Thursday, May 2, 2024
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मनमोहन सिंह की जीवनी Manmohan Singh Biography in Hindi

मनमोहन सिंह की जीवनी-मनमोहन सिंह भारत के १४वे प्रधानमंत्री रहे वह एक महान विचारक, विद्वान और बुद्धिमान अर्थशास्त्री ही है राजनीती में सम्पूर्ण रूप से सक्रीय होने से पहले उन्होंने कई प्रतिष्ठित सरकारी संस्थानों में काम उनके विलक्षण योगदान के लिए उन्हें भारत के आर्थिक नवीनीकरण का आधारभूत निर्माता कहा जाता है . इस काबिल नेता ने अपनी नम्रता, नैतिकता और नीतिमत्ता के लिए काफी सराहना हासिल की है। मनमोहन सिंह की क्षमता और नेतृत्व कुशलता को भारतीयों ने  स्वीकार कर और लगातार दूसरी बार उन्हें प्रधानमंत्री बनया गया


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मनमोहन सिंह जीवनी 

जीवन परिचय बिंदु मनमोहन सिंह जीवन परिचय
पूरा नाम मनमोहन सिंह
धर्म सिख्ख
जन्म 26 सितम्बर, 1932
जन्म स्थान गाह, पाकिस्तान
माता-पिता अमृत कौर, गुरुमुख सिंह
विवाह गुरशरण कौर
बेटी 1.      उपिन्दर

2.      दमन

3.      अमृत

राजनैतिक पार्टी कांग्रेस

प्रारंभिक जीवन 

मनमोहन सिंह की जीवनी-मनमोहन सिंह का जन्म अखंड भारत के पंजाब प्रान्त (वर्तमान पाकिस्तान) स्थित गाह में 26  सितम्बर, 1932 को एक सिख परिवार में हुआ जहा उनकी माता का नाम अमृत कौर और पिता का नाम गुरुमुख सिंह था। छोटी उम्र में ही उनकी माता का निधन  हुआ और इसलिए उनकी दादी ने उनका पालन-पोषण करा बचपन से ही उन्हें पढाई में रूचि देखि थी और वह कक्षा में अक्सर अव्वल ही रहते थे।

देश के विभाजन के बाद उनका का परिवार अमृतसर जा पहुचगा  यहाँ पर उन्होंने हिन्दू कॉलेज में दाखिला लिया। मनमोहन सिंह ने पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़, से अर्थशास्त्र में स्नातक की पढ़ाई की। बाद में वे कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय और आक्सफोर्ड विश्वविद्यालय पैर जा पहुंचे जहा उन्हने स्नातकोत्तर स्तर की पढ़ाई समाप्त की।

मनमोहन जी ने 1962 में न्यूफील्ड कॉलेज,ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी से डी.फिल किया. 1964 में उन्होंने “इंडिया एक्सपोर्ट ट्रेंड एंड प्रॉस्पेक्टस फॉर सेल्फ ससटेंड ग्रोथ” नाम से पुस्तक लिखी जिसे क्लेरेंडॉन प्रेस ने प्रकाशित की. मनमोहनजी पंजाब यूनिवर्सिटी में वर्षो तक शैक्षणिक प्रत्यायक के रूप में छै रहे. एक संक्षिप्त कार्यकाल में UNCTAD सचिवालय के रूप में अच्छी तरह से इन वर्षो में दिल्ही स्कूल ऑफ़ इकोनॉमिक्स में प्रतिष्ठित हुए. 1987 से 1990 के बिच में उन्हें जिनेवा में सेक्रेटरी जेनरल ऑफ़ साउथ कमिशन के पद के लिए लिया गया.

मनमोहन सिंह की जीवनी-1971 में भारत सरकार द्बारा मनमोहन सिंह जी को आर्थिक सलाहकर वाणिज्य मंत्रालय के लिए चुनेगए, इसको देखते हुए 1972 में उन्हें मुख्य सलाहकार, वित्त मंत्रालय में नियुक्त किया. इनकी नियुक्ति बहुत से पदों के मिली जैसे की वित्तमंत्री, उपसभापति, योजन मंत्री, रिजर्व बैंक के गवर्नर के रूप में, प्रधानमंत्री के सलहाकार के रूप में. 1991 से 1996 के बिच पाच वित्त मंत्रीयो एक साथ  आर्थिक मंदी हटाकर भारत को पुन्ह स्थापीत करि इन्होने भारत के लिये आर्थिक योजना बनाई जो पुरे विश्व में मान्य है. उन्होंने अपने कार्यालय के दौरान अपने सहयोग से विकट परिस्थितियों से भारत को बहार निकला था.




