Saturday, May 11, 2024
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Laptop Aur Computer Mein Kya Antar hai

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Laptop Aur Computer Mein Kya Antar hai

 

Laptop Aur Computer Mein Kya Antar hai : दोस्तों स्वागत है आपका हमारी वेबसाइट पर आज हम आपको बताने वाले है laptop और Computer में क्या फर्क है दोस्तों अधिकतर लोगो को कंप्यूटर से ज्यादा लैपटॉप पसंद होता है या लैपटॉप से ज्यादा कंप्यूटर दोनों में से एक न एक अवश्य पसंद होता है और साथ ही उनके price के बारे जानकारी नहीं होती और न की उनके हमारे लिए क्या benefits है यह  तक  भी ज्यादातर  लोगो को मालूम नहीं होता है परन्तु आज हम इसी विषय पर चर्चा करेंगे।  तो दोस्तों आप इसके बारे में जानना चाहते है तो आप बिलकुल सही वेबसाइट पर आये है और आप इस आर्टिकल को पूरा पढ़े और इसके बारे जानकारी प्राप्त करे।  तो दोस्तों अब हम शुरू करने जा रहे है।





दोस्तों कंप्यूटर और लैपटॉप दोनों एक जैसे ही कार्य करते है परन्तु काफी सारे ऐसे factors होते है।  जिसके आधार पर लैपटॉप और कंप्यूटर के बिच अंतर् जानलेते है।  जैसे सबसे पहले जान लेते है जोकि निम्न दर्शाया गया है। Laptop Aur Computer Mein Kya Antar hai

प्राइस – price एक ऐसा factors है जोकि हर व्यक्ति कंप्यूटर और लैपटॉप के price देखकर खरीदता है और हक़ीक़त में दोनों के price में भी काफी अंतर है। और जब कोई अच्छा लैपटॉप purchase करते है तो  उसका price कम से कम  25,000 – 30,000 रुपए खर्च करने पड़ते हैं  और आप कंप्यूटर को purchase करते है तो 20,000 – 25,000 रुपए में मिल जाता हैऔर दोस्तों ऍम price according देखे तो सबसे अच्छा कंप्यूटर है

Repairing – Repairing  कंप्यूटर और लैपटॉप एक ऐसे factor हैं जो की  इनके बिच अंतर define करता हैं यदि कंप्यूटर की कोई वायर ख़राब होने पर उसकी वायर को निकलकर ठीक करा जा सकता है Laptop Aur Computer Mein Kya Antar hai और साथ ही दूसरी वायर भी बदल सकते है।  और ज्यादा पैसे भी नहीं लगते है।

और लैपटॉप की बात करि जाए तो लापोप की सभी चीजे   inbuilt होती है इसी कारण इसमें छोटी से छोटी परेशानी के लिए  repairing कई पैसे खर्च हो जाते है। Occasionally जब आप अपने लकपटोप को repair करने के लिए पैसे डालते है तो उससे अच्छा एक सुझाव है आप लैपटॉप को repair करने के बजाय एक नया कंप्यूटर को purchase करे। Laptop Aur Computer Mein Kya Antar hai परन्तु अगर आप घर पर रहकर काम करते है तो आप बिना सोचे आप अपने लिए एक कंप्यूटर अवश्य ले और साथ ही आप बहार जाकर या traveling करते समय अपना work करते है आपके लिए लैपटॉप काफी लाभदायक है.

Screen Size – कंप्यूटर और लैपटॉप में स्क्रीन का साइज काफी जरुरी है परन्तु कंप्यूटर के मॉनिटर और स्क्रीन को अपनी  Facility के according change कर सकते है परन्तु लैपटॉप में ऐसी सेटिंग नहीं होती है। Laptop Aur Computer Mein Kya Antar hai केवल fixed screen size के साथ लैपटॉप आता है।  यदि आपको चाहिए तो आप डेस्कटॉप कंप्यूटर को purchase कर सकते है। 

Upgradation 

कंप्यूटर और लैपटॉप दोनों Long Time से और अब तक के समय में use करने के बाद  upgrade करने का मतलब यानी की उनके storage capacity, RAM, Processor etc इनको increase करने आवश्यकता पड़ जाती है।  और Upgradation की बात करते है तो यह एक कंप्यूटर और लैपटॉप के बराबरी में डेस्कटॉप में  upgrade  करना काफी easy है।  और इसके साथ कंप्यूटर काम खर्च में और काफी अच्छे से upgrade होता है और वही लैपटॉप को   upgrade करना थोड़ा डिफिकल्ट होता है  और इसके साथ ही ज्यादा खर्च भी हो जाता है। Laptop Aur Computer Mein Kya Antar hai 

Functioning 

इसका मतलब की काम करने की  क्षमता और किसी भी लैपटॉप की सबसे जरुरी feature और उसके काम करने की क्षमता है और लैपटॉप के बराबरी में कंप्यूटर में ज्यादा अच्छे से  Processor, RAM, GPU etc और यही कारण है की अधिकतर सभी   High definition  में काम डेस्कटॉप कंप्यूटर पर दिख जाते है।  जैसे example – video editing, gaming, animation designing, programming etc Laptop Aur Computer Mein Kya Antar hai

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Portability 

इसके बारे में जाने तो कंप्यूटर का आकर की स्थिति  काफी large होती है और इसी के साथ हर स्थान पर बार -बार change करा नहीं जा सकता और कंप्यूटर के साथ cpu and mouse कनेक्ट रहते है और जिससे हम इसे kahi  भी ले जा सकते है और किसी भी प्रकार की दिक्कत आ जाती है और वही लैपटॉप की बात करे तो उसका size एक नोटबुक की तरह होती है और इसे  काफी आसानी से काफी पर भी ले जा सकते है तो  portability को ध्यान में रखते हुए सोचा जाये तो सबसे अच्छा option है

Desktop kya hai

Desktop Computer को PC के नाम से भी जाना जाता है जिसकी Full Form है Personal computer कहा जाता है पर इसका इस्तेमाल कंप्यूटर का विशेष जगहों पर काम  करने के लिए बनाया जाता है और इस तरह के कंप्यूटर का use ज्यादातर एक  टेबल के ऊपर किया जाता है और ऐसे कंप्यूटर में अलग – अलग तरह के  components जैसे की monitor, keyboard, mouse, cpu यह सभी उपकरण अलग से लगाए जाते है।  डेस्कटॉप कंप्यूटर को TC मतलब ट्रेडिशनल कंप्यूटर के नाम से भी जानते है।  इस तरह के कंप्यूटर में Battery की आवश्यकता नहीं पड़ती है।

Laptop kya hai

Laptop कंप्यूटर का ही advance version है। जोकि यह है कंप्यूटर में monitor ,cpu mouse सभी अलग -अलग होते है और वही लैपटॉप एक ऐसा device  है। जिसमे यह सभी तीनो चेजने components एक साथ  शामिल होते है लैपटॉप एक छोटा आकार का कंप्यूटर होता है जिसे आसानी से अपने बैग में डालकर कही पर लेजा सकते है। कंप्यूटर और लैपटॉप में क्या अंतर है लैपटॉप पूरी तरह कंप्यूटर की तरह ही काम करता है लेकिन यह केवल आकार में छोटा होता है. Laptop कुछ कुछ notebook के तरह ही होता है. Laptop उन लोगों के लिए अच्छा है जो ट्रैवल करते हुए काम करते हैं. Laptop Aur Computer Mein Kya Antar hai  इसके बारे में तो आप जान गए होंगे. वैसे तो दोनों ही कंप्यूटर है फिर यह एक दूसरे से अलग कैसे है? तो चलिए देखते हैं कि इन दोनों के बीच क्या अंतर है जो इन्हें दूसरे से अलग बनाता है. लैपटॉप पूरी तरह से अपना काम करता है कंप्यूटर  की तरह वह  अपना योगदान देता है परन्तु यह केवल आकार इन दोनों का अलग है Laptop की shape notebook के तरह होता है Laptop उन लोगों के लिए अत्यंत सही है जो traval  करते हुए भी अपना कार्य कर सकते है।

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दोस्तों आज हमने सीखा की कंप्यूटर और लैपटॉप में क्या फर्क क्या है  और इससे जुडी जानकारी आपको दी है आशा करते है। यह आर्टिकल आपको जरूर पसंद आया होगा और ऐसे ही और आपको और नयी जानकारी चाहिए तो आप हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताये और दोस्तों आपने यह आर्टिकल को अंत तक पढ़ा है तो आप हमारे इस आर्टिकल को अपने दोस्तों तक जरूर share करे। 

धन्यवाद







 

WIFI Calling kya hai in Hindi 

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WIFI Calling kya hai
WIFI Calling kya hai

WIFI Calling kya hai in Hindi 

WIFI Calling kya hai  दोस्तों आज हम आपके लिए लेकर आये है नयी जानकारी आपके लिए WIFI Calling kya hai इससे जुडी सम्पूर्ण जानकारी आपको देंगे और उम्मीद है आपको यह आर्टिकल अच्छे से समझ आएगा हमने यहाँ आर्टिकल को काफी सरल तरीके से लिखा है। तो बिना वक़्त गुज़ारे शुरू करते है।

WIFI Calling kya hai

बैलेंस खत्म होने के कारण आपको कभी न कभी ऐसी जरूर समस्या उत्पन्न हुई होगी कि आपको कोई अर्जेंट  Call करना होता है WIFI Calling kya hai  और उसी समय पर आपके मोबाइल में बैलेंस ना हो तो भी आप  Call कर पाए। इसी के बारे में टेलीकॉम कंपनियों ने लोगों की आसानी के लिए WIFI Calling सर्विस को लांच किया जिसमें आप बिना नेटवर्क के बिना बैलेंस के वाई-फाई के जरिए किसी को भी Call कर सकते हो।

सबसे पहले Wi-Fi Calling एयरटेल ने स्टार्ट किया था उसके बाद ही धीरे-धीरे सभी टेलीकॉम कंपनियां वाईफाई सर्विस को ला रही है। तो सबसे पहले जानते हैं की हम यह WIFI Calling सर्विस Wi-Fi Calling का मतलब वॉइस ओवर वाईफाई सर्विस होता है जिससे आप  बिना किसी नेटवर्क के किसी को भी  Call कर सकते हैं। WIFI Calling kya hai  इसके लिए आपको WIFI   Calling सर्विस को एक्टिवेट करना पड़ेगा जैसे कि आप किसी अपने घर का वाईफाई यूज कर सकते हो ऑफिस का या पब्लिक को भी आप वाईफाई यूज कर सकते हो। आप उस वाईफाई से कनेक्ट होकर आप जिससे चाहें उसको Voice Call या Video Call कर सकते हैं।

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WIFI Calling कैसे काम करता है

इसको इस्तेमाल करने के लिए आपके पास एक नया फोन होना चाहिए क्योंकि जो Wi-Fi   Calling है वह एक हार्डवेयर के जरिए काम करती है जो नए मोबाइल फोन के अंदर आता है जैसे भी आपके मोबाइल में हार्डवेयर के रूप में कैमरा होगा तभी आप फोटो क्लिक कर पाते हैं। WIFI Calling kya hai  उसी तरह आपके मोबाइल में Wi-Fi Calling का हार्डवेयर होना आवश्यक है जो सिर्फ नए मोबाइल में ही मिलता है।

WIFI Calling के लिए सुझाव

अगर आपके पास Wi-Fi Calling सपोर्ट करने वाला ही डिवाइस है तो ही आप इसका इस्तेमाल करें। Wi-Fi   Calling के लिए आप कोई नया डिवाइस ना खरीदें आपके पास जो भी मोबाइल है उसमें बैलेंस करवा कर यूज़ करें। आपके मोबाइल में यदि Wi-Fi Calling सपोर्ट नहीं करता है तो आप नया डिवाइस ना खरीद कर व्हाट्सएप या किसी और ऐप के जरिए Voice या Video   Call कर पाएंगे उसी का इस्तेमाल करें। जिससे आप कहीं पर भी WIFI के जरिए किसी को भी फ़ोन या कॉल कर सकते हैं वो भी एकदम फ्री में, बिना किसी चार्ज के। जिस तरह आप sim में Voice tariff plan की मदद से बात करते हैं,  WIFI Calling kya hai उसी प्रकार इस feature की मदद से आप data की सहायता से call कर पाएंगे। WIFI calling technology से लोगों को काफी मदद मिलेगी और आपने वाले समय में यह ओर ज्यादा सक्षम होगी। तो, अगर आप भी वाईफाई कॉलिंग या VoWIFI कॉलिंग का लाभ उठाना चाहते हैं या इसको इस्तेमाल करके देखना चाहते हैं तो अभी हमारी बताई जानकारी से WIFI call को try कर सकते हैं।

वाई-फाई के द्वारा text सन्देश भेज सकते हैं।

एंड्रॉइड फोन

संस WIFI कॉलिंग को सपोर्ट करते है।  MMS (text and pictures) वाई-फाई कॉलिंग मोड में कुछ स्मार्टफोन में यह सेवा उपलब्ध है। लेकिन यह सब manufacturer और messaging client के आधार पर निर्भर करता है क्योंकि MMS के लिए Cellular Coverage कि आवश्यकता होती है।

IOS फोन

SMS (text) वाई-फाई कॉलिंग मोड को सपोर्ट करते है। WIFI Calling kya hai लेकिन अगर वही MMS की बात करें तो एंड्राइड फोन की तरह आईओएस फोन के लिए भी Cellular Coverage की आवश्यकता होती है। यह सब भी मैन्युफैक्चर और मैसेजिंग क्लाइंट के आधार पर निर्भर करता है।

WIFI Calling कैसे करें

Wi-Fi Calling करना अत्यधिक आसान है। बस आप लोगो अपने मोबाइल के अंदर कुछ सेटिंग इनेबल करनी होगी उसके बाद आप जब चाहे जिसको चाहे Call कर सकते हैं। वह भी बिना बैलेंस के।

  • सबसे पहले आपको अपने मोबाइल के सेटिंग में जाना होगा
  • वहां पर आपको एक कनेक्शन ऑप्शन मिलेगा। उसके अंदर आपको वाईफाई ऑप्शन मिलेगा तो सब से पहले उसको इनेबल करें।
  • आप किसी भी घर ऑफिस या पब्लिक वाईफाई से अपने मोबाइल को कनेक्ट कर ले।
  • वाईफाई का ऑप्शन के नीचे आपको Wi-Fi   Calling का ऑप्शन मिलेगा उसको इनेबल जरूर कर लें।
  • अब आप जैसे आप नॉर्मल Voice Call करते हैं उसी तरह आप वाई-फाई के जरिए Voice और Video   Call कर सकते हैं।
  • अपने डायल पैड में जाकर जिस को  Call करना है उसके नंबर नोट करके आप उसको  Call कर पाएंगे
  • इसमें आप Voice Call के साथ साथ Video Call भी कर पाएंगे।

WIFI Calling के फायदे

तो अब हमने Wi-Fi Calling के बारे में जान लिया है और साथ ही उसको किस तरह से कर सकते हैं। उसी के बारे में भी हमने जान लिया है तो अब हम जान लेता किस के कौन-कौन से फायदे हैंकभी-कभी ऐसा होता है कि हम ऐसी जगह पर चले जाते हैं जहां पर जो Sim Card हमारे पास होता है उसका नेटवर्क नहीं होता है जिसकी वजह से हम किसी को Calling नहीं कर सकते हो तो इस समय Wi-Fi Calling इसलिए आप आसानी से किसी को भी  Call कर पाएंगे।अगर आपका बैलेंस खत्म हो चुका है तो भी आप Wi-Fi  Calling के जरिए और किसी को भी  Call कर पाएंगे।जैसा कि जिओ   Calling के लिए आपको मिनट्स देता है कभी-कभी क्या होता है वह अचानक से खत्म हो जाते हैं और हम को पता भी नहीं चलता तो उस समय आप Wi-Fi Calling का इस्तेमाल करके आसानी से  Call कर पाएंगे।अगर आपके आसपास वाईफाई नेटवर्क है तो आप अपने मोबाइल में रिचार्ज नहीं करवा कर आप उस वाई-फाई के जरिए अपने मोबाइल में इंटरनेट इस्तेमाल व Calling भी कर पाएंगे।इसके लिए आपको कोई भी सॉफ्टवेयर इंस्टॉल करने की जरूरत नहीं होती है बिना किसी सॉफ्टवेयर के आप Wi-Fi Calling का इस्तेमाल कर सकते हैं।

WIFI  Calling के नुकसान

Wi-Fi  Calling के वैसे तो इतने कोई नुकसान नहीं है फिर भी आपको उसके नुकसान हो सकता है जो इस तरह है –

