Sunday, April 28, 2024
Homeपरिचयगुलजारी लाल नंदा का जीवन परिचय Gulzarilal Nanda biography in...

गुलजारी लाल नंदा का जीवन परिचय Gulzarilal Nanda biography in hindi

गुलजारी लाल नंदा का जीवन परिचय –श्री गुलजारीलाल नंदा जी का 4 जुलाई 1898 को पंजाब के सियालकोट में  जन्म हुआ।  उन्होंने लाहौर, आगरा एवं इलाहाबाद में अपनी शिक्षा समाप्त कर । उन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय (1920-1921) में श्रम संबंधी समस्याओं पर एक शोध अध्येता के रूप में आपन कार्य किया एवं 1921 में नेशनल कॉलेज (मुंबई) में अर्थशास्त्र के प्राध्यापक के रूप में आये। इसी वर्ष वे असहयोग आंदोलन में सात जोड़े।   1922 में वे अहमदाबाद टेक्सटाइल लेबर एसोसिएशन के सचिव बने जिसमें उन्होंने 1946 तक रहे । उन्हें 1932 में सत्याग्रह के लिए जेल जाना पड़ा एवं फिर 1942 से 1944 तक भी वे जेल में ही वक्त गुजरा।



Cannect with JUGADME TEAM

श्री नंदा 1937 में बम्बई विधान सभा के लिए चुने गए एवं 1937 से 1939 तक वे बंबई सरकार के संसदीय सचिव (श्रम एवं उत्पाद शुल्क) थे  बाद में, बंबई सरकार के श्रम मंत्री (1946 से 1950 तक) के रूप में उन्होंने राज्य विधानसभा में सफलतापूर्वक श्रम विवाद विधेयक पेश किया। उन्होंने कस्तूरबा मेमोरियल ट्रस्ट में न्यासी के रूप में, हिंदुस्तान मजदूर सेवक संघ में सचिव के रूप में एवं बाम्बे आवास बोर्ड में अध्यक्ष के रूप में कार्य किया। वे राष्ट्रीय योजना समिति के सदस्य भी रहे। राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस के आयोजन में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका ki थी और बाद में इसके अध्यक्ष के रूप में आये। ।

 गुलजारी लाल नंदा जी का जन्म व् परिवार (Gulzarilal Nanda Short biography) –

जीवन परिचय बिंदु गुलजारी लाल नंदा जीवन परिचय
पूरा नाम गुलजारीलाल नंदा
जन्म 4 जुलाई 1898
जन्म स्थान सियालकोट, पंजाब, पाकिस्तान
धर्म हिन्दू
जाति खत्री
माता-पिता ईश्वर देवी नंदा, बुलाकी राम नंदा
पत्नी लक्ष्मी देवी
बच्चे 2 पुत्र 1 पुत्री
मृत्यु 15 जनवरी 1998

 

गुलजारी लाल जी का शुरुवाती सफ़र (Gulzari Lal Nanda Personal Life)-

गुलजारी लाल नंदा का जीवन परिचय-भारत की आजादी में इन्होने बेहतीरिन  योगदान दिया, यह देश के लिए सदैव समर्पित रहे. 1921 में इन्होने महात्मा गाँधी जी के नेतृत्व में ‘असहयोग-आन्दोलन’ में भी योगदान दिया।  वे बम्बई के नेशनल कॉलेज में अर्थशास्त्र के अध्यापक के रूप में कार्यरत रहे . अध्यापक के रूप में इन्हें छात्रो का बहुत स्नेह मिला और. 1922-1946 तक इन्होने अहमदाबाद की टेक्सटाइल इंडस्ट्री में लेबर एसोसिएशन के सचिव के रूप में करोवबर को दिखा . इन्होने श्रमिको की समस्या को सदैव समझा एवम उनका निवारण किया. प्रोफेसर की अच्छी जॉब होने के बाद भी गुलजारी लाल जी ने अपना काम छोड़ आजादी की लड़ाई में जा  पड़े और 1932 में ‘सत्याग्रह आन्दोलन‘ में हिस्सा लेने के दौरान  उन्हें जेल की यातना भी सही . 1942 में भारत-छोडो आन्दोलन के दौरान  उन्हें  गिरफ्तार  भी करा था जहाँ उन्हें 2 साल तक जेल में गुजरना पड़ा।

गुलजारी लाल जी का राजनैतिक सफ़र (Gulzari Lal Nanda Political Career) –

गुलजारी लाल नंदा का जीवन परिचय-1937-1939 में वे बॉम्बे विधानसभा के सदस्य  रहे चुके थे , इस समय इन्होने श्रम एवम आवास मंत्रालय देखा इसी कार्यकाल के दौरन नंदा जी ने ‘श्रमिक विवाद विधेयक’ को पास करा।  उन्हें बॉम्बे हाउसिंग बोर्ड व् हिंदुस्तान मजदूर संघ का अध्यक्ष भी  गोसीद किया गया. 1947-1950 में इन्हें विधायक चुना  गया. विधायक के तौर पर इन्होने कई सराहनीय काम  किये. 1947 में इन्होने ‘इन्डियन नेशनल ट्रेड यूनियन काँग्रेस’ की स्थापना भी करि इनकी कार्य के प्रति निष्ठा को देखकर इन्हें दिल्ली आमंत्रित  किया गया. इन्हें सरकार ने अहम भूमिका एवम कार्यभार  संभाल ने को दिए. आजादी के कुछ समय पश्चात् ही 1947 में ‘अन्तराष्ट्रीय मजदुर सम्मलेन’ में भारत के प्रतिनिधित्व के रूप में इन्हें स्वीटजरलैंड भेजा गया. श्रमिक व आवासीय व्यवस्था को करीब से जानने के लिए  इन्होनें बहुत संगर्ष  किया.