मनमोहन सिंह की शिक्षा (Manmohan Singh Education)

  1. मनमोहन सिंह जी का जन्म 26 सितंबर 1932 को पंजाब के चकवाल में हुआ। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा दिल्ली के जीवनी राय पब्लिक स्कूल में पूरी की।
  2.  मनमोहन सिंह जी ने उच्चतर शिक्षा के लिए पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ में एक बैचलर ऑफ़ आर्ट्स (बीए) पढ़ाई। इसके बाद उन्होंने अपनी मास्टर्स डिग्री में अर्थशास्त्र में स्नातकोत्तर पढ़ाई, जो की सोनिपत के पणजाब विश्वविद्यालय से प्राप्त की गई।
  3.  मनमोहन सिंह जी ने अपनी विदेशी शिक्षा के लिए अंग्रेजी में अर्थशास्त्र में स्नातकोत्तर (एमए) पढ़ाई। उन्होंने अपनी एमए डिग्री 1954 में ऑक्सफ़ोर्ड विश्वविद्यालय के नफिल्ड कॉलेज से प्राप्त की थी।

मनमोहन सिंह का परिवार, पत्नी, बच्चे (Manmohan Singh Family, Wife, Child)

  1.  मनमोहन सिंह जी की पत्नी का नाम गुरशरण कौर है। वे दोनों 1958 में विवाहित हुए थे। गुरशरण कौर ने अपनी पति के साथ सदैव अविचलित और समर्पित रही हैं।
  2.  मनमोहन सिंह जी के एक बेटी का नाम अम्रता सिंह है। अम्रता सिंह अपने पिता के साथ विदेशी शिक्षा प्राप्त करने के बाद ब्रिटिश कॉलंबिया यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर के रूप में काम कर रही हैं।
  3. मनमोहन सिंह जी के एक बेटे का नाम दलजीत सिंह है। दलजीत सिंह एक व्यापारी हैं और वे अपने पिता की राजनीतिक करियर को समर्थन करते हैं।

राजनीतिक जीवन 

1985 में राजीव गांधी के शासन काल में मनमोहन सिंह को भारतीय योजना आयोग का उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया। इस पद पर उन्होंने निरन्तर पाँच वर्षों तक काम किया जबकि १९९० में यह प्रधानमंत्री के आर्थिक सलाहकार बनाया जब पी वी नरसिंहराव प्रधानमंत्री बने, तो उन्होंने मनमोहन सिंह को १९९१ में अपने मंत्रिमंडल में सम्मिलित  किया  वित्त मंत्रालय का स्वतंत्र प्रभार दिया गया इस समय डॉ॰ मनमोहन सिंह न तो लोकसभा और न ही राज्यसभा के सदस्य था

मनमोहन सिंह की जीवनी-लेकिन संवैधानिक व्यवस्था के अनुसार सरकार के मंत्री को संसद का सदस्य होना जरुरी होता है। इसलिए उन्हें १९९१ में असम से राज्यसभा के लिए लिया गया। मनमोहन सिंह ने आर्थिक उदारीकरण को उपचार के रूप में सम्मानित किए और भारतीय अर्थव्यवस्था को विश्व बाज़ार के साथ मिलय गया डॉ. मनमोहन सिंह ने आयात और निर्यात को भी आसान  करा। लाइसेंस एवं परमिट गुज़रे ज़माने की चीज़ हो गई। निजी पूंजी को उत्साहित करके रुग्ण एवं घाटे में जाने लगे वाले सार्वजनिक उपक्रमों हेतु अलग से नीतियाँ  लाये। जिसे

नई अर्थव्यवस्था जब घुटनों पैर आ पहुंची। तब पी. वी. नरसिम्हा राव को कटु आलोचना का शिकार होना पड़ा।विपक्ष उन्हें नए आर्थिक प्रयोग से सावधान करे पैर । लेकिन श्री राव ने मनमोहन सिंह पर पूरा विसवास  थे की मात्र दो वर्ष बाद ही आलोचकों के मुँह बंद हो गए और उनकी आँखें खुली रहा  गईं। उदारीकरण के बेहतरीन परिणाम भारतीय अर्थव्यवस्था में नज़र आने लगे थे और इस प्रकार एक ग़ैर राजनीतिज्ञ व्यक्ति जो अर्थशास्त्र का प्रोफ़ेसर था, का भारतीय राजनीति में प्रवेश किए  ताकि देश की बिगड़ी अर्थव्यवस्था को पटरी पर लेकर आ सके।