अगर आपके पास कोई नया मोबाइल नहीं है जिस में Wi-Fi   Calling सपोर्ट करती हो तो आप Wi-Fi   Calling के लिए एक नया फोन खरीद लेंगे तो व आपके लिए एक नुकसान ही साबित होगा क्योंकि आप बैलेंस न करवाकर वाईफाई के लिए आप एक मोबाइल खरीद रहे हैं।Wi-Fi   Calling के लिए आपके मोबाइल में बैलेंस होना आवश्यक है चाहे वह कितना भी हो कम हो या ज्यादा उससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा। पर आपके मोबाइल में बैलेंस होना आवश्यक है। इसमें आप फ्लाइट मोड या बिना Sim Card के Call नहीं कर पाएंगे। आपका Wi-Fi Calling के लिए Sim Card होना आवश्यक है और उसमें थोड़ा बहुत बैलेंस भी होना आवश्यक है।

उम्मीद है आपको यह आर्टिकल अच्छे से समझ आ चूका होगा और आपको  ऐसे ही और नयी जानकारी चाहिए।  तो आप कमेंट बॉक्स में जरूर बताये और आपको कंटेंट आपको लिखवाना है तो आप इमेज पर दिए गए नंबर पर हमें कॉन्टेक्ट कर सकते है।

धन्यवाद

Olympic khel kya hote hai 

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Olympic khel kya hai 

Olympic khel kya hote hai 

Olympic khel kya hai  हेलो दोस्तों स्वागत है आपका हमारी वेबसाइट में आज हम आपके लिए महत्वपूर्ण जानकारी लेकर आये है उम्मीद है आपको यह लेख अवशय पसंद आएगा।  यह आर्टिकल जो की ओलम्पिक खेल क्या है और यह खेल कितना महत्वपूर्ण है आज हम आपको बतायेगे। तो बिना वक़्त गुजारे शुरू करते है।





Olympic khel kya hai 

ओलंपिक खेल, एथलेटिक उत्सव जो प्राचीन ग्रीस में उत्पन्न हुआ था और 19 वीं शताब्दी के अंत में पुनर्जीवित किया गया था। 1970 के दशक से पहले खेलों को आधिकारिक तौर पर शौकिया स्थिति वाले प्रतियोगियों तक सीमित कर दिया गया था, लेकिन 1980 के दशक में कई कार्यक्रम पेशेवर एथलीटों के लिए खोल दिए गए थे। वर्तमान में, खेल सभी के लिए खुले हैं, यहां तक कि बास्केटबॉल और फुटबॉल (सॉकर) में शीर्ष पेशेवर एथलीट भी। Olympic khel kya hai  प्राचीन ओलंपिक खेलों में कई खेल शामिल थे जो अब समर गेम्स कार्यक्रम का हिस्सा हैं, जिसमें कई बार 32 अलग-अलग खेलों में आयोजन शामिल हैं। 1924 में शीतकालीन खेलों के लिए शीतकालीन खेलों को मंजूरी दी गई थी। ओलंपिक खेलों को दुनिया की सबसे महत्वपूर्ण खेल प्रतियोगिता माना जाता है।

ओलंपिक खेल (Olympic games) दुनिया की सबसे बड़ी खेल प्रतियोगिता है। इस अंतराष्ट्रीय खेल प्रतियोगिता में लगभग हर देश वैश्विक रूप से अपनी हिस्सेदारी पेश करता है। ओलंपिक के आयोजन में हजारों खिलाडी अनैकों प्रकार की प्रतियोगितायों (खेलों) में भाग लेते हैं।

इन खेलों का आयोजन सीजन (मौसम) के आधार पर मुख्य 2 प्रारूप ग्रीष्मकालीन (गर्मियाँ) और शीतकालीन (शर्दियों) में 2-2 वर्ष के अंतराल में किया जाता है। लेकिन ग्रीष्मकालीन (Summer) प्रारूप को ही अधिक मान्यता दी जाती है जोकि हर 4 साल में एक बार आयोजित होता है। बता दें कि ओलंपिक खेलों की यह प्रतियोगिता दुनिया को एकजुट करने और विश्व-शांति स्थापित करने का कार्य करती है।   Olympic khel kya hai  ओलंपिक की यह प्रतियोगितायें ग्रीष्मकालीन और शीतकालीन प्रारूपों के अलावा यूथ ओलंपिक (जिसमे 14 से 18 साल के युवा भाग लेते हैं।) और पैरालंपिक (जिसमे दिव्यांग-जन या विकलांग-जन प्रतियोगी भाग लेते हैं।) के प्रारूपों में भी खेली जाती हैं।

यूथ ओलंपिक खेल –

यूथ ओलंपिक गेम्स (YOG) दुनिया भर के युवाओं के लिए एक महत्वपूर्ण खेल आयोजन है – लेकिन अन्य यूथ गेम्स प्रतियोगिताओं से अलग एक इवेंट होती है। YOG में तीन बातों पर ज्यादा फोकस किया जाता है Olympic khel kya hai जिसमें शैक्षिक गतिविधियों की एक श्रृंखला भी शामिल है: जिसमें एथलीटों की सुरक्षा, प्रदर्शन पर काम करना और एथलीटों को खेल के बाहर सहायता करना शामिल है।

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पैरालंपिक गेम्स

पैरालंम्पिक खेल पैरा एथलीटों के लिए एक मंच प्रदान करता है जिनके रोमांचक और शानदार प्रदर्शन को देखने के लिए स्टेडियम में लाखों दर्शक और टीवी पर अरबों दर्शक जुट जाते हैं।

शीतकालीन ओलंपिक खेल –

शीतकालीन ओलंपिक (Winter olympic) खेलों की बात करें तो इन खेलों का आयोजन शर्दियों में किया जाता है। इसके अलावा शीतकालीन ओलंपिक खेलों का आयोजन सबसे पहले ‘अंतराष्ट्रीय ओलंपिक समिति’ के द्वारा 1924 पेरिस (फ्रांस) में ग्रीष्मकालीन ओलंपिक खेलों के साथ किया गया था। इसके बाद लगातार 1992 तक शीतकालीन (Winter) ओलंपिक का आयोजन ग्रीष्मकालीन (Summer) ओलंपिक के साथ ही होता रहा, लेकिन 1992 में ही ‘अंतराष्ट्रीय ओलंपिक समिति’ (IOC) को लगा कि एक साथ इन दोनों प्रारूपों (Formats) का आयोजन कराना बहुत मुश्किल हो रहा है Olympic khel kya hai क्योंकि इन दोनों के आयोजन-स्थल अलग-अलग होते है।

इसी कारण 1992 के 2 साल बाद 1994 में शीतकालीन ओलंपिक (विंटर ओलंपिक) का आयोजन ग्रीष्मकालीन ओलंपिक (समर ओलंपिक) से अलग होने लग गया।

जिसमे 1994 लिलीहामर (LILLEHAMMER) में शीतकालीन ओलंपिक अलग आयोजित कराये गए। इसके बाद 1998 में शीतकालीन ओलंपिक का आयोजन नागानो (NAGANO) और फिर 2002 को साल्ट लेक सिटी (SALT LAKE CITY) में किया गया था।

सभी शीतकालीन ओलंपिक खेलों की सूची
क्र. सं. वर्ष आयोजन स्थल देश
1 1924 शैमोनिक्स फ्रांस
2 1928 सेंट मोरिट्ज स्विट्ज़रलैंड
3 1932 लेक प्लेसिड यूनाइटेड स्टेट्स
4 1936 गार्मिस्क-पार्टेनकिचेन ज़र्मनी
5 1948 सेंट मोरिट्ज स्विट्ज़रलैंड
6 1952 ओस्लो नॉर्वे
7 1956 कोर्टिना डी’ अम्पेजो इटली
8 1960 स्कोव वैली यूनाइटेड स्टेट्स
9 1964 इन्न्सब्रुक्क ऑस्ट्रिया
10 1968 ग्रेनोबल फ्रांस
11 1972 साप्पोरो जापान
12 1976 इन्न्सब्रुक्क ऑस्ट्रिया
13 1980 लेक प्लेसिड यूनाइटेड स्टेट्स
14 1984 सारायेवो बोसनिया एंड हर्जेगोविना
15 1988 गेलगरी कनाडा
16 1992 अल्बर्टविले फ्रांस
17 1994 लिलीहामर नोर्वे
18 1998 नागानो जापान
19 2002 साल्ट लेक सिटी उताह
20 2006 तुरीन इटली
21 2010 वैंकवर कनाडा
22 2014 सोची रूस
23 2018 प्योंगचांग दक्षिण कोरिया

 

ओलंपिक खेलों में भारत का इतिहास

भारत ने वर्ष 1900 के पेरिस ओलम्पिक प्रतियोगिता में भाग लिया था, तब नॉर्मन पिट्चर्ड ने भारत की तरफ से दौड़ प्रतियोगिता में भाग लिया था और 2 रजत पदक जीते थे। India Olympic Medal लिस्ट वर्ष 1928 के अम्सडर्मन ओलम्पिक में भारत ने हॉकी खेल में अपना पहला स्वर्ण पदक जीता था। 1932, 1936 , 1948, 1952, 1956, 1964 और 1980 के ओलंपिक में भारत ने हॉकी के खेल में स्वर्ण पदक जीते। Olympic khel kya hai 1960 के रोम ओलम्पिक में भारत ने रजत पदक हॉकी में अपने नाम किया था और 1968, 1972 के ओलंपिक में कांस्य पदक भारत ने जीते थे। भारत ने हॉकी में अब तक 8 स्वर्ण, 1 रजत और 2 कांस्य पदक जीते है।

  • व्यक्तिगत स्पर्धा में पहला पदक 1952 के हेलसिंकी ओलंपिक में जीत था। केडी जाधव ने कुश्ती प्रतियोगिता में कांस्य पदक जीता था।
  • 1996 के अटलांटा ओलंपिक में लिएंडर पेस ने टेनिस में कांस्य पदक जीता था।
  • वर्ष 2000 के सिडनी ओलंपिक में कर्णम मल्लेश्वरी ने भारोत्तोलन में कांस्य जीता था।
  • 2004 के एन्थेन्स ओलंपिक में भारत की और से एकमात्र रजत पदक शूटिंग में राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने जीता था।
  • 2008 का बीजिंग ओलंपिक भारत के लिए बहुत खास रहा है क्योंकि इस ओलंपिक में भारत को पहला व्यक्तिगत स्वर्ण पदक मिला था। अभिनव बिंद्रा ने शूटिंग में स्वर्ण पदक अपने नाम किया था।

2012 के लन्दन ओलंपिक में भारत ने 2 रजत और 4 कांस्य पदक अपने नाम किये थे। विजय कुमार ने शूटिंग में और सुशील कुमार ने कुश्ती में रजत पदक जीता था। योगेश्वर दत्त ने कुश्ती में और गगन नारंग ने शूटिंग में कांस्य पदक जीतकर भारत का नाम रोशन किया था। Olympic khel kya hai मेरीकॉम ने बॉक्सिंग और साइना नेहवाल ने बैडमिंटन में कांस्य पदक जीता था।

2016 के रियो ओलंपिक में भारत का प्रदर्शन निराशाजनक रहा और भारत ने केवल 2 पदक जीते। बैडमिंटन में पीवी सिंधू ने रजत पदक जीता और साक्षी मलिक ने कुश्ती में कांस्य पदक जीतकर भारत को पदक तालिका में स्थान दिलाया।

ग्रीष्मकालीन ओलंपिक खेल –

ग्रीष्मकालीन ओलंपिक (Summer olympic) खेलों की बात करें तो इन खेलों का आयोजन गर्मियों में किया जाता है। इसके अलावा सबसे पहले आधुनिक ओलंपिक प्रारूप के तौर पर इन्ही खेलों शुरुआत हुई थी। इनकी शुरुआत 1896 एथेंस, यूनान (ग्रीस) में की गई थी जोकि आज तक 4 बर्ष के अंतराल के तौर पर ‘अंतराष्ट्रीय ओलंपिक समिति’ के द्वारा दुनिया भर में आयोजित किये जाते है।

सभी ग्रीष्मकालीन ओलंपिक आयोजनों की सूची –
क्र. सं. वर्ष आयोजन स्थल देश
1 1896 एथेंस यूनान (ग्रीस)
2 1900 पेरिस फ्रांस
3 1904 सेंट लुइस यूनाइटेड स्टेट्स
4 1908 लंदन ग्रेट ब्रिटेन
5 1912 स्टॉकहोम स्वीडन
6 1920 एंटवर्प बेल्जियम
7 1924 पेरिस फ्रांस
8 1928 एम्सटर्डम नीदरलैंड्स
9 1932 लॉस एंजेल्स यूनाइटेड स्टेट्स
10 1936 बर्लिन ज़र्मनी
11 1948 लंदन ग्रेट ब्रिटेन
12 1952 हेल्सिंकी फिनलैंड
13 1956 मेलबोर्न ऑस्ट्रेलिया
14 1960 रोम इटली
15 1964 टोक्यो जापान
16 1968 मैक्सिको सिटी मैक्सिको
17 1972 म्युनिक ज़र्मनी
18 1976 मोनट्रियल कनाडा
19 1980 मास्को रूस
20 1984 लोस एंजेल्स यूनाइटेड स्टेट्स
21 1988 सियोल दक्षिण कोरिया
22 1992 बार्सिलोना स्पेन
23 1996 अटलांटा जोर्जिया
24 2000 सिडनी ऑस्ट्रेलिया
25 2004 एथेंस ग्रीस
26 2008 बीजिंग चाइना
27 2012 लंदन ग्रेट ब्रिटेन
28 2016 रियो डी जेनेरियो ब्राज़ील
29 2021 टोक्यो जापान (आगामी प्रतियोगिता)
30 2024 पेरिस फ्रांस (आगामी प्रतियोगिता )

ओलम्पिक खेल के बारे में हमने पूरी जानकारी आपको उम्मीद है आपको आसानी से समझ आ चूका होगा और आपको यह लेख पसंद आया है तो आप कमेंट बॉक्स में जरूर बताये और ऐसे आपको और नयी जानकारी आपको चाहिए तो आप हमें कमेंट बॉक्स में बता सकते है और आपको on order पर आर्टिकल ,कंटेंट बनवाना है तो आप हमें दिए हुए नंबर पर हमें कॉन्टेक्ट कर सकते है

धन्यवाद


Q. ओलंपिक शब्द का क्या अर्थ है?
ओलंपिक” यूनान के एक पर्वत का नाम है।

Q. कौन से ओलम्पिक प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक पूरी तरह से सोने से बना हुआ था?
सन 1912.

Q. पहली बार ओलम्पिक ध्वज किस वर्ष और कौन से ओलम्पिक में फहराया गया?
सन 1920 में एंटवर्प ओलम्पिक में।

Q. भारत ने सबसे ज़्यादा मेडल ओलिंपिक मे किस खेल मे जीते है?

भारत की ओर से Olympic में सबसे ज्यादा मैडल हॉकी में जीता गया है।

Q. द्वितीय विश्व युद्ध की वजह से कौन-कौन से सन में ओलिंपिक का आयोजन नही हुआ?

 सन 1916, 1940, और 1944 में द्वितीय विश्व युद्ध की वजह से ओलंपिक गेम का आयोजन नही किया गया।

 Q. सन 2012 का ओलिंपिक किस देश में आयोजित किया गया?

लन्दन।

Q. ओलंपिक खेल का शुभारंभ कब और किस देश मे हुआ था?

सबसे पहले आधुनिक ओलंपिक की शुरुआत सन 1896 में यूनान की राजधानी एथेंस में हुई थी।

 

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WiFi Kya Hai दोस्तों आज हम आपके लिए लेकर आये है दिलचस्प आर्टिकल जिससे पढ़ने में आपको काफी अच्छा लगेगा काफी लोग यह जानने की कोशिश करते है की दूसरे के wifi का पासवर्ड पता लगाने की काफी कोशिश करते है पर मालूम नहीं कर पाते इसलिए दोस्तो आज हम आपके लिए इस वेबसाइट के माध्यम से लेकर आये है WiFi Kya Hai,WiFi Password Kaise Pata Kare करे और साथ ही दोस्तों काफी लोग को WiFi Kya Hai यह ही नहीं मालूम होता है तो , निराश न होए इसलिए आज हम आपको इस आर्टिकल में wifi से जुडी पूरी जानकरी आपको देंगे तो चलिए दोस्तों शुरू करते है।






WiFi Kya Hai

यह इंटरनेट के इस्तेमाल के लिए प्रयोग में लाये जाने वाला, वायरलेस नेटवर्किंग टेक्नोलॉजी ((Networking) Technology) है। यह रेडिओ सिगनल का प्रयोग करता है। जिसकी मदद से आप काफी आसानी से अपने लैपटॉप (Laptop), कंप्यूटर, मोबाइल आदि में इंटरनेट का उपयोग कर सकते है।

WiFi टेक्नोलॉजी LAN (Local Aria Network) के अंतर्गत आती है। सभी कंप्यूटर, लैपटॉप, मोबाइल में एक चिप लगी होती है। जिसकी सहायता से WiFi को कनेक्ट कर सकते है जिसे वायरलेस Router भी कहते है। आजकल बहुत सी कम्पनी अपने अपने स्तर पर WiFi डिवाइस बना रहे है। जिनकी सहायता से भी WiFi चलाया जा सकता है। जैसे jio WiFi , Airtel, Vi और भी बहुत

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WiFi का फूल फॉर्म “Wireless Fidelity” होता है। इन्हे के पहले दो अक्षरों को मिलाकर WiFi शब्द बना है जो इसका सॉर्टफॉर्म है। यह एक बहुत ही लोकप्रिय वायरलेस नेटवर्क तकनीक है। जो वायरलेस तकनीक से रेडियो तरंगो का प्रयोग कर इंटरनेट का काफी अच्छे से उपयोग कर रहे है।

WiFi के पासवर्ड कैसे देखें

जैसे Security High Level की होती जा रही है वैसे ही Technicians भी  मशहूर होते चले जा रहे है।  Internet के इस समय के दौर में Wifi का इस्तेमाल काफी जगहों पर होता है। तो अब हम आपको दो तरीके बतायेगे जिससे आप आसानी से समझ जायेगे  Wifi नेटवर्क से Connect हो पायेंगे.

