Wednesday, May 8, 2024
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रक्षा बंधन पर आज ही करें यह बिजनेस हो जाओगे माला माल

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Best Raksha Bandhan Business Ideas in hindi

Best Raksha Bandhan Business Ideas in hindi हेलो दोस्तों स्वागत है आपका हमारी वेबसाइट पर आज हम आपको बताने वाले हैं बंधन बिजनेस बेस्ट आईडियाज दोस्तों जैसे कि रक्षाबंधन आने वाला है कितने लोग काफी अपना मैं बिजनेस रक्षाबंधन के लिए खोलने के लिए सोच रहे होगे परंतु आपको  बिजनेस खोलने के लिए कोई भी सुझाव नहीं होगा पर आज हम आपको विस्तार से बताने वाले हैं  कि Best Raksha Bandhan Business Ideas in hindi आप रक्षाबंधन के शुभ अवसर पर आप अपना बिजनेस कैसे खोल सकते हैं बिजनेस से जुड़ी जानकारी आज हम आपको इस आर्टिकल में देखें दोस्तों हम शुरू करते हैं 



रक्षाबंधन भाई बहन का पवित्र त्यौहार है जिसमें  नए रिश्ते जुड़ जाते हैं और साथ में  इन रिश्तो में  प्रेम भावना बनी रहती है  और दोस्तों इस त्यौहार में चाहे कितनी भी लड़ाई झगड़े हो जाए परंतु यह त्योहार भाई बहन के लिए काफी प्रसिद्ध तोहार माना गया है Best Raksha Bandhan Business Ideas in hindi





रक्षाबंधन पर बहन को क्या  उपहार दे

दोस्तों रक्षाबंधन के शुभ अवसर पर बहन अपने भाई के हाथ में राखी बनती है और अपनी प्यारी बहन के लिए सबसे अच्छा उपहार देने का लोग सोचते हैं तो  आप अपनी बहन को रक्षाबंधन के शुभ अवसर पर हाथ क्रिस्टल  ब्रेसलेट दे सकते हैं अगर दोस्तों आपकी बहन ज्वेलरी की शौकीन है तो आप रक्षाबंधन के शुभ अवसर पर  क्रिस्टल ब्रेसलेट  का उपहार दे  या फिर दोस्तों आप अपनी बहन को एक अच्छा सा हैंडबैग दे जिससे वह कॉलेज या फिर विद्यार्थी है तो उसके लिए  यह उपहार  काफी लाभदायक होगा प्यारे दोस्तों आप अपनी बहन को राखी के अवसर पर अपने घर की या कमरे की शोभा बनाने के लिए विंड बेल  दे सकते हैं जिसे क्योंकि दोस्तों जब भी आपकी बहन या कोई भी व्यक्ति इस बेल को देखता है Best Raksha Bandhan Business Ideas in hindi तो सकारात्मक स्रोत  व विचार  मन में आते हैं जिससे वह काफी दिल व दिमाग को सुकून मिलता है | 

रक्षाबंधन क्यों मनाया जाता है

दोस्तों के भाई बहन का महत्वपूर्ण त्योहार है भाई बहन एक दूसरे के प्रति प्रेम भावना जागरूक करते हैं भविष्य पुराण के अनुसार सालों से असुरों के राजा बलि के साथ इंद्रदेव का युद्ध चल रहा था इसका समाधान भागने के लिए इंद्र की पत्नी सचि विष्णु जी के पास जा पहुंची तभी विष्णु जी ने उन्हें एक धागा अपनी पत्नी इंद्र की कलाई पर बांधने के लिए दिया जब सचि ऐसे आने के बाद इंद्रदेव साल चल रही युद्ध को जीत लिया



यह भाई बहन का यह पवित्र तोहार मैं विश्वास और प्यार रक्षाबंधन के दिन दिखाई देता है इस दिन बहने अपने भाइयों को टीका लगाती है उसकी कलाई पर राखी बांधती है और उस वक्त भाई अपनी बहन को उपहार देते हैं इस दिन पूरा वातावरण चहल पहल होता है और ऐसे में खुशी के साथ साथ सालों से श्रावण महीने की पूर्णिमा के दिन रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जाता है

लक्ष्मी राजा बलि की कथा

यह कथा भगवान विष्णु के वामन अवतार से जुड़ी हुई है इसमें भगवान विष्णु ने अवतार लेकर असुरों के राजा बलि से तीन पग भूमि दान में मांगा दानवीर बलि के लिए तैयार हो गया वह मैंने पहले ही पग को पति पर नाप लिया था तो बली समझ गया कि वह वामन खुद भगवान विष्णु ही है बली ने विनय भगवान विष्णु को प्रमाण किया और अगला पग रखने के लिए सिर झुका लिया विष्णु भगवान बली पर प्रसन्न हुए वरदान मांगने को कहा तो असुर राज बली ने वरदान में उनसे अपने द्वार पर ही खड़े रहने के लिए इसलिए भगवान विष्णु अपने ही वरदान में फंस गए तब माता लक्ष्मी ने नारद मुनि से हैं यह सलाह ली की अतुल राज बली को राखी बांधने और उपहार के रूप में विष्णु को मांग लिया



रक्षाबंधन का महत्व

इन कथाओं के माध्यम से यह मालूम चला है कि रक्षाबंधन पर्कश कलाई पर राखी व रक्षा सूत्र बांधा जाता है और यह है वचन के रूप में महत्व दिया जाता है इसलिए इसी दिन बहन भाई को राखी बनती है भाई अपनी बहन के लिए यह वचन देता है कि वह हर समय उसकी हिफाजत करेगा अपने भाई के लिए कामयाबी और सफलता की कामना करती है यह तो हार वचन भावना ही त्योहार का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है



रक्षाबंधन पर महिलाओं के लिए बिजनेस

दोस्तों आज के समय में हर बिजनेस एक काम की शुरुआत कम पैसों वह कम समय में होती है जिससे वह आगे चलकर अच्छी कमाई कर पाते हैं तो दोस्तों हम बात करेंगे कि रक्षाबंधन पर गांव की महिलाएं क्या बिजनेस खोल सकती हैं जिससे महिलाएं यह बिजनेस खोलने पर आगे चलकर कामयाब रहे तो दोस्तों हर काम की शुरुआत जीरो से शुरू होकर धीरे धीरे-धीरे आगे बढती है

राखी बेचने का छोटा बिजनेस कैसे करें

दोस्तों अगर आपके पास कोई काम नहीं है  तो आप  चिंतित ना हो केवल आप अपने पास लघु उद्योग को चालू कर  लीजिए क्योंकि दोस्तों 11 अगस्त 2022 से  भारत में  मनाया जा रहा है तो दोस्तों ज्यादा समय नहीं है  शुरू होने में तो दोस्तों आप गांव या फिर छोटे  नगरों या फिर शहरों में  राखी की छोटी-छोटी दुकानें लगनी शुरू हो जाएगी और कई जगह पर  लगनी शुरू हो गई है  तो दोस्तों आप इन सब चीजों से पीछे न हटे हैं केवल आज से ही आप अपना यह बिजनेस खोल सकते हैं 



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राखी बेचने की खास बात

इस बिजनेस की सबसे पहली बात यह है कि आप  इस बिजनेस की शुरुआत घर से ही  कर सकते हैं और दोस्तों आप कोई और बिजनेस खोलते हैं उसमें आपकी उसमें आपका काफी पैसा लग जाता है परंतु यह बिजनेस  खोल दे खोलते  है तो आपका क बहुत ही कम पैसा  लगना है और यह ऐसा बिजनेस है जिससे आप आसानी से चालू कर सकते हैं और साथ में किसी रिश्तेदार व बैंक से लोन लेने की भी आवश्यकता नहीं पड़ती है Best Raksha Bandhan Business Ideas in hindi और दोस्तों आप चाहे तो राखी को आप घर बैठे भी बना सकते हैं  दोस्तोंअगर आपको राखी बनाने नहीं आती तो आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से बताने वाले हैं तो आज हम जान लेते हैं आखिरकार राखी कैसे बना सकते हैं 



आप आज के समय पर यूट्यूब पर हर एक चीज का निवारण मिल जाता है और ऐसे ही आप राखी बनाना सीखना चाहते हैं  तो वीडियो के जरिए भी सीख सकते हैं  दोस्तों यह ज्यादा कठिन कार्य नहीं है आप काफी आसानी से आप राखी तैयार कर सकते हैं  इसलिए दोस्तों आपको कुछ जरूरी चीजों की आवश्यकता पड़ जाती है Best Raksha Bandhan Business Ideas in hindi जोकि आप निम्न में दर्शाई गई है

राखी बनाने के लिए किस समान की आवश्यकता पड़ती है

  • छोटे डिज़ाइन एक्साम्प्लेस गणेश जी को मूर्ति.
  • एक छोटी कैंची
  • बड़ी कैंची
  • रंगदार मोती
  • धागा हर रंग का
  • रंगदार साफ कागज़
  • डोरी
  • गूंद
  • तरहा -2 के सीटेकर.
  • रंगबिरंगी उन

राखी  बनाने का सामान कहां मिलता है

दोस्तों काफी लोगों के मन में यह सवाल जरूर आता होगा आखिरकार राखी का सामान  कहां मिलता है  इसके बारे में आज हम जान लेते हैं दोस्तों अगर आप राखी बनाने का बिजनेस चालू करना चाहते हैं तो आप  आपके पास पास की जगह या फिर दिल्ली में इसकी एक अलग Raw material wholesale  कि काफी सारे मार्केट है वहां से खरीद सकते हैं आप इसे ऑफलाइन तरीका भी कह सकते है




मिठाई ,चॉकलेट बिजनेस से कमाए पैसे कमाए।

  • रक्षा बंधन पर भाई और बहन का प्यार पुरे विश्व में मनाया जाता है।
  • जब बहन भाई को राखी बंधती है तो बहन उसे मिठाई , चॉकलेट, खिलाती यह यह शुभ पर्व मनाया जाता है
  • ऐसे में आप रक्षा बंधन से 2-3 दिन पहले आप अपना घर के पास एक दूकान खोलकर पैसा कमा सकते है।

गिफ्ट पैकिंग बिजनेस करके पैसे कमाये |

बहन अपने  भाई को जब राखी बांधती है तो और फिर सभी भाइयो को अपनी बहन के लिए उपहार देना होता है तो आप इसका भी बिज़नेस कर सकते हैं। 



डेकोरेटिव ड्राई फ्रूट , मिठाई के डब्बे बनाकर पैसा  कमा सकता है?

