मुश्किलों से कैसे निपटें ? गुरु ने शिष्यों को सिखाया – आलू, अंडा और चाय उबालकर जिंदगी का सबक , जीवन में लक्ष्य बड़ा होगा तो चुनौतियाँ भी बड़ी होंगी। कठिन परिस्थितियों में सकारात्मक रहकर धैर्य से काम लेने वाला व्यक्ति मजबूत बन सकता है। चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में व्यक्ति अधिक सक्षम बनता है। आइए एक ऐसी कहानी जानें जो आपको जीवन में कुछ हासिल करने के लिए प्रेरित कर सकती है।
एक बार, एक कक्षा में, शिक्षक अपने छात्रों को यह समझाना चाहते थे कि प्रकृति सभी को समान अवसर प्रदान करती है, और उन अवसरों का उपयोग करके, वे अपने भाग्य को आकार दे सकते हैं। इस बिंदु को स्पष्ट करने के लिए, शिक्षक ने तीन कंटेनर लिए। पहले डिब्बे में उसने आलू रखा, दूसरे में अंडा और तीसरे में चाय की पत्ती रखी। फिर, उसने तीनों बर्तनों में पानी भर दिया और उन्हें उबलने के लिए चूल्हे पर रख दिया। छात्र आश्चर्य से देखते रहे, इस प्रयोग का उद्देश्य समझ नहीं पा रहे थे।
बीस मिनट के बाद, जब तीनों कंटेनर उबलने लगे, तो शिक्षक ने उन्हें गर्मी से हटा दिया और छात्रों से उन्हें ध्यान से देखने को कहा। फिर भी कोई भी विद्यार्थी इसका मर्म नहीं समझ सका। अंत में, शिक्षक ने एक छात्र से तीनों वस्तुओं- आलू, अंडा और चाय को छूने के लिए कहा। जब छात्र ने आलू को छुआ तो वह नरम निकला, हालांकि उबालने से पहले वह सख्त था।
इसके बाद, छात्र ने अंडा उठाया, तो पता चला कि वह उबलने से पहले नरम होने के बाद सख्त हो गया था। आख़िरकार, चाय को हाथ लगाने का समय आ गया। जैसे ही छात्र ने कप पकड़ा, उन्होंने देखा कि चाय की पत्तियां बदल गई थीं और अब चाय तैयार थी। अब, शिक्षक ने समझाया कि तीन अलग-अलग वस्तुओं ने एक ही उबलते पानी का अनुभव किया था, लेकिन उनकी प्रतिक्रियाएँ और परिवर्तन अद्वितीय थे। एक बार सख्त आलू नरम हो गया, एक नाजुक अंडा सख्त हो गया और चाय की पत्तियां पूरी तरह से बदल गईं। शिक्षक ने इस बात पर जोर दिया कि यही सिद्धांत मनुष्य पर भी लागू होता है।
शिक्षा:
जीवन में कठिनाइयाँ आती-जाती रहती हैं, लेकिन अंततः सफलता उन्हीं को मिलती है जो बिना उम्मीद खोए इन चुनौतियों का डटकर मुकाबला करते हैं। विजेताओं को ही दुनिया याद रखती है। मुश्किलों से कैसे निपटें ? गुरु ने शिष्यों को सिखाया – आलू, अंडा और चाय उबालकर जिंदगी का सबक