पहला स्टेप है बिना रूट और दूसरा स्टेप है रूट स्टेप दोस्तों पहला जो स्टेप है उसमे आप Phone में Wifi से Connect हो पायेंगे लेकिन उसके लिए कुछ Conditions है जो की हम आपको बताने वाले है अगर आपके पास Rooted Mobile है तो उसके लिए आपको काफी सारे तरीके मिल जायेंगे पर आज आपको सबसे सरल तरीका बता रहे है।

WiFi का इतिहास

Wi-Fi का अविष्कार अमेरिका के निकोला टेस्ला ने किया था। 1985 को united state FCC ने जब यह बताया की वायरलेस frequency – 200MHZ 2.4 GHZ और 5.8 GHZ को बिना लाइसेंस कर सकते है। तभी से WiFi की शुरुआत मानी जाती है।

1998 में NCR Corporation को एक Wireless Case RAGISTER की जरूरत  पढ़ी। Victory Hayes और Brush Tech की मदद से (institute of electrical and electronics engineers) IEEE में एक STANDERD तैयार किया। उस समय 802.11a standard में डाटा ट्रांसफर की स्पीड 2Mbps थी।

जिसके बाद 802.11b अधिक रेंज के साथ आया और 6 कम्पनियो ने आपस में मिलकर WECA का गठन किया और वर्ष 2002 में WiFi शब्द की उत्त्पति हुई। जिसे Wireless और HiFi सब्द से मिलकर बनाया गया।

Connect WiFi का  पासवर्ड  कैसे  पता  करे

यदि आपके Computer या Laptop में WiFi Connected है. और WiFi Connect होने के बावजूद आप अपने WiFi का Password भूल चुके है तो इस Trick के जरिये आप अपने WiFi का Password पता कर सकते है.

मान ले की आप अपने Computer या Laptop में काफी दिनों से WiFi Use कर रहे है और आप अपना WiFi Password भी भूल चुके है क्योकि अकसर यह होता है कि जब WiFi, PC या Laptop से Connected है तो WiFi Password याद रखने की क्या जरूरत? ऐसे में मान ले की आपका कोई Friend या Relative कुछ समय के लिए आपसे आपके WiFi का Password मांग ले तो ऐसे में आप क्या कर सकते हैं | WiFi Kya Hai

यदि आपके PC या Laptop में WiFi Connected है तो इस सरल तरीके से आप अपना WiFi Password  मालूम कर पाएंगे।  इसके लिए आप निम्न दी गई Steps को Follow करिए –

  • सबसे पहले आप Network icon कर Click करिए।
  • इसके बाद जो WiFi आपके PC से Connected होगा उस WiFi के नाम के आगे Connected दिखाई देगा।  इस पर Right Click करें।
  • Right Click करने के बाद properties पर Click करें।

Network and Sharing Center, How to know Wifi Password

Network and Sharing Center

इसके बाद आप Show Characters पर क्लिक करके पासवर्ड को देख सकते है.

इस प्रकार आप अपने PC या Laptop में Connect WiFi का Password देख सकते है.

Wifi का  पासवर्ड  कैसे  पता  करे

आप अपने Phone से Free Wifi Connect कर सकते है लेकिन उसके लिए कुछ चीजे हैं जो आपको निम्न दिए है-

आपका मोबाइल उस Wifi Network से Connected होना चाहिए पासवर्ड आप जानना चाहते हैं या किसी और के मोबाइल में वो Wifi कनेक्ट है तो आप पासवर्ड जानने के लिए उस व्यक्ति से मांग सकते हैं Owner के Wifi के Router के वेब पेज में Administrator Password नहीं होना चाहिए

अगर Administrator Password है तो Username – admin और Password भी admin डालने से नहीं खुलेगा तो Owner ने अपना Username और Password बदल दिया होगा और आप उसे नहीं खोल पायेंगे.| WiFi Kya Hai

यहाँ आपको दो Router के लिए दो स्टेप बाए जायेगे जिसे आपको ध्यान से समझना है तभी आप आसानी से समझ पाएंगे बिना पासवर्ड से कंनेक्ट कर सकते है

D-Link Router का पासवर्ड कैसे पता करें

D-Link Router के वेब पेज में जाने के लिए भी आपको वही करना है. Chrome Browser में जाकर यही टाइप करना है http://192.168.0.1 और ओके पर क्लिक कर देना है इससे Log in पेज खुल जायेगा जिसमे आपसे Username और Password माँगा जायेगा

सबसे पहले आपको Username – admin और Password – admin डाल कर देखना है. अगर नहीं खुलता है तो पासवर्ड की जगह को खाली छोड़ कर Log in पर क्लिक कर देना है. खुल जाता है तो ठीक है वरना ,Owner ने अपना पासवर्ड बदल दिया है और आप इसमें Log in नहीं कर पायेंगे.

अगर Log in होता है तो आपको काफी सारे आप्शन वहाँ पर दिख जायेंगे, आपको कहीं भी छेड़खानी नहीं करनी, ऊपर आपको दिख जाएगा Wireless उस पर क्लिक करना है और Wireless में भी आपको बहुत सारे आप्शन दिख जायेंगे. बस आपको निचे स्क्रॉल करना है.

आपको दिख जायेगा Security options और उसके निचे आपको मिलेगा Pre-Shared Key इसमें जो लिखा होगा वही WiFi का पासवर्ड होगा.| WiFi Kya Hai

अगर बताया गया URL काम नहीं करता है तो आप Settings > Wifi में जा कर जिस Wifi से कनेक्ट हुए हैं उस पर क्लिक कीजिये वहां पर आप्शन दिया होगा Go to webpage उस पर क्लिक करने से भी आप Log in पेज में आ जायेंग

Tenda Router WiFi का पासवर्ड कैसे पता करें

Tenda Router के वेब पेज में जाने के लिए उस मोबाइल से जिसमे वो Wifi Network Connected है आपको Chrome Browser में जाना है और URL में http://192.168.0.1 लिख कर ओके कर देना है. इससे Tenda Router का वेब पेज खुल जायेगा. अगर नहीं खुल रहा है तो URL के लास्ट में 1 की जगह 2 डाल दीजिये फिर जरुर खुल जायेगा.

अब आप ऊपर Right साइड में थ्री लाइन दिखेगा उस पर क्लिक करना है और Wireless settings पर जाना है..

Wireless Settings में क्लिक करते ही एक नया पेज खुलेगा जिसमे ऊपर की तरफ आपको Username दिख जायेगा और निचे स्क्रॉल करने पर Wifi Password लिखा हुआ रहेगा.| WiFi Kya Hai

उसे कॉपी कर के सेव कर लीजिये क्योकि उस पासवर्ड से आप कभी भी उस Wifi Network से Connect हो सकते हैं जब तक Owner पासवर्ड बदल नहीं देता

राउटर की स्पीड

किसी भी राउटर की स्पीड उस मॉडल में उपयोग किए गए हार्डवेयर पर भी निर्भर करती है। वैसे हर डिवाइस में स्पीड का जिक्र “High Speed Upto” सेक्शन में किया रहता है। जो राउटर स्लो होंगे उनकी कीमत भी कम होगी। अगर जरूरत सिर्फ इंटरनेट से जुड़ने की है तो आप सस्ता राउटर खरीदें। अगर लेपटॉप पर हाई डेफिनेशन वीडियो देखने या उसे अपने स्मार्ट टीवी पर स्ट्रीम करने का शौक है तो आपका 300 Mbps राउटर से काम चल जाएगा

Wi-Fi कैसे काम करता है 

WiFi टेक्नोलॉजी में एक ऐसी डिवाइज लगी होती है। जो वायरलेस सिंगनल को ट्रान्समेंट करती है जो की wi-fi router या hotspot होता है. इसमें वायरलेस router किसी इंटरनेट से जुड़कर सुचना को रेडियो तरगों में बदल देती है। और wifi डिवाइज वातावरण में मौजूद wifi संकेतो से कनेक्ट होकर अपने आस पास एक छोटा सा वायरलेस signal का एरिया बनता है। जिसे Wi-Fi जोन कहते है।

ये छोटा सा एरिया एक वायरलेस लोकल एरिया का रूप लेता है। इससे छोड़ी गई तरंगो के एरिया में जितने भी डिवाइस होते है जैसे phone, लैपटॉप जो इंटरनेट चला सके, वह सभी इसका सिग्नल पकड़ते है। डैस्कटॉप computer में In Built Wi -Fi एडाप्टर नहीं होता है। इसलिए हम इसे USb कोड के माध्य्म से एडाप्टर लगाकर WI -Fi का उपयोग कर सकते है।अगर आप कभी एरपोड, रेल्वे स्टेशन या शॉपिग मॉल, सुपर मार्केट जाते हो तो आपने देखा होंगे वह WiFi (WiFi) का जोन होता है जिसका स्तमाल आप इंटरनेट चलाने के लिए आसानी से कर सकते है। ऐसे ही कई शहरो में सरकार ने wifi जोन बना रखा जहा भी आप wifi से जुड़कर इंटरनेट का उपयोग करते है।

WiFi से निकलने वाली रेडियो तरंगे दिवार के आर पार हो जाती है इसे आप कनक्टेड राऊटर से चला सकते है एक घर के लिए WiFi Router पर्याप्त होता है। आप WiFi Router के जितने नजदीक होते है उतनी अच्छी इंटरनेट स्पीड मिलती है। लेकिन जैसे जैसे दूर होते जाते है स्पीड भी कम होते जाती है। WiFi Kya Hai

स्मार्टफोन में Wi-Fi सेवा के साथ Hotspot का option भी आता है। आप न केवल दूसरे Wi-Fi नेटवर्क का इस्तमाल कर सकते है। बल्कि अपने मोबाइल phone को router की तरह इस्तमाल करके होटस्पोट से कई अन्य डिवाइज को इंटरनेट कनेक्शन प्रदान कर सकते है। अचानक से आपके मोबाईल का डेटा खत्म हो जाये तो आप आप Wi-Fi का इस्तमाल कर सकते है किसी भी मित्र के मोबाईल का होटस्पोट On करके Wi-Fi का उपयोग किया जा सकता है।

Wi-Fi के फायदे 

  • WIFI टेक्नोलॉजी यूज़र फ्रैंडली है जिससे आसानी से स्मार्टफोन टेबलेट या लैपटॉप को कनेक्ट किया जा सकता है।
  • इसका इस्तेमाल करना काफी आसान है। बस आपको wi-fi को on करना है। अगर कोई पासवर्ड है तो उसे डालकर WiFi से कनेक्ट करके इंटरनेट का इस्तेमाल किया जा सकता है।
  • पहले हर जगह WiFi मिलना कठिन है ,लेकिन आज के समय में ये हर जगह उपलब्ध होता है। Wi-Fi के सहायता से चलते फिरते कही से भी आप इंटरनेट का एक्सेस कर सकते है। जैसे बस ,ट्रेन, शॉपिंग मॉल, सुपरमार्केट इन जगहों पर Wi -Fi नेटवर्क होना जरूरी है।
  • एक ही Wi-Fi डिवाइज के साथ आप काफी सारे दूसरे मोबाइल डिवाइज को कनेक्ट कर सकते है। ये कनेक्शन काफी जल्दी हो जाता है।
  • cellular network की तुलना में Wi-Fi router की sped काफी ज्यादा होते है। आप एक 1Mbps से 100 Mbps तक का लाभ उठा सकते है।
  • Wi-Fi से इंटरनेट एक्सेस करने पर डेटा ट्रांसफर की गति तेज हो जाती है। जिसमें ऑडियो, वीडियो को आसानी से भेज और रिसीव कर सकते है।
  • मोबाईल डाटा की एक सीमा होती है। लेकिन ब्रेबेंड कनेक्शन से ली गई Wi-Fi नेटवर्क में आपको हर रोज लगभग 50mb से ज्यादा डेटा मिलता है। आप जितना चाहे इंटरनेट का उपयोग कर सकते है। यह आपके लिए गए प्लान पर भी निर्भर करता है। )
  • Wi-Fi की सबसे महत्वपूर्ण बात है की आप अपनी Wi-Fi router दुनिया के किसी भी देश में चला सकते है। आप Wi-Fi router का इस्तमाल कही भी कर सकते है।
  • आप अपने मोबाइल को WiFi Router की तरह यूज़ करके किसी दूसरे को WiFi दे भी सकते है। जिसे Hotspot कहते है।

Wi-Fi के क्या-क्या नुकसान है

Wi-Fi के अंदर से निकलने वाली जो रेडियशन है वह हमारे शरीर को नुकसान पहुँचती है। Wi-Fi आपके हेल्थ के लिए काफी खतरनाक साबित हो सकता है। Wi-Fi से निकलने वाली किरणे जैसे इलेक्ट्रोमैग्नेटिक खतरनाक होती है। यह आपके शरीर में कई बीमारी को उत्पन्न कर सकती है। इसका सबसे ज्यादा खतरा कैंसर होने का होता है। Wi-Fi से निकलने वाली किरणे इंसान के शरीर में अंदर तक असर करती है। जिस तरह माइक्रोवेव से निकलने वाली इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडियंस खाने को अंदर तक पका देते है। कुछ उसी तरह की इलेक्ट्रोमैग्नेटिक Wi-Fi राउटर से निकलती है। लम्बे समय तक इन तरंगो के संपर्क में रहना शरीर के लिए हानिकारक हो सकता है। इससे ब्रेन टयूमर, ब्रेन कैंसर, हार्ट अटैक जैसे बीमारियों का खतरा बना रहता है।

दोस्तों, आपको हमने आपको इस आर्टिकल में आपको अच्छे से समझाया उम्मीद है आपको अच्छे से समझ आ चूका है।  और हमने आपको इसे जुडी पूरी जानकारी आपको दी है आपको कोई डाउट है तो आप हमें कमेंट बॉक्स में पूछ सकते है और दोस्तों ऐसे ही पके लिए लेकर आएंगे  एक और जानकारी लेकर आएंगे।

 







 

Captcha code kya hai Or kaise bhar sakte hai 

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Captcha code kya hai

Captcha code kya hai नमस्कार दोस्तों स्वागत है आपका हमारी वेबसाइट jugadme.in पर ,आज हम आपके लिए महत्वपूर्ण जानकारी लेकर आये है।  की कॅप्टचा कोड क्या है और इसको कैसे फील कर सकते है।  इससे जुडी जानकारी आपको देने वाले है।  और यह कॅप्टचा कोड डिजिटल दुनिया में काफी लोग परेशान है। इसलिए क्योकि अकसर लोग ऑनलाइन फॉर्म फील करते है तो उनसे कॅप्टचा को कॉपी करने को कहा जाता है।





 