रक्षा बंधन पर  मिठाई की बिक्री काफी हद तक होती है और मिठाई के पैक करने के लिए डब्बे की आवश्यकता पड़ती है तो आप डिब्बे बनाने का काम खोल सकते है और आप भर हलवाई या किसी और दुकान पर जाकर बेच सकते है 



आखिरी शब्द

दोस्तों आज हमने जाना की रक्षाबंधन पर आप कौन सा बिजनेस खोल सकते हैं दोस्तों उम्मीद करते हैं यह आर्टिकल आपको जरूर पसंद आया होगा और आप अपना रक्षाबंधन पर एक नया बिजनेस खोलना चाहते हैं तो दोस्तों जो आपको आज मैंने इस आर्टिकल में बताया है आप इसके माध्यम से आप अपना बिजनेस खोल सकते हैं और यह जानकारी दूसरों तक जरूर पहुंचाएं जिससे लोगों को इस जानकारी के बारे में पता चल सके कि वह रक्षाबंधन के शुभ पर्व पर वह अपना कौन सा बिजनेस खोल सकते हैं यदि कोई भाई अपनी बहन के लिए रक्षाबंधन से जुड़े आर्टिकल के बारे में पढ़ रहा है तो आप मुझे कमेंट में बताएं

धन्यवाद







 

Ganesh Chaturthi Business Ideas In Hindi

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Ganesh Chaturthi Business Ideas In Hindi

Ganesh Chaturthi Business Ideas In Hindi

Ganesh Chaturthi Business Ideas In Hindi दोस्तों स्वागत है आपका हमारी वेबसाइट पर आज हम आपको बताने वाले हैं गणेश चतुर्थी आप कौन सा बिजनेस कर सकते हैं दोस्तों जैसे कि इस गणेश चतुर्थी आ रही है लोगों के मन में यह सवाल आ जाता है  कि आखिरकार गणेश चतुर्थी पर कौन सा बिजनेस करें भारत में अनेकों त्योहार मनाए जाते हैं  और इसी तरह गणेश चतुर्थी  उनमें से यह एक त्यौहार है   और गणेश जी की पूजा को गणेश चतुर्थी कहा जाता है Ganesh Chaturthi Business Ideas In Hindi यदि दोस्तों आपको गणेश चतुर्थी क्यों मनाई जाती है नहीं मालूम  तो निराश ना हो आज हमने आपको  इस आर्टिकल के माध्यम से बताया है

गणेश चतुर्थी गणेश जी के जन्म के रूप में मनाया जाता है शिव और पार्वती के पुत्र हैं वैसे तो कई राज्यों में मनाई जाती है पर महाराष्ट्र के लोगों को इस तोहार का बेसब्री से इंतजार रहता है  भगवान श्री गणेश सौभाग्य और समृद्धि के प्रतीक के रूप में माने जाते हैं  भारत में कई लोग अपना नया काम शुरू करने से पहले भगवान गणेश जी की पूजा करते हैं  भगवान गणेश जी  को विनायक  और  विघ्नहर्ता के नाम से भी बुलाया जाता है Ganesh Chaturthi Business Ideas In Hindi  गणेश जी को  बुद्धि  और सिद्धि  का दाता माना जाता है तो दोस्तों के बारे में जान लेते हैं





 

गणेश चतुर्थी कब है 2022 में 

गणेश चतुर्थी को इस साल 2022 में शुक्रवार, 10 September (10/09/2022) को मनाया जायेगा.

गणेश चतुर्थी क्यों मनाई जाती है

भारत के लोगों का यह मानना है कि  भगवान गणेश जी काफी खुश हो  समृद्धि लाते हैं  इनसे सभी परेशानी व बाधाएं दूर हो जाती है  तो गणेश जी को प्रसन्न करने के लिए यह उत्सव गणेश चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है Ganesh Chaturthi Business Ideas In Hindi

गणेश चतुर्थी के दिन सभी लोग विभिन्न प्रकार के भोजन बनाते हैं और हिंदू धर्म में  गणेश जी की पूजा करना महत्वपूर्ण माना गया है  जो की पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ उनकी पूजा करेगा व्यक्ति खुशी और ज्ञान ,धन और लंबी आयु प्राप्त करेगा  उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी होगी Ganesh Chaturthi Business Ideas In Hindi

गणेश चतुर्थी के मुख्य मंत्र क्या है

वक्रतुंड महाकाय सूर्यकोटी समप्रभ
निर्विध्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा

गणेश चतुर्थी की पूजा विधि

गणेश चतुर्थी पर सबसे पहले नहा धोकर कपड़े पहनते हैं कॉफी ऐसा करने पर लाल कपड़े भगवान गणेश जी को अधिक प्रिय लगते हैं पूजा के दौरान गणेश जी का मुख उत्तर या पूर्व की दिशा में रखा जाता है और फिर पंचामृत  श्री गणेश जी के अभिषेक किया जाता है  पंचामृत में सबसे पहले दूध से फिर दही से ,घी से,  शहद से और अंत में गंगाजल से उनका  अभिषेक किया जाता है   श्री गणेश जी पर  रोली  और  कलावा चढ़ाया जाता है  और साथ में सिंदूर भी चढ़ाया जाता है Ganesh Chaturthi Business Ideas In Hindi

 सिद्धि के रूप में सुपारी और पान चढ़ाया जाता है  और फिर पीला कनेर व फल  और  दूब फूल चढ़ाया जाता है  इसके बाद गणेश जी की  प्रिय मिठाई मोदक का भोग लगाया जाता है Ganesh Chaturthi Business Ideas In Hindi भोग लगाने के बाद सभी लोग गणेश जी की आरती करते हैं और फिर गणेश जी के बारह नामो  का  और मंत्रों का  उच्चारण करते हैं 

गणेश चतुर्थी पूजा का सामान  का बिजनेस

दोस्तों आप गणेश चतुर्थी के शुभ अवसर पर गणेश चतुर्थी का पूजा का सामान बेच सकते हैं जिससे दोस्तों  आप अच्छे खासे पैसे आप कमा सकते हैं  दोस्तों गणेश चतुर्थी के दिन सभी लोग अपने घर में पूजा करते हैं और पूजा करने के लिए बाहर से सामान खरीदने की आवश्यकता पड़ जाती है इसलिए आप गणेश चतुर्थी  के पूजा का सामान खरीद कर  बेच सकते हैं  दोस्तों आप  इससे अच्छे खासे पैसे कमा सकते हैं Ganesh Chaturthi Business Ideas In Hindi यदि आपको यह नहीं मालूम कि गणेश चतुर्थी  की पूजा पर क्या सामान की  आवश्यकता पड़ती है  तो दोस्तों आपको हमने  निम्न में बताया है

गणेश चतुर्थी की पूजा का सामान

गणेश चतुर्थी  पूजा के लिए  चौकी ,लाल कपड़ा, गणेश प्रतिमा,  जल कलश,  पंचामृत,  रोली, जनेऊ,  कलावा,  गंगाजल,  लोंग इलाइची,  चांदी का वर्क,  सुपारी,  पंचमेवा  और घी ,कपूर,  नारियल  इत्यादि को आप भी  बेच सकते हैं  दोस्तों यदि आप इसका बिजनेस करना चाहते हैं आप आसानी से बिजनेस कर सकते हैं और पैसे कमा सकते हैं   दोस्तों इसके अलावा भी आप बिजनेस कर सकते हैं जो कि आपको निम्न मैं बताया है

Ganesh Chaturthi Business Ideas In Hindi

गणेश जी की मूर्ति का बिजनेस

दोस्तों गणेश चतुर्थी के दिन गणेश जी की मूर्ति को खरीदा भी जाता है जिसे अपने घर लेकर आते हैं   और फिर उनकी पूजा करते हैं और दोस्तों यदि आप गणेश जी की मूर्ति को बेचते है तब  आप आसानी से पैसे कमा सकते हैं  दोस्तों गणेश जी की मूर्ति को आप बाहर से खरीदने के बजाय घर में बना कर बाहर  बेचे तो आप पैसे कमा सकते हैं  और दोस्तों यदि आपको गणेश जी की मूर्ति बनाने नहीं आती तो आपको हमने गणेश जी की मूर्ति कैसे बना सकते हैं आपको निम्न में बताया है

गणेश जी की मूर्ति कैसे बनाएं

दोस्तों आज के समय में ऑनलाइन वीडियो देखकर  का काफी कुछ सीख जाते हैं  तो आप यूट्यूब के माध्यम से गणेश जी की मूर्ति कैसे बना सकते हैं वह सीख सकते हैं दोस्तों जब आप गणेश जी की मूर्ति बनाते हैं  तब आपको  किस सामान की आवश्यकता पड़ती है उन सभी सामान को एकत्रित कर दीजिए जिससे आप जब गणेश जी की मूर्ति बनाते है तो तब आपको किसी भी प्रकार की परेशानी ना हो

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मोदक बनाने का  बिजनेस

दोस्तों गणेश चतुर्थी के शुभ अवसर पर  एक दूसरे को मोदक खिलाते हैं इस त्योहार पर सभी लोग काफी खुश होते हैं क्योंकि दोस्तों उनके घर बप्पा खुद आते हैं और इसीलिए वह एक दूसरे व  बप्पा को  मोदक चढ़ाते है  तो आप दोस्तों मोदक घर पर बनाकर बेच सकते हैं  दोस्तों आप इससे काफी अच्छा पैसा कमा सकते हैं Ganesh Chaturthi Business Ideas In Hindi

गणेश जी के वस्त्र का  बिजने

दोस्तों जब दोस्तों गणेश जी हमारे घर आते हैं तब उनके लिए उनको तैयार करने के लिए  व वस्त्र बाहर से खरीदते हैं आप उनके वस्त्र खुद बनाकर बाहर  बेचते है तो आप उससे भी अच्छे खासे पैसे कमा सकते हो और गणेश जी को तैयार  करने का समान भी बेच सकते हैं

लाइट बेचने का बिजनेस

इस दिन लोग काफी खुशियां मनाते हैं  और सजावट करते हैं  और इस दिन हर जगह लाइटों का इस्तेमाल किया जाता है  जिससे काफी रोशनी भर जाती है तो दोस्तों आप भी लाइट बेचने का भी बिजनेस कर सकते हैं जिससे आप पैसे कमा सकते हैं  तो दोस्तों देखा जाए तो रोशनी अर्थात लाइट का महत्व मनुष्य के जीवन में  हमेशा से महत्वपूर्ण रहा है और लेकिन वर्तमान के समय में लोग घरों में व कार्यालयो को सजाने के लिए एवं आकर्षक बनाने के लिए लाइटिंग का इस्तेमाल करते हैं  और कई शुभ अवसरों पर भी लाइट का इस्तेमाल किया जाता है Ganesh Chaturthi Business Ideas In Hindi

लाइट की बिक्री होने की संभावना 

दोस्तों लाइट का इस्तेमाल शुभ अवसर हो या घर या बिल्डिंग, भवन, सड़को इत्यादि इन सभी जगह पर लगी होती है Ganesh Chaturthi Business Ideas In Hindi आने वाले समय पर माई के बिना मनुष्य का जीवन में अंधेरे के सिवा कुछ नहीं रहेगा इसलिए लोग अपने घरों व गलियों या मोहल्ले में लाइटों की अच्छी व्यवस्था चलते हैं  तो दोस्तों आप इससे लोगों की आवश्यकता को पूरी कर सकते हैं और आप इसका बिजनेस  भी खोल सकते हैं

