तबला वादक जाकिर हुसैन-हेल्लो दोस्तों में कोमल शर्मा आज के इस आर्टिकल में आप को जाकिर हुसैन के बारे में बताने जा रहे हु उस्ताद जाकिर हुसैन का जन्म ९ मार्च १९५१ को भारत के सब से प्रसिद्ध स्थान तबला वादक में हुआ था इनके पिता का नाम उस्ताद अल्ला रक्खा था जाकिर हुसैन को २००१ में भारत सरकार दवरा द्वारा कला के विषय में सां १९८८ में पदम् श्री तथा २००२ में पदम् भूषड़ से सम्मानित किया गया था
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जाकिर हुसैन का जीवन परिचय
- नाम – जाकिर हुसैन
- जन्म – 9 मार्च 1951
- निवास – मुंबई, भारत
- पिता – उस्ताद अल्ला राख
- शैली – शास्त्रीय संगीत, जैज़ फ्यूजन, विश्व संगीत
- पेशा – तबला वादन
- पत्नी – एंटोनिया मिनेकोला (कथक नर्तक और शिक्षक)
- बच्चे – अनीसा कुरैशी (बेटी), इसाबेला कुरैशी (बेटी)
- सम्मान और पुरस्कार – पद्म श्री, पद्म भूषण, ग्रैमी पुरस्कार
जाकिर हुसैन ने आपने बचपन मुंबई में बिताया १२ साल की आयु में ही जाकिर हुसैन ने संगीत की दुनिया में आपने अच्छे आवाज को बिखेरना शुरू कर दिया जीवन के शुरआत में ही पढाई एयर कॉलेज के बाद जाकिर हुसैन ने कला में आपने आप को परदर्शित करना शुरू कर दिया १९७३ में उनका पहला अल्बम लिविंग इन द मैटेरियल वर्ल्ड दिया उसके बाद जाकिर हुसैन ने सोच लिया था की आपने इस आवाज को दुनिया भर में पहुंचना है १९७९ से लेकर २००७ तक जाकिर हुसैन अलग अलग अन्तर्राष्ट्रिये सम्हारो और अल्बम में आपने तबले का रौब देखने लगे जाकिर हुसैन भारत में बहुत मने जाने जाते थे साथ ही साथ विश्व के अलग अलग हिस्सों में सामान रूप से सब लोगो के लोकप्रिय थे
जाकिर हुसैन का सम्मान और पुरस्कार
तबला वादक जाकिर हुसैन-जाकिर हुसैन को जब १९८८ में पदम् श्री पुरस्कार मिला था तब हुशाई जी केवल ३७ वर्ष के थे इस आयु में इस पुरस्कार पाने वाले सबसे काम आयु के आदमी थे इसी तरह २००२ में संगीत के कला में उनके योगदान के लिए उन्हें पदम् भुसद का पुरस्काए दिए गया था जाकिर हुसैन जी को १९९२ और २००९ में संगीत का सबसे अच्छा पुरस्कार ग्रैमी अवार्ड दिया गया था २२ मार्च २०२३ को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था
जाकिर हुसैन का तबला राजा कौन है?
उस्ताद जाकिर हुसैन (जन्म 9 मार्च 1951) एक भारतीय तबला वादक, संगीतकार, तालवादक, संगीत निर्माता और फिल्म अभिनेता थे
ताल की कितनी जातियां हैं?
संगीत के संस्कृत ग्रंथों में ताल दो प्रकार के माने गए हैं—मार्ग और देशी।
जाकिर हुसैन के तबला की खोज कैसे हुई?
ऐसा माना जाता है कि तबले का आविष्कार 13 वीं शताब्दी के सुफी कवि और संगीतकार अमीर खुसरो ने किया था, जिसे सुल्तान अलाउद्दीन खिलजी ने संरक्षण दिया था। खुसरो ने तबला बनाने के लिए पखावज को दो भागों में काट दिया था। तबला बजाने में एक जटिल वादन तकनीक प्रयुक्त होती है।
उस्ताद जाकिर हुसैन के बारे में अन्य रोचक तथ्य
- जाकिर हुसैन 9 फरवरी 1963 को मुंबई, महाराष्ट्र, भारत में जन्मे थे।
- उनके पिता, उस्ताद उमर हुसैन, भी एक प्रमुख तबला वादक थे। जाकिर हुसैन को बचपन से ही म्यूजिक में रुचि थी, और उनके पिता ने उन्हें प्रशिक्षण देना शुरू किया।
- उन्होंने अपनी प्रथम पब्लिक प्रदर्शनी 5 वर्ष की आयु में ही दी थी।
- जाकिर हुसैन ने विभिन्न संगीत संगठनों और विद्यालयों में अपने प्रदर्शनों के माध्यम से अपार प्रशंसा प्राप्त की है।
- उन्हें “उस्ताद” के दर्जे से सम्मानित किया गया है, जो एक महत्वपूर्ण मान्यता है और उनकी विद्या, काबिलियत और योगदान को मान्यता देता है।
- जाकिर हुसैन ने अपनी योग्यताओं के लिए कई पुरस्कार प्राप्त किए हैं, जिनमें संगीत के क्षेत्र में अनेक राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार शामिल हैं।
FAQ
Q. भारत के प्रसिद्ध तबला वादक कौन है?
Q. जाकिर हुसैन का असली नाम क्या है?
Ans. ज़ाकिर हुसैन कुरैशी
Q. तबला वादक जाकिर हुसैन के गुरु कौन थे?
Ans. तबला वादक जाकिर हुसैन के गुरु पंडित अल्लाराखा खान थे। वे पंडित अल्लाराखा खान की शिष्यपरंपरा से संबंधित हैं
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