Captcha code kya hai  Or kaise bhar sakte hai 

Captcha code kya hai यदि आप इन्टरनेट पर सर्फिंग करते हैं तो आप Captcha Code के बारे में जरुर जाना होगा। अगर आपको नहीं मालूम तो फिर यह आर्टिकल केवल आपके लिए है। क्योंकि आज हम आपको बताने वाले हैं कि Captcha Code क्या है Captcha code kya hai क्योंकि कभी न कभी आपको कॅप्टचा भरने  की जरुरत पड़ जाती है। आपको आमतौर पर ये किसी ऐसी वेबसाइट पर मिलता हैं जहाँ आप अपना कोई नया अकाउंट बनातें हैं।ऐसी साईट पर कोई भी न्यू अकाउंट बनाने की प्रक्रिया में आपको इसे भी सॉल्व करना पड़ता है।   परन्तु इस कॅप्टचा को फील करने के लिए काफी कठिनाई आती है।  और इसके बारे में हम विस्तार से जानेगे।  तो बिना वक़्त गुजारे शुरू करते है।Captcha code kya hai

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Captcha code kya hai 

Captcha का पूरा नाम कंप्लीटेड आटोमेटेड पब्लिक टर्निंग टेस्ट टू टेल ह्यूमन अपार्ट है। यह एक टेस्ट की तरह होता है। जो आपको एक इमेज के तौर पे दिखाई देगी और आपको इसको वापस एक बॉक्स में enter करना होता है। Captcha code kya hai यदि आपने इमेज अनुसार कोड नहीं डाला तो आप वेबसाइट के फॉर्म को सबमिट नहीं कर सकते और आगे बढ़ भी नहीं सकते है। यह ज्यादातर वेबसाइट की सुरक्षा के लिए होता है। और आज सभी वेबसाइट पे आप Captcha कोड देख सकते हैं।Captcha code kya hai

सबसे खास बात इस कोड की यह है कि इसे सिर्फ मनुष्य ही पढ़ सकते हैं। और इस तरह computers या किसी साफ्टवेयर द्वारा अकाउंट नहीं बन सकता। यह एक तरह का verification test है। Captcha code kya hai जो यह चेक करता है की वेबसाइट यूज़ करने वाला मनुष्य है या मशीन। यह कोड में image,text और नंबर होता है। जो इस तरह से प्रोग्राम किया गया होता है। Captcha code kya hai की OCR भी इसे रीड न कर सके। इस कोड के द्वारा आप spam को काफी हद तक आप रोक सकते हैं। और अपनी वेबसाइट को सुरक्षा प्रदान कर सकते हैं।

Captcha Code का इतिहास –

इस सेवा का कांसेप्ट ज्यादा पुराना नहीं है और सन् 2000 में ही इसका आविष्कार गौसबेक लेवचिन वेस्ट ने किया था। उन्होंने वेबसाइट idrive.com के sign up पेज के लिए इसे सबसे पहले अप्लाई किया था पेज को सुरक्षित रखने के लिए। यह प्रयोग उनका सफल रहा जिसके बाद yahoo और इस जैसे बहुत से सर्च इंजन ने Captcha कोड का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया। 2001 में पेपल ने भी इसका प्रयोग किया ताकि users किसी भी तरह की धोखाधड़ी से बचा सके।

लुईस बोहन की टीम ने 2003 में ये बताया की सन् 1997 में Captcha कोड का अविष्कार दो टीमों द्वारा हुआ है। जिसमें पहले टीम में है। मार्क डी, लिली ब्रिज मार्टिन आबादी, जे. बार्डर और दूसरे टीम में इरान रे शेफ, गिल्ली रानन और एइलो सोल है।  Captcha code kya hai इन सभी का मुख्य goal तो वेबसाइट की सुरक्षा पुख़्ता बनाना था जो आज बहुत लाभदायक साबित हो रही है

Captcha Code के प्रकार –

आप ने बहुत से Captcha कोड देखे होंगे और समझ भी आ गया होगा की यह अलग अलग प्रकार के होते हैं और सभी की कुछ खास विशेषता है। आप पे निर्भर है आप किस तरह की सिक्योरिटी चाहते हैं और उसके अनुसार इसका प्रकार सेलेक्ट कर सकते हैं। तो जानते हैं कि इस के कितने प्रकार है.

  • Text Recognition based Captcha Code
  • Logic Questions based CC
  • User Interaction based CC
  • Image Recognition based CC
  • 3D Captcha Code
  • Text Recognition based Captcha Code

यह एक ऐसा प्रकार है जिसमे आपको text पहचान करके उसे वापस text box में लिखना होता है। लेकिन यह इतना आसान नहीं होता क्योंकि शब्द को इस तरह लिखते हैं की आपको समझ नहीं आएगा के वो क्या है। यदि ऐसा होता है तो आप “ReCaptcha” कर सकते हैं। Captcha code kya hai जहाँ वो text बदल जायेगा और एक नया आपके सामने आ जायेगा। यह एक स्टैंडर्रड प्रकार है जो चेक-इन के समय सुरक्षा प्रदान करता है और नेत्रहीन लोगो के लिए ऑडियो का भी विकल्प होता है।

Logic Questions based Captcha Code

इसमें आपको logical question आएंगे जोकि ज्यादातर maths पर आधारित होते हैं और आपको उन्हें सॉल्व करके answer को text box में लिखना होता है। इस तरह के प्रश्न रोबोट्स नहीं सॉल्व कर पाते और इसलिए इसे ज्यादातर वर्डप्रेस वेबसाइट में उपयोग होता है।

User Interaction based Captcha Code

इसमें यूजर को सिर्फ चेक बॉक्स को सेलेक्ट करना होता है। और यह एक इंटरेक्शन based एक्टिविटी है। इसलिए इसे सॉल्व करना थोडा सरल हो जाता है। और यूजर इससे irritate भी ज्यादा नहीं होते हैं।

Image Recognition based Captcha Code

इसमें आपको कुछ images दी जाती है। और उसमे से किसी एक इमेज को पहचानना होता है। आपको किस इमेज को सेलेक्ट करना है। वो instruction दिया जायेंगे और यह यूजर आसानी से सॉल्व कर सकता है।

3D Captcha Code

इन्हे सुपर Captcha भी कहा जाता है जिसमें text को 3D इफ़ेक्ट दी जाती है और यह कड़ी सुरक्षा वाली साइट पर इस्तेमाल होता है। इसे सॉल्व करना काफी कठिन होता है।

Captcha Code कैसे डाले या कैसे सॉल्व कर सकते है।

Captch कोड की एक इमेज साइट भी आती है। Captcha code kya hai जो समझने में थोड़ी कठिन होती है। लेकिन यदि आप ध्यान से देखे तो जान सकते हैं। इस इमेज में अल्फाबेट और नंबर होते हैं। जो आपको सही से टेस्टबोक्स में डालने होते हैं। यदि आप सही नहीं डालते तो आपको वापस एक नया कोड दिया जायेगा जिसे आपको रीड करके उसे डालना होगा। यदि कोई इमेज है। तो आपको उसे instruction अनुसार सेलेक्ट करनी होगी और फिर उसे सबमिट करना होगा।

इमेज Captcha में बहुत से इमेज होती है। जिनको आपको पहचान कर उस पर क्लिक करना होता है। को मनुष्य के लिए तो आसान है। लेकिन किसी मशीन के लिए नहीं। कोड डालना आसान है। लेकिन वो सही हो इसलिए आपको इमेज को सही से रीड करना होगा और exactly same डालना होगा ताकि वो सही हो और आप साइट पे आगे बढ़ सके।

Captcha Code कैसे काम करता है –

Captcha एक ऐसा टेस्ट है। जो देखने में काफी ही सरल लगता है। पर इसे किसी मशीन या रोबोट्स नहीं पढ़ सकते। यह कोड मनुष्य और मशीन में फर्क करता है। इसलिए यह इस तरह से बनता है। जो सिर्फ मनुष्य पढ़े और आसानी से काम कर सके। Captcha code kya hai इस में अल्फाबेट और नंबर का मिश्रण करके एक इमेज आती है। जो मनुष्य पढ़ सकते हैं। और उन्हें फिर textbox में लिखकर अपना काम कर सकते हैं। Captcha कोड कई प्रकार के होते हैं। और ये आप पर निर्भर है। आपको किस तरह की सुरक्षा चाहिए।

Captcha Code कैसे लिखे ?

आपको कोड को पहचानना है। और उसे सही से दिए गए टेस्टबॉक्स वापस लिखना भी है। यह देखने में एक आसान काम है। लेकिन बहुत मुश्किल होती है। जब आप किसी शब्द को पहचान नहीं पाते और सही से ना डाले पर आप आगे नहीं बढ़ सकते। Captcha कोड जैसे आपको इमेज में दिखता है। बस उसी प्रकार लिखना होता है।

इसे बनाने में बड़े और छोटे दोनों अल्फाबेट का इस्तेमाल होता है। और कई बार इसकी वजह से आपका कोड गलत हो जाते हैं। कोड लिखने में तो आसान लगता है। पर कई बार गलत लिखने से आपने जप भी इनफार्मेशन साइट पे लिखी होती है। Captcha code kya hai वो भी गलत कोड की वजह से चली जाती है। और यह प्रोसेस आपको वापस करना होता है। इसलिए इसे लिखते समय थोड़ी सी सावधानी रखिये और ध्यान देखिये ताकि आप समझ  सके उसमे क्या लिखा है

Captcha Code के फायदे

कई बार आप इसे सॉल्व करते करते काफी ज्यादा परेशान हो जाते हैं। लेकिन इस के फायदे भी और जानते है की इसके फायदे क्या – क्या है

टेक्नोलॉजी हमेशा  लाभदायक नहीं होती क्योंकि उसके साथ बहुत से सिक्योरिटी issues भी आते हैं। जिस में से एक है। वेबसाइट सिक्योरिटी जिसके लिए इस का उपयोग करके उसे सुरक्षित किया जा सकता है।

इस प्रकार के कोड को सिर्फ एक इंसान ही solve कर सकते हैं ना कि कोई कंप्यूटर या रोबॉट्स। ये अल्फाबेट और नंबर को मिक्स करके बनते हैं। जो रोबोट्स नहीं पढ़ सकते।

जो लोग ब्लॉग्गिंग का शोक रखते हैं। वो कमेंट बॉक्स में भी इसका इस्तेमाल करते हैं। जिससे स्पैम कमेंट नहीं हो पाए और सिर्फ genuine रीडर्स ही कमेंट कर सके।

ये वेबसाइट के लिए बहुत ज़रुरी है। क्योंकि ये मशीन को अकाउंट नहीं बनाने देता और साथ ही इसके द्वारा BoT से भी बच सकते हैं। सही कोड डालने पर ही वेबसाइट पर अकाउंट बना सकते हैं। और इसलिए इसके उपयोग  से सिर्फ इंसान ही साइट को यूज़ कर पाएंगे।

आज कल ऐसी बहुत सी वेबसाइट है। जिस पर ट्रैफिक इकट्ठा करने के लिए कंप्यूटर या किसी साफ्टवेयर द्वारा फेक आईडी बनायीं जाती है। यदि आप इसे रोकना चाहते हैं। तो आईडी बनाते समय Captcha कोड इस्तेमाल कर सकते हैं। ताकि सिर्फ इंसान ही ये कर सके नहीं कोई मशीन।

Captcha Code के नुकसान

इस के फायदे आप जान ही चुकें हैं, लेकिन हर एक वस्तु के दो पहलू जरुर होते हैं। तो फिर इससे कैसे बच सकते है। तो फिर आइये जानते हैं की इसके कुछ नुकसान के बारे में, या यूँ कहे इसे कोड सॉल्व करने में आने वाली परेशानी के बारे में। Captcha code kya hai और यह कोड को इस तरह generate किया जाता है। ताकि रोबोट्स इन्हें ना पढ़ पाए पर कितनी बार इंसान भी इसे नहीं समझ पाते। इसमें अल्फाबेट और नंबर तो होते हैं। पर वो इस प्रकार से होते हे की आपको समाज में नहीं आये की वो small अल्फाबेट्स है। या बिग।

सिक्योरिटी की वजह से कोड होते हैं। लेकिन बहुत सी बार id बनाने में बहुत समय लगता है। और कोई बार लोग परेशान भी हो जाते हैं।

आज कल टाइम का बहुत अभाव रहता है। जिसके कारण ऐसे बहुत से लोग है। जो कोड की वजह से वेबसाइट सिर्फ विजिट करके चले जाते हैं। लेकिन उस पर अपना अकाउंट नहीं बनाते। इससे वेबसाइट की सिक्योरिटी तो रहती है। पर ट्रैफिक पर नेगेटिव असर होता है।

कैप्चा सुरक्षा क्या है?

कैप्चा कोड सिर्फ और सिर्फ हमारी वेबसाइट कि सिक्योरिटी के लिए बनाया गया है। कैप्चा कोड हमारी वेबसाइट को हैकर और Spammer से वेबसाइट को सुरक्षित करता है। कैप्चा कोड की सबसे बड़ी खास बात यह है कि इसको केवल मनुष्य ही सॉल्व कर सकता है। आप कैप्चा कोड का इस्तेमाल करके अपनी वेबसाइट को हैकिंग और स्पैमिंग से बचा सकते हैं।

कैप्चा कोड कैसे सॉल्व करे?

कैप्चा कोड को सॉल्व करते समय आपको ध्यान देना है कि कैप्चा में कौन-कौन से words लिखे हैं। अगर CAPTCHA में कोई शब्द कैपिटल लेटर में है तो उसे आप कैपिटल लेटर में ही लिखें। अगर उसमें कोई शब्द स्माल लेटर में है तो आप उस शब्द को स्माल लेटर पर ही लिखें।

अगर कैप्चा कोड ऑडियो फॉर्मेट में है तो आपको ऑडियो को सही से सुनना है। और उसमें जो भी शब्द बोले जाय आपको केवल उन्हीं शब्दों का इस्तेमाल करना है। अगर कैप्चा कोड इमेज में है। तो आपको जो इमेज सिलेक्ट करने के लिए बोला जाए आप केवल उसी इमेज को सिलेक्ट करना है।

उम्मीद है की अब आपको कैप्चा और Captcha Code के बारे में पूरी जानकारी मिल चुकी होगी, और अब आप जान गये होगे की की आख़िर Captcha Code क्या है? इसका इस्तेमाल क्या है? क्यू ज़रूरी है? फ़ायदे? उपयोग? किसने बनाया? Captcha Code कैसे भरे? & All About Captcha Meaning In Hindi?

सधन्यवाद





 

 

 

स्वचालन  (Automation) Kya Hai

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Automation Kya Hai

स्वचालन  (Automation) Kya Hai

नमस्कार दोस्तों स्वागत है आपका हमारी वेबसाइट में आज आपको बताने वाली हूँ की Automation Kya Hai इससे जुडी सभी जानकारी आपको देने वाले है। और  automation की लाभ और हानि सभी चीजे आपको बातएंगे। और दोस्तों ऑटोमेशन का मतलब यह है की स्वचालन है और दोस्तों इसकी पूरी जानकारी आपको निचे आपको बता रहे है। तो बिना वक़्त गुजरे शुरू करते है। 





Automation Kya Hai? 