गणेश उत्सव पर सजाने  के लिए सामान का बिजनेस

दोस्तों महाराष्ट्र में गणेश चतुर्थी काफी जोर-शोर से मनाई जाती है और इस अवसर पर पूरे देश में चहल पहल रहती है तो आप गणेश चतुर्थी के अवसर पर सजाने का सामान बेच सकते हैं  सांप से कैसे पैसे कमा सकते हैं  यदि आपको यह नहीं मालूम कि गणेश उत्सव पर सजाने के लिए किस सामग्री की आवश्यकता पड़ती है  निराश ना हो इसका निवारण आपको निम्न में बताया हैं

Independence Day Best Business Ideas In Hindi

गणेश उत्सव पर सजाने का सामान

  • भगवान श्री गणेश की मूर्ति
  • भगवान गणेश जी की मूर्ति सोने से बनी हुई
  • चमकदार कपड़े
  • रंगीन मोतिया
  • फूल
  • लाइट

इत्यादि  दोस्तों ज्यादातर लोग इन सभी चीजों का इस्तेमाल करते हैं  तो यदि आप इन सब चीजों को बेचते है  तो आप इससे अच्छे पैसे कमा सकते हैं Ganesh Chaturthi Business Ideas In Hindi

आखिरी शब्द

आज हमने सीखा गणेश चतुर्थी पर आप अपना कौन सा बिजनेस  और गणेश चतुर्थी  से जुड़ी जानकारी आज हमने आपको इस आर्टिकल में दी है  आपको यह जानकारी जरूर पसंद आई होगी तो आप इस आर्टिकल को अपने सोशल मीडिया   के दोस्तों  तक जरूर शेयर करें जिससे लोगों को जानकारी के बारे में  पता चल सके और दोस्तों ऐसे ही हमारे ब्लॉग्स को फॉलो करते रहें  और हम आपके लिए हर एक नई जानकारी अवश्य  लेकर आएंगे

धन्यवाद







King Of Kotha Review In Telugu- రిలీజ్ కి తారీఖ్ ఉంది

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King Of Kotha Review In Telugu- రిలీజ్ కి తారీఖ్ ఉంది

King Of Kotha Review In Telugu, రిలీజ్ కి తారీఖ్ ఉంది, కథ


King Of Kotha Review In Telugu दुलकर सलमान अपनी हालिया फिल्मों के साथ पैन इंडिया स्टार के रूप में उभरे हैं, और अब वह गैंगस्टर एक्शन ड्रामा किंग ऑफ कोठा लेकर आए हैं। अभिलाष जोशी द्वारा निर्देशित इस फिल्म में डांसिंग रोज़ शबीर, ऐश्वर्या लक्ष्मी, प्रसन्ना, नायला उषा, अनिका सुरेंद्रन और चेंबन विनोद महत्वपूर्ण भूमिकाओं में हैं। फिल्म आज सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है और देखते हैं कैसी है यह फिल्म। King Of Kotha Review In Telugu

దులకర్ సలమాన్ అపానీ హాలియా చిత్రాలతో పాటు పైన్ ఇండియా స్టార్ రూప్‌లో కూడా ఉంది గ్యాస్టర్ ఎక్షన్ డ్రామా కింగ్ ఆఫ్ కోఠా లేకర్ ఆయే ఉంది. అభిలాష్ జోషి ద్వార నిర్దేశిత ఈ సినిమా డ్యాన్సింగ్ రోజా శబీర, శబీర, శబీర, రసన్నా, నైలా ఉష, అనికా సురేంద్రన్ మరియు చెంబన్ వినోద్ మహత్వపూర్ణ భూమికాం. ఫిల్మ్ ఆజ్ సినిమాలు King Of Kotha Review In Telugu

రిలీజ్ కి తారీఖ్ ఉంది

24 अगस्त 2023

కథ

ఖన్నా భాయ్ (డ్యాన్స్ రోజ్ షబీర్) కోతా పట్టణంలో డ్రగ్స్ వ్యాపారి. సి.ఐ. షాహుల్ హాసన్ (ప్రసన్న) పట్టణంలో డ్రగ్స్ మాఫియాను నిర్మూలించాలని నిర్ణయించుకుంటాడు, కానీ అతను దానిని చేయలేడు. కొన్ని సంవత్సరాల క్రితం కోథా రాజు (దుల్కర్ సల్మాన్) నియంత్రణలో ఉందని మరియు ఖన్నా భాయ్ రాజుకి ప్రియమైన స్నేహితుడని షాహుల్ తెలుసుకుంటాడు. కానీ కొన్ని కారణాల వల్ల రాజు మరియు ఖన్నా భాయ్ ఇద్దరూ విడిపోయారు. వారిని వేరు చేసింది ఏమిటి? C.I ఏం చేసాడు. షాహుల్ హాసన్ అప్పుడు చేస్తాడా? ఇది కథ యొక్క సారాంశంలో భాగం.

దుల్కర్ భార్య అమల్ సల్మాన్ ‘కింగ్ ఆఫ్ కొత్త’ విడుదలకు శుభాకాంక్షలు తెలియజేసింది.

దుల్కర్ సల్మాన్ భార్య అమల్ సల్మాన్ సోషల్ మీడియాలో ‘కింగ్ ఆఫ్ కొత్త’ సినిమా విడుదలకు తన మద్దతును మరియు ఉత్సాహాన్ని వ్యక్తం చేసింది. అమల్ తన ఇన్‌స్టాగ్రామ్ ప్రొఫైల్‌లో చిత్రం యొక్క పోస్టర్‌ను పంచుకున్నారు మరియు సినిమా వెనుక ఉన్న మొత్తం బృందానికి శుభాకాంక్షలు తెలిపారు. దుల్కర్ సల్మాన్ తన భార్య పోస్ట్‌ను మళ్లీ షేర్ చేసి, తన ప్రశంసలను చూపాడు. అభిలాష్ జోషి దర్శకత్వం వహించిన ఈ చిత్రం 50కి పైగా దేశాల్లో విడుదలై సంచలనం సృష్టిస్తోంది. ఇందులో దుల్కర్ సల్మాన్ ఇతర ప్రతిభావంతులైన నటీనటులతో పాటు ప్రముఖ పాత్రలో నటించారు. దుబాయ్ ప్రీమియర్ నుండి ఈ చిత్రానికి పాజిటివ్ ఇనీషియల్ రిపోర్ట్స్ మరియు రెస్పాన్స్ వచ్చింది.King Of Kotha Review In Telugu

కింగ్ ఆఫ్ కోతా ట్రైలర్

 

కోతా బడ్జెట్ రాజు

నివేదికల ప్రకారం, దుల్కర్ సల్మాన్ నటించిన కింగ్ ఆఫ్ కోత దాదాపు 50-60 కోట్ల బడ్జెట్‌తో నిర్మించబడింది.

కింగ్ ఆఫ్ కోథా OTT విడుదల తేదీ

OTT విడుదల తేదీ ఇంకా ఖరారు కానప్పటికీ, ఈ చిత్రాన్ని ZEE స్టూడియోస్ సహ-నిర్మాత చేస్తున్నందున, ఈ చిత్రం యొక్క డిజిటల్ హక్కులను స్ట్రీమింగ్ దిగ్గజంకు ఇవ్వవచ్చు. ఈ చిత్రం అక్టోబర్ తర్వాత OTT ప్లాట్‌ఫారమ్‌లలో విడుదల అవుతుంది.

बॉलीवुड फिल्म अभिनेत्री सीमा देव की जीवनी- Seema Deo biography in hindi

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बॉलीवुड फिल्म अभिनेत्री सीमा देव की जीवनी- Seema Deo biography in hindi

बॉलीवुड फिल्म अभिनेत्री सीमा देव का निधन

अभिनेत्री सीमा देव की जीवनी- मराठी और हिंदी की दिग्गज अभिनेत्री सीमा देव का उम्र संबंधी बीमारी के कारण आज (24 अगस्त) निधन हो गया। एक्ट्रेस अपने बेटे अभिनय देव के साथ उनके बांद्रा स्थित घर पर रह रही थीं। सीमा को अल्जाइमर रोग हो गया था। सीमा के पति और अभिनेता रमेश देव का पिछले साल 2022 में 93 साल की उम्र में निधन हो गया। वह 81 वर्ष की थीं. सीमा ने मराठी और हिंदी सिनेमा में उल्लेखनीय काम से हमेशा दर्शकों का मनोरंजन किया है। उन्होंने लगभग 80 हिंदी और मराठी फिल्मों में अभिनय किया है।

जन्म की तारीख 17 Oct 1994
जन्म स्थान Newcastle
राशि चक्र चिन्ह N/A
जीवनसाथी Ramesh Deo (1 child)

सीमा के स्वास्थ्य संबंधी मुद्दे

रिपोर्ट्स के मुताबिक, सीमा पिछले एक साल से उम्र संबंधी समस्याओं के कारण अस्वस्थ हैं। उन्हें अल्जाइमर रोग का भी पता चला था। सीमा अपने बेटे अभिनय देव के साथ मुंबई के बांद्रा में रह रही हैं। अभिनय मनोरंजन उद्योग में एक निर्देशक के रूप में भी काम कर रहे हैं। सीमा के शव का गुरुवार शाम 4 बजे शिवाजी पार्क श्मशान घाट पर अंतिम संस्कार किया जाएगा। सीमा की मौत के बारे में जानने के बाद पूरी मराठी इंडस्ट्री गहरे शोक में है और इस नुकसान पर दुख बढ़ गया है

 

अभिनेत्री सीमा देव की जीवनी अभिनेत्री अश्विनी भावे ने इंस्टाग्राम पर दिवंगत अभिनेत्री की एक श्वेत-श्याम तस्वीर पोस्ट की और एक हार्दिक नोट लिखा। अश्विनी ने लिखा, “सीमा ताई के निधन की खबर सुनकर बहुत दुख हुआ। मैं सीमाताई के खूबसूरत ऑन-स्क्रीन लुक और इतनी कम उम्र में उनके सहज अभिनय से बहुत प्रेरित थी। बिजनेस और पारिवारिक जिम्मेदारियों के बीच उचित संतुलन बनाकर उन्होंने महिला कलाकारों को प्रतिष्ठा दिलाई।” और प्रतिष्ठित भूमिकाओं से लोगों के दिलों पर राज किया। उन्होंने एक महिला के जीवन में सभी भूमिकाएँ निभाईं। वह रमेश काका, उनके बच्चों और उनके पोते-पोतियों से बेहद प्यार करती थीं। सीमा ताई ने वास्तव में एक आदर्श जीवन जीया। मैं भगवान से अजिंक्य को शक्ति देने की प्रार्थना करता हूं , अभिनय, और उनके परिवार को इस अपार दर्द को सहन करने की शक्ति, और आत्मा को शांति मिले। ओम शांति!! 🙏” सीमा के निधन ने सिनेमा की दुनिया में एक खालीपन छोड़ दिया है। मनोरंजन जगत में उनकी यात्रा कम उम्र में शुरू हुई और वह जल्द ही मराठी और हिंदी सिनेमा दोनों में एक प्रमुख चेहरा बन गईं। सीमा का जन्म मुंबई के गिरगांव में हुआ था। उनकी शादी अभिनेता रमेश देव से हुई थी, जिनका भी 2022 में निधन हो गया। उनके दो बच्चे हैं, अभिनेता अजिंक्य देव और निर्देशक अभिनय देव।

