 रोजे रख सकते है जानने के लिए आप इस कंटेंट को पूरा पढ़े और बताये क्या है आपकी राय है हमारे बताये गए तरीको पर अगर आपको पूरे 30 दिन रोज़ा रखने की नियत है और अगर किसी कारणवश आपको किसी दिन छूट जाती है

पुरे 30 रोज़े कैसे रखे, अगर छूट गए है रोज़े तो इस तरह से कर सकते है मुक़म्मल 30 रोज़े

पुरे 30 रोज़े कैसे रखे, अगर छूट गए है रोज़े तो इस तरह से कर सकते है मुक़म्मल 30 रोज़े – अगर आप किसी दिन छूट गए हैं, तो उस छूटी हुई रोज़े को बाद में पूरा करें। यह अपने किसी अन्य फ़्री दिन में कर सकते हैं जब आपको कोई और काम नहीं हो रहा हो

अगर रोज़ा छूट गया है और आप उसे पूरा नहीं कर पा रहे हैं, तो आपको उस छूटी हुई रोज़े के लिए क़ज़ा करना होगा। क़ज़ा करने का मतलब है उसी तरीके से रोज़ा रखना जैसे कि रमज़ान में रोज़ा रखते हैं। इसे अधिकतम तीन रोज़े का क़ज़ा कहा जाता है।

क़ज़ा रोज़े की कमी के बारे में चिंता करें

जब भी आपको रोज़ा नहीं रखने का मौका मिलता है, तो आपको उसके लिए पश्चाताप करना चाहिए और अपने ग़लती को मानना चाहिए। फिर अपने आप से वादा करें कि आप अगले साल से बेहतर तरीके से रोज़ा रखेंगे।

रोज़ा एक पवित्रता और समर्पण का प्रतीक है, इसलिए संवेदनशीलता से इसे निभाना बेहद महत्वपूर्ण है। अपने धार्मिक अनुयायियों और आध्यात्मिक गुरुओं से संपर्क करें ताकि आपको उनकी मार्गदर्शन में मदद मिल सके।