उत्पादन की वह कला है।  Automation Kya Hai जिसके अंतर्गत मैकेनिकल, इलेक्ट्रॉनिक, और कंप्यूटर पर आधारित उपक्रमों का प्रयोग करके किसी संस्थान में उत्पाद को आसानी से नियमित और नियंत्रित किया जाता है। उसे स्वचालन (Automation) कहते हैं।  स्वचालन या ऑटोमेशन, तकनीकी का एक सेट होता है।

Automation शब्द की उत्पत्ति ग्रीक भाषा के Auto और mattas नामक शब्द से हुआ है Automation Kya Hai , Auto का अर्थ है स्वयं और mattas का अर्थ है घूमना। ऑटोमेशन के अंतर्गत हम मशीनों पर जो भी क्रियाएं करते हैं वह बिना मानवीय हस्तक्षेप के संपन्न हो जाता है। अतः हम कह सकते हैं कि ऑटोमेशन एक ऐसी यन्त्रावली है जो खुद संचालित होती है।

स्वचालन के प्रकार-

  1. नियत स्वचालन
  2. योजना योग्य स्वचालन
  3. नम्य स्वचालन
  4. नियत स्वचालन

जब इलेक्ट्रॉनिक विन्यास के आधार पर हम कार्यखंड पर होने वाली ऑपरेशन को फिक्स करते हैं तो इस प्रकार के मशीन को फिक्स्ड ऑटोमेशन (Fixed Automation) कहते है।

कार्यखंड की संरचना के आधार पर उस पर होने वाली विभिन्न ऑपरेशन का क्रम निर्धारित रहता है कार्यखंड पर होने वाले ऑपरेशन तो साधारण होते हैं परंतु जब ऑटोमेशन की प्रक्रिया अपनाई जाती है तो एक ही समय पर संपूर्ण कार्यखण्ड का संचालन किया जाता है तो यह उपक्रम जटिल हो जाता है। इसलिए इसे हार्ड ऑटोमेशन भी कहते हैं।

फिक्स्ड ऑटोमेशन (Fixed Automation) के लक्षण है –

  • इस ऑटोमेशन प्रक्रिया में प्रारंभिक लागत बहुत अधिक होती है।
  • इस मशीन का उपयोग करने पर उत्पादन दर अधिक होता है। जिसके कारण लागत थोड़ी कम आती है।
  • जब किसी  नए- नए उत्पाद को बनाया जाता है और पुराने उत्पाद को बदलकर कुछ नए उत्पाद बनाया जाता है तो मशीन का उपयोग लगभग बंद हो जाता है।

योजना योग्य स्वचालन (Programmable Automation) -:

जब किसी मशीन में क्रम के अनुसार प्रोग्राम बना करके उसे निर्देशित किया जाता है तो इस प्रक्रिया को योजना योग्य स्वचालन (Programmable Automation) कहते हैं। इस ऑटोमेशन प्रक्रिया में जब किसी नए उत्पाद को बनाया जाता है तो उस स्थिति में प्रक्रम के क्रम के साथ-साथ टूल को भी बदला जा सकता है। Fixed Automation की तरह बन्द होने का सवाल ही इस स्वचालन पर नही उठता है। Automation Kya Hai इस ऑटोमेशन में नए-नए उत्पाद के प्रोग्राम को बनाकर सेट किया जाता है। इसमें उत्पादन दर फिक्सड ऑटोमेशन से कम परंतु मैनुअल ऑटोमेशन से अधिक होता है।

नम्य स्वचालन (Flexible Automation) -:

यह ऑटोमेशन प्रक्रिया Fixed Automation का एक अपडेटेड रूप है। फ्लैक्सिबल ऑटोमेशन में एक से अधिक और नए ऑपरेशन कर्म बनाकर किए जा सकते हैं। इसमें बार-बार औजारों और फिक्सचरो को बदलने की भी आवश्यकता नहीं होती है। Automation Kya Hai इस प्रकार, ऐसा ऑटोमेशन प्रक्रिया जिसमें बार-बार औजारों और फिक्सचरों को बदलने तथा मशीन की नई व्यवस्था करने की आवश्यकता नहीं होती है, उसे नम्य स्वचालन (Flexible Automation) कहते हैं।

फ्लेक्सिबल ऑटोमेशन के (Flexible Automation) के लक्षण -:

  • इस Automation की भी प्रारंभिक लागत अधिक होती है।
  • इसकी उत्पादन दर, Flexible Automation से कम और Programmable Automation से अधिक होती है।
  • इस ऑटोमेशन से लगातार उत्पादन नहीं किया जा सकता है।
  • प्रोग्रामेबल ऑटोमेशन (Programmable Automation) के लक्षण -:
  • इस स्वचालन की प्रारंभिक लागत अधिक होती है।
  • इस स्वचालन के द्वारा एक से अधिक प्रकार के उत्पाद बनाए जा सकते हैं।
  • यह ऑटोमेशन प्रक्रिया बैच उत्पाद बनाने के लिए अधिक उपयोग की जाती है।
  • इसके द्वारा नए उत्पाद आसानी से बनाए जा सकते हैं इसीलिए यह ऑटोमेशन आजकल बहुत अधिक पसंद की जा रही है।
स्वचालन के लाभ (Advantages of Automation –
  1. ऑटोमेशन की प्रक्रिया अपनाने से कार्यखंड के रिजेक्ट होने की संभावनाएं कम हो जाती है।
  2.  स्वचालन से उत्पाद की उत्पादन दर बढ़ती है।
  3. बनने वाले उत्पाद के गुणवत्ता में बहुत अधिक सुधार हो जाता है और सभी उत्पाद की साइज के बनते हैं।
  4. ऑटोमेशन के द्वारा ऐसी जटिल प्रक्रिया की जाती हैं जो मानव के द्वारा संभव नहीं हो सकती हैं।
  5. ऑटोमेशन प्रक्रिया अपनाकर उत्पादन करने से दुर्घटना होने की संभावना कम होती है।
  6. ऑटोमेशन के द्वारा बिना रुके हुए अधिक से अधिक उत्पादन तैयार किया जा सकता है। जो मानव के द्वारा संभव नहीं है।

स्वचालन से हानियां –

  •  जब मशीनें ऑटोमैटिक विधि द्वारा कार्य करने लगती है तो कम श्रमिकों की आवश्यकता होती है जिसके कारण बेरोजगारी बढ़ने लगती है।
  •  जटिल कार्यखंडो का निर्माण करने के लिए लागत बहुत अधिक आती है।
  • काम करने वाले श्रमिकों को अपना कौशल और कारीगरी दिखाने का अवसर नहीं मिलता है। जिसके कारण उनकी कौशलता में कमी आने लगती है।
  • ऑटोमेशन मौजूद होने के कारण यह मशीनें जटिल होती हैं। इसलिए इनकी सेटिंग करने के लिए अधिक अनुभवी ऑपरेटर का होना आवश्यक है।
  • ऑटोमेशन का उपयोग क्यों करें?
  • साधारण ऑटोमेशन का उपयोग इंडस्ट्रीज में ऐसे कार्यों के लिए किया जाता है और जो बार-बार दोहराये जाते है जैसे ऑटोमोबाईल इंडस्ट्री में वाहनों के निर्माण में ऐसम्बली लाइन पर पार्टस को लगाना और मानव श्रम को कम करने के लिए किया जाता है।
  • उदाहरण के लिए, अधिकांश मैन्युफैक्चरिंग यूनिट में रोबोटिक असेंबली लाइनों के रूप में ऑटोमेशन प्रक्रिया का उपयोग किया जाता हैं।
  • ऑटोमेशन का उपयोग करने के बाद मानव इनपुट की आवशयकता केवल प्रक्रियाओं को परिभाषत करने व उनकी निगरानी के लिए होती है।
  • एक बार प्रोसस को डिफाइन करने के बाद मशीन को स्वचालित मोड पर छोड़ दिया जाता है और फिर मशीन अपने आप ही कच्चे माल को तैयार माल में बदल देती है।
  • वर्तमान में टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में, ऑटोमेशन का उपयोग तेजी से बढ़ रहा है और इसके साथ ही आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस व मशीन लर्निंग के सहयोग से ऑटोमेशन क्षेत्र नयी आयाम विकसित कर रहा है।

ऑटोमेशन के उदाहरणः

इन्फोर्मेशन टेक्नोलॉजी क्षेत्र मेः

ऑटोमेशन के प्रयोग से एक सॉफ्टवेयर स्क्रिप्ट एक सॉफ्टवेयर की परीक्षण कर सकती है। Automation Kya Hai मार्केट में ऐसे सॉफ्टवेयर टूल भी उपलब्ध हैं जो किसी एप्लिकेशन के लिए कोड जेनरेट कर सकते हैं।

दैनिक जीवन मेः

ऑटोमेशन हमारे दैनिक जीवन में भी कई रूपों में मौजूद है Automation Kya Hai जैसे गीजर में बॉयल को नियंत्रित करने वाले घरेली थर्मोस्टेट्स के रूप में, स्वचालित टेलीफोन स्विचबोर्ड के रूप में, इलैक्ट्रॉनिक नेविगेशन सिस्टम या सेल्फ ड्राइविंग कारों में प्रयोग किये जा रहे एल्गोरिदम के रूप में।

होम ऑटोमेशन मेंः

हमारे घर में प्रयोग किये जा रहे उपकरणों के नियंत्रण और प्रबंधन के रूप में। जैसे ए.सी, वाशिंग मशीन, गीजर आदि में ऑटोमेशन का प्रयोग किया जाता है।

नेटवर्क ऑटोमेशनः

कंम्पयूटर नेटवर्क के कॉन्फिगरेशन, मैनेजमेंट और संचालन को स्वचालित करने की प्रक्रिया के रूप में।

कार्यालय स्वचालन मेः

किसी भी कार्यालय में दैनिक कार्यों और प्रक्रियाओं को डिजिटलाइज कर संग्रहीत करने और संचार करने के लिए कंप्यूटर और सॉफ्टवेयर को उपयोग करने के रूप में

स्वचालन के अनुप्रयोग –

  • जब श्रमिक कम और उपलब्ध नही होते हैं तो ऑटोमेशन का उपयोग किया जाता है।
  • जब अधिक सुंदर और सुगम उत्पाद बनाना होता है तो ऑटोमेशन विधि आवश्यक होती है।
  • स्वचालन का उपयोग करने से वातावरण सुरक्षित होता है।
  •  उत्पाद में उच्च गुणवत्ता प्राप्त करने के लिए ऑटोमेशन का उपयोग किया जाता है।
  • श्रमिक लागत कम आए इसके लिए भी ऑटोमेशन प्रक्रिया अपनाई जाती है।
  • ऑटोमेशन अपनाने से कार्य की दशा में सुधार हो जाता है।
  • उत्पाद पर अधिक स्क्रैप ना बने इसलिए भी स्वचालन आवश्यक है
  • डिलीवरी कम समय में भी हो जाए इसके लिए भी ऑटोमेशन ही अपनाया जाता हैं।

दोस्तों उम्मीद है आपको यह आर्टिकल अच्छे से समझ आ चूका होगा और आपको और नयी जानकारी चाहिए तो आप हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताये । और दोस्तों आपको पसंद आया है तो आप इस आर्टिकल को अपने दोस्तों तक जरूर साझा करे । 

धन्यवाद


Q . स्वचालन परीक्षण क्या है?

उत्तर: परीक्षण कार्यों को करने के लिए विशेष सॉफ्टवेयर टूल या स्क्रिप्ट का उपयोग करने की प्रक्रिया जैसे डेटा दर्ज करना, परीक्षण चरणों को निष्पादित करना और परिणामों की तुलना करना आदि को स्वचालन परीक्षण के रूप में जाना जाता है

Q. आप किन सभी चीजों को स्वचालित कर सकते हैं?

  • रिग्रेशन टेस्ट सूट
  • स्मोक/सैनिटी टेस्ट सूट
  • परिनियोजन बनाएँ
  • परीक्षण डेटा निर्माण
  • जीयूआई के पीछे स्वचालित करना जैसे एपीआई और विधियों का परीक्षण।

Q. क्या आप 100% स्वचालन प्राप्त कर सकते हैं?

100% स्वचालन हासिल करना मुश्किल होगा क्योंकि कई एज टेस्ट केस होंगे और कुछ मामलों को शायद ही कभी निष्पादित किया जाएगा। इन मामलों को स्वचालित करना जिन्हें निष्पादित नहीं किया जाता है जो अक्सर स्वचालित सूट में मूल्य नहीं जोड़ेंगे।

Q. आप उन परीक्षण मामलों की पहचान कैसे करते हैं जो स्वचालन के लिए उपयुक्त हैं?

 स्वचालन के लिए उपयुक्त परीक्षण मामलों की पहचान करना स्वचालन की दिशा में सबसे महत्वपूर्ण कदम है।







 

 


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यारा वायरस क्या है और इसके क्या लक्षण हो सकते है

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Yara Virus kya hai

यारा वायरस क्या है और इसके क्या लक्षण हो सकते है

Yara Virus kya hai नमस्कार दोस्तों स्वागत है आपका हमारी वेबसाइट पर आज हम आपको महत्वपूर्ण जानकारी लेकर आये है जिसका नाम है यारा वायरस के बारे में आपको बतायेगे।  आप लोग सोच रहे होंगे की हालाँकि में  कोरोना की महामारी में काफी लोगो को परेशानी हुई और अब यह एक और नया वायरस आ गया है Yara Virus kya hai तो दोस्तों यह जो वायरस है ब्राजीलिया: दक्षिण अमेरिकी देश ब्राजील में वैज्ञानिकों ने एक नए रहस्यमय वायरस  से पता चला है ।  जिसका नाम ब्राजील की पौराणिक जलपरी (मरमेड) यारा के नाम पर, यारा-वायरस रखा गया है। शोधकर्ताओं ने बताया कि नए वायरस में ऐसे जीन मिले हैं जो इससे पहले किसी और अन्य वायरस में नहीं  देखा गया है।





आखिरकार यह वायरस कहा से आया?

ब्राजील की एक झील में वैज्ञानिकों ने इस नए वायरस को खोजा है, जिसे इससे पहले कभी नहीं देखा गया। नए-वायरस ने वैज्ञानिकों को चकित कर रखा है। उन्होंने बताया कि यह काफी रहस्यमय है। इसमें ऐसे जीन मिले जो पहले किसी अन्य वायरस में नहीं देखे गए। Yara Virus kya hai ब्राजील के फेडरल यूनिवर्सिटी ऑफ मिनास गेरैस से जुड़े शोधकर्ताओं ने बेलो होरिज़ोंटे शहर की कृत्रिम झील में एकल कोशिका वाले जीव अमीबा से इस वायरस को ढूंढा। चीन के वुहान शहर से शुरू हुए कोरोनावायरस के प्रकोप को देखते हुए इस नए शोध को  नतीजा  दिखाया गया है।

सवाल यह है कि क्या यह रहस्यमय वायरस इंसानों के लिए हानिकारक है? बायोरेक्सिव पत्रिका के ऑनलाइन डेटाबेस में 28 जनवरी को प्रकाशित स्टडी में कहा गया है कि यह वायरस करीब 80 नैनोमीटर व्यास का है। Yara Virus kya hai शोधकर्ताओं ने इसके जीनोम का विश्लेषण करने पर पाया कि इस सूक्ष्म जीव में कुल 74 जीन हैं जिनमें से केवल 6 ही पहले से ज्ञात हैं। यानी 90 प्रतिशत से ज्यादा जीन अज्ञात हैं। यूनिवर्सिटी के माइक्रोबायोलॉजी विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर जोनाटस अब्राहो के अनुसार, यारा-वायरस आकार और जीनोम दोनों में छोटा है, यह कोई बहुत विशाल वायरस नहीं। लेकिन यह विशालकाय विषाणुओं की तरह अमीबा को संक्रमित करने में सक्षम है, लेकिन मानव कोशिकाओं को संक्रमित नहीं करता। Yara Virus kya hai अब्राहो ने ‘लाइव साइंस’ से बातचीत में कहा कि फिलहाल ऐसा नहीं लगता कि यह इंसानों के लिए कोई खतरा पैदा कर सकता है। इस बारे में अनुसंधान जारी हैं।

यारा वायरस का नाम यारा वायरस क्यों रखा गया है?