सीमा देव का परिवार

जीवनसाथी रमेश देव
बेटा अभिनय देव
बेटा अजिंक्य देव

सीमा देव के पति रमेश देव के बारे में

रमेश देव एक शानदार फिल्म और टेलीविजन अभिनेता थे,अभिनेत्री सीमा देव की जीवनी  जो मनोरंजन उद्योग में अपने व्यापक योगदान के लिए प्रसिद्ध थे। अपने शानदार करियर के दौरान, वह कई हिंदी फिल्मों, मराठी फिल्मों और मराठी नाटकों में दिखाई दिए। उन्होंने फीचर फिल्में, टेलीविजन धारावाहिक, विज्ञापन और वृत्तचित्र बनाकर निर्माण और निर्देशन में भी कदम रखा। उनके उल्लेखनीय सहयोग में राजेश खन्ना अभिनीत कई फिल्मों में सहायक प्रदर्शन शामिल थे, जैसे आनंद, जोरू का गुलाम, आप की कसम, और दस लाख, फकीरा और मेरे अपने जैसी कई अन्य फिल्में। अभिनेत्री सीमा देव की जीवनी

रमेश देव ने 1960 में सीमा देव से शादी की, जिन्हें पहले नलिनी सराफ के नाम से जाना जाता था। 2 फरवरी 2022 को कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल में दिल का दौरा पड़ने से 93 वर्ष की आयु में उनका निधन हो गया।

अभिनेत्री सीमा देव Photos

Seema Deo Death:वरिष्ठ अभिनेत्री सीमा देव का निधन, 81 साल की उम्र में ली  अंतिम सांस - Senior Actress Seema Deo Wife Of Actor Ramesh Deo Passed Away  At The Age 81 -

अभिनेत्री सीमा देव की जीवनी- Seema Deo biography in hindiअशी सुरू झाली होती रमेश देव व सीमा देव यांची प्रेमकहाणी...! - Marathi News  | Ramesh Deo passes away ramesh deo and seema deo love story | Latest  marathi-cinema News at Lokmat.com

सीमा देव नेट वर्थ- Seema Deo Net Worth

निवल मूल्य: $2 million
कमाई का स्रोत Actress

उत्कर्ष शर्मा का जीवन परिचय | Utkarsh Sharma Biography In Hindi

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उत्कर्ष शर्मा का जीवन परिचय | Utkarsh Sharma Biography In Hindi

उत्कर्ष शर्मा का जीवन परिचय, जीवनी, जन्म, शिक्षा, उम्र, परिवार, गर्लफ्रेंड, शादी, पत्नी, संपत्ति, फिल्में (Utkarsh Sharma Biography In Hindi, Wiki, Family, Education, Birthday, Career, Age, Marriage, Wife, Girlfriend, Latest News, Hobbies, Favourite Things, Personal Life, Lifestyle, Photos, Sister, Movies, Upcoming Movies, Social Media, Instagram, Controversy)

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उत्कर्ष शर्मा का जीवन परिचय | Utkarsh Sharma Biography In Hindi

उत्कर्ष शर्मा का जीवन परिचय: ग़दर 2 का उत्कर्ष शर्मा फिल्म के मुख्य किरदार तारा सिंह और सकीना के बेटे जीते का किरदार निभा रहे हैं। जीते एक युवा भारतीय सैनिक है जो पाकिस्तान में अपनी मां और दादी को बचाने के लिए जाता है। उत्कर्ष शर्मा ने अपने किरदार को बहुत ही अच्छे से निभाया है और दर्शकों को उनका अभिनय बहुत पसंद आ रहा है। उत्कर्ष शर्मा का जन्म 22 मई 1994 को मुंबई, महाराष्ट्र में हुआ था। उनके पिता अनिल शर्मा एक फिल्म निर्देशक हैं और उनकी मां पूनम शर्मा एक फिल्म निर्माता हैं।

नाम (Name) उत्कर्ष शर्मा
पेशा (Profession) अभिनेता
जन्म (Date Of Birth) रविवार 22 मई 1994
जन्म स्थान (Birth Place) मुंबई महाराष्ट्र भारत
धर्म (Religion) हिंदू (ब्राह्मण)
उम्र (Age) (29 वर्ष 2023 के अनुसार)

 

उत्कर्ष शर्मा ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत 2001 में आई फिल्म ग़दर एक प्रेम कथा से की थी। इस फिल्म में उन्होंने तारा सिंह के बेटे जीते का किरदार निभाया था। इसके बाद उन्होंने कई फिल्मों में काम किया है, जिनमें अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों (2004), अपने (2007), प्रपोज (2005), स्टिल लाइफ (2006), और जिनियस (2018) शामिल हैं। उत्कर्ष शर्मा एक अच्छे अभिनेता होने के साथ-साथ एक अच्छे क्रिकेटर भी हैं। उन्होंने 2011 में अंडर-19 क्रिकेट विश्व कप में भारत का प्रतिनिधित्व किया था। ग़दर 2 में उत्कर्ष शर्मा की अभिनय के लिए उन्हें बहुत सराहा जा रहा है। उनके अभिनय को लेकर दर्शकों और आलोचकों दोनों ने ही सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है।

उत्कर्ष शर्मा कौन है? (Who is Utkarsh Sharma?)

उत्कर्ष शर्मा का जीवन परिचय उत्कर्ष शर्मा एक भारतीय फिल्म अभिनेता हैं। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत 2001 में फिल्म गदर: एक प्रेम कथा से की थी, जिसमें उन्होंने सनी देओल के बेटे का किरदार निभाया था। इसके बाद उन्होंने कई फिल्मों में काम किया है, जिनमें अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों (2004), अपने (2007), प्रपोज (2005), स्टिल लाइफ (2006), और जिनियस (2018) शामिल हैं।

उत्कर्ष शर्मा का जन्म एवं शुरुआती जीवन-

सिद्ध निर्देशक और निर्माता अनिल शर्मा के बेटे उत्कर्ष शर्मा ने अपनी स्कूली शिक्षा को जमुनाबाई नर्सी स्कूल मुंबई से हासिल किया है और अपनी स्कूली शिक्षा को पूरा करने के बाद और आगे की शिक्षा के लिए यूएस चले गए। अपनी शिक्षा को आगे बढ़ते हुए यूएस की ही ली स्टारवर्ग थिएटर एंड फिल्म इंस्टीट्यूट में दाखिला लिया और वहां से मेथड एक्टिंग में अपनी शिक्षा को पूर्ण किया

उत्कर्ष शर्मा का परिवार (Utkarsh Sharma Family)

पिता का नाम अनिल शर्मा
माता का नाम सुमन शर्मा
बहन का नाम कैरविना शर्मा
भाई का नाम कोई नहीं
पत्नी का नाम अविवाहित

 

उत्कर्ष शर्मा के पिता कौन हैं?

उत्कर्ष शर्मा का जीवन परिचय उत्कर्ष शर्मा के पिता अनिल शर्मा एक प्रसिद्ध भारतीय फिल्म निर्माता और निर्देशक हैं। उन्होंने कई प्रसिद्ध भारतीय अभिनेताओं और अभिनेत्रियों के साथ काम किया है, जिनमें अमिताभ बच्चन, रजनीकांत, प्रियंका चोपड़ा, धर्मेंद्र, गोविंदा, अक्षय कुमार, श्रीदेवी, अमीषा पटेल, जीतेंद्र, सलमान खान, जीनत अमान, बॉबी देओल, सनी देओल और कई अन्य शामिल हैं। उन्हें गदर, अपने, हुकूमत, द हीरो, अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों, बंधन कच्चे धागों का, जीनियस जैसी फिल्मों के लिए जाना जाता है।

उत्कर्ष शर्मा की फिल्में (Utkarsh Sharma Movies, Upcoming Movies)

वर्ष फिल्म का नाम भूमिका
2001 ग़दर एक प्रेम कथा चरणजीत सिंह
2004 अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों कुणाल जीत सिंह
2007 अपने अंगद सिंह चौधरी
2015 उद्देश्य
2016 स्टिल लाइफ
2018 जीनियस वासुदेव शास्त्री
2023 गदर -2 चरणजीत सिंह

 

उत्कर्ष शर्मा की कुल संपत्ति (Utkarsh Sharma Net worth)

कुल संपत्ति (Net Worth – 2023) $5 मिलीयन
कुल संपत्ति भारतीय रुपयों में (Net Worth In Indian Rupees) ₹41 करोड़

 

उत्कर्ष शर्मा के सोशल मीडिया (Utkarsh Sharma Social Media)

Inatagram यहां क्लिक करें
Twitter यहां क्लिक करें
Facebook यहां क्लिक करें

 

गदर 2 की अभिनेता उत्कर्ष शर्मा Photos

Utkarsh Sharma:'गदर' में काम करने के बाद भी एक्टर नहीं बनना चाहते थे  उत्कर्ष, फिर यूं बढ़ी अभिनय में दिलचस्पी - Gadar 2 Actor Utkarsh Sharma Did  Not Want To Do Acting

उत्कर्ष शर्मा का जीवन परिचय

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों

Q उत्कर्ष शर्मा की सबसे प्रसिद्ध भूमिका कौन सी है?

उन्होंने ब्लॉकबस्टर बॉलीवुड फिल्म गदर (2001) में सनी देओल के बेटे की भूमिका निभाई।

Q उत्कर्ष शर्मा की कुल संपत्ति क्या है?

2023 में उत्कर्ष शर्मा की कुल संपत्ति लगभग 1 से 5 मिलियन डॉलर होने का अनुमान है।

Q क्या उत्कर्ष शर्मा गदर में हैं?

हाँ

ग़दर 2 की अभिनेत्री अमीषा पटेल का जीवन परिचय- Amisha Patel Biography In Hindi

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अभिनेत्री अमीषा पटेल का जीवन परिचय-

अमीषा पटेल का जीवन परिचय, जीवनी, जन्म, शिक्षा, उम्र, परिवार, बॉयफ्रेंड, पति, बच्चे, फिल्में, संपत्ति, विवाद (Amisha Patel Biography In Hindi, Wiki, Family, Education, Birthday, Career, Age, Marriage, Husband, Boyfriend, Net Worth, Latest News, Controversy, Movies, Hobbies, Favourite Things, Personal Life, Lifestyle, Photos, Sister, Brother)

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अमीषा पटेल का जीवन परिचय

अमीषा पटेल का जीवन परिचय: अमीषा पटेल एक प्रमुख भारतीय फ़िल्म अभिनेत्री हैं जिन्होंने बॉलीवुड में अपनी पहचान बनाई है। उनका जन्म 9 जून 1975 को मुंबई, महाराष्ट्र, भारत में हुआ था। वे गुजराती परिवार से आती हैं और उनका पूरा नाम अमीषा मांजरी पटेल है। अमीषा पटेल ने अपनी पढ़ाई भारतीय विद्या भवन कॉलेज, मुंबई में की और फिर सोनीस्टा स्कूल, सन फ्रांसिस्को में स्नातक की डिग्री हासिल की। उन्होंने भारतीय संस्कृति के साथ-साथ एक समृद्ध शिक्षा का भी अध्ययन किया है। अभिनेत्री अमीषा पटेल का जीवन परिचय-

अमीषा पटेल का जीवन परिचय फ़िल्म करियर की बात करें तो, अमीषा पटेल ने 2000 में रिलीज हुई फ़िल्म “काहे ना प्यार है” के साथ अपने करियर की शुरुआत की। इस फ़िल्म ने उन्हें बॉलीवुड में एक अच्छे अभिनेत्री के रूप में पहचान दिलाई। उनकी एक्टिंग और सुंदरता के कारण वे जल्दी ही लोगों के दिलों में बस गई। उनके बाद, उन्होंने कई फ़िल्मों में काम किया जैसे कि “गदार: एक प्रेम कथा”, “हमर नाम हैं अमिताभ”, “क्रिसमस करोल”, “मंगल पांडे”, “आशिक बनाया अपने”, और “एलो: इज व्हेन यू इज यू क्यूट”.