मनमोहन सिंह की जीवनी-2008 में मुंबई पर हुए आतंकवादी हमले के बाद राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (नाइया) का गठन  करा था । 2009 में इ-प्रशासन और राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत बनाने हेतु भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण का गठन करा जिस के तहत लोगों को बहु उद्देशीय राष्ट्रीय पहचान पत्र देने की घोषणा की गई। इस सरकार ने अलग-अलग देशों के साथ मजबूत रिश्ते जोड़े  और बरक़रार रखे। पी वी नरसिम्हाराव के कार्यकाल में शुरू की थी व्यावहारिक विदेश नीति का मौजूदा प्रकल्प में सफलतापूर्वक उपयोग करा था।



मनमोहन सिंह की जीवनी-अपनी सादगी और अंतर्मुखी स्वभाव के लिए जाने जाने वाले मनमोहन सिंह बेहद चतुर और बुद्धिमान व्यक्तित्व वाले प्रधानमंत्री थे  शिक्षा के प्रति रुझान ने उन्हें प्रधानमंत्री पद तक पहुंचा लिया  किन्तु वह खुद को एक आम इंसान ही मानते थे और । उनके उत्कृष्ट कार्यों के लिए उन्हें वर्ष 1987 में पद्मविभूषण सम्मान  दिया  गया। भारत को उन्नति के पथ पर आगे बढ़ाने के लिए मनमोहन सिंह ने प्रधानमंत्री के रूप में कई मजबूत कदम उठाए जिनका देश की जनता को तो लाभ हुआ ही साथ ही विश्व पटल पर भी भारत एक मजबूत राष्ट्र बनकर आया है जिसे ।

डॉ. सिंह एक ईमानदार और कर्त्तव्यनिष्ठ व्यक्ति है । उनको यूपीए ( संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन ) सरकार का समर्थन हासिल  है तथा पूरा देश उन पर यक़ीन करता है । उनकी छवि एक सुशील और ईमानदार व्यक्ति के रूप में विख्यात है और अपनी ईमानदार छवि के कारण उनको कुछ लोग डॉ. ऑनेस्ट से भी बुलाते है  उनका रिकॉर्ड साफ रहा है । वह सादगी की मूर्ति हैं और मूल्यों में भरोसा  करते हैं । उनके पिछले रिकॉर्ड को जानते  हुए देश ने उनके प्रधानमंत्री बनने का स्वागत करा।  और जिस प्रकार से प्रधानमंत्री बनने के बाद उन्होंने किसानों और श्रमिक वर्ग के लिए दो घोषणाएँ दिया।  उससे यह साबित हो चुका है कि यह व्यक्ति समाज के निम्न वर्ग का हितैषी है ।

मनमोहन सिंह जी के अवार्ड्स व अचीवमेंट (Manmohan Singh Awards and Achievements)

  • मनमोहन सिंह जी, भारत के पूर्व प्रधानमंत्री (2004-2014) थे और उनके द्वारा हासिल किए गए कई महत्वपूर्ण अवार्ड्स और उपलब्धियां थीं। यहां कुछ मुख्य अवार्ड्स और उपलब्धियां हैं जिन्हें मनमोहन सिंह जी ने प्राप्त किया:
  • पद्म विभूषण (2008) मनमोहन सिंह जी को 2008 में भारत सरकार द्वारा पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया। पद्म विभूषण भारत का दूसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान है और इसे विशेष योगदान और अविश्वास्त्रीय उपलब्धियों के लिए दिया जाता है।
  • मनमोहन सिंह जी को 1987 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया। यह सम्मान उनके योगदान के लिए दिया गया था, विशेष रूप से आर्थिक विज्ञान के क्षेत्र में।
  •  मनमोहन सिंह जी को 2010 में अर्थशास्त्र रत्न अवार्ड से सम्मानित किया गया। यह अवार्ड उनके अर्थशास्त्रीय ज्ञान और उनकी योगदान को मान्यता देने के लिए प्रदान किया गया।

 

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