इस वायरस को यारा वायरस नाम इसलिए दिया गया है क्योंकि अकसर यह पानी में पाया जाता है और ब्राजील में पानी को यारा के नाम से कहकर पुकारा जाता है।  Yara Virus kya hai इसके अलावा ब्राज़ील में यारा नाम की एक अलौकिक जलपरी पाई जाती है जिसका नाम यारा है इसलिए इसे जलपरी के नाम पर भी यारा वायरस का नाम दिया गया है। कोरोना वायरस की उत्पत्ति कहां से और कैसे प्रकार हुई है इस बात की जानकारी तो विशेषज्ञों ने प्राप्त कर ली है लेकिन यारा वायरस की उत्पत्ति का वैज्ञानिक पता नहीं लगा पाए हैं। Yara Virus kya hai कि उसकी उत्पत्ति कहां से और कैसे हुई है? वैज्ञानिकों का कहना है कि जिस तरह के जीन इन वायरस इस में देखे गए हैं ऐसे जीन पहले देखने को नहीं मिले हैं।

ब्राजील के संगीत विश्वविद्यालय मींस ग्यारस के एक बड़े लेखक वायरोलॉजिस्ट जोनाटस अब्रह्यो द्वारा यह कहा गया है कि ऐसा पहली बार देखा गया है कि अमीबाओं को संक्रमित करने वाला यह एक छोटा नहीं बल्कि बहुत बड़ा वायरस है। उन्होंने बताया कि हजारों पर्यावरण जिलों में डाटा में यारों वायरस जीन हस्ताक्षर की खोज की गई है और यह वायरस कितना कठिन है इस बात का अंदाजा भी उसे देखकर लगाया जा सकता है।

ब्राजील की लेक पम्पयूलह में रहने वाले अमीबा में यह संक्रमण पाया गया है। यारा वायरस के बारे में ज्यादा कुछ ना पता लग पाने की वजह से इसे मस्केरियस वायरस का नाम भी दिया गया है। Yara Virus kya hai  अमीबा पर आज तक जितने भी वायरस में अटैक किया है उन सब का डेटाबेस विशेषज्ञों की किताबों में मौजूद है परंतु यह एक पहला ऐसा वायरस है जिसके बारे में विशेष रूप से भी पूरी तरह से नहीं जानते हैं इसलिए गहन जांच कर रहे हैं।

वायरस और बैक्टीरिया में अंतर

बैक्टीरिया और वायरस दोनों नग्न आंखों के लिए अज्ञात हैं और आपके सूंघने, बुखार या खांसी का कारण बनते हैं, तो हम अंतर कैसे बता सकते हैं। बैक्टीरिया तेजी से एंटीबायोटिक दवाओं के लिए प्रतिरोध विकसित कर रहे हैं, यह तेजी से महत्वपूर्ण है कि हम भेद जानते हैं, क्योंकि वायरस का एंटीबायोटिक दवाओं के साथ इलाज नहीं किया जा सकता है, न ही एंटीवायरल वाले बैक्टीरिया ,तेजी से और प्रभावी परीक्षण अनिवार्य है, इसलिए हम आक्रामक सूक्ष्मजीव का सफलतापूर्वक इलाज कर सकते हैं।

COVID-19 हमें कठिन समय  से सिखा रहे है ,हमारे पास एक नए वायरस का कोई इलाज नहीं है जब तक कि हमारे पास विशेष रूप से इसके खिलाफ लक्षित एंटी-वायरल दवाएं और टीके न हों।

किसी मौजूदा वायरस के खिलाफ विकसित की गई थैरेपी अक्सर नए वायरस के खिलाफ काम नहीं करती या खराब तरीके से काम करती है। इस समय तक हाथ धोना और फिजिकल डिस्टेंसिंग ही हमारा सबसे अच्छा हथियार है।जैविक स्तर पर, मुख्य अंतर यह है कि बैक्टीरिया मुक्त-जीवित कोशिकाएं हैं जो शरीर के अंदर या बाहर रह सकती हैं, जबकि वायरस अणुओं का एक निर्जीव संग्रह है जिसे जीवित रहने के लिए एक मेजबान की आवश्यकता होती है। कई बैक्टीरिया हमारी  सहयता करते हैं: हमारे पेट में रहना हमारे भोजन को पचाने और अवशोषित करने में मदद करता है, नाइट्रोजन को ठीक करता है और मिट्टी में कार्बनिक पदार्थों को विघटित करता है। Yara Virus kya hai इसी तरह, सभी वायरस खराब नहीं होते- अब हम जानते हैं कि हमारे पेट, त्वचा और रक्त में भी फायदेमंद वायरस मौजूद हैं जो अवांछित बैक्टीरिया और अधिक खतरनाक वायरस को मार सकते हैं

वायरस के बारे महत्वपूर्ण जानकारियां

  • विशेषज्ञों के द्वारा प्रत्येक वायरस फैलाने वाले जीनोम पर  काफी गहरी रिसर्च की जाती है जिसके बाद ही वे पता लगा पाते हैं कि कौन सा वायरस किन जीनोम की वजह से उत्पन्न होता है।
  • विशेषज्ञों के अनुसार सूक्ष्मजीवों में कुल 74 प्रकार के जीव पाए जाते हैं Yara Virus kya hai जिनमें से मात्र 6 जीनोम के बारे में पहले से विशेषज्ञों को ज्ञात है।
  • इसका अर्थ है कि विशेषज्ञों को 90% से भी अधिक जीनोम के बारे में गहन रिसर्च करके वायरस के बारे में पता लगाना जरूरी है। उन्हीं में से एक यारा वायरस को उत्पन्न करने वाला जीनोम भी है जिसका पता लगाना विशेषज्ञों के लिए बेहद आवश्यक है।

दोस्तों यह वायरस के बारे में हमने आपको बताया यकीन है आप अच्छे से समझ भी आ चूका होगा।  और दोस्तों आज के समय में काफी बीमारिया फ़ैल रही है तो कृपया आप अपना ध्यान रखे और सुरक्षित रहे। 

धन्यवाद


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Pinterest Kya Hai Or Kaise Download Kar Sakte Hai 

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Pinterest Kya Hai

Pinterest Kya Hai Or Kaise Download Kar Sakte Hai 

Pinterest Kya Hai नमस्कार दोस्तों आज हम आपके लिए एक और नयी जानकारी लेकर आये है यह महत्वपूर्ण जानकारी है पिनटेरेस्ट क्या है और इस पर अकाउंट कैसे बना सकते है। आज हम आपको बातएंगे तो इससे पहले आप लोग यह जानले की पिनटेरेस्ट है क्या पिनटेरेस्ट एक सोशल मीडिया का एक ऐप है। जिस प्रकार facebook, google plus, twitter, instagram and other, social media होते है| जिसमे हम photos, video and content share करते है| यह भी एक social media है, जिसमे content videos, photos and content Visually share कर सकते है| यह Pin+ interest से मिलकर बना है, जिन्हें pinterest कहते है।  इस social media पर कोई भी अपना विचार, idea, content share कर सकता है।  यह एक तरह का bookmark है।  Pinterest Kya Hai जहाँ पर हम सबको एक जगह पर ही सब कुछ मिल जाता है।  जिस चीज में आपको interest है, उसी चीज की जानकारी एक जगह मिल जाएगी| और अब हम बिना वक़्त गुजारे शुरू करते है पिनटेरेस्ट क्या है।

Pinterest Kya Hai

आपने School और Office में Information Board पर Photo को Pin से चिपका हुआ देखा होगा उसी तरह आप Pinterest पर इंटरनेट की किसी भी Image को Board बनाकर Pin कर सकते है और बाकि Social Network Site की तरह उस Image पर Like, Comment और Repin भी कर सकते है Pinterest Kya Hai  इसका इतना Popular होना का कारण यह है इस पर कई सारे लोगों ने Pin Board बनाकर अपनी तरह-तरह की Images शेयर कर रखी है और ये Board इतने अच्छे होते है की आपको यहां पर कई सारे Ideas मिल जायेंगे इसके अलावा इस वेबसाइट पर लाखों Users होने के कारण आप Pinterest का Use Traffic बढ़ाने के लिए भी कर सकते है।

पिनटेरेस्ट  से  फोटो  कैसे  डाउनलोड करे

Pinterest से फोटो को मोबाइल में कैसे डाउनलोड करते है बस इसके लिए निचे दी गयी Steps Follow करे।

  • Step 1: Login Pinterest Account
  • सबसे पहले अपने Pinterest अकाउंट में Login करके ऊपर Search Box से अपनी पसंद की कोई भी Image को Search कर ले
  • Step 2: Long Press On Image
  • Search करने के बाद किसी भी एक Image पर क्लिक करके उस पर Long Press करना है।
  • Step 3: Click On More Option
  • Long Press करने के बाद आपके सामने तीन Option Show होंगे उन तीन Option में से Three Dot (More) पर Click करना है
  • Step 4: Download Image
  • अब आपको निचे एक Pop Up Show होगा जिसमें आपको Simple Download Image पर क्लिक कर देना है

Pinterest से क्या फायदा है?

इस business/Career भी start कर सकते है. pinterest से business या career कैसे करते है? यह आप सोच रहे होगे की  यह आपके business/career में help कर सकता है, है कर सकता है परन्तु कैसे? मान लीजिये की आप एक fashion designer है, और उनके (कपड़े) का business करते है | या shop चलाते है, तो आप उनकी photos pinterest पर डाल सकते है, show कर सकते है| इसी तरह, आप website content, web design, graphics card, themes, web content या किसी other चीज का portfolio इस पर डाल सकते है| अगर लोगो को आपका product पसंद आया तो आपसे oder request कर सकते है।

पिनटेरेस्ट से  पैसे  कैसे  कमाए

आप कई तरह से Pinterest से पैसे कमा सकते है अगर आप भी Pinterest से पैसे कमाना चाहते है तो जान लेते है आखिरकार कैसे पैसे कमा सकते है Pinterest Kya Hai

Increase Blog Traffic

यदि आप एक ब्लॉगर है तो आप अपने ब्लॉग की फोटो को Pinterest पर शेयर कर सकते है  Pinterest Kya Hai और साथ ही उसमे अपने ब्लॉग की Link को Add कर दे जिससे जब भी कोई व्यक्ति आपकी पोस्ट देखेगा तो वह आपके फोटो पर क्लिक करके सीधे आपकी वेबसाइट पर पहुंच जायेगा

Sponsorship

आप Pinterest पर Sponsorship के जरिये भी पैसे कमा सकते है जैसे अगर कोई कंपनी Market में नई है तो आप उससे Contact करे और कहें की आप उसके Product को अपने Followers के साथ शेयर करेंगे जिससे आप कंपनी से पैसे कमा सकते है।

Affiliate Marketing

आप Affiliate Marketing के जरिये भी Pinterest से पैसे कमा सकते है Pinterest Kya Hai कई कंपनियां जैसे- Amazon, Flipcart, Snapdeal अपने Affiliate Program चलाती है आप इनकी वेबसाइट पर जाकर इनके Program को Join कर सकते है उसके बाद जो भी Affiliate Product को आपको बेचना है तो आप उस फोटो के साथ Affiliate Link Share कर सकते है जिससे जो भी आपकी Link से वेबसाइट पर जाकर कुछ खरीदेगा तो उसका मुनाफ़ा आपको भी मिलेगा

From SEO Use

Pinterest से पैसे कमाने के लिए आपको SEO (Search Engine Optimize) करना होगा क्योंकि आप Pinterest से पैसे तभी कमा सकते है जब आपकी पोस्ट ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंच सकेगी इसके लिए आपको फोटो के Discription में वे सभी Keyword को लगाना चाहिये जिन्हें Users द्वारा ज्यादा से ज्यादा Search किया जाता है Pinterest Kya Hai और जैसे ही कोई User Pinterest पर कुछ Search करेगा तो उसके सामने आपकी पोस्ट आ जाएगी यदि अपने उसमे Keyword का प्रयोग किया है क्योंकि आपकी पोस्ट पर जितने ज्यादा View होंगे उतनी आपकी Income होगी

Sell Own Product

यदि आप Business Men है और Online Product Sell करते है तो Pinterest में अपने Product की Link शेयर सकते है जिससे जब भी कोई आपकी पोस्ट देखेगा तो वह फोटो पर क्लिक करके आपकी वेबसाइट पर आ जायेगा और यदि उसे आपका Product पसंद आएगा तो वह उसे खरीद सकता है।

  • Pinterest Account कैसे बनाये? और कैसे use कर सकते है ?
  • Id बनाने के लिए gmail, facebook से भी बना सकते है| बनाने के लिए यहाँ क्लिक करे- Click here
  • open होने पर “log in with gmail” या “log in with facebook” पर क्लिक करे|
  • यह लीजिये, आपका account बना गया है| अब आप अपना information details भर सकते है|
  • अब आप समझ गये होगे, बहुत आसान है pinterest id बनाना|

Pinterest Pin कैसे use करे?|

इस पर अपना business चलाने के लिए content को pin करना पड़ता है| pin से एक जगह बहुत सारे content डाल सकते है। जैसे cloths design के लिए एक जगह बहुत से cloths product image डाल सकते है, Pinterest Kya Hai उन्हें show कर सकते हैcloths ही नही, web content भी show कर सकते है| Pin use कैसे करे? अब इसके बारे में  जानते है-

  • account बनाने के बाद ऊपर “saved” पर  क्लिक करे|(यह आपको ऊपर कोने में दिखाई देगा )
  • create Board पर क्लिक करे, और new name देकर board बनाये
  • जिस name से board बनाया है, उस पर क्लिक करे
  • फिर new page खुलेगा, “save pin”उस पर क्लिक करे, आपको 2 options दिखाई देगा
  • website है, तो “The web” क्लिक करे, अन्यथा your Device पर क्लिक करे
  • URL डाल दीजिये, और next पर क्लिक कर दीजिये|और last में save पर क्लिक कर दीजिये| आपका pin हो जायेगा।
  • इस प्रकार आप photos select करके और उसमे link डालकर pinterest social media पर share कर सकते है|

दोस्तों आज हमने इस आर्टिकल में पिनटेरेस्ट से जुडी सभी जानकारी दी है उम्मीद है आपको अच्छे से समझ भी आ चूका होगा।  और दोस्तों आपको और नयी जानकारी चाहिए तो आप हमे कमेंट में बता सकते है और हम आपके लिए सरल भाषा में आपके लिए जरूर लेकर आएंगे और अभी तक के लिए  धन्यवाद

 


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Alternator Kya hai 2022

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Alternator Kya hai

Alternator Kya hai दोस्तों स्वागत है आपका हमारी इस वेबसाइट में जिसमे हमको बताने वाले है की अलटरनेटर क्या है और इससे जुडी हम आपको जानकारी देंगे और दोस्तों आपको यह जानकारी काफी सरल भाषा में आपको समझायेंगे की यह है Alternator Kya hai  क्या और इसका कार्य क्या है और दोस्तों उम्मीद है आपको हमारा यह आर्टिकल काफी पसंद आएगा तो चलिए शुरू करते है





Alternator Kya hai 2022

यांत्रिक ऊर्जा को प्रत्यावर्ती विद्युत धारा में परिवर्तित करने वाले यंत्र को प्रत्यावर्तक ( अल्टरनेटर ) कहते हैं ।यह AC जनरेटर होता है, इसके द्वारा प्रत्यावर्ती धारा उत्पन्न की जाती है। अल्टरनेटर से उच्च वोल्टेज 11kv से 33kv तक की प्रत्यावर्ती विद्युत ऊर्जा का उत्पादन किया जा सकता है ।

Mechanical Energy और Electrical Energy

Mechanical Energy उस प्रकार के energy को कहा जाता है जो की एक object के पास होता है उसके movement या उसके position के कारण. आपकी car की engine काफी सारे parts से बनी होती है, जिसमें एक चीज़ ऐसा भी होता है जिसे की crankshaft कहते हैं. यही crankshaft rotate करती है जब engine run कर रही होती है. ये rotation से एक प्रकार की energy पैदा होती है जिसे की mechanical energy कहते हैं, और इसे ही alternator को pass किया जाता है फिर ये alternator इसी mechanical energy को लेकर उसे electrical energy में तब्दील करती है, ये वही energy होती है जो की electric charge से आती है. Specifically, alternator alternating current, या AC पैदा करता है. जैसे की नाम से पता चलता है की ये electrical current alternate करता है या direction switch करता रहता है. इसके ठीक विपरीत ही direct current, या DC, होता है जहाँ की electrical current एक ही direction में flow करती है. आपके घर, office, और outlets में जो currenct का उपयोग होता है वो AC current हो होता है। इसे एक जगह से दुसरे जगह में ले जाना आसान होता है Alternator Kya hai  और ये ज्यादा voltage भी प्रदान करता है। हमारे कुछ उपकरण जैसे की cellphone, items जो की batteries का उपयोग करते हैं, और flat-screen TVs DC का उपयोग करते हैं। इन उपकरणों को DC कैसे दिया जाता है । उपयोग AC outlets में कर सकते हैं लेकिन इसके लिए आपको AC adapter या एक USB cable का उपयोग करना होगा.

अल्टरनेटर का इतिहास

Hippolyte Pixxi और Michale Faraday ने सबसे पहले alternator का concept लाया था. उन्होंने एक rectangular rotating conductor design किया था एक magnetic field के पास ताकि वो alternating current पैदा कर सके outer static circuit के लिए. J.E.H. Gordon ने सन 1886 में, एक ऐसे ही model को design और produce किया था जो की इसका पहला prototype था. एक model जो की था 100 से 300 Hz synchronous generator का उसे Kelvin और Sebastin Ferranti ने design किया था. वहीँ सन 1891 में, Nikola Tesla ने एक commercially useful 15 Khz generator बनाया था. Poly Phase alternators उसके कुछ वर्षों के बाद commercialize हो गया जो की multiple phase currents प्रदान करने की क्षमता रखता है.

Alternator के Main Components क्या है?

Alternator किसी भी गाड़ी का एक काफी ही important part होता है. जो की car की battery को maintain करता है, lights को power प्रदान करता है, साथ में heater और दुसरे accessories के लिए भी कार्य करता है. ये Generator के जैसे ही काम करता है और electricity पैदा करता है turbine system के जैसे. Car की 12-volt battery के पास इतनी charge तो होती ही है जिससे car को start किया जा सकता है. वहीँ बिना alternator के, battery को आसानी से recharge नहीं किया जा सकता है बल्कि इसके बिना उसे manually हर समय charge करना होगा जब आप car को restart करें तब. देखा जाये तो alternator के बहुत से मुख्य components होते हैं जो की अपना अपना कार्य करते हैं।

Electromagnets

Alternators electromagnets का उपयोग करते हैं magnetic field create करने के लिए. Electromagnets उपयोग करते हैं wire जिन्हें की metal piece के चारों तरफ wrap किया जाता है. जब एक electrical current उस wire के through जाता है, तब वह metal का piece magnetized हो जाता है.