अमीषा पटेल कौन है? (Who Is Amisha Patel?)

अमीषा पटेल एक प्रमुख भारतीय फ़िल्म अभिनेत्री हैं जिन्होंने बॉलीवुड में अपनी पहचान बनाई है। उनका जन्म 9 जून 1975 को मुंबई, महाराष्ट्र, भारत में हुआ था। वे गुजराती परिवार से आती हैं और उनका पूरा नाम अमीषा मांजरी पटेल है।

अमीषा पटेल का जन्म एवं शुरुआती जीवन-

अमीषा पटेल का जन्म 9 जून 1975 को मुंबई, महाराष्ट्र, भारत में हुआ था। वे एक गुजराती परिवार से आती हैं और उनका पूरा नाम अमीषा मांजरी पटेल है। अमीषा का शुरुआती जीवन काफी संयमित और शिक्षित रहा है। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा मुंबई के भारतीय विद्या भवन कॉलेज से पूरी की और इसके बाद सोनीस्टा स्कूल, सन फ्रांसिस्को से स्नातक की डिग्री प्राप्त की। उन्होंने फैशन डिजाइनिंग का अध्ययन किया था और उनके शौक भी इसी दिशा में थे। अमीषा पटेल का जीवन परिचय

अमीषा पटेल की शिक्षा (Amisha Patel Education)

अपनी कैरियर की शुरुआत में, अमीषा पटेल ने विभिन्न कंपनियों में मॉडलिंग की थी, जहाँ उन्होंने कई एडवर्टाइजमेंट्स और कैटलॉग शूट्स में काम किया। उन्होंने फ़ैशन इंडस्ट्री में कई वर्ष बिताए और इससे उन्हें मीडिया और लाइट लाइफ की जानकारी मिली, जो उनके फ़िल्म करियर की आगाज़ी मदद की। 2000 में, दिनेश विजान द्वारा निर्देशित फ़िल्म “काहे ना प्यार है” में अमीषा पटेल ने अपने फ़िल्मी करियर की शुरुआत की। इस फ़िल्म में वो ह्रितिक रोशन के साथ प्रमुख भूमिका में नजर आई थी और उनकी अदाकारी को सराहा गया। फ़िल्म के बाद, उन्होंने अन्य कई फ़िल्मों में भी काम किया और अपनी छवि को मजबूत किया। अमीषा पटेल का जीवन परिचय

अमीषा पटेल से जुड़े विवाद

अमीषा पटेल ने बॉलीवुड में एंट्री की थी और उनकी पहली फ़िल्म “काहे ना प्यार है” रिलीज़ होने वाली थी। इसी दौरान, उनके द्वारा एक साक्षात्कार में सवाल किए जाने पर उन्होंने रिपोर्टर को सवालीकृत किया जिससे उनका विवाद बढ़ गया। अमीषा पटेल ने फ़िल्म “बाजार” में जॉन अब्राहम के साथ काम किया था। उनके द्वारा फ़िल्म में किये गए ग्लैमरस सीन्स के कारण उन्हें आलोचना का सामना करना पड़ा। एक वीडियो में अमीषा पटेल को राजनीतिक पार्टी की सभी दिशा में काम करने के लिए तैयार होने की प्रस्तावना के बारे में कहते हुए देखा गया था। यह वीडियो सार्कस लीक्स मामले से संबंधित था और इसने चर्चा में आने के बाद उन्हें चुनौती दी गई। फ़िल्म “क्रिसमस करोल” के प्रमोशन के दौरान, अमीषा पटेल ने उपनियों के साथ विवाद किया और उनके साथ काम करने की वजह से फ़िल्म के प्रोड्यूसरों के साथ भी मुद्दे उत्पन्न हुए। 2021 में, अमीषा पटेल को समृद्धि दयाल गोयेंकर के खिलाफ़ एक मामले में शामिल होने का आरोप लगा। समृद्धि ने उन्हें एक आवाज़ के साथ माफ़ी मांगने के लिए कहा कि उन्होंने उनके बारे में गलत बयान दिया था। अमीषा पटेल का जीवन परिचय

अमीषा पटेल की फिल्में (Amisha Patel Movies, New Upcoming Movie)

वर्ष फिल्म का नाम भूमिका
2000 कहो ना प्यार है सोनिया सक्सेना
2001 ग़दर एक प्रेम कथा सकीना सिंह
2002 हमराज प्रिया सिंघानिया
2005 मंगल पांडे द राइजिंग ज्वाला
2006 हमको तुमसे प्यार है दुर्गा
2007 भूल भुलैया राधा चतुर्वेदी
2008 थोड़ा प्यार थोड़ा मैजिक मलाइका
2011 परमवीर चक्र रजनी
2011 चतुर सिंह टू स्टार सोनिया वर्मा
2013 रेस 2 चेरी
2013 शॉर्टकट रोमियो मोनिका
2017 आकातयी स्वयं
2018 भैयाजी सुपरहिट मल्लिका कपूर
2023 गदर 2 सकीना

अमीषा पटेल की कुल संपत्ति (Amisha Patel Net Worth)

कुल संपत्ति (Net Worth – 2023) $30 मिलीयन
कुल संपत्ति भारतीय रुपयों में (Net Worth In Indian Rupees) ₹240 करोड़

गदर 2 की अभिनेत्री अमीषा पटेल Photos

 अमीषा पटेल का जीवन परिचय

Ameesha Patel plays a dark character in Shortcut Romeo; film to premiere at  Cannes

 अमीषा पटेल का जीवन परिचय

 

FAQ:

Q अमीषा पटेल की उम्र कितनी है?

2023 के अनुसार उम्र 47 वर्ष है।

Q अमीषा पटेल की नेटवर्क कितनी है?

2023 में कुल संपत्ति $30 मिलियन है

Q अमीषा पटेल का जन्म कब और कहां हुआ?

अमीषा पटेल का जन्म 9 जून 1975 को महाराष्ट्र के मुंबई शहर में हुआ था।

 

 

 

मोबाइल फोन की स्पीड कैसे बढ़ाएं? – Phone Ki Speed Kaise Badhaye

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मोबाइल फोन की स्पीड कैसे बढ़ाएं? - Phone Ki Speed Kaise Badhaye

मोबाइल फोन की स्पीड कैसे बढ़ाएं: नमस्कार दोस्तों आज में आपको बताने वाली हूँ की आप कैसे अपने फोन की स्पीड कैसे बढ़ा सकते है अधिकतर कई लोगो को परेशानी होती यह कभी आपका फोन में अचानक से कोई नयी एप्लीकेशन या कोई विज्ञापन दिखने लग जाता है ऐसे में आप कैसे अपने फोन को क्लीन और स्पीड बढ़ा सकते है इसके बारे में जानिए

मोबाइल फोन की स्पीड कैसे बढ़ाएं?

मोबाइल फोन की स्पीड कैसे बढ़ाएं: फोन को रीस्टार्ट करें। कभी-कभी, फोन को रीस्टार्ट करने से उसकी स्पीड में सुधार हो सकता है।

अनावश्यक ऐप्स को बंद करें।

बैकग्राउंड में चल रहे ऐप्स फोन की मेमोरी और प्रोसेसर का उपयोग करते हैं, जिससे फोन की स्पीड धीमी हो सकती है। इसलिए, उन ऐप्स को बंद कर दें जिनका आप उपयोग नहीं कर रहे हैं।

ऑटो-अपडेट disabled करें।

मोबाइल फोन की स्पीड कैसे बढ़ाएं स्वचालित अपडेट आपके फोन की डेटा खपत बढ़ा सकते हैं, जिससे इंटरनेट की स्पीड धीमी हो सकती है। इसलिए, उन ऐप्स के ऑटो-अपडेट को अक्षम कर दें जिनका आप नियमित रूप से उपयोग नहीं करते हैं।

डेटा सेविंग मोड चालू करें।

डेटा सेविंग मोड आपके फोन की बैटरी लाइफ और इंटरनेट स्पीड को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है।

नेटवर्क सेटिंग्स को समायोजित करें।

यदि आपका फोन किसी कमजोर नेटवर्क पर है, तो उसकी स्पीड धीमी हो सकती है। इसलिए, अपने फोन के नेटवर्क सेटिंग्स को समायोजित करके बेहतर नेटवर्क का चयन करें।

फोन को अपडेट करें।

फोन के निर्माता नियमित रूप से सॉफ़्टवेयर अपडेट जारी करते हैं जो प्रदर्शन और सुरक्षा में सुधार कर सकते हैं। इसलिए, अपने फोन को नवीनतम सॉफ़्टवेयर संस्करण पर अपडेट रखें।

अपने फोन को ठंडा रखें। गर्मी फोन की स्पीड को धीमा कर सकती है। इसलिए, अपने फोन को धूप में न रखें और यदि वह गर्म हो रहा है, तो उसे कुछ समय के लिए आराम दें। एक अच्छे ब्रांड का फोन खरीदें। उच्च गुणवत्ता वाले फोन आमतौर पर बेहतर प्रदर्शन प्रदान करते हैं। यदि आपने उपरोक्त सभी उपायों को अपना लिया है और फिर भी आपके फोन की स्पीड धीमी है, तो हो सकता है कि आपको अपना फोन रीसेट करना पड़े या उसे सर्विस सेंटर में ले जाना पड़े।

Internal Storage में स्पेस बनाए रखें

एंड्रॉइड फोन में इंटरनल स्टोरेज जल्दी भर जाता है, खासकर यदि आप फोटो, वीडियो, संगीत और अन्य फाइल्स को अपने फोन में स्टोर करते हैं। इंटरनल स्टोरेज फुल होने से कई समस्याएं हो सकती हैं, जैसे कि फोन धीमा हो जाना, ऐप्स ठीक से काम न करना, और फोन अपडेट न हो पाना।

अनावश्यक ऐप्स और गेम को अनइंस्टॉल करें

यदि आप किसी ऐप या गेम का उपयोग नहीं करते हैं, तो उसे अनइंस्टॉल कर दें। इससे आपके फोन में काफी जगह बच जाएगी।