गुलजारी लाल नंदा का जीवन परिचय-1950  में देश का सविधान लागु होने पर , वे योजना आयोग के उपाध्यक्ष बनाये गये. भारत की पंच-वर्षीय योजनाओ में इनका भरपूर सहयोग हासिल  हुआ.  जवाहरलाल नेहरु  इनके कार्य से बहुत प्रभावित हुआ नंदा जी मंत्री मंडल में केबिनेट मंत्री के पद पर ही थे और 1951-1952 तक योजना मंत्रालय का कार्यभार सम्भाला. 1952-1955 तक नदी-घाटी परियोजना में अहम योगदान भी  दिया. 1957-1967 में सिचाई एवम उर्जा विभाग को भी सम्भाला. 1963-1964 में इन्होने श्रम और रोजगार विभाग के कार्यभार का समाप्त किया. वे प्रथम पाँच आम चुनावों में लोकसभा के सदस्य लिए गये।

कार्यवाहक प्रधानमंत्री ( Gulzarilal Nanda prime minister period) –

गुलजारी लाल का प्रधानमंत्री के तौर पर कार्यकाल 13-13 दिनों का 2 बार का था   . भारत के सविधान के अनुसार देश के प्रधानमंत्री के पद को कभी रिक्त नहीं रखा जा सकता था , किसी कारणवश अगर प्रधानमंत्री अपना पद छोड़इ   या पद में रहते हुए उनकी म्रत्यु हो जाती है  तो तुरंत नए प्रधानमंत्री का चुनाव किया जाता है अगर ये तुरंत संभव नहीं होता है तो कार्यवाहक या अंतरिम प्रधानमंत्री को नियुक्त किया जाता है. कार्यवाहक तब तक उस पद पर कार्यरत रहता है जब तक विधि वत रूप से नए प्रधानमंत्री का चुनाव न हो जाये. 1964 में नेहरु जी की म्रत्यु के पश्चात गुलजारी लाल ही वरिश्ठ नेता था, यही वजह है की उन्हें कार्यवाहक  प्रधानमंत्री बनाये गया. गुलजारी जवाहरलाल के एक मातेर शती      थे, दोनों साथ में लम्बे समय से काम करते आ रहा था , गुलजारी लाल जी नेहरु जी के काम को अच्छे से जानते थे. 1962 में चीन से युद्ध समाप्त हुआ था, नेहरु जी की मौत के समय प्रधानमंत्री पद के उपर बहुत अधिक दबाब आने आगा  था, इसके बावजूद नंदा जी दे इस पद को बखूबी संभाला था.

1966 में  लाल बहाद्दुर शास्त्री की मृत्यु के पश्चात पुन: कार्यवाहक प्रधानमंत्री बनाये गये. 1965 में पाकिस्तान के युद्ध की समाप्ति हुई थी, जिस वजह से देश एक बार फिर कठिन दौर से गुजरना पड़ा। . लाल बहादुर शाष्त्री जी की आकस्मिक मौत के बाद गुलजारी लाल जी ने देश की गरिमा को शमले रखा. दोनों समय अपने कार्यकाल के दौरान नंदा जी ने कोई भी बड़े निर्णय नहीं उठे थे   , इस दौरान उन्होंने बहुत ही शांति व संवेदनशील होकर कार्य को संभाला . गुलजारी जी को संकटमोचन कहना गलत नहीं होगा.

गुलजारी लाल नंदा की मृत्यु कब हुई (Gulzarilal nanda death)

1997 में इन्हें ‘भारत-रत्न’ और ‘पद्मविभूषण’ से सम्मानित  भी  किया गया . गुलजारी लाल जी का  निधन 15 जनवरी 1998 को दिल्ली में उनके निज निवास जैसे इलाके में हुआ. इन्हें 100 वर्षो की दीर्घ आयु  हासिल की . सरल एवम शान्त स्वभाव के इस शक्स ने आजीवन के लिए सबके दिलो में जगह बनाई.



पुरस्कार गुलज़ारीलाल नन्दा को देश का सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न (1997) और दूसरा सर्वश्रेष्ठ नागरिक सम्मान पद्म विभूषण प्रदान किया गया।

FAQ

Q. गुलजारी लाल नंदा का समाधि स्थल कहां है?

sol. नारायण घाट

Q. गुलजारी लाल नंदा का जन्म कब और कहां हुआ था?

Ans. 4 जुलाई 1898, सियालकोट, पाकिस्तान

Q. नंदा की उम्र कितनी है?

Ans. 75 वर्ष (1939–2014)

Q. नंदा की शादी क्यों नहीं हुई?

sol. 1994 में निर्देशक की अचानक मृत्यु के कारण

Cannect with JUGADME TEAM

Also Read

 




RELATED ARTICLES
0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest

0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments

Most Popular