 कुछ words के बारे में जो की magnets से associated हैं. Magnetic field उस field को कहा जाता है जो की magnetic substances के चारों तरफ create होता है. एक magnetic substance एक प्रकार का material होता है जिसमें की electrons को कुछ इसप्रकार से orient किया जाता है जिससे ये ये दुसरे metals को attract कर सके  tiny particles से बने हुए होते हैं जिन्हें की atoms कहा जाता है. Atoms में electrons nucleus के बाहर spin कर रहे होते हैं. Electrons tiny magnets के तरह होते हैं. ये electrons हमेशा एक ही direction में spin करते हैं Alternator Kya hai वो भी एक ही एक ही certain way में. Actually ये सभी अलग अलग spin कर रहे होते हैं, लेकिन तब से substance magnetic नहीं होते हैं. और जब ये एक ही direction में orient होते हैं तब ये magnet के तरह behave करते हैं Electromagnet में, जब electrical current wire के through pass करता है, तब ये metal के electrons को एक ही समान direction में orient करते हैं, और आपको एक magnet प्राप्त होता है।

Stator

आपने अभी एक rotor के rotation, या spins के बारे में जाना. ये actually stator के अन्दर ही spin कर रही होती है, जो की एक iron core होता है जिसे तीन coils surround करती है. इन दोनों को एक दुसरे से differentiate करना आसान है जहाँ rotor rotate करता है वहीँ stator stationary होते हैं. ये crankshaft drive belt को rotate करने में आसानी प्रदान करती है, जिससे stator के अन्दर स्तिथ rotor turn on हो जाता है. इसी mechanical energy के बारे में मैंने lesson के प्रारंभ में बात की थी.

Alternator Rotor

Rotor, ये बना हुआ है iron core से जिसके चारों तरफ copper wire की winding होती है. जब एक electrical charge को wire में introduce किया जाता है, तब ये उस iron core को magnetizes कर देती है (Electromagnet). ये electrical current brushes से आते हैं जो की metal rings के contact में आती है. Specifically बोलें तो, इन metal rings को slip rings कहा जाता है, और ये usually copper से बने हुए होते हैं. जैसे की rotor spin करता है (सोचिये rotor = rotation), तब ये slip rings brushes के contact में आता है जो की carbon के बने हुए होते हैं. ये contact एक electrical charge create करती है, Alternator Kya hai और charge travels करती है winding copper wire के through, और ये एक electromagnet create करती हैं.

Rotor और Stator

ये rotor और stator किसी alternator के belt-driven group of magnets होते हैं जो की copper wiring के भीतर होती हैं और ये एक magnetic field create करती हैं. ये belt को drive किया जाता है pulley के द्वारा जो की engine से connect हुआ होता है, और जो की allow करता है rotor को high-speed में spin करने के लिए, जिससे एक magnetic field create होती है. फिर stator voltage और electricity पैदा करती है जो की flow होती है diode assembly में. इसमें जो electricity बनती है वो होती है Alternator Kya hai  alternate current, या AC.

Diode Assembly

एक alternator की diode assembly convert करती हैं AC electricity को direct current, या DC में, जो की वो current type होती है जिसे की car batteries में इस्तमाल किया जाता है. Alternator Kya hai ये diode assembly, एक two-terminal system होता है, जो की work करता है केवल electricity में जो की stator में पैदा होता है और इसे केवल एक ही dirction में flow होने के लिए.

Voltage Regulator

ये voltage regulator alternator का surge protector होता है. Modern voltage regulators, जो की internal systems होते हैं, वो monitor करते हैं दोनों alternator और battery voltage को, जिसके लिए ये केवल जरुरत के अनुसार ही current को adjust करती हैं. Older voltage regulators को externally mount किया जाता है.

Alternator Motor के Parts

Diode Rectifier

इस diode rectifier, को rectifier bridge भी कहा जाता है, और ये responsible होता है alternating current को direct currenct में convert करने के लिए Alternator के मदद से. ज्यादातर automobile alternators में six diodes होते हैं. ये part एक translator के जैसे होता है rotor, stator और battery के बिच.

Rotor Assembly

एक rotor assembly बहुत सारे parts से बने हुए होते हैं. इसका main part एक iron core होता है, जिसके चारों तरफ wires (field windings) को wound किया गया होता है. Core और windings के चारों तरफ finger poles होते हैं, जिन्हें की placed किया जाता है alternating north और south charges के साथ. जैसे ही rotor spin करता है, तब alternating finger poles एक magnetic field create करती हैं iron core के चारों तरफ core, windings, और poles बहुत ही crucial parts होते हैं rotor assembly के, वहीँ rotor assembly में और भी चीजें होती है जैसे की एक cooling fan, slip rings, brushes, और bearings. ये ही responsible होते हैं current को winding के तरफ direct करने के लिए, जिससे ये alternator को overheating से बचाती हैं, और main assembly parts की proper movement में मदद करती है.Alternator Kya hai 

Stator

ये stator एक प्रकार का circular unit होता है जो की rotor को surround करता है. ये iron housing के चारों तरफ wire coils के लिपटे होने से बनता है. जब rotor spin करता है और current produce करता है, तब current directly stator mein transfer होती है. ये stator में तीन leads होती हैं जो की diode rectifier से connect होती है.

Rectifier

ये diode rectifier जो की connected होता है stator के साथ वो convert करता है alternating current को direct current में जिसे की battery में इस्तमाल किया जा सकता है. ये alternator system का translator होता है. ज्यादातर automobile alternators में six diodes होते हैं diode rectifier बनाने के लिए.

Terminals

एक standard alternator में five separate terminals होते हैं जिन्हें की electrical circuit से connect किया जाता है. ये terminals battery के voltage को sense कर लेते हैं, उसके बाद alternator के voltage regulator को turn on भी कर देते हैं, फिर current को battery में distribute भी करते हैं, उसके बाद warning lamp circuit को बंद कर देती है और regulator को bypass कर देती है.

Voltage Regulator

ये voltage regulator, जैसे की नाम से पता चलता है की इनका इस्तमाल alternator के voltages को regulate करने के लिए होता है. ये responsible होता है distributing करने के लिए जो power produce होता है battery के लिए. अगर voltage regulator काम नहीं करता है, तब battery receive कर सकता है too much या too little power, जिससे charging problems या battery overload जैसे समस्याएं उत्पन्न होती है

AC Generator कैसे काम करता है?

एक Atlernator या AC generator का basic working principle समान होता है एक DC generator के जैसे ही. Faraday’s law of electromagnetic induction, के हिसाब से जब भी कोई conductor एक magnetic field में move करता है तब EMF induced होता है across the conductor. अगर close path provide किया जाये conductor को, तब ये induced emf बाध्य करता है current को circuit में flow होने के लिए उदाहरण के लिए जब एक conductor coil ABCD को place किया जाये एक magnetic field में. तब magnetic flux का direction होगा N pole से S pole. तब coil connect होगा slip rings से, और load connected होगा brushes से जो की slip rings में rest करेगा अगर coil clockwise rotate करेगा, तब इस case में induced current का direction होगा Fleming के right-hand rule के हिसाब से, और वो होगा along A-B-C-D

  • coil rotate कर रहा है clockwise, इसलिए half of the time period के बाद, coil का position कुछ अलग होगा. इस case में, induced current का direction Fleming’s right-hand rule के हिसाब से होगा along D-C-B-A. इससे ये पता चलता है की current का direction change होता है halftime period के बाद, जिसका मतलब है हमें एक alternating current प्राप्त होता है.
  • Armature की Winding Stationary होती है Alternator में
  • High voltages में, stationary armature winding को insulate करना आसान होता है, जो की ज्यादा से ज्यादा 30 kV ये उससे ज्यादा भी हो सकता है.
  • ये high voltage output को आसानी से directly बाहर ले जाया जा सकता है stationary armature से. वहीँ एक rotary armature, ये इतना आसान नहीं है क्यूंकि इसमें large brush contact drop होता है higher voltages में, साथ ही brush surface में sparking होती रहती है.
  • Field exciter winding को rotor में place किया जाता है और low dc voltage को आसानी से और safely transfer किया जा सकता है.
  • इसमें armature winding को अच्छे से braced किया जाता है, जिससे ये high centrifugal force से होने वाले deformation को prevent कर सके
  • अल्टरनेटर का कार्य सिद्धांत
  • अल्टरनेटर के विद्युत चुम्बकीय प्रेरण के सिद्धांत पर काम करता है ।
  • अल्टरनेटर के मुख्य भाग स्टेटर, रोटर, एक्साइटर, आदि हैं ।
  • अल्टरनेटर के प्रकार
  • अल्टरनेटर विभिन्न प्रकार का होता है –
  • जल टर्बाइन आल्टरनेटर
  • जल स्त्रोत जैसे बांध आदि के जल को टर्बाइन के ब्लेड पर ऊंचाई से गिराया जाता है जिससे टर्बाइन घूमने लगती है । घूमती हुई टर्बाइन की सहायता से आल्टरनेटर के रोटर को घुमाया जाता है ।
  • बाष्प टर्बाइन आल्टरनेटर
  • इसमे टर्बाइन को घुमाने के लिए बाष्प का इस्तेमाल किया जाता है, बाष्प को कोयला आदि से उत्पन्न किया जाता है
  • डीजल इंजन आल्टरनेटर
  • इसमे ऑयल चालित इंजन के जरिये रोटर को घुमाया जाता है ।

अल्टरनेटर का निम्न प्रकार वर्गीकरण किया गया है

  • सिंगल फेज अल्टरनेटर
  • तीन फेज अल्टरनेटर

रोटेटिंग पार्ट के आधार पर

  • रोटेटिंग फील्ड
  • रोटेटिंग आर्मेचर
अल्टरनेटर का उपयोग
  • अल्टरनेटर का उपयोग प्रत्यावर्ती विद्युत ऊर्जा उत्पादन मे किया जाता है ।

अल्टरनेटर की कार्यप्रणाली

जब रोटर को स्टेटर के बीच घुमाया जाता है तो तो रोटर से उत्पन्न होने वाली चुम्बकीय बल रेखाएं स्टेटर के चालक का छेदन करती है ।जिससे फैराडे के विद्युत चुम्बकीय प्रेरण के नियम के अनुसार स्टेटर वाइण्डिंग मे विद्युत वाहक बल उत्पन्न हो जाता है ।

तो दोस्तों , आपको हमने इससे जुडी सभी जानकारी दी है यकीन है आपको पसंद आया होगा और दोस्तों आपको यह हमारा यह आर्टिकल पसंद आया है तो आप कमेंट बॉक्स में जरूर बताये और ऐसे हम आपके लिए और नयी जानकारी लेकर आएंगे और आपको दोस्तों और नयी जानकारी जानना चाहते है तो , आप हमें बता सकते है। जिससे हम आपके लिए आर्टिकल जरूर प्रस्तुत करेंगे।

धन्यवाद


प्रश्न- ऑल्टरनेटर में आर्मेचर कोर कहां होती है?

(A) स्टेटर पर

(B) रोटर पर

(C) बॉडी या फ्रेम पर

(D) ऑर्मेचर पर

उत्तर-(A)

प्रश्न-यान्त्रिक ऊर्जा को ए.सी. प्रकार की वैद्युतिक ऊर्जा में परिवर्तित करने वाली मशीन होती है

(A) स्लिप रिंग मोटर

(B) ऑल्टरनेटर

(C) स्क्विरल केज

(D) स्टेपर मोटर

उत्तर-(B)

प्रश्न-ऑल्रनेटर में चुम्बकीय क्षेत्र स्थापित करने वाला भाग कहलाता है

(A) स्टेटर

(B) रोटर

(C) बॉडी या फ्रेम

(D) ऑर्मेचर

उत्तर-(B)

प्रश्न-सेलिएण्ट पोल रोटर की गति होती है

(A) 375 से 1000 RPM

(B) 500 से 1000 RPM

(C) 345 से 1000 RPM

(D) 325 से 1000 RPM

उत्तर-(A)


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Bharat mai best hindi ideas 2022

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Bharat mai best hindi ideas 2022

Bharat mai best hindi ideas 2022 दोस्तों स्वागत है आपका Jugadme.inकी वेबसाइट में हम आपको इस वेबसाइट काफी महत्वपूर्ण आर्टिकल लेकर आये है। उम्मीद है आपको यह आर्टिकल यह काफी पसंद आएगा। बिज़नेस करने वालो के लिए और जो बिज़नेस शुरू करने वाले है। उन लोगो के लिए हम भारत में बेस्ट आइडियाज लेकर आये है।

Bharat mai best hindi ideas 2022

बिज़नेस में क्या फायदे और नुक्सान हम आपको अच्छे से बतायेगे और बिज़नेस कैसे करना है और उससे जुडी जानकारी हम आपको देंगे। तो ,बिना वक़्त गुजारे शुरू करते है

कम लागत में शुरू होने वाले बिजनेस – वर्ष 2022

Bharat mai best hindi ideas 2022 स्टार्ट-अप कंपनियों और पहली बार बिज़नेस शुरु करने वाले लोगों के लिए कुछ कम लागत वाले बिज़नस आइडिया निम्न है आप इन्हे ध्यानपूर्वक पढ़े।

स्टार्ट-अप के लिए कम लागत वाले बिज़नस आइडिया में सबसे लोकप्रिय आइडिया खाने पीने से संबंधित बिज़नेस है जो पहले से ही बढ़ रहा है, खासकर कि मेट्रो शहरों में अध्ययन और रिसर्च के अनुसार, फूड डिलीवरी फर्मों की सहायता और सहयोग से कई फूड स्टार्ट-अप चल रहे हैं, जैसे कि स्विगी, ज़ोमैटो इस तरह के डिलीवरी पार्टनर्स छोटे पैमाने पर फूड स्टार्ट-अप की सफलता के लिए विशेष रूप से सोशल मीडिया और डिजिटल मार्केट की सहायता से मार्केटिंग रणनीति का उपयोग करते हैं Bharat mai best hindi ideas 2022 सरकार और लोन संस्थान आसान पुनर्भुगतान विकल्पों के साथ स्टार्ट-अप के लिए सभी आवश्यक फाइनेंशियल सहायता प्रदान करते हैं स्टार्ट-अप्स के लिए कम कॉस्ट वाले बिज़नेस आइडिया में से एक आकर्षक आइडिया फैशन एक्सेसरी और कपड़ों का बिज़नेस है जिसमें अधिक पहुंच के कारण अधिक इनकम अर्जित करने की अधिक क्षमता है। यह आइडिया विशेष रूप से युवा महिलाओं के फैशन डिजाइनर्स के लिए आदर्श विकल्प है जो फैशन के क्षेत्र में आवश्यक ज्ञान और अनुभव रखते हैं, डिज़ाइनिंग के बिज़नेस में अगर उचित मात्रा में प्रतिक्रियाएं मिलनी शुरू हो जाए तो ई-कॉमर्स दिग्गजों, जैसे अमेजन, अलीबाबा, ई-बे, वॉलमार्ट, फ्लिपकार्ट, आदि की पार्टनरशिप के साथ बाजारों में भी अपने बिज़नेस को बढ़ाया जा सकता है। स्टार्ट-अप के लिए कम लागत वाले आइडिया में एक आइडिया एग्रीकल्चर स्टार्ट-अप है जो कि विशेष रूप से ऑर्गेनिक फलों और सब्जियों का काम करता है।बाजार के अध्ययनों से साबित होता है कि किराने की डिलीवरी कंपनियों, जैसे बिग बास्केट और ग्रोफर्स के आने के के बाद, कृषि अच्छी इनकम प्राप्त करने के लिए एक आकर्षक बिज़नेस बन गया है

कोचिंग क्लासेस

इस दौर में बच्चे सिर्फ स्कूल की शिक्षा पर निर्भर नहीं होना चाहते हैं और अच्छे मार्क्स के लिए वो कोचिंग क्लासेस (Coaching Classes) जॉइन करते हैं। बल्कि कोरोनावायरस महामारी के बाद तो ऑनलाइन कोचिंग (Online Coaching) की ओर लोगों का रुझान ज़्यादा बढ़ा है। इसलिए यह व्यवसाय वर्तमान के सबसे सफल स्मॉल बिज़नेस (Successful Small Business) में से एक है।