फोटो और वीडियो को क्लाउड स्टोरेज में बैकअप करें

मोबाइल फोन की स्पीड कैसे बढ़ाएं गूगल फोटोज़, आईक्लाउड, और अमेज़ॅन ड्राइव जैसे क्लाउड स्टोरेज सेवाएं आपको अपने फोटो और वीडियो को ऑनलाइन स्टोर करने की अनुमति देती हैं। इससे आपके फोन में जगह बचेगी और आप अपने फोटो और वीडियो को किसी भी डिवाइस से एक्सेस कर सकेंगे।

डाउनलोड की गई फाइलों को डिलीट करें

यदि आप किसी फाइल को डाउनलोड कर चुके हैं और उसे उपयोग करने की आवश्यकता नहीं है, तो उसे डिलीट कर दें।  ऐप्स समय-समय पर बैकएंड डेटा स्टोर करते हैं। यह डेटा अक्सर उपयोगी नहीं होता है और इसे साफ करने से आपके फोन में जगह बच सकती है।

अनावश्यक फाइल्स को हटा दें

अपने फोन में जाकर देखें कि आपके पास कौन-सी फाइलें हैं जो आपके लिए उपयोगी नहीं हैं। इन फाइल्स को हटाने से आपके फोन में जगह बच सकती है। यदि आपने उपरोक्त सभी उपाय अपना लिए हैं और फिर भी आपके फोन में पर्याप्त जगह नहीं है, तो आप एक माइक्रोएसडी कार्ड खरीद सकते हैं। माइक्रोएसडी कार्ड को आपके फोन में एक एक्सटेंडेड स्टोरेज के रूप में उपयोग किया जा सकता है।

फोन को रीस्टार्ट करें

  • अपने फोन के पावर बटन को दबाकर रखें।
  • जब “शट डाउन” विकल्प दिखाई दे, तो उसे टैप करें।
  • “शट डाउन” विकल्प को फिर से टैप करें।

आप अपने फोन को रीस्टार्ट करने के लिए शॉर्टकट का भी उपयोग

  • यदि आपके फोन में एक हार्डवेयर बटन है, तो इसे दबाकर रखें।
  • यदि आपके फोन में एक हार्डवेयर बटन नहीं है, तो “शट डाउन” विकल्प को लंबे समय तक दबाकर रखें।
  • एक बार जब आप अपना फोन रीस्टार्ट कर लेते हैं, तो वह कुछ सेकंड के भीतर चालू हो जाएगा।

यदि आपका फोन फ्रीज हो गया है या प्रतिक्रिया नहीं दे रहा है, तो आपको उसे मजबूती से रीस्टार्ट करना होगा।

  • अपने फोन के पावर बटन को लगभग 30 सेकंड तक दबाकर रखें।
  • जब आपका फोन पुनरारंभ हो जाए, तो उसे छोड़ दें।

इस प्रक्रिया से आपके फोन की मेमोरी को रिफ्रेश करने में मदद मिलेगी और वह सामान्य रूप से काम करने लग जाएगा।

ध्यान दें कि यदि आप अपना फोन रीस्टार्ट करते हैं, तो आपके द्वारा खुले सभी ऐप्स और प्रक्रियाएं बंद हो जाएंगी। आपको उन्हें फिर से खोलना होगा।

 

 

रूप सिंह का जीवन परिचय। Roop Singh Biography In Hindi

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रूप सिंह का जीवन परिचय

रूप सिंह का जीवन परिचय-हेलो दोस्तों मेरा नाम मोहित है आज में आपको रूप सिंह के बारे में बताने जा रहा हु। परिचय महान हॉकी खिलाड़ी रूप सिंह का जन्म 8 सितंबर, 1908 को भले ही जबलपुर, मध्य प्रदेश में हुआ, लेकिन कर्मभूमि उनकी ग्वालियर ही बनी। ध्यानचंद का भाई होना रूप सिंह के लिए जितनी खुशकिस्मती की बात थी, उतनी ही बदकिस्मती की भी। उन्हें हमेशा ही ध्यानचंद का भाई कहकर बुलाया गया। जो उतना भी बुरा नहीं है लेकिन जब ताउम्र किसी की परछाई में ही दबकर रह जायें तो दु:ख ज़रूर होता है।





रूप सिंह का जीवन परिचय-रूप सिंह एक शानदार लेफ़्ट-इन प्लेयर थे, जो गेंद को इतनी जोर से मारने में यकीन रखते थे कि गोल पोस्ट में आग लग जाए. ड्रिब्लिंग ऐसी कि गेंद पकड़नी तो क्या देखनी मुश्किल हो और दौड़ ऐसी कि पीछा करने की सोचने से भी पहले आदमी हार मान ले। सर्किल के अन्दर रूप सिंह वही थे, जो रिंग के अन्दर मुहम्मद अली होते थे। उनसे पार पाना किसी के बस की नहीं। शॉर्ट कॉर्नर रूप सिंह के लिए खीर पूड़ी समान थे। देखते ही जुट जाते थे और उनकी कॉर्नर को गोल में तब्दील कर देने की आदत एकदम वैसी ही थी जैसी सचिन तेंदुलकर को सिर सीधा रखते हुए स्ट्रेट ड्राइव मारने की आदत थी। वही सचिन तेंदुलकर जिसने रूप सिंह के नाम वाले स्टेडियम में दुनिया को वन डे मैचों में डबल सेंचुरी मारना सिखाया था।

पूरा नाम                    रूप सिंह
जन्म                       8 सितंबर, 1908
जन्म भूमि                  जबलपुर, मध्य प्रदेश
मृत्यु                       16 दिसंबर, 1977
मृत्यु स्थान                ग्वालियर, मध्य प्रदेश
अभिभावक                पिता-  सोमेश्वर सिंह
कर्म भूमि                  भारत
खेल-क्षेत्र                   हॉकी
प्रसिद्धि                     भारतीय हॉकी खिलाड़ी
नागरिकता                 भारतीय
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क़द                       06 फुट

 

दो ओलम्पिक में शिरकत

रूप सिंह का जीवन परिचय-जबलपुर में रूप सिंह, सोमेश्वर सिंह के घर जन्मे थे। उनकी स्टिक से निकले गोलों ने भारत को दो बार (1932 और 1936 में) ओलम्पिक का स्वर्ण मुकुट पहनाया। 1932 में अमेरिका के लॉस एंजिल्स में ओलंपिक खेलों का आयोजन हो रहा था। ब्रिटिश झंडे तले भारत की टीम दूसरी बार मेडल झटकने के इरादे से ओलंपिक में उतर रही थी। ओलंपिक में ध्यानचंद को पहली बार टीम की कमान सौंपी गई। वहीं छोटे भाई रूप सिंह को पहली बार ओलंपिक टीम में शामिल किया गया। 1975 में विश्व विजेता हाकी टीम के सदस्य और ध्यानचंद के बेटे अशोक कुमार ने बीबीसी को दिए एक साक्षात्कार में रूप सिंह से जुड़ा एक मजेदार किस्सा बताया था। वो बताते हैं, “रूप सिंह ने लॉस एंजिल्स ओलंपिक टीम में चुने जाने पर भी वहाँ जाने से इंकार कर दिया क्योंकि उनके पास कपड़े नहीं थे। मेरे बाबूजी ने उन्हें अपने पैसों से कपड़े ख़रीद कर दिए। उनका एक सूट सिलवाया तब जाकर वो अमेरिका जाने के लिए तैयार हुए।

करिश्माई खिलाड़ी

रूप सिंह का जीवन परिचय-ध्यानचंद, जिन्होंने एक बार अम्पायर से इस बात पर बहस कर ली थी कि गोल पोस्ट की ऊंचाई कम है, जिसकी वजह से उनकी मारी गेंदें बार-बार गोल पोस्ट के ऊपर वाले हिस्से से टकरा कर वापस आ रही थीं। जब नापा गया तो मालूम चला कि ध्यानचंद सही थे। गोल पोस्ट सचमुच नीचा था। इस तरह की करिश्माई विधा के मालिक ध्यानचंद से जब भी रूप सिंह के बारे में बात की गयी, उन्होंने रूप सिंह को अपने से कहीं बेहतर हॉकी प्लेयर बताया। वो कहते थे, “मैं रूप सिंह के आस-पास भी नहीं फटकता”। और ये बात सच भी है। ध्यानचंद को जिन जगहों और एंगलों से गोल मारने में दिक्कत होती थी, उन जगहों से गोल मारने में रूप सिंह का कोई तोड़ नहीं था।

रूप सिंह का जीवन परिचय-लॉस एंजिल्स ओलंपिक में 4 अगस्त को पहले मैच में भारत ने जापान को एकतरफा मुकाबले में 11-1 से हराया। इस मैच में 4 गोल ध्यानचंद ने किए जबकि 3 गोल रूप सिंह की स्टिक से निकले। दूसरा मैच मेजबान 8 अगस्त को अमेरिका से था। भारत ने इस मैच अमेरिका को उसी के दर्शकों के सामने 24-1 से धो डाला। इस मैच में ध्यानचंद ने 8 गोल किए। लेकिन पहली बार ध्यानचंद को गोल ठोंकने में अपने भाई रूप सिंह से यहां मात मिली क्योंकि रूप ने 10 गोल ठोंके। अपने पहले ही ओलंपिक में 13 गोल करने वाले रूप सिंह सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी रहे और भारत दूसरी बार हॉकी में ओलंपिक गोल्ड मेडल जीतने में सफल हुआ। 1932 के ओलंपिक में भारत ने कुल 35 गोल ठोंके और महज 2 गोल खाए।

भारतीय हॉकी टीम, बर्लिन ओलम्पिक, १९३६

लॉस एंजिल्स ओलंपिक को 4 साल बीत चुके थे। इन चार में भारत ने 37 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले रूप सिंह का जीवन परिचय-जिसमें 34 भारत ने जीते, 2 ड्रा हुये और 2 रद्द हो गये। इतने मैच खेलकर रूप सिंह के हाथों में बिजली जैसी तेजी आ गई थी जिसकी वजह से गेंद उनकी स्टिक से लगकर गोली की तरह निकलती थी। जैसे-जैसे बर्लिन ओलंपिक नजदीक आ रह था वैसे-वैसे उनके खेल में धार बढ़ती ही जा रही थी। उनके शार्ट इतने तेज होते थे कि कई बार डर होता था कि उससे कोई घायल न हो जाए। 1936 बर्लिन ओलंपिक से पहले जर्मनी के अखबारों में भारतीय हॉकी के किस्से छप रहे थे और ध्यानचंद और रूप सिंह का खेल देखने के लिए पूरा जर्मनी बेताब हुआ जा रहा था। ध्यानचंद की कप्तानी में हॉकी टीम ओलंपिक में हिस्सा लेने के लिए जर्मनी के लिए रवाना हुई।

रूप सिंह का जीवन परिचय-बर्लिन ओलंपिक का आयोजन की तैयारियां जर्मनी ने बड़ी ही धूमधाम से की जा रही थीं। ओलपिंक शुरू होने से 13 दिन पहले 17 जुलाई 1936 को जर्मनी के साथ भारत को प्रैक्टिस मैच खेलना था। इस मैच में भारत ने जर्मनी को 4-1 से हराया। इसके बाद भारत ने सबक लेते हुए ओलंपिक के लीग के पहले मैच में हंगरी को 4-0, फिर अमेरिका को 7-0, जापान को 9-0, सेमीफाइनल में फ्रांस को 10-0 से हराया और बिना गोल खाए हर किसी को हराकर फाइनल में पहुंचा। देश की आजादी को अभी ग्यारह साल बाकी थे लेकिन इत्तेफाकन फाइनल का दिन भी 15 अगस्त का ही था।



हिटलर का आगमन

रूप सिंह का जीवन परिचय-1936 बर्लिन ओलंपिक हॉकी के फाइनल में भारत का सामना जर्मनी से नहीं बल्कि हिटलर से होना था। वो हिटलर जिसने पूरी दुनिया के दिलों में अपनी तानाशाही से खौफ पैदा कर दिया था। लेकिन एक मामूली दर्जे के भारतीय सिपाही के आगे दुनिया के सबसे बड़े तानाशाह को घुटने टेकने थे। पूरा स्टेडियम दर्शकों से खचाखच भरा हुआ था, आखिर खुद हिटलर आज अपनी टीम की हौसला-अफजाई करने आए थे। मुकाबले से ठीक पहले भारतीय हॉकी टीम के कोच पंकज गुप्ता ड्रेसिंग रूम में आए। उन्होंने अपने हाथ में भारत का कांग्रेसी झंडा लिए हुए थे। उन्होंने अपनी टीम के खिलाड़ियों से बातचीत की और एक स्वर में सबने मिलकर वंदे मातरम गाया। हिटलर के खुद इस मैच में आने से इसी बात से अंदाजा लगा सकते हैं कि यह मैच जर्मनी के लिए कितना मायने रखता था।

रूप सिंह का जीवन परिचय-हिटलर की मंजूरी मिलने के बाद रेफरी ने टॉस कर सीटी बजाई और फिर खेल शुरू हुआ। पहले हाफ में जर्मनी टीम ने बहुत अच्छा खेल दिखाया और भारत को सिर्फ 1-0 से बढ़त लेने दी। ये पहला गोल भी मेजर ध्यानचंद की स्टिक से नहीं बल्कि रूप सिंह की स्टिक से निकला था। दूसरे हाफ में भारतीय कप्तान ध्यानचंद और रूप सिंह ने असली खेल दिखाने के लिए अपने जूते उतार फेंके और नंगे पांव जर्मनी की धरती पर उसी की टीम से लोहा लेने लगे। रूप सिंह के एक गोल के कारवां को आगे बढ़ाते हुए भारतीय टीम ने लगातार 7 गोल दागे और मैच खत्म होने तक स्कोर 8-1 कर दिया। जर्मनी की टीम हार चुकी थी। लेकिन मैदान में मौजूद हिटलर की आंखें भारत के खिलाड़ी ग्वालियर के कैप्टन रूप सिंह पर ठहर गईं।

म्यूनिख में रूप सिंह मार्ग

रूप सिंह का जीवन परिचय-रूप सिंह के खेल से प्रभावित हिटलर ने उसी समय जर्मनी के म्यूनिख शहर में एक सड़क का नाम रूप सिंह मार्ग रखने की घोषणा की। लंदन में 2012 में हुए ओलंपिक में भी ध्यानचंद और लेस्ली क्लाडियस के साथ-साथ रूप सिंह के नाम पर एक मेट्रो स्टोशन का नाम रखा गया। ये बात जानकर चौंक जाएंगे कि कैप्टन रूप सिंह सिर्फ हॉकी ही नहीं बल्कि क्रिकेट और लॉन टेनिस के भी अच्छे खिलाड़ी रहे। 1946 में उन्होंने ग्वालियर की तरफ से दिल्ली के खिलाफ रणजी ट्राफी मैच भी खेला था।

रूप सिंह क्रिकेट स्टेडियम

रूप सिंह का जीवन परिचय-देश के खेलनहार बेशक कैप्टन रूप सिंह को भूल चुके हों पर जर्मनी के म्यूनिख शहर में कैप्टन रूप सिंह मार्ग इस विलक्षण हॉकी खिलाड़ी की आज भी याद दिलाता है। कैप्टन रूप सिंह दुनिया के पहले ऐसे खिलाड़ी रहे, जिनके नाम ग्वालियर में फ्लड लाइटयुक्त क्रिकेट का मैदान है। ग्वालियर के रूप सिंह स्टेडियम में ही सचिन तेंदुलकर ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ क्रिकेट के इतिहास का पहला दोहरा शतक बनाया था, उसी दिन दुनिया ने उन्हें “किक्रेट के भगवान” का दर्जा दिया था।

मृत्यु

रूप सिंह का जीवन परिचय-हॉकीमें ध्यानचंद और रूप दोनों बेजोड़ थे। ध्यानचंद दिमाग तो रूप सिंह दिल से हॉकी खेलते थे। एक कोख के इन सपूतों ने हॉकी में बेशक देश को अपना सर्वस्व दिया हो पर ओलंपिक के हीरो रूप सिंह को कुछ भी नहीं मिला। गुरबत में जीते आखिर रूप सिंह ने 16 दिसम्बर, 1977 को आंखें मूद लीं।




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अजीत पाल सिंह का जीवन परिचय। Ajit Pal Singh Biography In Hindi

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अजीत पाल सिंह का जीवन परिचय।

अजीत पाल सिंह का जीवन परिचय-हेलो दोस्तों मेरा नाम मोहित है आज में आपको अजीत पाल सिंह  के बारे में बताने जा रहा हु। हॉकी के दिग्गज अजित पाल सिंह को पारिवारिक कॉमेडी का सामना करना पड़ा जब उनकी पत्नी और राष्ट्रीय स्तर के पूर्व फुटबॉल खिलाड़ी किरण अजित पाल सिंह की बीमारी के बाद दिल्ली में निधन हो गया।

अजीत पाल सिंह का जीवन परिचय-अजीत पाल सिंह को अति श्रेष्ठ हाफ-बैक हॉकी खिलाड़ियों में माना जाता है । उनका नाम 1928 तथा 1932 की ओलंपिक टीम के ई.पेनीगर के बाद ‘हाफ बैक’ के रूप में जाना जाता है । वह गेंद को कुशलतापूर्वक हिट कर जाते थे ।

अजीत पाल सिंह का जीवन परिचय। Ajit Pal Singh Biography In Hindi

जन्मतिथि 12 फरवरी 1939 (रविवार)
जन्म स्थान भदोला गांव, मेरठ, उत्तर प्रदेश, भारत
मृत्यु तिथि 6 मई 2021 (गुरुवार)
मृत्यु स्थान गुरुग्राम, हरियाणा, भारत
मृत्यु कारण कोविड-19
आयु (मृत्यु के समय) 82 वर्ष
राशि कुंभ (Aquarius)

 

अजीत सिंह का जन्म

अजीत पाल सिंह का जीवन परिचय-अजीत सिंह का जन्म 1 अप्रैल 1947 को पंजाब के जालंधर छावनी के पास एक छोटे से गाँव संसारपुर में हुआ। उन्होंने स्कूल के समय से ही हॉकी खेलना शुरू कर दिया था। उनकी प्राम्भिक शिक्षा कैंटोनमेंट बोर्ड हायर सेकेंडरी स्कूल, जालंधर से हुई। आगे की पड़े उन्होंने लायलपुर खालसा कॉलेज से की, वहां भी उन्होंने हॉकी खेलना जारी रखा।

अजीत पाल ने हॉकी खेलना तभी आरम्भ कर दिया था, जब वह कैंटोनमेंट बोर्ड हायर सेकेन्ड्री स्कूल, जालंधर में पढ़ते थे । 1963 में पंजाब स्कूल टीम के लिए उन्होंने ‘फुल बैक’ खिलाड़ी के रूप में खेला था

अजीत पाल सिंह का जीवन परिचय-इसके पश्चात् अजीत पाल ने लायलपुर खालसा कॉलेज, जालंधर की ओर से खेलना आरम्भ कर दिया 1966 में अन्तर विश्वविद्यालय हॉकी टूर्नामेंट में उन्होंने पंजाब विश्वविद्यालय की कप्तानी की । 1968 में उन्होंने विश्वविद्यालयों की मिली-जुली टीम में सेंटर हाफ के रूप में खेला । उन्होंने बार्डर सिक्योरिटी फोर्स में शामिल होने के पश्चात् फोर्स की हॉकी टीम में शामिल होकर फोर्स की ओर से सभी राष्ट्रीय हॉकी टूर्नामेंट में भाग लिया । 1966 में अजीत पाल ने पहली बार अन्तरराष्ट्रीय मैच में हिस्सा लिया, जब उन्हें जापान जाने वाली भारतीय टीम में शामिल किया गया । 1967 में अजीत पाल सिंह को लंदन में प्री-ओलंपिक टूर्नामेंट में खेलने का अवसर मिला । इससे उनका चुनाव 1968 में मैक्सिको में होने वाले ओलंपिक में खेलने के लिए भारतीय टीम में हो गया । इस ओलंपिक में भारतीय टीम का प्रदर्शन बेहद खराब रहा और टीम तीसरे स्थान पर रही ।

1972 में म्यूनिख ओलंपिक में अजीत पाल ने भारतीय हॉकी टीम का सदस्य बन कर भाग लिया और टीम ने कांस्य पदक जीता । 1976 के मांट्रियल ओलंपिक में अजीत सिंह ने भारतीय हॉकी टीम की कप्तानी की ।

खेल जीवन की कुछ महत्वपूर्ण उपलब्धियां

  • अजीत पाल सिंह ने तीन बार (1968, 1972 तथा 1976) ओलंपिक खेलों में भाग लिया । 1972 के म्यूनिख ओलंपिक में भारत ने कांस्य पदक जीता |
  • 1970 में वह भारतीय टीम में शामिल थे जिसने बैंकाक के एशियाई खेलों में रजत पदक प्राप्त किया था |
  • 1971 में अजीत पाल की कप्तानी में टीम ने सिंगापुर का पोस्ट शुआन टूर्नामेंट जीता और बार्सिलोना में ‘फर्स्ट वर्ल्ड कप’ मुकाबले में कांस्य पदक जीता ।
  • 1972 में अजीत सिंह ने टीम के साथ एम्सटरडम वर्ल्ड कप में रजत पदक जीता ।
  • 1974 में तेहरान एशियाई खेलों में भारतीय हॉकी टीम ने अजीत पाल सिंह की कप्तानी में रजत पदक जीता ।
  • 1975 में कुआलालंपुर में हुए वर्ल्ड कप में अजीत पाल सिंह की कप्तानी में भारतीय टीम ने पाकिस्तान को हरा कर वर्ल्ड कप जीत लिया ।
  • उन्हें 1970 में ‘अर्जुन पुरस्कार’ देकर सम्मानित किया गया |
  • 1992 में अजीत पाल को ‘पद्मश्री’ की उपाधि प्रदान की गई ।