सिलाई / कढ़ाई

ये एक भारतीय लोगो के लिए प्रमुख बिज़नेस है जो जीवन की मूलभूत ज़रुरतो से संबंधित है क्योंकि कपड़े सभी की जरूरत हैं। सिलाई और कढ़ाई का व्यवसाय एक स्टार्ट-अप बिज़नेस के रूप में दशकों से चलता आ रहा है। आमतौर पर यह बिज़नेस घरों में ही खोल लिया जाता है, और ये लोग बुटीक की ओर से ऑर्डर लेते है और पूरा करते हैं। क्योंकि यह बिज़नेस को आजमाया व्यवसाय है, इसलिए इसे बड़े स्तर पर भी करने में ज़्यादा जोखिम नहीं है। विशेष रूप से बड़े शहरों में, जहां सिलाई –कढ़ाई की बहुत मांग है। Bharat mai best hindi ideas 2022 

ऑनलाइन व्यवसाय

पहले के समय में इंटरनेट से जुड़ना काफी ज्यादा महत्वपूर्ण साबित हो

चुका है कि ऑनलाइन उपस्थिति वाले स्मॉल बिज़नेस  उन व्यवसाय से बेहतर हैं जिनकी ऑनलाइन उपस्थिति नहीं है। तो अब इस तरह के छोटे बिज़नस भी शुरू हो रहे हैं Bharat mai best hindi ideas 2022 जो इन ऑनलाइन मौजूद व्यवसायों को अपनी सेवाएँ दे रहे हैं। यही कारण है कि सोशल मीडिया विशेष (Social Media Specialist), ब्लॉगर्स (Blogers), वेबसाइट डिज़ाइनर और डेवलेपर की डिमांड इन दिनों ज़्यादा है। ऐसे व्यवसायों को केवल बुनियादी कंप्यूटर प्रणाली, सॉफ्टवेयर और हाई स्पीड इंटरनेट की ज़रुरत होती है। गोस्ट राइटिंग (Ghost Writing), फ्री-लांसिंग (Freelancing) और ऑनलाइन ट्रांसलेशन सर्विस जैसे व्यवसायों को सफलतापूर्वक ऑनलाइन चलाया जा सकता है।

ब्लॉगिंग

अगर आपको घर बैठे पैसे कमाने के लिए इंटरनेट पर आधारित छोटा बिज़नेस (Small Business)  करना है तो आप ब्लॉगिंग, वी-लॉगिंग (Video Blogging) के ज़रिए बिज़नस कर सकते हैं। जरुरी बात यह है, इससे कुछ भी फर्क नहीं पड़ता की किस विषय पर लिखते हैं या किसके बारे में वीडियो बनाते हैं। यहां तक कि बहुत से बड़े कलाकार भी हैं, जो अपनी पहुंच को बढ़ाने के लिए इसे एक अच्छा तारीका मानते है,जिनमें स्टैंड अप हास्य कलाकार भी शामिल हैं। उद्देश्य यही होता है कि दिलचस्प कंटेट के माध्यम से ब्लॉग के दर्शकों या ब्लॉग के पाठकों की संख्या को बढ़ाना है। कुछ व्लॉग प्लेटफार्मों के मामले में दर्शकों की संख्या के आधार पर भुगतान किया जाता है. जबकि अधिकतर ब्लॉग के मामले में, गूगल एडसेंस (Google Adsense) के माध्यम से विज्ञापन मिलते हैं।

कुक क्लासेस

यदि आप एक कुशल प्रोफेसनल कुक हैं, लेकिन कोई रेस्तरां या फूड ट्रक बिज़नेस (Food Truck Business) शुरू नहीं करना चाहते हैं, तो यह एक विकल्प है – कुक क्लास यह स्मॉल बिज़नेस (Small Business) भारत में शहरी परिवारों के बीच काफी लोग रहे बिज़नेस कर रहे है ये क्लासेस व्यक्तिगत रूप से और ऑनलाइन दोनों रूप में दी जा सकते हैं या एक ब्लॉग भी बनाया जा सकता है। जिसमें दूसरों को आप खाना बनाना सिखाते हैं। Bharat mai best hindi ideas 2022 

डांस सेंटर

यदि आप एक अच्छे डांसर या कोरियोग्राफर (Choreographer) हैं, तो आप आसानी से किराए पर जगह लेकर एक डांस सेंटर (Dance Centre) शुरू कर सकते हैं। आप जो निवेश करेंगें वो केवल आपके डांस सेंटर के प्रचार के लिए होगा। Bharat mai best hindi ideas 2022 यदि आप अच्छा डांस नहीं करते हैं, तब भी आप डांस टीचर्स (Dance Teachers) को काम पर रख कर डांस ऐकेडमी (Dance Academy) चला सकते हैं।

मैरिज ब्यूरो 

शादी के ऑनलाइन पोर्टल्स के अलावा भी छोटे शहरों और कस्बों में वेडिंग ब्यूरो (Wedding Bureau) अधिक प्रचलित हैं। परिवार किसी भी फैसले पर आने से पहले व्यक्तिगत रूप से अन्य परिवारों से मिलने पर विचार करते हैं। इसलिए, छोटे कार्यालय स्थान के साथ, 1-2 कर्मचारी सदस्य, रजिसट्रेशन सर्टिफिकेट और आपके कॉन्टेक्ट्स आपको एक सफल व्यवसायी बना सकते हैं।

सैलून

सैलून (Salon) खोलना मेट्रो शहरों में सबसे अधिक ट्रेंडिंग बिज़नेस (Tranding Business) विकल्प है। युवा प्रेज़ेंटेबल दिखने में ज़्यादा रुचि रखते हैं। इसलिए, लगभग हर सैलून (Salon) में स्थान के आधार पर ग्राहकों की अच्छी संख्या होती है। सैलून मालिक त्यौहारों या शादी के मौसम के दौरान काफी भारी मुनाफा कमाते हैं।

जूस पॉइंट / शेक्स काउंटर 

जैसे-जैसे लोग स्वास्थ्य के प्रति जागरुक हो रहे हैं, वैसे-वैसे सॉफ्ट ड्रिंक्स के विकल्प के रूप में ताज़ा जूस (Fresh Juice) एक लोकप्रिय स्वस्थ कोल्ड ड्रिंक के तौर पर उभर रहे हैं। यही कारण है Bharat mai best hindi ideas 2022 कि जूस पॉइंट (Juice Point) जैसे व्यवसायों ने भारत में सफ़ल स्मॉल बिज़नेस (Successful Small Business)  के रूप में में जगह बनाई है।

 ब्रेकफास्ट ज्वाइंट

जीवन की तीन बुनियादी जरूरतों में से एक खानपान, व्यवसाय के लिए एक अच्छा विकल्प है। इसलिए, छोटे-से पैमाने पर बिज़नेस (Small Scale Business) शुरू करने के लिए ब्रेकफास्ट ज्वाइंट एक अच्छा व्यवसाय है। इस बिज़नेस में जब तक अच्छा भोजन परोसा जाएगा तब तक आपके पास ग्राहकों की कमी कभी नहीं होगी, बेशक, एक स्टार्ट-अप बिज़नेस (Start-up) के लिए आपके पास बहुँत से खाने के विकल्प (Food options) या बड़ी मेन्यू-लिस्ट होने की आवश्यकता नहीं है। शुरुआत केवल खाने के कुछ विकल्पों के साथ की जा सकती है, जैसे कि एक पारंपरिक नाश्ता जिसके साथ स्नैक्स (Snacks) भी रखे जा सकते है।

डे-केयर सेवाएं

भारत में कामकाजी माताओं के लिए ऑफिस में बच्चे ले जाने की सुविधा अभी तक नहीं दी गई है और इसलिए महिलाओं को शादी के बाद नौकरी करने में मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। इसलिए डे-केयर सर्विस की मांग बढ़ती जा रही है। इसमें आपको ऐसे कर्मचारियों की ज़रूरत होगी जो बच्चों के साथ आसानी से घुल मिल जाएं और आपको ऐसा वातावरण बनाना होगा जो बच्चों के लिए अनुकूल व सुरक्षित हो ताकि माता-पिता बिना किसी चिंता के अपने बच्चों को दिनभर के लिए वहां छोड़के जा सकें। Bharat mai best hindi ideas 2022

प्लेसमेंट सर्विस

किसी भी कंपनी या संस्था में HR यानी ह्यूमन रिसोर्स (Human Resource) का काफ़ी महत्व होता है और अच्छी प्लेसमेंट एक कंपनी की ग्रोथ मे काफ़ी सहायता  करती है। तो प्रतिष्ठित कंपनियों  के साथ टाई-अप करने और अच्छे कर्मचारियों को अपने साथ रखने से यह कम लागत वाला अच्छा स्मॉल बिज़नेस बन सकता है।

फोटोग्राफी

कभी-कभार आपका शौक आपको पैसा कमाने में सहायता कर सकता है, बस आपको इसे एक पेशा (Professional) बनाने और एक व्यवसाय के रूप में आगे बढ़ाने के लिए अपने शौक पर कुछ अतिरिक्त समय लगाने की आवश्यकता होती है। फोटोग्राफी (Photography) उन शौक में से एक है जो पेशे में बदला जा सकता है। Bharat mai best hindi ideas 2022 एकमात्र निवेश एक बेहतर कैमरा होगा, जिससे फोटोग्राफी की जाएगी। बाकी सब आपकी सटीकता और तस्वीरें लेने का टैलेंट है जो आपको एक अच्छा फोटोग्राफर (Photographer) बना देगा।

कैटरिंग

कैटरिंग व्यवसाय (Catering Business) के काम के लिए लेबर, कच्चे माल की खरीद, और टेंट, टेबल, कुर्सियाँ और बर्तनों के मालिक होने की आवश्यकता होती है। बाकी आपके संपर्कों, मार्केटिंग तकनीकों और तैयार और परोसे जाने वाले भोजन की गुणवत्ता पर निर्भर करता है।

कन्सलटेंसी

लगभग हर क्षेत्र को इसके विकास में सहायता के लिए सलाहकारों की आवश्यकता होती है। आईटी, फाइनेंस, मार्केटिंग, एचआर, अकाउंट्स, लॉ, हेल्थकेयर, सोशल मीडिया आदि के अच्छे ज्ञान वाले लोग अपनी कंसल्टेंसी कंपनी खोल सकते हैं और अच्छा पैसा कमाने के लिए बड़े कॉरपोरेट्स के साथ लिंक कर सकते हैं। Bharat mai best hindi ideas 2022 

बुटीक स्टोर

यह देश के पारंपरिक छोटे पैमाने के व्यवसायों (Small Scale Business) में से एक है। जो महिलाएं सिलाई के कपड़े पसंद करती हैं और फैशन ट्रैंड से अपडेट होती हैं, वे कहीं भी बुटीक स्टोर चला सकती हैं। बुटीक स्टोर को घर से ही चलाया जा सकता है और केवल आवश्यक निवेश की ज़रूरत है।

हैण्डक्राफ्ट सेलर

भारत सरकार ने काफी राज्यों में हैण्डक्राफ्ट प्रोडक्ट्स (Handcraft Products) की बिक्री को बढ़ावा देना शुरू कर दिया है। प्रधामंत्री नरेंद मोदी भी अक्सर वोकल फोर लोकल (Vocal for local) की बात करते नज़र आते हैं। लोग भी इस तरह के हैण्डक्राफ्ट प्रोडक्ट पसंद कर रहे हैं जैसे विभिन्न घातुओं के बर्तन, पेंटिंग, शॉल, कालीन, लकड़ी के बर्तन, मिट्टी के बरतन, कशीदाकारी के सामान, और कांस्य और संगमरमर की मूर्तियां आदि शामिल हैं। Bharat mai best hindi ideas 2022 इनमें से कुछ प्रोडक्ट के साथ भी आप एक हैण्डक्राफ्ट स्मॉल बिज़नेस (Handcraft Small Business) शुरू कर सकते हैं।

भारत में अन्य स्मॉल बिज़नेस

  • प्रोफेशनल फ़ोटोग्राफ़ी: इस बिज़नस को शुरु करने के लिए सिर्फ एक अच्छे D.S.L.R कैमरा और लोकप्रिय संगठनों के साथ संपर्क की आवश्यकता है। इसके लिए किसी कार्यालय की आवश्यकता नहीं है। इसमें पैसा कमाने के लिए केवल आपकी प्रतिभा और जूनून ही काफी है। इस तरह के बिज़नस आईडिया की की सफलता, बाज़ार की स्थिति, मालिक का कौशल और ऐसे कई कारकों पर निर्भर करती है।Bharat mai best hindi ideas 2022 ऊपर दी गई लिस्ट छोटी है और प्रत्येक व्यवसाय में जोखिम भी बना हुआ है, लेकिन इनमें से हर एक व्यवसाय भविष्य के सफल व्यवसाय के रूप में उभरने की क्षमता रखता है।
  • कोचिंग क्लासेस: शिक्षा से सम्बंधित व्यवसाय को कम लागत के साथ शुरू किया जा सकता है। इसमें आप सरलता से कमा सकते हैं, यह फुल टाइम बिज़नेस नहीं है, इसको आप पार्ट टाइम के तौर पर भी शुरु कर सकते हैं और अच्छी कमाई कर सकते हैं।
  • वेडिंग प्लानर: यह कभी न खत्म होने वाला व्यवसाय है। जो लोग क्रिएटिव/ रचनात्मक हैं और जुनून से भरे हैं वह वाले लोग इस बिज़नेस को सफल बना सकते हैं।
  • प्लेसमेंट सर्विस: मानव संसाधन किसी भी संगठन या कंपनी का एक अभिन्न और महत्वपूर्ण कार्यक्षेत्र है और अच्छी भर्ती से कंपनी आगे बढ़ती रहती है। इसलिए प्रतिष्ठित संगठन को अच्छे कर्मचारी ढूंढ कर देने के लिए, इसे कम लागत वाला प्लेसमेंट व्यवसाय बना देता है।
  • रियल एस्टेट एजेंट: यह एक असंगठित क्षेत्र का एक छोटा पैमाने का व्यवसायिक विचार है जिसे आप अच्छे संपर्क और जनसंपर्क के साथ शुरू कर सकते हैं। इस छोटे पैमाने के व्यवसाय में कम निवेश और ज़्यादा लाभ की उम्मीद की जाती है।

तो दोस्तों आपलोग इस तरह आप अपना खुदका बिज़नेस खोल सकते और अच्छे खासे पैसे कमा सकते है तो दोस्तों हमने आपको अच्छे से बता दिया है और इसकी पूरी जानकारी आपको देदी है उम्मीद है आपको यह जानकारी अच्छे से समझ आ चुकी होगी और आपके मन में इस आर्टिकल को लेकर डाउट है तो आप हमें कमेंट बॉक्स में बता सकते है और आपको और कोई नयी जानकारी चाहिए तो आप हमें कमेंट में बताये जिससे हम आपके लिए वे आर्टिकल जरूर प्रस्तुत करेंगे और आपको यह आर्टिकल पसंद आया है तो यह आर्टिकल अपने दोस्तों तक जरूर शेयर करे।

धन्यवाद

 

 


Q. मुझे कौन सा व्यवसाय चुनना चाहिए?

आमतौर पर, आपके लिए सबसे अच्छा व्यवसाय वह है जिसमें आप सबसे अधिक कुशल और रुचि रखते हैं। उदाहरण के लिए, यदि आप बच्चों के पुस्तकालयाध्यक्ष के रूप में प्रशिक्षित हैं, तो आप कहानी सुनाने पर विचार कर सकते हैं। जब आप अपने विकल्पों की समीक्षा करते हैं, तो यह सलाह दी जाती है कि अपने क्षेत्र में अवसरों के बारे में स्थानीय विशेषज्ञों और व्यावसायिक व्यक्तियों से परामर्श करें। अपनी पृष्ठभूमि को स्थानीय बाजार की विशेषताओं के साथ मिलाने से आपकी सफलता की संभावना बढ़ जाएगी।

Q .क्या मैंने सही आधार तैयार किया है?

अपना खुद का व्यवसाय चलाने के लिए बहुत सारे शोध की आवश्यकता होती है। आपको व्यवसाय के स्वामित्व के कानूनी और व्यावहारिक पहलुओं की जांच करने की आवश्यकता होगी, व्यवसाय संरचना स्थापित करने से लेकर उपयुक्त लाइसेंस, परमिट और बीमा प्राप्त करने तक। आपको एक व्यवसाय योजना, वित्तपोषण और एक विपणन योजना की आवश्यकता होगी।

 

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