अंतर्राष्ट्रीय करियर

अजीत पाल सिंह का जीवन परिचय-अजित पाल सिंह का अंतराष्ट्रीय पदार्पण 1966 में किया जब वह जापान जाने वाली टीम में चुने गए। उन्होंने 1968, 1972 और 1976 तीनों ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व किया, इस में से दो ओलंपिक में भारत ने कांस्य पदक प्राप्त किया। वर्ष 1975 के हॉकी विश्व कप विजेता टीम के कप्तान रहे। ओलंपिक खेलो के अतिरिक्त वह 1970 के बैंकॉक एशियाई खेल में शामिल हुए एवं 1974 के तेहरान एशियाई खेलों में भारतीय हॉकी टीम की कप्तानी की।

राजनीतिक यात्रा

वर्ष 1986 में वह उत्तर प्रदेश से राज्यसभा के लिए चुने गए।

  • अजित सिंह 1989 और 1991 में बागपत निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा के लिए चुने गए।
  • दिसंबर 1989 से नवंबर 1990 तक वी.पी. सिंह के मंत्रिमंडल में उन्होंने उद्योग मंत्री के रूप में काम किया।
  • वर्ष 1991 में अजित सिंह पी.वी. नरसिम्हा राव के मंत्रिमंडल में खाद्य मंत्री के रूप में काम किया।
  • वर्ष 1999, 2004 और 2009 में उन्हें लोकसभा के लिए दोबारा से चुना गया था।
  • वर्ष 1999 और 2014 के लोकसभा चुनाव में वह भाजपा उम्मीदवार से हार गए थे।

अजीत सिंह से जुड़ी कुछ रोचक जानकारियां

चौधरी अजीत सिंह एक भारतीय राजनेता थे जो भारत के पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय चौधरी चरण सिंह के बेटे थे। अजीत सिंह ने 1996 में पश्चिमी उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय लोक दल पार्टी की स्थापना की।

अजीत पाल सिंह का जीवन परिचय-बचपन में वह एक इंजीनियर बनना चाहते थे। लखनऊ विश्वविद्यालय से बीएससी की डिग्री हासिल करने के बाद वह इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के लिए आईआईटी खड़गपुर चले गए थे। इसके बाद उन्होंने संयुक्त राज्य अमेरिका के इलिनोइस इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से विज्ञान में मास्टर डिग्री हासिल की।

अजीत पाल सिंह का जीवन परिचय-अजीत सिंह ने संयुक्त राज्य अमेरिका में 15 साल तक कंप्यूटर वैज्ञानिक के रूप में काम किया। 1960 के दशक में वह IBM में काम करने वाले पहले भारतीय बने थे।

1980 के दशक में पिता चौधरी चरण सिंह के बीमार होने के बाद वह भारत लौट आए। पिता की मृत्यु के बाद पार्टी के कार्यकर्तों ने उन्हें राष्ट्रीय लोक दाल का अध्यक्ष्य नियुक्त किया।

वर्ष 1986 में वह राज्यसभा के लिए चुने गए। 1989 में वह पहली बार बागपत निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा के लिए चुने गए और बाद में वह पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बागपत निर्वाचन क्षेत्र से सात बार सांसद बने। हालांकि 1998 में वह यह सीट भाजपा के सत्यपाल से हार गए।

अजीत पाल सिंह का जीवन परिचय-वर्ष 2001 से 2003 तक उन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में मंत्रिमंडल में एक मंत्री के रूप में कार्य किया।

वर्ष 2011 में वह यूपीए सरकार का हिस्सा बने और मनमोहन सिंह की सरकार में केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री के रूप में कार्य किया।

वर्ष 2019 में वह मुजफ्फरनगर निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा चुनाव हार गए।

वर्ष 1990 से 2000 तक अजीत सिंह ने किसानों के कई अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ी। वह बाबा महेंद्र सिंह टिकैत को किसानों का मसीहा मानते थे और उन्हीं के पदचिन्हों पर चला करते थे।

  • वर्ष 2001 से 2003 तक अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में कृषि मंत्री के रूप में कार्य किया।

वर्ष 2011 से 2014 तक यूपीए सरकार में नागरिक उड्डयन मंत्री थे।

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लेस्ली क्लॉडियस जीवन परिचय | Leslie Claudius biography in hindi

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लेस्ली क्लॉडियस जीवन परिचय – हेलो दोस्तों आज मैं आप को लेस्ली क्लॉडियस के बारे बताऊँगी हॉकी न्यूज़लेस्ली क्लॉडियस बायोग्राफी – हॉकी में अधिकतम संख्या में ओलंपिक पदक (3स्वर्ण और 1 रजत) के लिए गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल; 1971 में पद्म श्री लेस्ली वाल्टर

क्लॉडियस एक भारतीय

लेस्ली क्लॉडियस जीवन परिचय  – क्लॉडियस एक भारतीय हॉकी खिलाड़ी थे। मूल रूप से एक एंग्लो-इंडियन व्यक्ति, वह ओलंपिक खेलों में अधिकतम संख्या में पदक जीतने वाली हॉकी टीम का हिस्सा होने के लिए गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड रखता है।

लेस्ली क्लॉडियस जीवन परिचय | Leslie Claudius biography in hindi

लेस्ली क्लॉडियस का जन्म 25 मार्च 1927 में मध्ये प्रदेश के बिलासपुर में 9 बच्चो वाले परिवार में हुआ था शुरू में उन्हें फुटबाल के खेल में बहुत रूचि थी , और वह स्कूल छोर देते थे , ताकि वह खेल खेल सके वह एक कुशल फुटबाल खिलाडी थे , और उन्हें भारतीय फटबॉल संग शील्ड टूर्नामैंट में लेफ्ट-हाफ के रूप में बंगाल नागपुर रेलवे (बीएनआर) टीम का हिस्सा बनने का मौका भी मिला। हॉकी के खेल से लेस्ली का पहला परिचय एक बहुत ही विचित्र घटना के दौरान हुआ। जबकि खड़गपुर में बंगाल नागपुर रेलवे (बीएनआर) की ए और बी हॉकी टीमों के बीच एक अभ्यास सत्र चल रहा था, और टीमें कलकत्ता (अब कोलकाता) में आयोजित होने वाले बेटन कप टूर्नामेंट की तैयारी कर रही थीं। लेस्ली मैदान के पास बैठा बस खेल देख रहा था। एक खिलाड़ी को 2 टीमों में से एक में कम पाया गया, और कप्तान डिकी कैर ने लेस्ली को उनके लिए खेलने के लिए कहा। डिकी को 1936 के बर्लिन ओलंपिक में इंडिन के लिए खेल की पहचान मिली थी। हालाँकि लेस्ली को हॉकी के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं थी, लेकिन डिकी को उसके खेलने का तरीका पसंद आया और उसने उसे ट्रायल के लिए बुलाया। कुछ ही दिनों बाद, लेस्ली को बीएनआर टीम में शामिल किया गया, जिनमें से कुछ खिलाड़ियों ने ओलंपियन होने का दर्जा प्राप्त किया। टीम बेटन कप में दूसरे स्थान पर रहने में सफल रही, और लेस्ली ने हॉकी के खेल को फुटबॉल छोड़ने के लिए काफी रोमांचक पाया।

लेस्ली क्लॉडियस का अंतर्राष्ट्रीय

 लेस्ली क्लॉडियस का अंतर्राष्ट्रीय करियर क्लॉडियस (Leslie Claudius) ने वर्ष 1948 में बॉम्बे (अब मुंबई) में आयोजित आगा खान टूर्नामेंट में सेंटर हाफ के रूप में पोर्ट कमिश्नर की टीम के लिए खेला। उन्होंने एक शानदार प्रदर्शन किया और देश का ध्यान आकर्षित किया। आगा खान टूर्नामेंट के ठीक बाद लंदन ओलंपिक के लिए चयन ट्रायल में, लेस्ली के हाथ में फ्रैक्चर हो गया था। फिर भी, उन्होंने ट्रायल्स में इतना अच्छा प्रदर्शन किया कि उन्हें 21 साल की उम्र में इस प्रतियोगिता के लिए चुना गया। अभी उन्हें हॉकी खेलना शुरू किए 2 साल ही हुए थे। उन्हें लंदन ओलंपिक में केवल एक मैच में खेलने का मौका मिला, जिसने भारत को एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में अपना पहला स्वर्ण पदक दिलाया। लेस्ली उस भारतीय ओलंपिक टीम का हिस्सा थे जिसने लंदन, हेलसिंकी और मेलबर्न ओलंपिक में स्वर्ण पदकों की हैट्रिक बनाई थी। एक मजबूत मिड फील्डर के रूप में उनके कौशल ने उन्हें दुनिया भर में पहचान और प्रसिद्धि दिलाई।

कप्तानी

 वर्ष 1959 में, लेस्ली क्लॉडियस को भारतीय हॉकी टीम का कप्तान घोषित किया गया, जबकि ध्यानचंद टीम के कोच थे। उन्होंने यूरोप के दौरे पर टीम का नेतृत्व किया जहां टीम ने 19 मैच खेले, उनमें से 15 जीते, 3 ड्रॉ रहे और सिर्फ 1 मैच हारे। रोम ओलंपिक 1960 में, लेस्ली लगातार 4 हॉकी स्वर्ण पदक जीतने वाली टीम का हिस्सा बनने वाले पहले हॉकी खिलाड़ी बनना चाहते थे। उस समय तक, भारत के पास वर्ष 1928 से ओलंपिक में लगातार 30 जीत का अद्भुत रिकॉर्ड था। लेकिन इवेंट के फाइनल मैच में भारत पाकिस्तान से हार गया, जिसने लेस्ली के सपनों को तोड़ दिया। फिर भी, उन्होंने हॉकी में 3 स्वर्ण और 1 रजत सहित 4 ओलंपिक पदक जीतने का विश्व रिकॉर्ड स्थापित करने में कामयाबी हासिल की। वह 4 ओलंपिक स्पर्धाओं में अपनी टीम का प्रतिनिधित्व करने वाले पहले हॉकी खिलाड़ी भी थे। क्लॉडियस ने रोम ओलंपिक के बाद अपने अंतर्राष्ट्रीय करियर को समाप्त कर दिया, और अगले 5 वर्षों के लिए घरेलू हॉकी में बंगाल और कलकत्ता सीमा शुल्क का प्रतिनिधित्व किया। लेस्ली क्लॉडियस बायोग्राफी

पुरस्कार और उपलब्धियों

उन्हें भारत सरकार द्वारा वर्ष 1971 में पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया था, और यह सम्मान प्राप्त करने वाले 6वें हॉकी खिलाड़ी थे। उन्होंने एशियाई खेलों 1974 और 1978 के लिए टीम मैनेजर के रूप में भारतीय हॉकी टीम की सेवा की और कुछ समय के लिए हॉकी फेडरेशन के चयन पैनल के सदस्य भी रहे लेस्ली क्लॉडियस बायोग्राफी

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